एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र का पिता क्यों कहा जाता है? - edam smith ko arthashaastr ka pita kyon kaha jaata hai?

एडम स्मिथ एक स्कॉटिश अर्थशास्त्री और दार्शनिक थे जो स्कॉटिश ज्ञानोदय के दौरान राजनीतिक अर्थव्यवस्था और प्रमुख व्यक्ति की सोच में अग्रणी थे। उन्हें "अर्थशास्त्र के पिता" या "पूंजीवाद के पिता" के रूप में भी जाना जाता है, उन्होंने 1759 में नैतिक भावनाओं का सिद्धांत और 1776 में राष्ट्रों के धन की प्रकृति और कारणों की जांच में दो क्लासिक कार्यों को लिखा था।

स्मिथ के अनुसार, सरकार को अर्थव्यवस्था को नियंत्रित नहीं करना चाहिए, देश के संसाधनों का अधिक कुशलता से उपयोग किया जाएगा, मुक्त बाजार की समस्याओं का समाधान किया जाएगा और राष्ट्र की भलाई तय की जाएगी और सर्वोत्तम हितों पर सहमति होगी। स्मिथ को मुक्त-बाजार के समर्थकों द्वारा मुक्त-बाजार अर्थशास्त्र के पिता के रूप में सम्मानित किया गया है, लंदन में एडम स्मिथ इंस्टीट्यूट जैसे संगठनों के नामकरण में व्यक्त विश्वास, एडम स्मिथ सोसाइटी के रूप में जाने जाने वाले कई संगठन।

  • स्मिथ ने ग्लासगो विश्वविद्यालय और बैलिओल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में सामाजिक दर्शन का अध्ययन किया, जहां वह साथी स्कॉट जॉन स्नेल द्वारा स्थापित छात्रवृत्ति से लाभान्वित होने वाले पहले छात्रों में से एक थे।
  • स्मिथ ने ग्लासगो में प्राध्यापक का पद प्राप्त किया, नैतिक दर्शन पढ़ाते हुए और इस समय के दौरान, द थ्योरी ऑफ़ मोरल सेंटीमेंट्स को लिखा और प्रकाशित किया।
  • अपने बाद के जीवन में, उन्होंने एक शिक्षण पद ग्रहण किया जिसने उन्हें पूरे यूरोप में यात्रा करने की इजाजत दी, जहां उन्होंने अपने दिन के अन्य बौद्धिक नेताओं से मुलाकात की।

Summary:

अर्थशास्त्र का जनक किसे कहा जाता है?

अर्थशास्त्र का जनक एडम स्मिथ को माना जाता है। उन्होंने दो क्लासिक किताबें, द थ्योरी ऑफ मोरल सेंटीमेंट्स (1759) और एन इंक्वायरी इन द नेचर एंड कॉज ऑफ द वेल्थ ऑफ नेशंस (1776) का लिखी थी। उन्हें अर्थशास्त्र के पिता या पूंजीवाद के रूप में भी जाना जाता था। स्मिथ को सकल घरेलू उत्पाद शब्द बनाने और वेतन अंतर भुगतान की धारणा विकसित करने का श्रेय दिया जाता है।

इसे सुनेंरोकेंअर्थ शास्त्र विषय पर कोई भी पुस्तक लिखने वाले वे पहले व्यक्ति थे। उन्होंने राष्ट्रों की संपत्ति’ (वेल्थ ऑफ नेशन्स) नामक ग्रंथ लिखा था। यह सन्‌ 1776 ई. आर्थिक विचारों में एडमस्मिथ के योगदानों की विवेचना के आधार पर उन्हें अर्थशास्त्र का ”जनक” या ”जन्मदाता” भी कहा जाता है ।

आधुनिक अर्थशास्त्र का जनक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंएडम स्मिथ ने अपनी पुस्तक वेल्थ ऑफ नेशन्स में आधुनिक अर्थव्यवस्था के मूल बिंदुओं को चिन्हित किया।

एडम स्मिथ के अनुसार अर्थशास्त्र क्या है?

इसे सुनेंरोकेंएडम स्मिथ के अनुसार, अर्थशास्त्र का संबंध धन के उपयोग, उत्पादन, विनिमय तथा वितरण से है। कुछ समय पश्चात एडम स्मिथ की धन संबंधी परिभाषा का अनेक अर्थशास्त्रियों, जैसे जे. बी. से, वाकर, मिल और सीनियर आदि ने समर्थन किया।

एडम स्मिथ का जन्म कब हुआ?

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कर्ककैल्डी, यूनाइटेड किंगडम
एडम स्मिथ/जन्म की तारीख और समय

राजनीतिक अर्थशास्त्र का जनक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंआर्थिक विज्ञान के इतिहासकारों के मुताबिक पॉलिटिकल इकॉनॉमी (राजनीतिक अर्थशास्त्र) का पद पहली बार 1615 में मोंक्रेतीन द वातविले द्वारा प्रयोग किया गया था।

खुली नीति अहस्तक्षेप के प्रतिपादक कौन है?

इसे सुनेंरोकें’जॉन हे’ था।

संतुलित विकास के समर्थक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंसन्तुलित वृद्धि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की समन्वित वृद्धि है । सन्तुलित वृद्धि का एक कार्यक्रम उत्पादन प्रक्रियाओं की पूरकताओं को अर्न्त-उद्योग सम्बन्धों की प्रणाली के द्वारा ध्यान में रखता है । इस प्रकार के कार्यक्रम सामान्यत: समाज में आर्थिक क्रियाओं हेतु राज्य द्वारा हस्तक्षेप की अपेक्षा रखता है ।

एडम स्मिथ द्वारा लिखित अर्थशास्त्र की पुस्तक क्या नाम है?

इसे सुनेंरोकेंप्राचीन अर्थशास्त्रियों ने अर्थशास्त्र को ‘धन का विज्ञान’ कहकर परिभाषित किया। अर्थशास्त्र के पिता एडम स्मिथ ने अपनी विख्यात पुस्तक का नाम ‘राष्ट्रों के धन के स्वरूप तथा कारणों की खोज’ रखा। उनके अनुसार, “अर्थशास्त्र राष्ट्रों के धन के स्वरूप तथा कारणों की खोज करता है।” इसी प्रकार फ्रान्सीसी लेखक जे.

एडम स्मिथ का दूसरा नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंएडम स्मिथ एफआरएसए (16 जून [ ओएस 5 जून] 1723 – 17 जुलाई 1790 को बपतिस्मा दिया गया) एक स्कॉटिश [ए] अर्थशास्त्री, दार्शनिक, नैतिक दार्शनिक , राजनीतिक अर्थव्यवस्था के अग्रणी और स्कॉटिश प्रबुद्धता के दौरान एक प्रमुख व्यक्ति थे ।

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What is the difference between laissez faire and capitalism?

Laissez-faire capitalism is a system in which the government has very little involvement with business. In essence, the state is kept separate from the economy. The term laissez-faire is French, and means to “let do” or “leave alone”. Some say that laissez-faire capitalism is a redundant term,…

What countries use laissez faire?

For Europe, the “laissez-faire list” is led by Switzerland and Ireland with Ukraine at the bottom. Although Greece is ranked far higher, still, it looks to government for considerable economic sustenance:

What does the term laissez – faire refer to?

Laissez Faire. The term laissez faire refers to an economic system wherein the government takes a “hands-off” approach to transactions by and between private parties.

What does laissez faire mean in economics?

Laissez-faire is an economic theory from the 18th century that opposed any government intervention in business affairs.

Laissez-faire capitalism is a system in which the government has very little involvement with business. In essence, the state is kept separate from the economy. The term laissez-faire is French, and means to “let do” or “leave alone”. Some say that laissez-faire capitalism is a redundant term,…

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For Europe, the “laissez-faire list” is led by Switzerland and Ireland with Ukraine at the bottom. Although Greece is ranked far higher, still, it looks to government for considerable economic sustenance:

Laissez Faire. The term laissez faire refers to an economic system wherein the government takes a “hands-off” approach to transactions by and between private parties.

Laissez-faire is an economic theory from the 18th century that opposed any government intervention in business affairs.

इसे सुनेंरोकेंअर्थशास्त्र के नीतियों और सिद्धांतों को प्रमुख रूप से प्रस्तुत करने का प्रथम प्रयास स्कॉटलैंड के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एडम स्मिथ ने सन् 1776 में प्रकाशित अपनी पुस्तक “द वेल्थ ऑफ नेशंस” ( The Wealth Of Nations ) में किया था। इसलिए एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है।

अर्थशास्त्र का पिता कौन है?

इसे सुनेंरोकेंएडम स्मिथ (5 जून 1723 से 17 जुलाई 1790) एक ब्रिटिश नीतिवेत्ता, दार्शनिक और राजनैतिक अर्थशास्त्री थे। उन्हें अर्थशास्त्र का पितामह भी कहा जाता है। आधुनिक अर्थशास्त्र के निर्माताओं में एडम स्मिथ (जून 5, 1723—जुलाई 17, 1790) का नाम सबसे पहले आता है.

भारत में अर्थशास्त्र के पिता कौन है?

भारतीय अर्थशास्त्र (indian economy ranking) के जनक चाणक्य हैं। जानकारी के लिए बता दे की चाणक्य को कौटिल्य व विष्णुगुप्त नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने ही कौटिल्य की अर्थशास्त्र नामक पुस्तक लिखी थी।

एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र का जनक क्यों कहा है?

अर्थशास्त्र के नीतियों और सिद्धांतों को प्रमुख रूप से प्रस्तुत करने का प्रथम प्रयास स्कॉटलैंड के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एडम स्मिथ ने सन् 1776 में प्रकाशित अपनी पुस्तक “द वेल्थ ऑफ नेशंस” ( The Wealth Of Nations ) में किया था। इसलिए एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है।

अर्थशास्त्र का जनक क्यों कहा जाता है?

एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र के जनक इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अर्थशास्त्र के निर्माण एवं लाभदायक रुझान पर विस्तार से अपने विचार दिए. यही कारण है कि आधुनिक अर्थशास्त्र के निर्माताओं में एडम स्मिथ का नाम सबसे पहले आता है एवं उन्हें 'अर्थशास्त्र के पितामह' भी कहा जाता है.

अर्थशास्त्र में एडम स्मिथ का योगदान क्या था?

एडम स्मिथ के अनुसार- उत्पादन में वृद्धि श्रम विभाजन द्वारा होती है । श्रम विभाजन से श्रम की उत्पादक शक्तियों में सुधार होता है । उत्पादकता में वृद्धि तब संभव है तब (i) प्रत्येक श्रमिक की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है । (ii) वस्तुओं के उत्पादन में लगा समय घटता है तथा (iii) श्रम बचत मशीनों की खोज संभव होती है ।