बाल विकास बालक के संपूर्ण जीवन का अध्ययन है| इसका विषय क्षेत्र गर्भावस्था से लेकर युवा अवस्था तक की
सभी अवस्थाओं के सभी पहलुओं का अध्ययन है| इसके अतिरिक्त उनके क्षेत्र के अंतर्गत बाल विकास को प्रभावित करने वाले तत्व सिद्धांतों का अध्ययन है| इसे निम्नलिखित भागों में विभाजित किया गया है| बाल-विकास की आवश्यकता- बाल विकास का महत्व- यदि आप बच्चे का सर्वांगीण विकास उचित तरीके से करना चाहते हैं तो आप को बच्चों को जानना और समझना होगा| एक सफल शिक्षक के रूप में बच्चे का सर्वांगीण विकास तभी कर सकते हैं जब आप बच्चे की आयु, मानसिक स्तर, अभिवृद्धि विकास के साथ होने वाले परिवर्तनों, सीखने की क्षमता, आदतों, रुचियों, आवश्यकता, समस्याओं आदि के साथ साथ सीखने सिखाने की रुचि पूर्ण एवं आनंदमय शिक्षण विधियों से परिचित होंगे| बाल मनोविज्ञान में हम इन्हीं के बारे में अध्ययन करते हैं| बाल विकास का उद्देश्य- बाल विकास का उद्देश्य बदलती हुई सामाजिक व्यवस्था में कुशल आत्मा निर्देशन की योग्यता में वृद्धि, व्यक्तित्व का अभिवर्धन और उसका संतुलित विकास करना तथा मानव स्वभाव को समझने में शिक्षक की सहायता करना है| मानव स्वभाव के ज्ञान के द्वारा शिक्षक बालकों को उचित निर्देश देने और उनका पथ प्रदर्शन करने में सफल हो सकते हैं| उचित मार्गदर्शन मिलने पर बालक सामाजिक परिस्थितियों से सामंजस्य स्थापित करने और सामाजिक दायित्वों का भली-भांति निर्वाह करने में सफल होगा| अतः बाल विकास का उद्देश्य बालकों में सदाचार की भावना विकसित करना है| बाल विकास का उद्देश्य शिक्षक के तथ्यों समानीकरण से अवगत करा कर उसके कार्य में सहायता देना है, जिससे वह बालको को उसके संतुलित व्यक्तित्व के निर्माण में सहायता दे सके|
बालों के विकास के तीन चरण कौन से हैं?व्यक्ति में बालों का विकास तीन चरणों में होता है। अनेजन, कैटोजेन और टेलोजेन फेज।
बाल विकास कितने प्रकार का होता है?भ्रूणावस्था-जन्म से पहले की अवस्था. नव शैशवावस्था-जन्म से 4 सप्ताह तक. आरम्भिक अवस्था-5 माह से 15 माह तक. उत्तर शैशवावस्था-15 माह से 30 माह तक. पूर्व बाल्यावस्था -2 से 5 वर्ष तक. मध्य बाल्यावस्था -6 से 9 वर्ष तक. उत्तर बाल्यावस्था- 9 से 12 वर्ष तक. बाल विकास का क्या अर्थ है बाल विकास के अध्ययन के क्षेत्र का वर्णन कीजिए?बाल विकास (या बच्चे का विकास), मनुष्य के जन्म से लेकर किशोरावस्था के अंत तक उनमें होने वाले जैविक और बौद्धिक परिवर्तनों को कहते हैं, जब वे धीरे-धीरे निर्भरता से और अधिक स्वायत्तता की ओर बढ़ते हैं।
बाल मनोविज्ञान का क्षेत्र क्या है?बाल मनोविज्ञान में जन्म से किशोरावस्था तक के बच्चों का अध्ययन होता है। बाल मनोविज्ञान में शिक्षा मनोविज्ञान का भी अध्ययन होता है जो स्कूल जाने वाले बच्चों के शारीरिक, संवेगात्मक, संज्ञानात्मक और सामाजिक विकास का अध्ययन करता है।
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