मीठा स्वादिष्ट हलवा, सेहत के लिए है गुणकारी हलवा आपको बीमारियों से मुक्त भी कर सकता है ऐसा सुनकर शायद आप चौंक जाएं पर यह सच है आटा, सूजी और बेसन का हलवा लाभकारी है। ये बात साबित हो चुकी है। वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य प्रो.के एन द्विवेदी ने अपनी ओपीडी में माइग्रेन (Migraine) के मरीजों को सामान्य आटे, सूजी व बेसन का हलवा खाने की सलाह दी, वह आज तनाव (Strain) व माइग्रेन (Migraine) मुक्त हो गए हैं। शर्त सिर्फ इतनी है कि हलवे को आयुर्वेदिक नियमों से लेना होगा। चरक संहिता में वातरोग यानी न्यूरो वेस्कुलर डिसआर्डर (Neuro- vascular disorder) के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें पुराने बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल के आयुर्वेद विंग की ओपीडी में मरीजों को हलवा खिलाकर पुष्ट भी कर दिया गया है। आटा, सूजी और बेसन का हलवा लाभकारी है। ओपीडी में आने वाले औसतन दस माइग्रेन (Migraine) के मरीजों को इस विधि से हलवा खाने को कहा। एक वर्ष में लगभग 500 लोगों ने इसे अपनाया, फलस्वरूप उनका पुराने सिरदर्द (chronic headaches), उलझन, अवसाद और तनाव (Strain) समाप्त हो गया है। हलवे को सूर्योदय के पहले उठकर मुंह धोकर पकाते हुए तुरंत गर्मा-गरम खाना चाहिए। गर्म रहने पर हलवे में टाइरामीन (Tairamin) नामक तत्व अधिक नहीं होता। यह ठंडे होने पर बढ़ता है जो माइग्रेन (Migraine) का कारक है। माइग्रेन (Migraine) होने पर प्रकाश, ध्वनि और महक से हर रोज़ सिरदर्द (headache) होने लगता है और दिमाग की नसों में फैलाव होता है। यह बहुत घातक दशा होती है। हलवा बनाते समय ध्यान रखें सूजी पाचन तंत्र (Digestive System) के लिए भी अच्छी होती है। इसलिए सूजी का हलवा खाना चाहिए। थोड़ा मोटा पिसा गेंहू का आटा भी अच्छा होता है। हलवे में जहां तक हो सके गाय के घी का उपयोग करना चाहिए। वनस्पति घी का उपयोग बहुत नुकसान करता है। हलवे में सफ़ेद शकर के स्थान पर गुड या ब्राउन शकर का उपयोग बेहतर है। हलवा बनाते समय अगर भाव सात्विक हो और भगवान का नाम स्मरण किया जाए तो यह तुरंत लाभकारी होता है और स्वाद भी अनोखा होता है। हलवे के ऊपर ठंडा पानी बिलकुल नहीं पीना चाहिए। अगर लगे तो कोई गर्म पेय या गरम पानी पीना चाहिए। यह पचने में बहुत हल्का होता है, इसलिए इसे सर्जरी के बाद, प्रसव के बाद, कमजोरी में, बीमारी से उबरने में और कम वजन वाले लोगों को भी दिया जा सकता है। इसमें केसर, इलायची और थोड़े से सूखे मेवों का प्रयोग किया जा सकता है। देशी घी में बना हलवा त्रिदोषों का संतुलन करता है और हमें स्वस्थ बनाता है। सावधानी :- मधुमेह (diabetes) रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। माइग्रेन (Migraine) के मरीजों को अनियमित दिनचर्या, बासी भोजन, जंकफूड, चाइनीज फूड, चॉकलेट, सोया सॉस से भी बचना चाहिए। Besan Ka Halwa Recipe: सर्दियों में कुछ गर्मागरम खाने का बहुत मन करता है। ठंड में रजाई में बैठकर अगर गर्म बेसन का हलवा खाने को मिल जाए तो बात ही कुछ और है। बेसन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। आपने बेसन की बर्फी या लड्डू तो कई बार खाए होंगे, लेकिन बेसन का हलवा शायद ही ट्राई किया हो। ये हलवा बनाने में काफी आसान है। बच्चों को बुजुर्गों को बेसन का ये हलवा बहुत पसंद आएगा। चलिए जानते हैं…इसको बनाने की आसान विधि बेसन का हलवा बनाने के लिए सामग्री100 ग्राम बेसन बेसन का हलवा बनाने की रेसिपी (Besan Ka Halwa Recipe)1- सबसे पहले एक पैन में पूरा घी डाल दें और गैस पर गर्म होने के लिए रख दें। Narendra kumar 'Nikunj' Narendra Kumar 'Nikunj' पिछले कई सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2009 में उन्होंने Zee News में बतौर Production Executive Join किया। साथ ही साल 2022 में News24 में भी बतौर Sr. Sub Editor काम कियाI इलेक्ट्रॉनिक से लेकर डिजिटल मीडिया का अनुभव रखते हैं। अपने करियर में लगभग सभी विषयों जैसे- लाइफस्टाइल, ऑटो-गैजेट्स, धार्मिक, बिजनेस, फीचर्स आदि पर लेख लिख चुकें हैं। फिलहाल, नरेंद्र कुमार 'निकुंज' विधान न्यूज में बतौर Sub-Editor काम कर रहें हैं। |