अर्थ–कवि कहना चाहते हैं कि दोनों पर एक ही हवा के झोका और एक ही बरसा दोनों को समय के अनुसार मिलता पर दोनों का ढंग व्यवहार एक जैसा नहीं दिखता। Show छेदकर कांटा किसी की अंगुलियां, फाड़ देता है किसी का वर वसन। प्यार -डूबी तितलियों के पर कतर, भौंर का है बेध देता श्याम तन। अर्थ–कवि कहना चाहते हैं कि कांटा किसी की उंगलियों को छेद देता है,तो किसी के कपड़े को फाड़ देता है, तो कभी हंसती खेलती तितलियों के सुंदर पंखों को कतर देता है ,तो कभी झूमते मंडराते गुनगुनाते भंवरे की श्याम तन को बेध देता है। फूल लेकर तितलियों को गोद में, भौर को अपना अनूठा रस पिला । निज सुगंधो और निराले रंग से, हैं सदा देता कली को खिला। अर्थ– कवि कहना चाहते हैं कि वही फूल तितलियों को प्यार से अपनी गोद में बैठाकर मीठा रस पिलाता हैं। और भौरा को भी अपने पास बुलाता है। इतना ही नहीं फूल अपनी निज सुगंध खुशबू और खूबसूरती से सबका मन खुश कर देता है। है खटकता एक सब की आंख में, दूसरा है सोहता सुर- सीस पर। किस तरह कुल की बढ़ाई काम दे , जो किसी में हो बड़प्पन की कसर। अर्थ–कवि कहना चाहते हैं कि कांटे सभी के आंखों में हमेशा खटकता रहता है। अपमानित हमेशा होता रहता है ।वही फूल भगवान के शीश पर विराजमान होता है।एक ही कुल में होते हुए दोनों के स्वभाव में कितना अंतर है। कवि कहना चाहते हैं कि यहां किसी कुल की बढ़ाई नहीं की जाए ।यह आंतरिक विचार पर निर्भर करता है। विद्यार्थी इस पोस्ट को भी पढ़ कर लाभ उठा सकते मौखिक प्रश्न उत्तर 1)फूल किसके सिर की शोभा बढ़ाते हैं? 2)तितलियों को अपनी गोद में कौन लेता है? 3) कौन सबकी आंखों को खटकता है? कुछ हिंदी व्याकरण से संबंधित विद्यार्थियों के लिए पहले पोस्ट मैंने किया है उसका link नीचे है उसको पढ़ कर विद्यार्थी लाभ उठा सकते। लिखित प्रश्न उत्तर 1)एक ही पौधा किन्हे पालता है? 2) तितलियों के पंख कौन काट देता है ? 3)फूल और कांटे में क्या क्या समानता है? 4) फूल और कांटे का अंतर स्पष्ट करें। 5) इस कविता का मूल भाव क्या है? शब्दार्थ मैं आशा करता हूं कि इस पोस्ट से आप सभी विद्यार्थियों को लाभ जरूर मिला होगा इस पोस्ट को अपने मित्रों के पास भी शेयर कर दें ताकि आपके मित्र भी इस पोस्ट से लाभ उठा सकें। मैं बता देना चाहता हूं कि मैं यूट्यूब पर चैनल बनाया हूं ।उस चैनल का नाम “विनय कुमार पांडे सर “हैं।उस चैनल पर मैं मोटिवेशनल वीडियो और एजुकेशनल वीडियो अपलोड किया करता हूं ।आप सभी मेरे चैनल पर जाकर मेरे वीडियो से लाभ उठा सकते हैं। धन्यवाद फूल और कांटे के स्वभाव में क्या अंतर होता है?Expert-Verified Answer
फूल सकारात्मकता का प्रतीक है क्योंकि वो लोगों को सदैव खुशियां बाटंता है तो कांटा नकारात्मकता का प्रतीक है क्योंकि वो लोगों हमेशा तकलीफ ही देता है। इस प्रकार फूल का स्वभाव धार्मिक तथा कांटे का स्वभाव अधार्मिक है।
कांटे की क्या विशेषता होती है?प्रश्न 2 :- काँटे की क्या विशेषता हैं ? उत्तर :- काँटा नकारात्मकता का प्रतीक है क्योंकि काँटे चुभ कर लोगों को कष्ट देते हैं। वह लोगों हमेशा तकलीफ ही देता है।
फूल और कांटे के व्यवहार के अंतर से कभी हमें क्या समझाना चाह रहा है?Explanation: फूल और कांटा के स्वभाव में संस्कारों का अंतर होता है। फूल और कांटे एक पौधे के हिस्से होते हैं, इस प्रकार दोनो सहोदर भाई हुये लेकिन दोनों के स्वभाव और कार्य पद्धति में अंतर होता है। फूल जहाँ लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखरते हैं, वही कांटे चुभ कर लोगों को कष्ट देते हैं।
फूल और कांटे के पालन पोषण में क्या समानता है?कवि बता रहे हैं कि फूल और कांटे एक ही पौधे पर जन्म लेते हैं और एक ही पौधा दोनों को देखरेख और पालन-पोषण करता , एक ही चांद की रोशनी दोनों को मिलती थी लेकिन दोनों के स्वभाव और व्यवहार में बहुत अंतर दिखता ।
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