पारले जी बिस्कुट पर कौन है? - paarale jee biskut par kaun hai?

बिस्कुट शब्द सुनकर आपके मन में सबसे पहले क्या आता है? इस सवाल के जवाब ने अधिकतर लोगों को जवाब पार्ले-जी होता है। सालों से चलता आ रहा पार्ले-जी बिस्कुट लोगों के मन में बहुत खास जगह रखता है।

यही कारण है कि आज मार्केट में बिस्कुट के इतने सारे ऑप्शन होने के बावजूद भी पार्ले-जी खूब खाया जाता है। सिर्फ पार्ले-जी बिस्कुट ही नहीं उसका पैकेट भी बहुत पुराना है। आज हम आपको पार्ले-जी बिस्कुट के पैकेट पर बनी बच्ची के बारे में बताएंगे। यह बच्ची कौन है और अब कैसी दिखती है जानने के लिए पढ़ें पूरा आर्टिकल। 

कौन है Parle-G के पैकेट पर बनी बच्ची

girl print on parle g biscuit

पार्ले-जी बिस्कुट के पैकेट पर दिखने वाली प्यारी सी बच्ची के बारे में समय-समय पर खबरें सामने आती हैं। कोई दावा करता है कि बच्ची अब ऐसी दिखती है तो कोई उसका नाम बताता हैं। लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं है।

सच यह है कि पार्ले-जी बिस्कुट के पैकेट पर बनी बच्ची का चित्र कल्पनात्मक है। बच्ची का चित्र पैकेट पर इतने सालों से छप रहा है लेकिन हमें उसके बारे में कुछ पता ही नहीं है। असल में इस तरह दिखने वाली कोई बच्ची नहीं है। यह केवल और केवल एक चित्र है। 

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किसने बनाया था यह चित्र

पैकेट पर बनी बच्ची की कहानी तो आपको पता चल गई। लेकिन क्या आपको पता है कि इस चित्र को आखिरकार बनाया किसने था? सालों पहले मगनलाल दहिया नाम के एक चित्रकार ने इस बच्ची का चित्र  बनाया था। उनका यह चित्र सच मे काबिले तारीफ है। 

जब फैली थी Parle-G से जुड़ी अफवाह

history of parle g biscuit

पार्ले-जी बिस्कुट के पैकेट से जुड़ी अफवाह समय-समय पर सामने आती है। बहुत बार पैकेट पर बनी बच्ची से जुड़ी झूठी-झूठी जानकारी दी जाती है। ऐसे में कुछ समय पहले पार्ले के  मैनेजर मयंक शाह ने खुद जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि पैकेट पर बनी बच्ची सिर्फ इलेस्ट्रेशन है। इसे 60 के दशक में बनाया गया था। (महिंद्रा कंपनी की गाड़ियों के नाम में क्यों होता है O?)

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Parle-G में 'जी' का अर्थ 

क्या आपने कभी सोचा है कि पार्ले-जी बिस्कुट के नाम में 'जी' का क्या अर्थ है? पार्ले-जी  में 'जी' का अर्थ ग्लूकोज है। वहीं साल 2000 के आसपास इस 'जी' का मतलब जीनियस कहकर प्रमोट किया गया था। इस बिस्कुट का नाम विले पार्ले के नाम पर रखा गया है जिसने इस बिस्कुट की शुरुआत की थी। 

पार्ले-जी बिस्कुट पर छपी बच्ची से जुड़ी दिलचस्प कहानी सुनकर आपको कैसा लगा? यह हमें फेसबुक के कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा। 

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Photo Credit: Parle-G/Website 

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कभी न कभी आपने पार्ले-जी जरूर खाया होगा, पर कभी सोचा है कि इसका यही नाम क्यों रखा गया. पार्ले-जी में जी का मतलब क्या है और पैकेट पर दिखने वाला बच्चा कौन है ? जानिए इसकी कहानी

कभी न कभी आपने पार्ले-जी जरूर खाया होगा, पर कभी सोचा है कि इसका यही नाम क्‍यों रखा गया. ज्‍यादातर लोगों का जवाब होगा कि बिस्किट बनाने वाली इस कंपनी की फैक्‍ट्री मुम्‍बई के विले पार्ले में शुरू हुई थी, इसलिए इसके नाम में पार्ले शब्‍द आया. लेकिन बड़ा सवाल है कि ‘पार्ले-जी’ में जी का मतलब  क्‍या है और पैकेट पर दिखने वाला बच्‍चा कौन है ? जानिए इसकी कहानी…

पार्लेज-ग्‍लूकोज से ऐसे बना पार्ले-जी

पार्ले प्रोडक्‍ट्स की स्‍थापना 1929 में हुई थी. तब सिर्फ 12 लोग ही यहां काम करते थे. 1938 में पहली बार बिस्किट तैयार किए गए. बिस्किट का नाम दिया गया, पार्लेज-ग्‍लूको. 80 के दशक के पहले तक इसका नाम यही रहा लेकिन 1981 में कंपनी ने पार्लेज-ग्‍लूको को बदलकर सिर्फ ‘जी’ कर दिया. इस ‘जी’ का मतलब ग्‍लूकोज था. 80 के दशक में यह बि‍स्किट बच्‍चों से लेकर बड़ों तक में पॉप्‍युलर हुआ. बच्‍चों द्वारा खास पसंद किया जाने पर कंपनी ने इस ‘जी’ शब्‍द को बदलकर जीनियस कर दिया. हालांकि पैकेट पर पार्ले-जी लिखा रहा. 

कौन है पैकेट पर दिखने वाला बच्‍चा और कहां है?

पार्ले-जी के पैकेट पर एक बच्‍चा दिखता है. बिस्किट की लॉन्चिंग के कई दशक बीतने के बाद भी पैकिंग पर दिखने वाला बच्‍चा कौन है, इस पर कई तरह के दावे किए जाते रहे हैं. 

लेकिन तीन नाम सबसे कॉमन रहे. इनमें नीरू देशपांडे, सुधा मूर्ति और गुंजन गुंडानिया. लोगों की तरफ से दावा किया गया कि इन्‍हीं तीनों में से कोई एक है जिसके बचपन की तस्‍वीर बिस्किट के पैकेट पर है. इनमें से भी सबसे बड़ा दावा नीरू देशपांडे के नाम को लेकर किया गया.

कई अखबारों में बाकायदा नीरू देशपांडे की फोटो के साथ खबर भी छापी गई. कई मीडि‍या रिपोर्टस में दावा किया गया कि यह तस्‍वीर नागपुर की रहने वाली 65 वर्षीय नीरू के बचपन की है. खबरों में बताया गया कि नीरू की यह तस्‍वीर उस समय ली गई जब वो 4 साल की थीं. उनके पिता प्रोफेशनल फोटोग्राफर नहीं थे, इसलिए उन्‍होंने यूं ही फोटो खींची थी और वो  फोटो इतनी बेहतरीन क्‍ल‍िक हुई कि उसे पार्ले-जी की पैकिंग के लिए चुना गया. 

यह खबर वायरल होने पर पार्ले प्रोडक्‍ट की ओर से इसका जवाब आया. कंपनी के जवाब से इन अफवाहों पर फुल स्‍टॉप लगा गया. पार्ले प्रोडक्‍ट्स ग्रुप के प्रोडक्‍ट मैनेजर मयंक शाह ने तमाम के तरह के दावों को नकारते हुए कहा कि पैकेट पर दिखने वाला बच्‍चा एक इलस्‍ट्रेशन है. जिसे 60 के दशक में बनाया गया था. किसी बच्‍चे की तस्‍वीर को क्लिक करके उसका इस्‍तेमाल नहीं किया गया. इस इलस्‍ट्रेशन को एवरेस्‍ट क्रिएटिव एजेंसी ने तैयार किया था. 

इस तरह पैकिंग को लेकर किए जाने वाले तमाम तरह के दावों पर विराम लगा और इसकी असली कहानी सामने आई. हालांकि, सोशल मीडिया पर अब भी उन नामों के साथ तस्‍वीरें अक्‍सर वायरल होते हुए नजर आ जाती हैं.

पारले बिस्किट कंपनी का मालिक कौन है?

पारले जी कंपनी के मालिक विजय चौहान और उनकी फैमिली है विजय चौहान की कूल नेट बर्थ USD$2.05Billian है Forbs के अनुसार 2020 में विजय चौहान भारत के 70 वे सबसे अमीर व्यक्ति थे। वैसे आपको बता दें कि पारले जी की शुरुआत विजय चौहान के दादाजी मोहनलाल दयाल ने सन 1929 में मुंबई के पार्ल शहर से किया था।

पारले जी बिस्कुट पर कौन सा बच्चा है?

पारले-जी बिस्किट के पैकेट के कवर पर दिखने वाली बच्ची कौन है? पारले जी बिस्किट के पैकेट के कवर पर दिखने वाली लड़की की उम्र अब 65 साल है जो दिल्ली की रहने वाली Neeru desh pandey हैं।

पार्ले कंपनी कितने साल पुरानी है?

पारले जी का इतिहास 82 साल पुराना है. इसकी शुरुआत मुंबई के विले पारले इलाके में एक बंद पड़ी पुरानी फैक्ट्री से हुई. साल 1929 की बात है जब एक व्यापारी मोहनलाल दयाल ने इस फैक्ट्री को खरीदा. पारले ने पहली बार 1938 में पारले-ग्‍लूको (पारले ग्‍लूकोज) नाम से बिस्किट का उत्पादन शुरू किया था.

पारले जी बिस्कुट कौन खाता है?

इसका स्वाद इतना सौम्य और संतुलित होता है कि यह दोनो बच्चो और बड़ो को पसंद आता है।