अकाल और उसके बाद के रचनाकार कौन है? - akaal aur usake baad ke rachanaakaar kaun hai?

अकाल और उसके बाद के लेखक कौन है?

अकाल और उसके बाद / नागार्जुन

अकाल और उसके बाद का प्रकाशन वर्ष क्या है?

'अकाल और उसके बाद' कविता वर्ष 1952 में प्रकाशित हुई थी।

अकाल और उसके बाद कविता में कवि ने चूल्हा न जलने व चक्की न चलने का कारण क्या बताया है?

अकाल और उसके बाद आशयग्रहण के प्रश्न 'चक्की रही उदास और चूल्हा रोया' -से कवि का क्या तात्पर्य है? उत्तर: इससे कवि यह बताना चाहते हैं कि घर में खाद्य वस्तुओं का बिलकुल अभाव है। कई दिनों इन दोनों का कोई इस्तेमाल नहीं हुआ है।

अकाल और उसके बाद कविता प्रकृति की कौनसी आपदा को दर्शाती है?

अकाल एक ऐसी आपदा है जो मात्र भोजन की समस्या, भूख की विकरालता ही नहीं लाती बल्कि अनेक असाध्य बीमारियों को भी निमंत्रण देती है । ऐसी विपदा के कारण मनुष्यों के साथ-साथ पशु-पक्षियों को भी भुखमरी का शिकार होना पड़ता है । शिथिलता की झॉकी नागार्जुन की इस कविता में प्रत्यक्ष दिखाई पड़ती है ।