गुड बाय क्यों कहा जाता है? - gud baay kyon kaha jaata hai?

गुडबाय का मतलब होता है अलविदा और जब हमारी जिंदगी का कोई बेहद करीबी हमसे अचानक बिना किसी प्लानिंग के गुडबाय कह दे, तो उससे ज्यादा ट्रेजिक क्या हो सकता है? इस ट्रेजेडी को निर्देशक Vikas Bahl ह्यूमर, इमोशंस, सेल्फ रियलाइजेशन और ट्रांसफॉर्मेशन की एक परतदार कहानी के साथ अंदाज में बुनते हैं। आप इसे देखते हुए कभी मुस्कुरा देते हैं, तो कई बार आपकी आंखें नम हो जाती हैं। असल में फिल्म GoodBye का फलसफा इन पंक्तियों से बयान होता है, 'जीवन अलविदा के बारे में नहीं है बल्कि अलविदा कहने के लिए बहुत सारी अच्छी यादें बनाने के बारे में है।''गुडबाय' की कहानी
फिल्‍म कहानी की शुरुआत होती है तारा भल्ला (Rashmika Mandanna) की विक्ट्री पार्टी से, जहां वो अपने एक केस को जीतने का जश्न मना रही है। उसके घर चंडीगढ़ से उसके पिता हरीश भल्ला (Amitabh Bachchan) उसे लगातार फोन कर रहे हैं। मगर पार्टी में मस्त तारा फोन कॉल्स को नजरअंदाज कर देती है। अगली सुबह उसे पता चलता है कि उसकी मां गायत्री (Neena Gupta) हार्ट अटैक से चल बसी हैं और उसके पिता इसलिए ही उसे फोन कर रहे थे। तारा गहरे अपराध बोध से घिर जाती है। इस परिवार के अन्य सदस्यों में बड़ा बेटा अंगद (Pavail Gulati) और फिरंग बहू डेजी (Elli Avram) विदेश में शिफ्ट हो चुके हैं, दूसरा गोद लिया हुआ बेटा भी अब्रॉड में है और एक सबसे छोटा बेटा पर्वतारोहण के लिए गया हुआ है।

अब हरीश और गायत्री के बच्चे किन हालातों में अपनी मां के अंतिम संस्कार में पहुंचते हैं, यहीं से फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है। मगर इस कहानी में गायत्री के अंतिम संस्कार के रीति-रिवाजों के सहारे किरदारों का मानसिक, सामाजिक और आर्थिक हाल बयान किया गया है। जहां एक तरफ मॉडर्न बेटी तारा इन कर्म-कांडों को अंधविश्वास बताती है, तो वहीं पिता हरीश उसे आस्था का नाम देता है, मगर इस आस्था के पीछे जो साइंस और लॉजिक है, जिसके संतुलन स्थापित करने की जिम्‍मेदारी पंडित (Sunil Grover) जी के कंधों पर है।

'गुडबाय' का ट्रेलर

'गुडबाय' का रिव्‍यू
'क्वीन', 'शानदार', 'सुपर 30' के निर्देशक विकास बहल इस बार एक पारिवारिक इमोशनल कहानी लेकर आए हैं। हालांकि उन्होंने अपनी इस मृत्यु वाली करुण कहानी में कई जगहों पर सिचुएशनल ह्यूमर पैदा किया है, जो विषय के भारीपन को इमोशनल तो रहने देता है, मगर भारी नहीं होने देता। मगर उनकी कहानी आगे चलकर एक बिंदु पर ठहर जाती है। किरदारों में आप कहीं न कहीं खुद को कनेक्ट जरूर करते हैं, मगर कई दृश्य लंबे हैं। फिल्म में एक इमोशनल कहानी के साथ लगातार बना रहता है कि जाने वाला भले हमेशा के लिए चला गया है, मगर पीछे वो अपनी सुखद यादों को छोड़ गया है, जिसे दुखी होकर याद करने के बजाय खुशी से याद करना ही जीवन को आगे बढ़ाने का सही तरीका हो सकता है। फिल्म की एडिटिंग थोड़ी पैनी होनी चाहिए थी। कहानी में कुछ सवाल ऐसे हैं, जो बिना जवाब के कहीं छूट जाते हैं। जैसे गायत्री और हरीश के गोद लिए हुए बेटे और अन्य तीन बच्चों की डिटेल।

फिल्‍म में भल्ला जैसे पंजाबी सरनेम होने के साथ रश्मिका मंदाना का साउथ इंडियन एक्सेंट खलता है। अमित त्रिवेदी का संगीत कहानी को बल देता है। हरीश-गायत्री की प्रेम कहानी को गीत-संगीत के जिस अंदाज के साथ फिल्माया गया है, वह चेहरे पर मुस्कान ले आता है। रविंद्र सिंह भदौड़िया के कैमरा लेंस से कुछ अच्छे दृश्य बन पड़े हैं।

एक्‍ट‍िंग के मोर्चे पर फिल्म मजबूत है। हरीश भल्ला जैसे परंपरावादी और सख्त पिता की भूमिका में बिग बी अपने फुल फॉर्म में नजर आते हैं। बेटी और बेटों के साथ वैचारिक मतभेद वाले दृश्य हों या पत्नी की अस्थि विसर्जन वाला सीन अमिताभ बच्चन साबित करते हैं कि उन्हें महानायक क्यों कहा जाता है? 'पुष्पा' के बाद यहां तारा के रूप में रश्मिका का एक नया अंदाज देखने को मिलता है। एक बागी तेवर और आधुनिक खयालों वाली लड़की के किरदार को उन्होंने खूबी से अंजाम दिया है। नीना गुप्ता इस तरह के किरदारों में हमेशा जान डालती हैं। बेटे के रूप में पावेल गुलाटी जमते हैं। दोस्त की भूमिका में आशीष विद्यार्थी ने खासा मनोरंजन किया है। एली अवराम और साहिल मेहता भी अपने किरदारों में अच्छे रहे हैं। पंडित की भूमिका में सुनील ग्रोवर कहानी को अपनी मंजिल तक पहुंचाने में कामयाब रहे हैं।

क्यों देखें - पारिवारिक और इमोशनल फिल्मों के शौक़ीन यह फिल्म देख सकते हैं।

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Publish Date: | Fri, 07 Oct 2022 12:29 PM (IST)

Good Bye Release: साउथ की सुपरस्टार एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना अपनी एक्टिंग से हमेशा फैंस के दिलों पर राज करती आई हैं। रश्मिका को नेशनल क्रश कहा जाता है। रश्मिका ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी है। अब उन्होंने फिल्म गुडबाय के जरिए बॉलीवुड में भी कदम रख दिया है। गुडबाय फिल्म भी रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म एक इमोशनल ड्रामा है। इस फिल्म में रश्मिका मंदाना और अमिताभ बच्चन अहम भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं। गुडबाय के ट्रेलर को देखने के बाद सभी को इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार था। फिल्म ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है।

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रिलीज हुई गुडबाय

रश्मिका मंदाना और अमिताभ की फिल्म गुडबाय रिलीज हो चुकी है। एक्ट्रेस के हिंदी फिल्म का सफर बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ अपोजिट शुरू हुआ है। रश्मिका ने अपनी इस हिंदी फिल्म के प्रमोशन में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बाॅलीवुड में अपनी नई शुरुआत को लेकर रश्मिका काफी खुश हैं। इसके साथ ही वे काफी नर्वस भी हैं क्योंकि वे इंडस्ट्री के महानायक के साथ स्क्रीन शेयर कर ही हैं। इस बात को उन्होंने खुद एक पोस्ट शेयर कर बताया है।

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रश्मिका के फैन हुए अमिताभ

वहीं रश्मिका से पहले अमिताभ ने भी एक वीडियो शेयर किया था। जिसमें अपनी ऑनस्क्रीन बेटी को समझाते हुए नजर आ रहे थे। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक्ट्रेस बिग बी से एक फोन काॅल पर उनके नर्वस होने के बारे में बता रही हैं। जिस पर बिग बी कहते हैं कि 'आप क्यों परेशान हैं। आपने फिल्म में कमाल का काम किया है। मैंने एक ट्वीट भी किया था जिसमें लिखा था कि घबराना बंद करो और जो सही हो सकता है उसके बारे में एक्साइटेड होने शुरू करो। आपने फिल्म में बहुत अच्छा काम किया है। सच कहूं तो मैं आपका फैन हो गया हूं।'

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Posted By: Ekta Shrma

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गुड बाय का अर्थ क्या होता है?

GOOD BY MEANING IN HINDI - EXACT MATCHES उदाहरण : अच्छी, असपासिआ. पेले को अलविदा कहो क्योंकि वह बाहर बड़ी दुनिया देखने जा रहा है.

गुड बाय कब बोला जाता है?

यदि आधे से अधिक लोग जा चुके हों, तब यह विदा लेने के लिए उत्तम समय है।

बाय बाय मीन क्या होता है?

- विदा लेते समय कहा जाने वाला शब्द; अलविदा।

वेरी गुड कैसे लिखे इंग्लिश में?

'—'Very good, sir.