ज्यादा चक्कर आने पर क्या करना चाहिए? - jyaada chakkar aane par kya karana chaahie?

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‘चक्कर (dizziness)’ शब्द का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग होता है | कुछ लोगों के लिए इसका मतलब है सर भारी सा लगना और असंतुलित महसूस करना, जबकि दूसरे लोग इस शब्द का प्रयोग तब करते हैं जब वो ये बताना चाहते हैं कि उन्हें आस-पास सबकुछ घूमता हुआ सा लग रहा है | इस बीमारी का लक्षण काफी अस्पष्ट सा है और ऐसे कई तत्व हैं जो चक्कर आने के लक्षण के कारक हो सकते हैं, इसलिए चक्कर आने पर या आने से पहले इसे रोकने के लिए उपाय करना एक प्रयत्न-त्रुटि (trial and error) विधि से उपाय करने की प्रक्रिया हो सकती है | यहाँ पर ऐसे कई उपाय बताये गए हैं जो आप तब अपना सकते हैं जब आपको चक्कर आ रहा हो | (Best Way to Stop Dizziness, Chakkar Aana Roke, Gharelu Upaay)

  1. ज्यादा चक्कर आने पर क्या करना चाहिए? - jyaada chakkar aane par kya karana chaahie?

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    बैठ जाएँ या लेट जाएँ: अक्सर चक्कर तभी आता है जब आप खड़े हों या इधर-उधर घूम रहे हों | अगर आपको चक्कर आने या सर भारी लगने के शुरूआती लक्षण दिखने लगें, तो आप तुरंत बैठ जाएँ या लेट जाएँ | ऐसा करने से चक्कर आना कम हो सकता है और गिर के चोट लगने का डर भी दूर होगा |

    • अगर आपको थोड़ा सा भी चक्कर या भारीपन लग रहा है तो अपने सर को अपने पैरों के बीच रखकर बैठने की कोशिश करें | ऐसा करने से मस्तिष्क की ओर होने वाले रक्त संचार में वृद्धि होती है | इसी तरह लेटने पर भी समान परिणाम मिलेंगे |[१]
    • 1-2 मिनट के लिए बैठे या लेटे रहें, या तब तक बैठे/लेटे रहें जबतक चक्कर आना बंद ना हो जाए |
    • यदि आपको वर्टिगो (vertigo) है (ऐसी फीलिंग जिसमें आपको लगता है कि आप गिर रहे हैं या कमरा घूम रहा है, हालाँकि आप और आपके आसपास की चीजें स्थिर रहती हैं।), तो अपने सिर को किसी कुशन या तकिये पर रखकर लेट जाएं। यह आपकी पीठ के बल लेटने से ज्यादा प्रभावी होगा।

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    पानी पियें: अक्सर चक्कर आने का कारण शरीर में पानी की कमी हो जाना होता है | सामान्यतया पानी की कमी तब होती है जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं ले रहे होते हैं, या व्यायाम करने के दौरान, या व्यायाम के बाद होने वाली पानी की कमी को पूरा नहीं कर पाते हैं | आपको चक्कर तब भी आ सकता है जब आप उल्टी, दस्त, या बुखार से पीड़ित हों क्योंकि इन बीमारियों के कारण आपके शरीर में द्रव्य की काफी कमी हो सकती है | जब चक्कर आना थोड़ा कम हो जाए तब आपको ज्यादा मात्रा में पानी और दूसरे द्रव्यों का सेवन करना चाहिए |[१]

    • अगर बहुत ज्यादा पानी पीना आपके लिए मुश्किल हो रहा हो तो दूसरे द्रव्यों का सेवन करें जैसे एनर्जी ड्रिंक्स, थोड़ी सी चीनी के साथ गर्म चाय, तरह-तरह के सूप और शोरबे, या फलों के पतले किये हुए जूस |
    • शराब या कैफीन का सेवन न करें, क्योंकि ये आपके चक्कर को और भी गंभीर कर सकते हैं।

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    कुछ खाएं: ब्लड शुगर लेवल कम होने पर भी आपको चक्कर आ सकता है, खासतौर पर अगर आपको डायबिटीज की बीमारी हो |[२] जब भी आपको चक्कर आये, आप शीघ्र खाया जा सकने वाला कोई नाश्ता ले लें, खासतौर से ऐसा नाश्ता जिसमें कार्बोहाइड्रेट और चीनी की मात्रा ज्यादा हो | अगर आप एक चॉकलेट या कोई मीठा फल खा लें तो ये आपके लिए काफी अच्छा रहेगा |

    • यदि आपका रक्तचाप कम हो जाता है तो आप भी हल्का महसूस करते हैं। यदि आपको लगता है कि लो ब्लूडप्रेशर कारण है, तो कुछ नमकीन लें, जैसे कुछ चिप्स या प्रेट्ज़ेल। एक स्पोर्ट्स ड्रिंक भी मदद कर सकती है।[३]

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    अपना ध्यान किसी एक स्थान/पॉइंट पर केन्द्रित करें: तेजी से घूमते समय चक्कर ना आये, इसके लिए कई डांसर अपना ध्यान किसी खास स्थान या निशान पर केन्द्रित करते हैं | यही तरीका वो लोग भी अपना सकते हैं जिनको अक्सर चक्कर आते रहते हैं |

    • अगर आप किसी खास स्थान/निशान पर ध्यान केन्द्रित करें, जैसे छत की किसी दरार पर या फर्श पर गंदगी के कारण बने किसी धब्बे पर, तो चाहे आपका शरीर आपको ऐसा संकेत दे रहा हो कि आप हिल रहे हैं, लेकिन आपकी ज्ञानेन्द्रियाँ आपको ये महसूस कराएंगी कि वास्तव में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है |
    • यदि आप कार या नाव पर चलते समय मोशन सिकनेस का अनुभव कर रहे हैं, तो दूर कहीं या आकाश में एक पॉइंट की तलाश करें, और उसे देखें। यह आपके मस्तिष्क और आंखों के बीच भ्रमित करने वाले संकेतों को कम करने में मदद करेगा जो आपको चक्कर और बीमार महसूस कराने का कारण हो सकता है।
    • हालाँकि, आपके चक्कर आने के कारण के आधार पर, हो सकता है की ये पॉसिबल न हो! क्योंकि, कुछ प्रकार के चक्कर हमारी आँखों के अनैच्छिक (involuntary) मूवमेंट्स से जुड़े होते हैं जो एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित करना कठिन बना सकते हैं।[४]

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    गहरी साँस लें: चक्कर आना कई बार एंग्जायटी अटैक का लक्षण होता है | अक्सर जब एंग्जायटी अटैक आते हैं तो ऐसा महसूस होता है कि आप पूरी साँस नहीं ले पा रहे हैं | लेकिन वास्तविक समस्या ये होती है कि आप बहुत ज्यादा साँस लेने की कोशिश कर रहे होते हैं | अगर ऐसा है तो धीरे-धीरे, गहरी साँस लेने की कोशिश करें | ऐसा करने से आपका मन शांत होगा और आपको ऐसा कम महसूस होगा कि आपको चक्कर आ रहा है |[५]

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    तेज चमक वाली रौशनी से दूर रहें: अगर आपको चक्कर आने का एहसास हो रहा हो तो तेज चमक वाली रौशनी, या टेलीविज़न और लैपटॉप से आने वाली रौशनी से दूर रहें |

    • तेज चमक वाली रौशनी से आपका ध्यान भटक सकता है और चक्कर आने की समस्या गंभीर हो सकती है |
    • किसी अँधेरे कमरे में बैठने या लेटने की कोशिश करें, या एक या दो मिनट के लिए अपनी आँखें बंद कर लें |

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    एप्ले मन्यूवर (Epley maneuver) परफॉर्म करें:[६] एप्ले मन्यूवर, सर और गर्दन को हिलाने-डुलाने और झुकाने का व्यायाम है जिसका प्रयोग चक्कर के लक्षणों के उत्पन्न होने पर ट्रीटमेंट के लिए किया जाता है | इसमें कैल्शियम क्रिस्टल डेब्रीज (calcium crystal debris) जो चक्कर लाते हैं, उनको इनर इयर (inner ear) के किसी स्थान पर सरका दिया जाता है जहाँ ये चक्कर के लक्षण उत्पन्न नहीं कर पाते हैं | एप्ले मन्यूवर परफॉर्म करने के लिए:

    • बैठ जाएँ और अपने सर को क्षैतिज अवस्था में प्रभावित कान की तरफ 45 डिग्री पर झुका दें |
    • अपने सर को 45 डिग्री के घुमाव पर झुलाते हुए क्षैतिज अवस्था में लेट जाएँ | एक या दो मिनट के लिए इसी अवस्था में रहें | आप ये महसूस करेंगे कि चक्कर आना कम हो गया है |
    • अपने सर को उस कान की तरफ 90 डिग्री एंगल में घुमाएँ जो कान अप्रभावित है | अप्रभावित कान की तरफ सर को लुढ़काते रहें | आपकी फर्श की तरफ देखने जैसी अवस्था हो जानी चाहिए |
    • इस अवस्था को बनाये रखें: आप चक्कर आने के दूसरे अटैक का अनुभव कर सकते हैं, लेकिन यह एक मिनट के अंदर समाप्त हो जाना चाहिए |
    • धीरे-धीरे बैठने वाली अवस्था में आ जाएँ |

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    धीरे-धीरे चले-फिरें: अगर आपको अक्सर चक्कर आते रहते हैं तो अचानक से कोई मूवमेंट नही करना चाहिए क्योंकि तेजी से मूवमेंट करने पर आपका ब्लडप्रेशर भयंकर रूप से बढ़ सकता है | आप जब भी उठे या बैठे, तो अगर संभव हो तो आपको किसी मजबूत और स्थिर सतह को पकड़ के धीरे-धीरे, और सतर्कता के साथ कोई भी हरकत करनी चाहिए |

    • जब आप सुबह बिस्तर से उठें, तो कई स्टेजों में उठने की कोशिश करें | सबसे पहले आपको बिस्तर से धीरे-धीरे उठना चाहिए और उसके बाद अपने पैर फर्श पर रखने चाहिए | धीरे-धीरे खड़े हों लेकिन उससे पहले एक पल के लिए गहरी साँस लें और रिलैक्स हो जाएँ |
    • लम्बे समय तक बैठने के बाद जब खड़े हों तो सबसे पहले अपने पैरों को हिलाएं | ऐसा करने से आपके शरीर में रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से होगा और चक्कर कम आयेंगे |
    • यदि आवश्यक हो, तो अतिरिक्त स्थिरता के लिए बेंत के साथ चलें।

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    रोज जो द्रव्य आप ग्रहण करते हैं, उसकी मात्रा बढ़ाएं: द्रव्य की कमी से आपके ब्लडप्रेशर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और आपको चक्कर आ सकते हैं | इसलिए हर दिन 6-8 गिलास पानी पियें और शरीर में पानी की कमी ना होने दें | अगर आपको पहले से ही पानी की कमी महसूस हो रही हो तो कोई स्पोर्ट्स ड्रिंक लें | सिर्फ पानी से आपको उतना लाभ नहीं होगा जितना इन पेयों में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स से क्योंकि वो आपके शरीर में द्रव्य की कमी को तेजी से दूर कर देते हैं | कुछ अवस्थाओं में ज्यादा नमक ग्रहण करने पर भी आपको लाभ हो सकता है |

    • यदि आपको कोई ऐसी बीमारी है जिसमें आपको लिक्विड के लेने पर ध्यान रखने की जरूरत है, जैसे कि किडनी या हृदय रोग, तो अपने तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।

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    खूब आराम करें: कई बार किसी वायरल बीमारी, जैसे फ्लू या कोल्ड के कारण भी आपको चक्कर आने की समस्या हो सकती है | अगर आप अच्छी तरह आराम करें तो चक्कर आना कम हो जाएगा और आपके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार होगा |[१]

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    चक्कर आने की समस्या के लिए एक डायरी मेन्टेन करें: हालाँकि ये बात आपको अजीब लग सकती है लेकिन आपको जब-जब चक्कर आये, उसे डायरी में नोट कर लेने से आप ये समझ सकेंगे कि कौन सी बातें चक्कर आने का कारण बनती हैं और भविष्य में आप ऐसे काम करना बंद कर सकते हैं जिनसे आपको चक्कर आते हों |

    • उदाहरण के लिए, भूखे रहने पर आपको चक्कर आ सकता है, काफी तेजी से खड़े होने पर, या बहुत गर्म पानी से नहाने पर भी आपको चक्कर आ सकता है | इसलिए चक्कर आने के कारणों का पता करके आप पहले से ही चक्कर आने की समस्या का समाधान कर सकते हैं |

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    सपाट जूते पहनें: अगर आपको अक्सर चक्कर आते हों तो ऊँची एड़ी के जूते-चप्पल पहनना आपके लिए ठीक नही है | फ्लैट जूतों से आपके शरीर में संतुलन बना रहता है और आपका पोस्चर ठीक रहता है जिसे आपका मस्तिष्क आसानी से समझ सकता है | अगर आप चक्कर आने के कारण गिर जाते हैं तो फ्लैट जूते पहने हुए रहने पर आपके टखने में मरोड़ नहीं आती है |

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    अपने वातावरण को अनुकूल बनायें और खुद भी उसके अनुसार ढलें: चक्कर आने से जुड़ी एक बहुत बड़ी परेशानी ये है कि सर घूमने जैसा एहसास होने पर आप गिर कर अपनेआप को जख्मी कर सकते हैं | अगर आप चक्कर आने की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको अपने घर या ऑफिस के वातावरण को समझना चाहिए, उसे अपने अनुकूल बनाना चाहिए, और खुद भी उसके अनुसार इस तरह ढल जाना चाहिए कि चक्कर आने पर आपको कम-से-कम परेशानी हो |

    • ऐसे इलेक्ट्रिक तारों को अलग हटा दें जिनमे आप चक्कर आने पर उलझ के गिर सकते हों |
    • अँधेरे के कारण आपका मस्तिष्क भ्रमित ना हो जाए, इसके लिए नाईट-लाइट्स का प्रयोग करें |
    • ऐसे मोटे कारपेटों का प्रयोग ना करें जिनसे आपके पैरों के लिए स्थिति और पोस्चर में बदलाव रजिस्टर करना मुश्किल हो जाए |

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    मोशन सिकनेस (motion sickness) की दवा लें: मोशन सिकनेस के लिए आने वाले टेबलेटों को लेकर आप चक्कर की बीमारी के लक्षणों को कम कर सकते हैं | आप मोशन सिकनेस के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के, आमतौर पर मिलनेवाली दवाईयों का प्रयोग कर सकते हैं, या फिर डॉक्टर की सलाह से ज्यादा पॉवर वाली दवाईयाँ भी ले सकते हैं | मोशन सिकनेस की दवाईयों में ये दवाईयाँ सम्मिलित हैं:

    • डिमेनहायड्रिनेट (Dimenhydrinate (ड्रेमामाइन (Dramamine)) | यह बाजार में टेबलेट, लिक्विड, और सपोजिटरी फॉर्म में उपलब्ध है और शायद ये सबसे ज्यादा लोकप्रिय एंटीमेटिक और एंटी-नौजिअ दवा है |
    • मेक्लिज़ीन (Meclizine (बोनीन (Bonine)): यह दवा 12 साल या उससे कम उम्र के बच्चे को नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि यह कितनी सुरक्षित है, इस बात की अभी तक ठीक से जांच नही हो सकी है |[७]
    • डाइफेनहाईड्रामाइन (Diphenhydramine (बेनाड्रील (Benadryl)): हालाँकि ये दवा एंटीहिस्टामाइन के रूप में दाद-खाज, खुजली के उपचार के लिए ज्यादा प्रसिद्ध है, लेकिन सामान्यत: डाइफेनहाईड्रामाइन का प्रयोग मोशन सिकनेस के इलाज में होता है और ये आसानी से हर जगह उपलब्ध भी है |[८]

  8. ज्यादा चक्कर आने पर क्या करना चाहिए? - jyaada chakkar aane par kya karana chaahie?

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    ऐसी चीजों का उपयोग ना करें जिनसे रक्तप्रवाह बाधित होता हो: चक्कर अक्सर ब्लडप्रेशर कम होने के कारण आते हैं, इसलिए ऐसी चीजों का उपयोग कम-से-कम मात्रा में करें जिनसे रक्तप्रवाह बाधित होता है, जैसे कैफीन, तंबाकू, अल्कोहल, और प्रतिबंधित ड्रग्स |[१]

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    ध्यान दें कि कहीं ज्यादा गंभीर बीमारियों के लक्षण तो प्रकट नहीं हो रहे हैं: कई बार चक्कर आना किसी ज्यादा गंभीर बीमारी का लक्षण होता है |[९] अगर आपको अक्सर चक्कर आते हैं या चक्कर काफी देर तक आते रहते हैं तो डॉक्टर से सलाह लें |

    • डॉक्टर कुछ टेस्ट परफॉर्म करके किसी छुपी हुई गंभीर बीमारी का पता लगा सकते हैं | चक्कर आना इन बीमारियों का लक्षण हो सकता है:
      • इनर इयर संबंधी समस्या, जैसे लैब्रिन्थीटिस, बीपीपीवी (BPPV) |
      • कोई एंग्जायटी डिसऑर्डर, जैसे पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर |
      • हृदय गति से संबंधित समस्या, जैसे एट्रीअल फैब्रिलेशन (atrial fibrillation) |
      • पी.ओ.टी.एस (P.O.T.S.) या सर्कुलेटरी सिस्टम से संबंधित कोई और समस्या |
      • सिंकोप |

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    अदरक का प्रयोग करें: सैकड़ों सालों से अदरक का प्रयोग अनगिनत प्राकृतिक उपचारों में किया जाता रहा है जिसमें चक्कर और मितली आने के उपचार भी सम्मिलित हैं | यह कोई बकवास हर्ब नहीं है – वैज्ञानिक अनुसंधानों से यह सिद्ध हो चुका है कि अदरक में चक्कर के शुरूआती लक्षणों के प्रकट होते ही इस रोग को समाप्त कर सकने की क्षमता होती है, और इसके साथ-साथ यह भी सिद्ध होता है कि अदरक के प्रयोग से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से होने लगता है और इस कारण भी चक्कर की समस्या का निदान होता है, क्योंकि मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह का बाधित होना भी चक्कर आने का एक कारण है |[१०] जिंजर को अपने डाइट में सम्मिलित करने के कुछ तरीके आगे बताये गए हैं:

    • जिंजर सप्लीमेंट्स को कैप्सूल के रूप में लेना |
    • ताजे जिंजर रूट के एक छोटे से टुकड़े को चबाना |
    • जिंजर एल (ginger ale) या जिंजर टी पीना | जिंजर टी बनाने के लिए एक कप उबले पानी में अल्प मात्रा में ताजा जिंजर रूट डालें |
    • जिंजर कैंडी या जिंजर लालीपाप कुतर कर या चूस कर खाएं |

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    सेलरी जूस पीना: अगर लो ब्लड प्रेशर के कारण चक्कर आ रहे हों तो सेलरी जूस से इस परेशानी को दूर किया जा सकता है | सेलरी जूस आप किसी हेल्थ फ़ूड स्टोर से ले सकते हैं या किसी जूसर का प्रयोग करके ताज़ा सेलरी जूस भी बना सकते हैं |

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    शहद और सीडर विनेगर को पियें: दो छोटे चम्मच एप्पल सीडर विनेगर को दो छोटे चम्मच शहद के साथ एक गिलास गर्म या ठंडे पानी में मिलाकर दिन में तीन बार लें | इससे ब्लड प्रेशर सही होता है और चक्कर आना भी कम होता है |

  4. ज्यादा चक्कर आने पर क्या करना चाहिए? - jyaada chakkar aane par kya karana chaahie?

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    कोई आयरन सप्लीमेंट लें: अगर आपको आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया की बीमारी के कारण चक्कर आते हों तो आपको आयरन सप्लीमेंट लेने की जरूरत पड़ सकती है | आपको ध्यान देना चाहिए कि कहीं एनीमिया के दूसरे लक्षण जैसे थकान, सर में दर्द या रुक-रुक के सांस ले पाना, इत्यादि भी तो उत्पन्न नहीं हो रहे हैं | किसी भी आयरन सप्लीमेंट को लेना शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें |[११]

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    गिंगको बिलोबा (gingko biloba) लें: यह एक तरह का पेड़ होता है जिसका कई प्रकार की दवाईयों में प्रयोग होता है | गिंगको बिलोबा से चक्कर आने की समस्या में लाभ होता है क्योंकि इससे इनर इयर में रक्तप्रवाह सुचारू रूप से होता है | यह टेबलेट, लिक्विड एक्सट्रेक्ट, और सूखी पत्ती के रूप में उपलब्ध है |[१२]

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    फीवरफ्यू लें: चक्कर की बीमारी के ईलाज के लिए फीवरफ्यू एक बहुत अच्छा हर्ब है | इससे सिर्फ माइग्रेन ही दूर नहीं होता, बल्कि इससे आपके इनर इअर की सूजन में भी कमी आती है और रक्त का प्रवाह तेज होता है | ये सप्लीमेंट कैप्सूल, टेबलेट, और लिक्विड एक्सट्रेक्ट के रूप में मिलते हैं |[१३]

चेतावनी

  • अगर आपको चक्कर आ रहा हो तो ऐसे काम ना करें जिससे आपकी या किसी और की सुरक्षा में खतरा आये, जैसे किसी सीढ़ी पर चढ़ना, मशीनों को ऑपरेट करना, या कार ड्राइव करना |

विकीहाउ के बारे में

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यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?

चक्कर आने पर तुरंत क्या करना चाहिए?

आप अदरक का छोटा टुकड़ा भी चबाकर खा सकते हैं. जैसे ही चक्कर जैसा महसूस हो, तो अदरक वाली चाय पी लें. कुछ फलों का जूस पीकर भी चक्कर आने की समस्या को कम कर सकते हैं. आप नींबू, अनानास, गाजर, संतरा, अदरक आदि का जूस पिएं.

चक्कर आना कैसे बंद होता है?

यहां जानें, चक्कर आने पर आपको तुरंत राहत पाने के लिए क्या करना चाहिए....
चक्कर आने की समस्या ... .
समय के साथ ठीक होनेवाली समस्या ... .
सूखा धनिया या धनिया सीड्स ... .
अदरक की चाय पिएं ... .
पुदीना पत्ती की चाय है लाभकारी ... .
हर्बल-टी और काढ़ा पिएं.

चक्कर आना कौन सी बीमारी के लक्षण है?

चक्कर आने के कारण.
रक्तचाप में कमी के कारण मस्तिष्क को रक्त या ऑक्सीजन की अस्थायी अपर्याप्त आपूर्ति।.
उल्टी, दस्त, बुखार और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण गंभीर निर्जलीकरण।.
पार्किंसंस रोग और मल्टीपल स्केलेरोसिस.
ऊंचाई की बीमारी.
सामान्य जुकाम और फ्लू.
एलर्जी.
बीमार स्वास्थ्य.
रक्ताल्पता.

चक्कर आने की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

सिनार्ज़िन टैबलेट - Cinnarizine tablets स्टुगेरोन - Stugeron. सिनार्ज़िन टैबलेट बीमारी और चक्कर आने से रोकने में मदद करता है। इसे वयस्कों और 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों द्वारा लिया जा सकता है।