गांधीजी के अनुसार स्वराज क्या है? - gaandheejee ke anusaar svaraaj kya hai?

महात्मा गांधी के अनुसार स्वराज क्या है समझाइए?

गांधी का मत था स्वराज का अर्थ है जनप्रतिनिधियों द्वारा संचालित ऐसी व्यवस्था जो जन-आवश्यकताओं तथा जन-आकांक्षाओं के अनुरूप हो।'' वस्तुत: गांधीजी का स्वराज का विचार ब्रिटेन के राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, नौकरशाही, कानूनी, सैनिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं का बहिष्कार करने का आन्दोलन था।

स्वराज का क्या अर्थ होता है?

स्वराज का शाब्दिक अर्थ है - 'स्वशासन' या "अपना राज्य" ("self-governance" or "home-rule")। भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन के समय प्रचलित यह शब्द आत्म-निर्णय तथा स्वाधीनता की माँग पर बल देता था।

गांधी जी का मतलब स्वराज से क्यों था?

गांधी जी के लिये स्वराज का अर्थ व्यक्तियों के स्वराज (स्व-शासन) से था और इसलिये उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके लिये स्वराज का मतलब अपने देशवासियों हेतु स्वतंत्रता है और अपने संपूर्ण अर्थों में स्वराज स्वतंत्रता से कहीं अधिक है।

महात्मा गांधी का हिन्द स्वराज तत्वत क्या है?

हिन्द स्वराज का सार (1) आपके मन का राज्य स्वराज है। (2) आपकी कुंजी सत्याग्रह, आत्मबल या करूणा बल है। (3) उस बल को आजमाने के लिए स्वदेशी को पूरी तरह अपनाने की जरूरत है। (4) हम जो करना चाहते हैं वह अंग्रेजों को सजा देने के लिए नहीं करें, बल्कि इसलिए करें कि ऐसा करना हमारा कर्तव्य है।