ठोस कचरा प्रबंधन क्या है | what is solid waste management in hindi: आधुनिक समय की भयानक समस्याओं में कचरा निपटान एक बड़ी वैश्विक समस्या हैं. खासकर शहरी जीवन में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कोई बड़े प्रबंध नहीं होते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप नगर निकायों के पास उस अगलनीय कूड़े को कई किलोमीटर की भूमि पर शहर के बाहर ढेर लगाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचता हैं. आज के निबंध, भाषण अनुच्छेद में हम ठोस कचरे के प्रबंधन, निपटान, उपाय आदि पर विस्तृत अध्ययन करेंगे. Show
what is solid waste management in hindiContents show 1 what is solid waste management in hindi 2 क्या हैं ठोस कचरा What is solid waste In Hindi 2.1 ठोस कचरा प्रबंधन के उपाय (Solid Wastes Controlling Methods) 2.2 ठोस कचरा प्रबंधन के लाभ (advantages and disadvantages of solid waste management pdf) 2.3 ठोस कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया (Process oF solid waste management pdf in hindi) 2.4 ठोस कचरा प्रबंधन की आवश्यकता (solid waste management needs and importance) 2.5 ठोस कचरा प्रबंधन कार्यक्रम के उद्देश्य (objectives of solid waste management in india) 2.6 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 (Solid Waste Management Rules, 2016) 2.7 Read More ठोस कचरा प्रबन्धन का अर्थ वातावरण व जन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ठोस कचरे का उपचार, निस्तारण, पुनः उपयोग, पुनः चक्रण तथा ऊर्जा में परिवर्तन करने की प्रक्रियाओं के संचालन का प्रबन्धन करना हैं. यहाँ ठोस कचरे solid waste management से आशय है कि घरों, कारखानों, उद्योगों, अस्पतालों एवं अन्य संस्थानों से निकलने वाला सूखा व गीला अनुपयोगी सामान. सरल भाषा में कहे तो ठोस कचरे का अर्थ हैं, हमारे घरों, उद्योगों, कार्यालयों, स्कूलों आदि में काम में ली जाने वाली वे कठोर वस्तुएं जिन्हें एक बार उपयोग के बाद हम यूँ ही फेक देते हैं, जो समय के साथ न तो गलती हैं न उसका भर्जन होता हैं. कांच, प्लास्टिक की बनी वस्तुएं, इलेक्ट्रॉनिक के सामान, इलाज में प्रयुक्त सीरिज और दवाई की शीशियाँ आदि हजारों ऐसे उत्पाद हैं जो एक बार काम में लेने के बाद सालो साल उसी अवस्था में रहते हैं. हमारे घरों में प्रयुक्त सब्जी, फल, पौधे की पत्तियां, गोबर आदि कुछ समय बाद खाद के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं. जबकि ठोस वस्तुओं के अवशिष्ट के निपटान की कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं हैं. इससे वे न केवल कई एकड़ की जमीन कोई बंजर बनाते हैं बल्कि जमीन और वायु में प्रदूषण भी बढ़ाते हैं. Telegram Group Join Nowक्या हैं ठोस कचरा What is solid waste In Hindiमूल रूप से एक ठोस अपशिष्ट ठोस या अर्द्ध ठोस घरेलू अपशिष्ट स्वास्थ्य रक्षा सम्बन्धी कचरा वाणिज्यिक अपशिष्ट, संस्थागत अपशिष्ट, खाद्य अपशिष्ट, तुच्छ पदार्थ संस्थागत अपशिष्ट, निर्माण सम्बन्धी और विध्वंस अपशिष्ट आदि श्रेणियों में विभाजित हो सकता हैं. वर्तमान में भारत में प्रतिवर्ष लगभग 960 मिलियन टन ठोस कचरा उत्पन्न होता हैं. यह न केवल उत्पन्न कचरे की मात्रा हैं, बल्कि यह स्वास्थ्य के मुद्दों और पर्यावरणीय गिरावट की ओर भी इंगित करता हैं. देश में उत्पन्न होने वाले कचरे का केवल 68 प्रतिशत एकत्र किया जाता हैं. जिनमें से 28 प्रतिशत का प्रबंधन नगर निगम के अधिकारियों द्वारा किया जाता हैं. यूनाइटेड नेशंस सेंटर फॉर ह्यूमन सेटलमेंटस के अनुसार बड़े शहरों में पैदा होने वाले सभी कचरे में से 25 से 55 फीसदी के बीह ही नगरपालिका के अधिकारी इकट्ठा कर पाते हैं. अनछुए अपशिष्ट से तीस हजार टीपीडी से अधिक दहनशील अपशिष्ट उत्पन्न हो सकता हैं. अपशिष्ट की उत्पन्न मात्रा को यदि एकत्र किया जाए और उसका भलीभांति उपयोग किया जाए तो प्रभावी रूप से ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती हैं. ठोस अवशिष्ट प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य अधिकतम मात्रा में कूड़े करकट को संयंत्र के माध्यम से पुनरुपयोग अथवा खाद के रूप में बदलने हेतु लायक बनाना. इस कचरे का समुचित उपयोग करके बिजली उत्पादन किया जा सकता हैं. साथ ही बड़ी मात्रा में भूमि के अधिग्रहण को रोका जा सकता हैं. दिल्ली जैसे महानगरों के बाहर मीलो मील तक इसी तरह के कूड़े के ढेर हमारी सफाई व्यवस्था की नाकामी को खुलेआम बया करते हैं. PIB की 2016 में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत में प्रतिदिन 62 मिलिय न टन कचरा खुले में फेक दिया जाता हैं. शहरीकरण, औद्योगिकरण और आर्थिक विकास की इस दौड़ में हमने ऐसे ऐसे यंत्र और साधन तो बना लिए जिससे हमें तत्कालिक सुख तो मिल गया, मगर उसके निपटान को लेकर कोई साफ़ कार्ययोजना नहीं थी, जिसका नतीजे में हम हर साल कम होती उपजाऊ जमीन और आसमान छूती ठोस कूड़े की मीनारे किसी भी शहर में स्पष्तया देख सकते हैं. इस विकराल समस्या से दो दो हाथ करने के लिए प्रत्येक नागरिक की भागीदारी परिहार्य हैं. हम अपने घर में कम से कम दो तरह के कचरा पात्र अवश्य रखे, ताकि निपटान योग्य कचरे का तो समुचित उपयोग किया जा सके. अपशिष्ट को निम्नलिखित भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है मूल रूप से हम कचरे को उसकी प्रकृति के आधार पर पांच भागों में विभाजित करते हैं, इसके प्रकार इस तरह हैं.
ठोस कचरा प्रबंधन के उपाय (Solid Wastes Controlling Methods)भारत में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए निम्नलिखित उपाय किये गये है. कचरा न्यूनीकरण एवं पुनः प्रयोग, कचरे का पुनः चक्रण, कचरा संग्रहण, उपचार एवं निस्तारण, भाष्मीकरण, गैसीकरण व पाइरोलिसिस.
ठोस कचरा प्रबंधन के लाभ (advantages and disadvantages of solid waste management pdf)ठोस कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया के अनेक लाभ होते है. इन लाभों में जन स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी तन्त्र को तो लाभ मिलता ही है. साथ ही अनेक प्रकार की सामाजिक आर्थिक दशाओं में भी लाभ की प्राप्ति होती हैं. ठोस कचरा प्रबन्धन से उत्पन्न लाभ निम्नानुसार हैं.
ठोस कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया (Process oF solid waste management pdf in hindi)ठोस कचरा प्रबंधन से तात्पर्य वातावरण एवं जन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ठोस कचरे के उपचार, निस्तारण, पुनः प्रयोग, पुनः चक्रण व ऊर्जा में परिवर्तन करने की प्रक्रिया से हैं. ठोस कचरे के निस्तारण हेतु शहरी निकायों में यह कार्य सफाई निरीक्षकों को सौप रखा हैं. नियमित एवं ठेका पद्धति पर नियुक्त सफाई कर्मचारी कूड़े को घरों, अस्पतालों व अन्य प्रतिस्ठानों से लाकर कूड़ा संग्रहण केंद्र पर एकत्रित करते हैं. कचरे के संग्रहण विभिन्न माध्यमो से किया जाता है. कचरा निस्तारण केंद्र पर कचरा उत्पादन स्थलों के अनुसार अलग अलग श्रेणियां निर्धारित कर रखी है. इन श्रेणियों में घरेलू कचरा, औद्योगिक कचरा व विनिर्माण सामग्री का कचरा तथा व्यापारिक प्रतिस्ठानों का कचरा शामिल होता हैं. इस विविध प्रकार के कचरे में जैविक कचरे, अजैविक कचरे, प्लास्टिक शीशी, धातुओं, कागज, बैटरी, विषैले पदार्थ, ज्वलनशील पदार्थ, विष्फोटक पदार्थ, रेडियोधर्मी पदार्थ तथा संक्रामक रोग फैलाने वाले पदार्थ शामिल हैं. ठोस कचरा प्रबंधन की आवश्यकता (solid waste management needs and importance)आधुनिक काल में तेजी से बढ़ते शहरीकरण, औद्योगिकीकरण व वातावरण प्रदूषण के प्रति लापरवाही ने शहरों में ठोस कचरे की समस्या पैदा कर दी है. इनके कारण शहरों में गंदगी का विस्तार हो गया है. इस गंदगी से बीमारियाँ फैलने लगी है. इस समस्या के निवारण के लिए शहरी निकायों में ठोस कचरा प्रबंधन या कचरा निस्तारण कार्यक्रम आवश्यक हो गया हैं. ठोस कचरा प्रबंधन कार्यक्रम के उद्देश्य (objectives of solid waste management in india)भारत में ठोस कचरा प्रबंधन कार्यक्रम के निम्न उद्देश्य हैं.
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 (Solid Waste Management Rules, 2016)भारत सरकार ने कानूनी स्तर परा पहल करते हुए ठोस अपशिष्ट को प्रबंधित करने तथा उसके प्रसार को रोकने व एक व्यवस्थित प्रणाली में आम नागरिकों के योगदान के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियम 2016 को प्रस्तुत किया हैं, जो इस तरह हैं.
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कचरा से क्या अभिप्राय है?जो चीज हमारे किसी काम की नहीं होती है उसे कचरा कहते हैं। घर से निकले हुए अपशिष्ट या कूड़े कचरे में सब्जियों और फलों के छिलके, बचा हुआ भोजन, कागज, प्लास्टिक और कई अन्य पदार्थ होते हैं। हमारे घरों और आसपास स्वच्छता रखने के लिए कचरे का सही निपटान जरूरी होता है।
कचरा प्रबंधन में 4R का क्या अर्थ है?Solution : आम आदमी को प्रकति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 4R सिद्धांत को अपनाना चाहिए जो निम्नलिखित प्रकार से है- <br> (1) Reduce- उपयोग कम करें। <br> (2) Reuse-पुन: उपयोग करें। <br> (3) Recycle-पुन: चक्रीय करें। <br> (4) Recover- पुन: प्राप्त करें।
पर्यावरण से क्या तात्पर्य है कचरा प्रबंधन कैसे किया जा सकता है?सस्टेनेबल विकास : कचरा प्रबंधन को सस्टेनेबल विकास का महत्वपूर्ण अवयव माना जाता है। सस्टेनेबल विकास का तात्पर्य पर्यावरण फ्रेंडली और दीर्घकालीन विकास से है। कचरा प्रबंधन के उपभोग और पुन: उपभोग से एक चक्र बनता है जो प्राकृतिक संसाधनों पर हमारी निर्भरता को कुछ हद तक कम करता है और उनके दोहन में कमी लाता है।
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