अशोक चक्र कहाँ से लिया गया था? - ashok chakr kahaan se liya gaya tha?

अशोक चक्र कहाँ से लिया गया था? - ashok chakr kahaan se liya gaya tha?

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अशोक चक्र कहाँ से लिया गया था? - ashok chakr kahaan se liya gaya tha?

अशोक चक्र, जो भारत के राष्ट्र-ध्वज तिरंगा में स्थित है।

सम्राट अशोक के बहुत से शिलालेखों पर प्रायः एक चक्र (पहिया) बना हुआ है। इसे अशोक चक्र कहते हैं। यह चक्र धर्मचक्र का प्रतीक है। उदाहरण के लिये सारनाथ स्थित सिंह-चतुर्मुख (लायन कैपिटल) एवं अशोक स्तम्भ पर अशोक चक्र विद्यमान है। भारत के राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र को स्थान दिया गया है।

अशोक चक्र में चौबीस तीलियाँ (स्पोक्स्) हैं वे मनुष्य के अविद्या से दु:ख बारह तीलियां और दु:ख से निर्वाण बारह तीलियां (बुद्धत्व अर्थात अरहंत) की अवस्थाओं का प्रतिक है।

इतिहास[संपादित करें]

अशोक चक्र, सम्राट अशोक के समय से शिल्प कलाओ के माध्यम से अंकित किया गया था। धर्म-चक्र का अर्थ भगवन बुद्ध ने अपने अनेक प्रवचनों में अविद्या से दू:ख तक बारह अवस्थाये और दू:ख से निर्वाण (जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति) की बारह अवस्थाये बताई है।[कृपया उद्धरण जोड़ें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • अशोक चक्र (पदक)
  • भारत का राष्ट्र-ध्वज
  • भारत के राष्ट्रीय चिन्ह

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • For Pictures of the famous original "Lion Capital of Ashoka" preserved at the Sarnath Museum which has been adopted as the "National Emblem of India" and the Ashoka Chakra (Wheel) from which has been placed in the center of the "National Flag of India" - See "lioncapital" from Columbia University Website, New York, USA

अशोक चक्र कहाँ से लिया गया है?

Ashok Chakra taken from where

October 30, 2018

(A) जगन्नाथ मंदिर
(B) अंकोरवाट मंदिर
(C) दिलवाड़ा मंदिर
(D) सारनाथ मंदिर

अशोक चक्र कहाँ से लिया गया था? - ashok chakr kahaan se liya gaya tha?

Answer : सारनाथ मंदिर

अशोक चक्र सारनाथ मंदिर से लिया गया है। तीसरी शताब्‍दी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ मंदिर के बहुत से शिलालेखों पर प्रायः एक 'चक्र' (पहिया) बना हुआ है। इसे 'अशोक चक्र' कहते हैं, जिसे भारत में 'धर्म चक्र' माना गया है। इस चक्र का आशय है कि- जीवन गति‍शील है और रुकने का अर्थ मृत्‍यु है। 'चक्र' का अर्थ संस्कृत में पहिया होता है। चक्र स्वत: परिवर्तित होते रहने वाले समय का प्रतीक है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार संसार को चार युगों से होकर गुजरना पड़ता है, जिन्हें सतयुग, त्रेता, द्वापर एवं कलि के नाम से जाना जाता है।....अगला सवाल पढ़े

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अशोक चक्र कहाँ से लिया गया था? - ashok chakr kahaan se liya gaya tha?
अशोक चक्र
एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अशोक चक्र

अशोक चक्र कहाँ से लिया गया था? - ashok chakr kahaan se liya gaya tha?

अशोक चक्र

अशोक चक्र को भारत में 'धर्म चक्र' माना गया है। इस धर्म चक्र को 'विधि का चक्र' कहते हैं, जो तीसरी शताब्‍दी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ मंदिर से लिया गया है। इस चक्र को प्रदर्शित करने का आशय यह है कि- जीवन गति‍शील है और रुकने का अर्थ मृत्‍यु है।[1]

  • मौर्य राजवंश के महान् शासक सम्राट अशोक के बहुत से शिलालेखों पर प्रायः एक 'चक्र' (पहिया) बना हुआ है। इसे 'अशोक चक्र' कहते हैं। यह चक्र धर्म चक्र का प्रतीक है। उदाहरण के लिये सारनाथ स्थित सिंह-चतुर्मुख एवं अशोक स्तम्भ पर अशोक चक्र विद्यमान है।
  • भारत के राष्ट्रीय ध्वज में भी अशोक चक्र को दर्शाया गया है।
  • अशोक चक्र में चौबीस तीलियाँ (स्पोक्स्) हैं, जो दिन के चौबीस घंटो का प्रतीक हैं।
  • 'चक्र' का अर्थ संस्कृत में पहिया होता है। किसी बार-बार दुहराने वाली प्रक्रिया को भी 'चक्र' कहा जाता है। चक्र स्वत: परिवर्तित होते रहने वाले समय का प्रतीक है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार संसार को चार युगों से होकर गुजरना पड़ता है, जिन्हें सतयुग, त्रेता, द्वापर एवं कलि के नाम से जाना जाता है।
  • कुछ लोग इन तीलियों का एक अन्य अर्थ भी लगाते हैं, जिसके अनुसार चक्र की चौबीस तीलियाँ भारतवासियों की एकता का पतीक हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय तिरंगे का इतिहास (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 16 जून, 2014।

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तिरंगे में अशोक चक्र कहाँ से लिया गया है?

नीले रंग का अशोक चक्र अशोक की राजधानी के सारनाथ में स्थापित शेर के स्तंभ पर बना हुआ है। इसका व्यास तिरंगे के बीच सफेद रंग की पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है, जिसमें 24 तीलियां होती हैं। दरअसल, सम्राट अशोक के बहुत से शिलालेखों पर एक चक्र बना हुआ दिआई देता है, इसे वहीं से लिया गया है।

अशोक चक्र किसकी देन है?

अशोक चक्र भारत के चक्रवर्ती सम्राट अशोक की देन है. अशोक चक्र में एकता, साहस और शक्ति का संदेश छिपा है.

अशोक चक्र की शुरुआत कब हुई?

अशोक चक्र पदक का इतिहास इस सम्मान की स्‍थापना ४ जनवरी १९५२ को हुई थी । प्रारम्भ में इसका नाम 'अशोक चक्र, वर्ग-1' था। सन् १९६७ में इस सम्मान से वर्ग की अनिवार्यता को हटा दिया गया और इसके समकक्ष तीन सम्मान घोषित किए गए। इनका नामकरण क्रमश 'अशोक चक्र', 'कीर्ति चक्र' और 'शौर्य चक्र' किया गया।

झंडे में अशोक चक्र किसका प्रतीक है?

यह चक्र "धर्मचक्र" का प्रतीक है. उदाहरण के लिये सारनाथ स्थित सिंह-चतुर्मुख (लॉयन कपिटल) एवं अशोक स्तम्भ पर अशोक चक्र विद्यमान है. भारत के राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र को स्थान दिया गया है. अशोक चक्र को कर्तव्य का पहिया भी कहा जाता है.