इस कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है? - is kavita ka sheershak utsaah kyon rakha gaya hai?

कवि ने कविता का शीर्षक उत्साह इसलिए रखा है, क्योंकि कवि बादलों के माध्यम से क्रांति और बदलाव लाना चाहता है। वह बादलों से गरजने के लिए कहता है। एक ओर बादलों के गर्जन में उत्साह समाया है तो दूसरी ओर लोगों में उत्साह का संचार करके क्रांति के लिए तैयार करना है।

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कवि बादलों की गर्जन-तर्जन को क्रांति और उत्साह का प्रतीक मानता है।बादलों में भीषण गति होती है| उसी से वह धरती का ताप हरता है|कवि ऐसी ही गति ऐसी ही भावना और शक्ति चाहता है| लोगों में जोश भरने के लिए उसका आह्वान करता है इसीलिए इस कविता का शीर्षक ‘उत्साह रखा गया है।

इसे सुनेंरोकेंकविता का शीर्षक उत्साह रखने का मुख्य कारण यह है कि इस कविता में कवि बादल के माध्यम से समाज में क्रांति और उत्साह की भावना उत्पन्न कर एक महान परिवर्तन लाना चाहते हैं। कवि ने बादलों से गरजने का आह्वान है, जो बादलों के मोहक स्वरुप के स्थान पर उनके उत्साह को प्रदर्शित है।

कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?`?

इसे सुनेंरोकेंफागुन का मौसम तथा दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है। चारों तरफ का दृश्य अत्यंत स्वच्छ तथा हरा-भरा दिखाई दे रहा है। पेड़ों पर कहीं हरी तो कही लाल पत्तियाँ हैं, फूलों की मंद-मंद खुश्बू हृदय को मुग्ध कर लेती है। इसीलिए कवि की आँख फागुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।

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कवि बादल से सम्पूर्ण आकाश को घेर लेने के लिए क्यों कहता है?

इसे सुनेंरोकेंकवि बादल को संपूर्ण आकाश को घेर लेने के लिए इसलिए कहता है ताकि वे मृतप्राय पड़ी संपूर्ण सृष्टि में एक साथ जीवन का संचार कर सकें।

विश्व के सकल जन्म कैसे हो रहे हैं?

इसे सुनेंरोकेंविश्व के सकल जन गर्मी से बेहाल हो रहे हैं और वे गर्मी के प्रकोप व्याकुल हैं। ‘उत्साह’ कविता में कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला बादलों का आह्वान करते कहते हैं, कि ओ बादल तुम गरजो और बरसं। तुम सारे आकाश को घेरकर मूसलाधार बरसात कर दो। तुम जल रूपी नया जीवन प्रदान करो, क्योंकि गर्मी विश्व के सकल जन गर्मी से बेहाल हो रहे हैं।

निराला जी अपनी कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा है तर्क सहित उत्तर दीजिए?

इसे सुनेंरोकेंExplanation: निराला जी आह्वाहन गीत के माध्यम से लोगो को उत्साहित करना चाहते हैं, उनके अंदर क्रांति का भाव जगाना चाहते हैं। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए कवि बादलों से गरजने की अपील कर रहा है, और ऐसी गर्जना की जन-मानस में चेतना का अभूतपूर्व संचार हो जाये। उदासीन लोग भी अपनी उदासीनता को छोड़ उत्साहित हो जाये।

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कवि की आँख कहाँ से नहीं हट रही है * 1 Point प्राकृतिक सुंदरता से धन दौलत से अपनी रचना से समाज की बुराइयों से?

इसे सुनेंरोकेंचारों ओर प्रकृति का सौंदर्य बिखरा हुआ है। कवि किसकी ओर से अपनी आँख नहीं उठा पा रहा है? कवि प्रकृति के सौंदर्य की ओर से आँख नहीं हटा पा रहा है।

कवि ने अनंत के घन किन्हें कहा है और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंमित्र कवि ने बादल को अनंत घन इसलिए कहा है ,क्योंकि बादलों का कभी अंत नहीं होता है। वे निरंतर बनते रहते हैं।

उत्साह कविता का मूल उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइस कविता में बादलों को क्रांतिदूत मानकर सोए, अलसाए और कर्तव्यविमुख लोगों को क्रांति लाने के लिए प्रेरित किया गया है। इस क्रांति या विप्लव के बिना समाज की जड़ता और कर्तव्यविमुखता में परिवर्तन लाना संभव नहीं है। लोगों में उत्साह भरना ही ‘उत्साह’ कविता का उद्देश्य है।

उत्साह कविता में किसका वर्णन किया गया है?

इसे सुनेंरोकें’उत्साह’ कविता कवि का आह्वान गीत है, जिसके स्वर में ओज है, क्रांति है। कवि क्रांति की अपेक्षा करता है और ऐसी अपेक्षा, जिसकी गरजना सुनकर उत्साह का संचार हो जाए। दूसरी ओर बादलों की फुहार और रिमझिम वर्षा से व्यक्ति के मन में कोमल भावों का जन्म होती है, शांति का अनुभव होता है।

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कवि के अनुसार कौन व्याकुल थे *?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: विश्व के सभी लोग व्याकुल और उन्मन थे। वे भीषण गर्मी की तपन के कारण दुःखी थे।

कवि के अनुसार क्या नहीं अट रही है?

इसे सुनेंरोकें’अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए। उत्तर: मंद-मंद बहने वाला पवन घर-उपवन, वन सभी को आनंदित कर देता है। बसंत में पवन की विशिष्टता का वर्णन।

इसे सुनेंरोकेंयह एक आह्वान गीत है। कवि क्रांति लाने के लिए लोगों को उत्साहित करना चाहते हैं। बादल का गरजना लोगों के मन में उत्साह भर देता है। इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।

कविता का शीषक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंक्या कविता का शीर्षक ‘ध्वनि’ सार्थक है? कविता का शीर्षक ‘ध्वनि’ पूर्णतया सार्थक है क्योंकि यह ध्वनि कवि के अंतर्मन की अनुगूँज है जो अनंत में व्याप्त हो रही है। कवि को वसंत के आगमन पर पत्ते-पत्ते में; कण-कण में प्रकृति की सुंदरता, आभा और सुषमा दिखाई पड़ती है।

काव्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा?

इसे सुनेंरोकेंदिए गए विकल्पों में से कविता का उचित शीर्षक ‘आत्मसम्मान’ है। कवि ने बताया है की आत्मसम्मान को त्याग कर जीना व्यर्थ होता है। आत्मसम्मान के पर्यायवाची शब्द हैं – स्वाभिमान, आत्मगौरव, आत्मसुख।

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उचित शीर्षक का मतलब क्या है?

इसे सुनेंरोकें- 1. वह शब्द या शब्द समूह जो किसी विषय से परिचित होने के लिए सबसे ऊपर लिखा जाता है; (टाइटिल) 2. किसी ग्रंथ या लेख आदि के विषय का परिचायक शब्द; रचना नाम 3.

उपर्युक्त गद्यांश का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक क्या होगा?

इसे सुनेंरोकेंप्रस्तुत गद्यांश को पढ़कर हम बता सकते है कि इस गद्यांश का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक विकल्प 3 नि:शस्त्रीकरण है I अत: विकल्प 3 सही उत्तर होगा।

उपर्युक्त गद्यांश के लेखक का नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंधर्मवीर भारती’ हैं।

काव्यांश क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंकाव्यंश नाम का मतलब – Kavyansh ka arth आपको बता दें कि काव्यंश का मतलब बुद्धिमान और कविता के साथ पैदा हुआ होता है। बुद्धिमान और कविता के साथ पैदा हुआ होना बहुत अच्छा माना जाता है और इसकी झलक काव्यंश नाम के लोगों में भी दिखती है।

कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है अपने शब्दों में उत्तर लिखें 12?

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इसे सुनेंरोकें➲ ‘उत्साह’ कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ इसलिये रखा गया क्योंकि इस कविता के माध्यम से कवि ने बादलों आह्वान करके बादलों को क्रांति व चेतना का प्रतीक बनाया है। ✎… ‘उत्साह’ कविता ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ जी द्वारा रचित कविता है, जो कि एक आह्वान गीत है। इसमें कवि ने बादलों का आह्वान किया है।

उत्साह कविता का मूल स्वर क्या है?

इसे सुनेंरोकेंyour answer: उत्साह’ कविता कवि का आह्वान गीत है, जिसके स्वर में ओज है, क्रांति है। यही कारण है कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम बसरने के स्थान पर गरजने के लिए कहता है।

कविता का शीर्षक उत्साह है क्यों रखा गया है?

कवि क्रांति लाने के लिए लोगों को उत्साहित करना चाहते हैं। बादल का गरजना लोगों के मन में उत्साह भर देता है। इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।

उत्साह कविता का शीर्षक क्या है?

Expert-Verified Answer. ➲ 'उत्साह' कविता का शीर्षक 'उत्साह' इसलिये रखा गया क्योंकि इस कविता के माध्यम से कवि ने बादलों आह्वान करके बादलों को क्रांति व चेतना का प्रतीक बनाया है। इस कविता के माध्यम से कवि ने लोगों के मन में उत्साह भरने का प्रयत्न किया है, इसलिये ये शीर्षक पूर्ण रूप से सार्थक है।

कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है कविता में बादल किन किन अर्थों की ओर?

बादलों को देखते ही मन प्रफुल्लित हो उठता है क्योंकि बादल एक ओर तो पीड़ित प्यासे जन की आकांक्षा को पूर्ण करने वाला है, तो दूसरी तरफ़ वही बादल नई कल्पना और नए अंकुर के लिए विध्वंस, विप्लव और क्रांति की चेतना को संभव करने वाला है। बादलों से मन में 'उत्साह' उत्पन्न होता है इसलिए कवि ने कविता का शीर्षक 'उत्साह' रखा

कविता का शीर्षक क्या है?

क्या कविता का शीर्षक 'ध्वनि' सार्थक है? कविता का शीर्षक 'ध्वनि' पूर्णतया सार्थक है क्योंकि यह ध्वनि कवि के अंतर्मन की अनुगूँज है जो अनंत में व्याप्त हो रही है। कवि को वसंत के आगमन पर पत्ते-पत्ते में; कण-कण में प्रकृति की सुंदरता, आभा और सुषमा दिखाई पड़ती है।