राम के पुत्र लव की मृत्यु कैसे हुई? - raam ke putr lav kee mrtyu kaise huee?

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Updated: 11 मार्च, 2018 01:05 PM

रामायण का बाल कांड, सीता हरण कांड आदि तो बहुत लोकप्रिय हैं, लेकिन रामायण का अंत लोग सीता के पृथ्वी में विलीन होने से मानते हैं. विष्णु का सातवां अवतार यानी श्री राम मानव रूप में थे और इसीलिए उनका देह त्यागना भी जरूरी था. तो जब राम ने देह त्यागी तो कौन बना अयोध्या का राजा?

श्री राम के दो पुत्र थे लव और कुश. जहां लव या लोह ने एक नए राज्य की स्थामना की जो कहीं उत्तर पूर्व पंजाब में है (कुछ लोग लाहौर को भी इससे जोड़ते हैं.) वहीं कुश ने कोसला राज्य (जिसे अयोध्या से बनाया गया था.) में राज किया. कुश राम जितने पराक्रमी राजा नहीं थे और असुर दुर्जया से युद्ध में ही उन्होंने मृत्यु प्राप्त की थी. एक Quora पोस्ट में रघुकुल के अंत तक सभी राजाओं का वर्णन है.

राम के पुत्र लव की मृत्यु कैसे हुई? - raam ke putr lav kee mrtyu kaise huee?

कुश के बाद राज्य उनके और नाग कन्या कुमुदवती के पुत्र अतिथी के हाथों में चला गया जो एक शूरवीर थे. उनके बाद उनके पुत्र निशध ने राज्य को संभाला. उसके बाद नल जो निशध के पुत्र थे वो राजा बने. नल के बाद नभ ने ये जिम्मा संभाला. तब तक राज्य उत्तर कौशल बन चुका था. नभ के बाद पुण्डरीक, फिर शेमधानव, देवानीक, अहीनागू, परियात्रा, शिल, नाभी, शिखंड, हरिद्शवा, विशवासा, हिरान्याभा, कौसल्य, ब्रह्महिस्था, पुत्रा, पुष्य, और उसके बाद ध्रुवासंधी ने राज्य संभाला. तब तक राज्य काफी बदल चुका था. ध्रुवासंधी की अकाल मृत्यु के बाद 6 साल का बेटा सुदर्षन गद्दी पर बैठा, उसके बाद अग्निवर्णा दूसरी पीढ़ी का राजा बना. अग्निवर्णा ही वो राजा था जिसके कारण रघुवंश का खात्मा हुआ. अग्निवर्णा हमेशा महिलाओं में व्यस्थ रहता था. अग्निवर्णा बहुत कमजोर राजा था, लेकिन कोई भी अन्य राजा रघुवंशियों से भिड़ना नहीं चाहता था इसीलिए राज्य पर आक्रमण नहीं किया. उसकी मृत्यु बहुत जल्दी हो गई और तब उसकी पत्नी गर्भवती थी. इसी के साथ रघुकुल का अंत हुआ था.

कैसे हुई थी श्री राम की मृत्यु..

इस बात का उत्तर मूल रामायण में मिलता है. वाल्मिकी रामायण का पहला अध्याय मूल रामायण कहलाता है जिसमें श्रीराम के देह छोड़ने की बात कही गई है.

राम के पुत्र लव की मृत्यु कैसे हुई? - raam ke putr lav kee mrtyu kaise huee?

पौराणिक कथाओं के अनुसार सीता के पृथ्वी में समा जाने के बाद विष्णु का सातवां अवतार यानी श्री राम का पृथ्वी पर काम पूरा हो गया था. श्री राम पहले ही हनुमान को पाताल भेज चुके थे एक अंगूठी ढूंढने क्योंकि उन्हें पता था कि हनुमान रहेंगे तो वो अपना मानव रूप त्याग नहीं पाएंगे. श्री राम से मिलने के लिए एक साधु का भेष बनाकर यम उनसे मिलने आए थे. वो ये बताने आए थे कि राम को अब बैकुंठ लौटना होगा. उनसे मिलते समय राम ने लक्ष्मण को आदेश दिया कि वो किसी को भी अंदर आने न दें नहीं तो उस इंसान को मृत्यु दंड दिया जाएगा. जब राम और यम अंदर थे तो ऋषि दुर्वासा आए, दुर्वासा ऋषि अपने क्रोध के कारण बहुत प्रसिद्ध थे. लक्ष्मण ने उन्हें रोका तो दुर्वासा ऋषि ने राम को श्राप देने की बात कही. ऐसे में भाई को श्राप न मिले इसके लिए लक्ष्मण ने खुद का बलिदान देने की सोची. लक्ष्मण खुद ही राम के पास चले गए. ऐसे में राम को समझ नहीं आया कि वो लक्ष्मण को कैसे मारें. राम ने लक्ष्मण को देश निकाला दे दिया.

अपने भाई को निराश कर लक्ष्मण खुद सरयु नदी में जाकर विलीन हो गए और शेषनाग का रूप ले लिए. कहा जाता है कि लक्ष्मण शेषनाग का ही मानव रूप थे. इसके बाद राम ने भी इसी तरह अपनी देह त्याग दी.

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राम के पुत्र लव की मृत्यु कैसे हुई? - raam ke putr lav kee mrtyu kaise huee?

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*5114 ईसा पूर्व प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। उनकी मृत्यु के बारे में रामायण के अलावा अन्य रामायण और पुराणों में अलग-अलग वर्णन मिलता है।


*एक कथा अनुसार, सीता की सती प्रामाणिकता सिद्ध होने के पश्चात सीता अपने दोनों पुत्रों कुश और लव को राम की गोद में सौंपकर धरती माता के साथ भूगर्भ में चली गई। सीता के चले जाने से व्यथित राम ने यमराज की सहमति से सरयू नदी के तट पर गुप्तार घाट में जल समाधि ले ली।

*एक अन्य कथा अनुसार, हनुमानजी को अयोध्या में अनुपस्थिति देखकर यमदेव ने नगर में प्रवेश किया और एक संत का रूप धारण कर वे राम के महल पहुंच गए। उन्होंने वहां राम से मिलने का समय ले लिया।

*जब संत वेश में यम श्रीराम से मिले तो उन्होंने दोनों के बीच की वार्ता को गुप्त रखने के लिए यह शर्त रखी कि यदि हमारे बीच कोई आएगा तो द्वारपाल को मृत्युदंड दिया जाएगा। राम ने वचन दे दिया और हनुमानजी की अनुपस्थिति में लक्ष्मण को द्वारपाल बनाकर खड़ा कर दिया।


*तब यम ने अपने असली रूप में आकर कहा, प्रभु आपका धरती पर जीवन पूर्ण हो चुका है। अब आपको अपने लोक लौटना चाहिए। तभी इस वार्तालाप के बीच में ही द्वार पर ऋषि दुर्वासा आ गए और लक्ष्मण से अंदर जाने की जिद करने लगे अन्यथा श्रीराम को शाप देने की धमकी देने लगे।

*लक्ष्मण अब दुविधा में पड़ गए। आज्ञा का उल्लंघन करे तो मृत्युदंड मिलेगा और नहीं करे तो मेरे प्रभु श्रीराम को शाप मिलेगा। ऐसे में उन्होंने कठोर निर्णय लेते हुए दुर्वासा को अंदर जाने की अनुमति दे दी।

*वार्तालाप भंग होने के कारण अब श्रीराम भी दुविधा में पड़ गए कि लक्ष्मण को मृत्युदंड देना होगा। उन्होंने ऐसे में लक्ष्मण को राज्य निकाला दे दिया, लेकिन लक्ष्मण ने अपने भ्राता के वचन को निभाने के लिए राज्य से बाहर जाने के बजाय सरयू में जल समाधि ले ली।

*लक्ष्मण के सरयू नदी में समाधि लेने से राम दुखी हुए और उन्होंने भी जल समाधि लेने का निर्णय लिया। सरयू नदी में जल समाधि लेने के वक्त उनके साथ हनुमान, जामवंत, सुग्रीव, भरत, शत्रुघ्‍न आदि सभी लोग खड़े थे।

*श्रीराम सरयू नदी के अंदर समा गए, तब फिर कुछ देर बाद नदी के भीतर से भगवान विष्णु प्रकट हुए और उन्होंने अपने भक्तों को दर्शन दिए। इस प्रकार से राम ने अपना स्थूल रूप त्याग कर वास्तविक स्वरूप विष्णु का रूप धारण किया और वैकुंठ धाम की ओर प्रस्थान किया।

राम के पुत्र लव कुश की मृत्यु कैसे हुई?

जहां लव या लोह ने एक नए राज्य की स्थामना की जो कहीं उत्तर पूर्व पंजाब में है (कुछ लोग लाहौर को भी इससे जोड़ते हैं.) वहीं कुश ने कोसला राज्य (जिसे अयोध्या से बनाया गया था.) में राज किया। कुश राम जितने पराक्रमी राजा नहीं थे और असुर दुर्जया से युद्ध में ही उन्होंने मृत्यु प्राप्त की थी।

राम की मृत्यु के बाद लव कुश का क्या हुआ?

श्री राम के जीवनकाल में ही लक्ष्मण जी की मृत्यु हो गयी जिससे श्री राम अत्यधिक विचलित हो गए और इस स्थिति को देख कर उनके पुत्र लव और कुश को वैराग्य हो गया तथा उन्होंने राजपाट त्याग कर बैराग धारण कर लिया तथा मुनि बन कर घोर तप किया तथा जीवन के अंत मे पावागढ़ गुजरात से मोक्ष प्राप्त किया जहां आज भी उनका विशाल मंदिर बना हुआ ...

सीता माता की मृत्यु कैसे हुई?

लोग यह भी जानते हैं कि कैसे अग्नि परीक्षा से गुजरने के बाद सीता ने अपने जीवन का त्याग कर दिया था. राम अपने पुत्रों के साथ अयोध्या लौट आए और महल में उनके लिए एक नया घर बनाया. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सीता मां के पृथ्वी में समा जाने के बाद राम के शेष जीवन का क्या हुआ?

लव कुश के वंशज कौन है?

लव के वंशज है राघव राजपूत मान्यता है कि राजा लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ है. इनमें बर्गुजर, जयास और सिकरवारों का वंश चला. इसकी दूसरी शाखा सिसोदिया राजपूत वंश की थी, इनमें बैछला (बैसला) और गैहलोत (गुहिल) वंश के राजा हुए. कुशजी से कुशवाह (कछवाह) राजपूतों का वंश बढ़ा.