भारत में जनसंख्या वृद्धि के क्या कारण है - bhaarat mein janasankhya vrddhi ke kya kaaran hai

दुनिया में काफी अधिक मात्रा में जनसंख्या वृद्धि हो रही है।  मनुष्यों की जनसंख्या लगभग 1.1% प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रही है। 18वीं सदी के बाद से ही पूरे विश्व में जनसंख्या वृद्धि काफी तेजी से हुई है। साथ ही यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि आपके भी यह जनसंख्या वृद्धि काफी तेजी से होगी लेकिन क्या आपने सोचा है कि जनसंख्या वृद्धि का कारण क्या है? यदि नहीं तो आज का यह लेख आपके ही लिए है।

आज के इस लेख में हम आपको जनसंख्या वृद्धि के कारण बताने जा रहे हैं। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि विश्व भर में बढ़ने वाली जनसंख्या का क्या कारण है तो इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।

जनसंख्या वृद्धि किसे कहते हैं?

अधिक जनसंख्या एक ऐसी स्थिति है जहां मनुष्यों की संख्या इतनी अधिक मात्रा में बढ़ गई है कि पृथ्वी की वहन क्षमता भी खत्म होती जा रही है। जब मृत्यु दर से जन्म दर अधिक मात्रा में हो जाता है तो जनसंख्या वृद्धि होती है।

जनसंख्या वृद्धि के कारण

भारत में जनसंख्या वृद्धि के क्या कारण है - bhaarat mein janasankhya vrddhi ke kya kaaran hai

जनसंख्या वृद्धि के कुछ प्रमुख कारण हैं जो हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं –

मृत्यु दर में गिरावट

जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण जन्म दर एवं मृत्यु दर के बीच असंतुलन है। जब प्रत्येक वर्ष जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या मरने वाले व्यक्तियों की संख्या से अधिक हो जाती है तो जनसंख्या में वृद्धि होने लगती है। यदि हम जन्म दर एवं मृत्यु दर की बात करें तो United Nations Population fund की रिपोर्ट के अनुसार भारत की जनसंख्या अधिक तेजी से बढ़ रही है। 2010 से 2019 के बीच भारत की जनसंख्या 1.2% प्रतिवर्ष की दर से बढ़ी है।

इसका एक मुख्य कारण यह है कि भारत की मृत्यु दर 2013 से 2018 के मध्य काफी कम हुई है। भारत की मृत्यु दर 7.2% से घटकर 6.2% हो गई है। यदि हर साल जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या मरने वाले व्यक्तियों के संख्या के बराबर हो जाती है तो जनसंख्या स्थिर हो जायेगी।

बेहतर चिकित्सा सुविधाएं

आधुनिक समय में विज्ञान के द्वारा चिकित्सा में भी काफी वृद्धि हुई है। चिकित्सा विज्ञान ने ऐसे कई खोज किए हैं जिसके कारण डॉक्टर कई तरह की बीमारियों को हराने में सफल रहे हैं।

जिन बीमारियों के कारण अभी तक लोगों की मृत्यु हो जा रही थी उससे उस बीमारी लोग बच पा रहे हैं जिसके कारण मृत्यु दर कम हो गया है।

मृत्यु दर कम होने से जनसंख्या में वृद्धि होने लग गई है। इस कारण हम यह कह सकते हैं कि बेहतर चिकित्सा सुविधाएं भी जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण है।

महिला शिक्षा का अभाव

हालांकि पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के लिए शिक्षक का काफी विस्तार हुआ है फिर भी विश्व भर में लगभग 130 मिलियन महिलाएं ऐसी है जिन्हें पर्याप्त रूप से शिक्षा नहीं मिल पा रही है और वे लिखना एवं पढ़ना भी नहीं सीख पा रही हैं।

शिक्षा का अभाव होने के कारण महिलाओं को यह समझ नहीं है कि कब कितने बच्चे पैदा करने चाहिए।
यदि महिलाओं के बीच शिक्षा को बढ़ाया एवं प्रोत्साहित किया जाएगा तो इसके कई सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं, जैसे – देरी से बच्चे पैदा करना, बच्चों को कार्यबल बनाना इत्यादि।

महिला शिक्षा एवं प्रजनन दर के बीच काफी गहरा संबंध है यदि यह संबंध सही मात्रा में आगे बढ़े तो जनसंख्या वृद्धि कम भी हो सकती है।

महिला एवं पुरुष में अंतर

आज के समय में भी कई ऐसे पुराने सोच वाले व्यक्ति है जो महिला एवं पुरुष में काफी अंतर करते हैं। आज के समय में भी लोग एक पुत्र प्राप्ति की कामना रखते हैं। पुत्र प्राप्ति की इच्छा में लोग कई बच्चे पैदा करने लगते हैं जिसके कारण जन्म दर में काफी वृद्धि हो जाती है। महिला एवं पुरुष में अंतर करना भी एक जनसंख्या वृद्धि का कारण हो सकता है।

बाल विवाह

आपके मन में प्रश्न जरूर उठा होगा कि बाल विवाह जनसंख्या वृद्धि का कारण कैसे हो सकता है? अभी भी कई गांव एवं देश ऐसे हैं जहां पर बच्चों के कम उम्र में ही शादी करा दी जाती है। जब बच्चों की कम उम्र में शादी हो जाती है तो लड़कियों में मां बनने की क्षमता अधिक हो जाती है।

बाल विवाह होने से लड़कियां 14 वर्ष से ही बच्चे पैदा करने लगती है और वह लगभग 40 वर्ष तक बच्चे पैदा कर सकती है। यदि बाल विवाह को रोक दिया जाए तो जनसंख्या में वृद्धि कम हो सकती है।

हालांकि सरकार ने बाल विवाह को रोकने के लिए कई नीतियां लागू की है, जैसे- सरकार ने लड़कियों एवं लड़कों के लिए विवाह उम्र को 21 वर्ष कर दिया है। इससे बाल विवाह में काफी कमी भी आई है।

सरकारी नीतियों के कारण

आपके मन में यह प्रश्न अवश्य उठा होगा कि सरकारी नीतियां जनसंख्या वृद्धि का कारण कैसे हो सकती है? दरअसल सरकार सभी बच्चों के जन्म पर माता एवं पिता को ₹6000 प्रदान करती है।

इस धनराशि के लालच में कई माता-पिता अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने लगते हैं जोकि देश में बच्चों के जन्म दर को बढ़ाता है इसलिए सरकार को यह नीति बदलनी चाहिए जिससे कि भारतवर्ष में बच्चों की जन्म दर कम हो सके।

व्यक्तियों का अप्रवासन

जनसंख्या वृद्धि का कारण प्रवास भी है। आप्रवासी अर्थ है कि एक स्थान से दूसरे स्थान पर हमेशा के लिए स्थानांतरित हो जाना। कई देशों के लोग ऐसे हैं जो ऐसे राष्ट्र में जाना चाहते हैं जहां पर उन्हें सभी सुविधाएं आसानी से मिल जाए।

जिस भी देश में लोगों को अच्छी सुविधाएं प्राप्त होती हैं वह उसी देश में जाकर बस जाते हैं। जैसे देश बांग्लादेश के कई निवासी भारत देश में आकर बस गए हैं जिसके कारण भी भारत में जनसंख्या वृद्धि हो रही है।

परिवार नियोजन का अभाव

कई विकासशील देश ऐसे हैं जहां पर काफी संख्या में लोग अशिक्षित हैं और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं।

ऐसे लोगों को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी नहीं है जिसके कारण वे लोग नहीं समझ पाते हैं कि एक परिवार के लिए कितने बच्चे होना जरूरी है? जानकारी ना होने के कारण वे अधिक बच्चे पैदा करते हैं जिसके कारण जनसंख्या वृद्धि दर काफी तेजी से बढ़ रही है।

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    • मृत्यु दर में गिरावट
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    • व्यक्तियों का अप्रवासन
    • परिवार नियोजन का अभाव

भारत में जनसंख्या वृद्धि के क्या कारण?

जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण जीवन प्रत्याशा का बढ़ना है। मृत्यु-दर में कमी होने से जीवन प्रत्याशा में भी वृद्धि होती है। जन्म-दर एवं मृत्यु-दर दो ऐसे कारक हैं जो जीवन प्रत्याशा को प्रभावित करते है। भारत में सन् 1921 में जीवन प्रत्याशा 20 वर्ष थी जो वर्तमान में बढ़कर 63 वर्ष हो गयी है।

जनसंख्या बढ़ने का क्या कारण है?

जनसंख्या वृद्धि के कारण.
जनसंख्या में धनात्मक वृद्धि (परिवर्तन)के कारण अशिक्षा और अज्ञानता गरीबी बाल विवाह जलवायु स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का विकास ... .
जनसंख्या में ऋणात्मक वृद्धि (परिवर्तन) के कारण रहन-सहन का उच्च स्तर सरकार की जनसंख्या नीति महामारियाँ, आपदाएँ(प्राकृतिकऔर मानव निर्मित) साक्षरता दर का उच्च होना.

भारत में जनसंख्या वृद्धि से आप क्या समझते हैं?

हालांकि, आयु संवितरण का मतलब यह है कि भारत की कामकाजी उम्र की जनसंख्या की वृद्धि 2021 - 31 में 9.7 मिलियन प्रति वर्ष और 2031-41 में 4.2 मिलियन प्रति वर्ष होगी। इस बीच प्राथमिक विद्यालयों में जाने वाले बच्चों के अनुपात, यानि कि 5-14 वर्ष वाले समूह, में काफी गिरावट आएगी।