तस्वीर: Fotolia/stokkete [{"displayPrice":"₹195.00","priceAmount":195.00,"currencySymbol":"₹","integerValue":"195","decimalSeparator":".","fractionalValue":"00","symbolPosition":"left","hasSpace":false,"showFractionalPartIfEmpty":false,"offerListingId":"IrwWM4DKtv5ObqY%2Bd10s%2FIrpXEWy2%2F%2B9y%2BCqNCE8o4xphvC0U4Kp6XBeHglnjJMlrv94VUXdk82WZbyuMbguOCn1D%2FYsFoPTlflDSrYgaSxVEp0PHyF25%2BsjE%2B6hB%2Fdo%2FZI0bbtQUl%2BP73tAJR%2F2sclG56P2DUUMjwe%2FbZepPt8XMWV4x7JSM98mqceZpZa%2B","locale":"hi-IN","buyingOptionType":"NEW"}] ₹₹195.00 () चुने हुए विकल्प शामिल हैं. प्रारंभिक मासिक भुगतान और चुने हुए विकल्प शामिल हैं. विवरण चेकआउट पर दिखाई गई शिपिंग लागत, डिलीवरी की तारीख और ऑर्डर की कुल राशि (टैक्स
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बिल्ली एक मांसाहारी स्तनधारी जानवर है। इसकी सुनने और सुँघने की शक्ति प्रखर है और यह कम रोशनी, यहाँ तक कि रात में भी देख सकती हैं। लगभग 9500 वर्षों से बिल्ली मनुष्य के साथी के रूप में है। प्राकृतिक रूप से इनका जीवनकाल लगभग 15 वर्षों का होता है।[1] बिल्लियों का मज़बूत और लचीला शरीर, तेज़ अभिक्रियाएँ, संकुचन योग्य पंजे और छोटे शिकार को मारने के लिए रूपांतरित दाँत होते हैं। बिल्ली गुप्तांगों की संध्यादार और मांसाहार जगत में ख़ास जगह होती है। बिल्लियाँ, मानव कानों के लिए बहुत ही मध्यम और बहुत ही तीव्र आवाज़ों, जैसे कि चूहों वग़ैरह की, को आराम से सुन सकतीं हैं। ये क़रीब-क़रीब घने अंधेरो में भी देख सकतीं हैं। बाक़ी स्तनधारियों की तरह इनकी रंग दृष्टि मनुष्य से काफ़ी कमज़ोर है जबकि इनकी सूँघने की ताक़त और ज़्यादा मज़बूत होती है। पत्थरों के पिछे छिपी बिल्ली एकान्त में शिकारी करने वाली जानवर होने के बावजूद, बिल्लियाँ सामाजिक जानवर भी हैं। इनके आपसी संचार का साधन अलग अलग तरहों की आवाज़ें (म्याऊँ म्याऊँ करना, घूर घूर करना, फुंकारता, बड़बड़ाना, वग़ैरह), रासायनिक तत्व (फ़ेरोमोन) और बिल्ली विशेष शारीरिक भाषा के प्रकार हैं।[2] क्योंकि बिल्लियाँ प्राचीन मिस्र में पूजनीय जानवर थीं, ये वहाँ ही पालतू बनाईं गईं थीं,[3] लेकिन पालतू बनाने के कुछ संकेत पहले घटे "नवपाषाण युग" में भी मिलते हैं।[4] 2007 की एक आनुवांशिक जाँच पड़ताल ने ख़ुलासा किया है कि सभी पालतू बिल्लियाँ मध्य-पूर्व इलाक़े (लगभग 8000 ईसा पूर्व) की पाँच मादा अफ़्रीकी जंगली बिल्लियों (Felis silvestris lybica) के वंश में से आईं हैं।[3][5] बिल्लियाँ दुनिया की सब से मशहूर पालतू जानवर हैं और जहाँ भी इंसान रहते हैं, वहाँ ही पाईं जातीं हैं।[6] आनुवंशिकी[संपादित करें]पालतू बिल्ली और उसकी सब से क़रीबी जंगली पूर्वज, दोनों ही द्विगुणसूत्रक (डिप्लॉइड) जानवर हैं जिनमें 38 गुणसूत्र (क्रोमोसोम)[7] और लगभग 20,000 जीन[8] होते हैं। बिल्लियों के तकरीबन 250 आनुवंशिक रोग पहचाने जा चुके हैं जिनमें से काफ़ी मानवीय जन्मजात गड़बड़ों के समान हैं।[9] इस स्तनधारी जीवों की चयापचय की समानता को नज़र रखते हुए बिल्लियों के कई रोग उन अनुवंशिक परीक्षणों के साथ जांचे जाते हैं जो शुरुआत में मनुष्य के लिए बनाए गए थे और इसी तरह मनुष्य के कई रोगों की जाँच पड़ताल के लिए बिल्लियों को जीवनमूनों के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।[10][11] बिल्लियाँ और इंसान[संपादित करें]एक छोटी लड़की अपनी नन्ही बिल्ली के साथ पार्क में बिल्ली उबासी लेते हुए यूरोप और उत्तरी अमेरिका में बिल्लियाँ आम पालतू जानवर हैं और दुनिया भर में इनकी कुल गिनती 50 करोड़ से ज़्यादा है।[3] बिल्ली पालन ज़्यादातर स्त्रियों के साथ जोड़ा जाता है,[12] लेकिन 2007 की गैलअप वोट ने संकेत दिया है कि मर्द और औरत की बिल्ली रखने की संभावनाएँ एक जैसी है।[13] इतिहास एवं पौराणिकी[संपादित करें]सभी ज्ञात इतिहास में, बिल्लियों को पालने का मक़सद यह था कि वे चूहे खाती हैं और इस तरह अनाज को इस नुक़सान से सुरक्षित रखा जा सकता है। प्राचीन मिस्री लोग बिल्लियों की पूजा भी करते थे और उनकी लाशों को सुरक्षित करते थे ताकि उन्हें हमेशा के लिए मुक्ति मिल सके। प्राचीन मिस्री देवी बास्त बिल्ली का रूप धारण करती थी।[14]:220 हालांकि इस्लाम में कोई भी जानवर पवित्र नहीं माने जाते हैं, लेकिन अक्सर बिल्लियों को मुसलमानों द्वारा सम्मानित किया जाता है।[15] आज के दौर में बिल्लियाँ पालतू जानवरों के तौर पर पाली जाती हैं, इसके अलावा भी बिल्ली इंसानी आबादियों में पाई जाती है। विकसित देशों में बिल्लियों को पालतू जानवरों के तौर पर पालने का रिवाज बहुत ज़्यादा है और उनके लिए विशेष ख़ुराक तैयार करने के कारोबार को एक बड़ा उद्योग की हैसियत प्राप्त है अन्य भाषाओं में[संपादित करें]मानव घरों में पायी जाने वाली बिल्ली को मारवाड़ी भाषा में 'मिनकी' तथा जंगली बिल्ली को 'बलारा' कहा जाता हैं। इसका अंग्रेजी में प्रचलित नाम 'पुसी केट' भी है।[16] इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बिल्ली कितने महीने में जन्म देती है?बिल्लियां नौ हफ्ते गर्भवती रहती हैं. डस्टी नाम की बिल्ली ने अपने जीवन में 420 बिल्लियों को जन्म दिया था. यह रिकॉर्ड 1952 में बना.
बिल्ली का गर्भकाल कितने दिनों का होता है?65 दिनबिल्ली / गर्भधारण अवधिnull
Kya बिल्ली अपने बच्चे को क्यों खाती है?ऐसी स्थिति में जब बिल्ली के बच्चे पैदा होते है तब अगर बिल्ली का कोई बच्चा मर जाता है। तो बिल्ली उस मरे हुए बच्चे को अपने आहार के रूप में खा लेती है। ताकि उसके शरीर को ऊर्जा मिल सके जिससे वो अपने शेष बचे बच्चों को दूध पिला कर नया जीवन दे सके।
एक बार में बिल्ली कितने बच्चे देती है?एक बिल्ली अपने पुरे जीवन काल के दौरान 25 से 30 बच्चो को जन्म देती है. कुछ बिल्ली इससे अधिक या कम बच्चो को भी जन्म दे सकती हैं. बिल्ली गर्भ धारण करने के तीन हप्ते बाद बच्चा पैदा करती हैं. कुछ बिल्लियों की प्रजाति में बच्चे पैदा करने की समय सीमा कम या अधिक भी हो सकती हैं.
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