लाल पेशाब होने से क्या होता है? - laal peshaab hone se kya hota hai?

पेशाब में खून आए, तो तुरंत कराएं जांच

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : अगर कभी लगे कि पेशाब का रंग लाल है, तो इसे हल्के में न लें। लाल रंग का पेशाब आने का मतलब है कि इसके साथ खून आ रहा है। यानी किडनी, पेशाब की थैली, प्रोस्टेट ग्लैंड, यूरेटर या यूरेथरा में कोई गंभीर बीमारी है। यह यूरीनरी ब्लैडर या किडनी में कैंसर, यूरीनरी पैसेज के रास्ते में पत्थरी, संक्रमण या टीबी, इंजरी या ट्रॉमा व ग्लोमेरुलोनफ्राइट्स (बच्चों में) हो सकता है। मेडिकल टर्म के मुताबिक इसे हेमाटूरिया कहा जाता है।

पेशाब में खून आने के बाद कई लोग तो डॉक्टरी सलाह ले लेते हैं, लेकिन कुछ इसे अधिक गर्मी या तला-भूना और मसालेदार भोजन लेने की वजह से हुआ असर मान लेते हैं। ऐसा कभी भी हो तो सीधे डॉक्टर के पास पहुंच जाएं वरना लेने के देने पड़ सकते हैं। अचानक खून आना बंद भी हो जाता है, जिससे व्यक्ति लापरवाह भी हो जाता है। इस वजह से अंदर के अंगों में पनप रही बीमारी और गंभीर रूप धारण कर लेती है और जान पर बन सकती है।

प्रौढ़ों में अगर पेशाब में रक्त आए, तो यह जबरदस्त पेशाब संक्रमण के लक्षण हैं या फिर यह पत्थरी भी हो सकती है। किडनी, यूरीनरी ब्लैडर या प्रोस्टेट में कैंसर या ट्यूबरक्लोसिस का ट्यूमर भी हो सकता है। ठीक होने के लिए इन बीमारियों की समय पर जांच बहुत जरूरी है। जांच में देरी हो जाए, तो यह किडनी को खराब कर सकता है या कैंसर की रसौली बढ़ सकती है।

पेशाब का सैंपल लेकर इन बीमारियों की जा सकती है जांच

सैंपल से पेशाब में रेड ब्लड सेल (आरबीसी) का पता लग जाता है। पेशाब में अगर पस सैल हों, तो यह संक्रमण की निशानी है। अल्ट्रासाउंड, पेट के स्कैन जैसे अल्ट्रा सोनोग्राफी, इंट्रा वीनस यूरोग्राफी, सिस्टोस्कोपी, सीटी स्कैन (कंप्यूटिड टोमोग्राफी) से इसकी आसानी से जांच हो सकती है। पीजीआइ के न्यू ओपीडी ब्लॉक में शुक्रवार को यूरोलॉजी के हेड प्रो. एके मंडल ने लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस बीमारी को लेकर लेक्चर दिया। इसमें 180 से ज्यादा मरीजों ने हिस्सा लिया। डा. मंडल ने बताया कि अगर जल्द जांच हो जाए, तो इलाज संभव है। बड़ी सर्जरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अमूमन लापरवाही करने पर इस रोग में किडनी या पेशाब की थैली निकालनी पड़ सकती है।

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पेशाब में खून आना एक समस्या है जिसका निवारण अतिआवश्यक है | यह एक ऐसा लक्षण है जिसको कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि पेशाब में खून किड्नीस या मूत्रमार्ग में हानि पहुँचने की वजह से हो सकता है | उनमे से सबसे आम कारण है मूत्रमार्ग में कैंसर होना |

क्या पेशाब में खून आना एक साधारण बात है ?

सीताराम भारतिया के डॉ. मयंक उप्पल, कहतें हैं – “पेशाब में खून आना ख़तरे का संकेत हो सकता है | इसीलिए जब कभी आप इस लक्षण का सामना करें तो किसी डॉक्टर से जांच ज़रूर कराएँ ताकि आगे चलकर कोई समस्या न खड़ी होजाए |”

जब पेशाब में खून पाया जाता है तब उसको मेडिकल शब्दों में हेमटूरिआ कहते है | जब खून होने के कारण पेशाब का रंग पूरा लाल पड़ जाता है तब उसको visible haematuria कहते है | जब खून नंगी आँखों से नज़र नहीं आता है तब उसको microscopic haematuria कहते है | इसका पता तभी चलता है जब पेशाब की जांच की जाती है | परन्तु दोनों परिस्तिथियों में दर्द नहीं होता है |

पेशाब में blood आने के कारण को कैसे पहचाने ?

पेशाब में खून की पहचान करने के लिए नीचे दिय गए टेस्ट्स कराने पड़ सकते है –

लाल पेशाब होने से क्या होता है? - laal peshaab hone se kya hota hai?

पेशाब में खून आने के 3 कारण

पेशाब में खून का आना निम्नलिखित तीन वजहों से हो सकता है –

(i) मूत्रमार्ग में कैंसर

पेशाब में खून पाए जाने का प्रमुख कारण है मूत्रमार्ग के किसी हिस्से जैसे कि – किड्नीस, युरेटर, ब्लैडर या प्रोस्टेट में कैंसरयुक्त ट्यूमर का होना |

डॉ. मयंक का कहना है – “यहाँ तक की ब्लैडर कैंसर (Bladder cancer) सबसे आम तरह के कैंसरों में से एक है जो भारत में 40 की उम्र से ऊपर लगभग 2% पुरुषों में पाया जाता है |”

“ब्लैडर कैंसर के अलग – अलग पड़ाव होते हैं जो हमे यह बताते है की कैंसर किस हद तक फ़ैल चुका है | जब ट्यूमर केवल ब्लैडर वॉल की सतह तक सीमित होता है तब उसको superficial ब्लैडर ट्यूमर कहा जाता है | इस तरह के कैंसर को आसानी से मैनेज किया जा सकता है | परन्तु invasive ब्लैडर कैंसर में कैंसरयुक्त कोशिकाएँ ब्लैडर वॉल के भीतर घुस जातीं हैं और वह से दूसरी जगहों में फैलने लगती हैं |”

ब्लैडर कैंसर का मुख्य कारण है धूम्रपान करना | अगर कोई अक्सर हानिकारक केमिकल्स के साथ काम करते हैं तो उनको भी ब्लैडर कैंसर हो सकता है |

क्या ब्लैडर कैंसर को ठीक किया जा सकता है ?

“जी हाँ बिलकुल | इस कैंसर का इलाज उसके स्टेज पर निर्भर करता है | जब ट्यूमर सिर्फ़ ब्लैडर की सतह तक ही मौजूद होता है तब उसको Transurethral Resection of Bladder Tumour (TURBT) नामक क्रिया से हटाया जा सकता है | इस क्रिया में एक ख़ास तरह के औज़ार का इस्तेमाल करके उन कैंसरयुक्त कोशिकाओं को ब्लैडर की सतह से काट कर निकाल दिया जाता है” डॉ. मयंक कहतें हैं |

लाल पेशाब होने से क्या होता है? - laal peshaab hone se kya hota hai?

जहाँ तक invasive ब्लैडर कैंसर की बात है, क्योंकि ट्यूमर ब्लैडर की सतह के अंदर जाकर फैलने लगता है, ऐसे में ब्लैडर को हटाना अनिवार्य हो जाता है ताकि ट्यूमर बाकि अंगों तक न पहुँचे | ब्लैडर को हटाने के पश्चात आँत के सहारे उसका पुनर्निमाण किया जाता है ताकि मरीज़ बिना किसी परेशानी के मूत्रविसर्जन कर पाए |

(ii) किडनी, युरेटर या ब्लैडर में पथरी

जब कम मात्रा में पानी और अन्य फ्लुइड्स पीने की वजह से पेशाब गाढ़ा हो जाता है तब उसमें मौजूद मिनरल्स और सॉल्ट्स इकट्ठे हो कर क्रिस्टल्स बनाने लगते है | ये क्रिस्टल्स आगे चल के किडनी स्टोन बनाते है |

डॉ. मयंक समझातें हैं – “किडनी स्टोन्स अक्सर नोकीले और तेज़ धारी वाले होते है जिसके कारण वे किड्नीस की अंदरूनी सतह को छील देते है | इससे कई बार पेशाब में खून पाया जाता है |”

पेशाब में खून आना किडनी स्टोन होने का एक लक्षण है | परन्तु इसके अलावा भी कई लक्षण किड्नीस में पथरी की ओर संकेत कर सकते है जैसे कि –

  • बार बार पेशाब आना
  • उल्टियाँ होना
  • पेट के निचले हिस्से और बग़ल में मंद दर्द होना जो बढ़ता-घटता और आता-जाता रहता हो
  • पेशाब में जलन होना

अगर किडनी स्टोन की पहचान शुरूआती समय में होजाए जब उसका माप छोटा हो, तो ऐसे स्टोन्स को ज़्यादा पानी पी कर आसानी से पेशाब द्वारा निकाला जा सकता है |

पर अगर ये स्टोन्स माप में बड़े हो जाते है तो ये आपातकालीन समस्याएँ खड़ी कर सकते है | ऐसे में सर्जरी कराना आवश्यक हो जाता है |

“जल्दी इलाज कराने पर किडनी स्टोन ज़्यादातर किस्सों में हानिकारक नहीं होता | परन्तु अगर इसके लक्षणों को नज़रअंदाज़ किया गया और लम्बे समय के लिए पथरी शरीर के अंदर रहा तो वह बड़ा हो कर मूत्रनाली या युरेटर में फिसल सकता है और वह अटक कर पेशाब की धारा को रोक सकता है | इसको यूरेट्रिक स्टोन कहते है |”

मूत्रनाली में स्टोन अटक जाना एक आपातकालीन समस्या है जिसका तुरंत इलाज करना ज़रूरी है | पेशाब न निकल पाने पर किड्नीस पर दबाव पड़ता है जो उनको नुकसान पहुँचा सकता है |

(iii) पुरुषों में प्रोस्टेट का बढ़ना (Prostate enlargement or BPH)

पुरुषों के पेशाब में खून आना प्रोस्टेट एंलार्जेमेंट या BPH (Benign Prostate Hyperplasia) की ओर इशारा कर सकता है | यह 50 की उम्र से ऊपर के पुरुषों में पाई जाने वाली एक आम बीमारी है |

प्रोस्टेट क्या होती है ?

डॉ. मयंक समझातें हैं – “प्रोस्टेट अखरोट के आकर की एक ग्रंथि है जो ब्लैडर के निचले हिस्से में मूत्रनाली या युरेटर के आसपास पाई जाती है | यह ग्रंथि पुरुष के जीवन के दौरान बढ़ती रहती है परन्तु जैसे-जैसे उम्र बढ़ती चली जाती है, प्रोस्टेट का माप अक्सर ज़्यादा बढ़ जाता है | ऐसे में वह युरेटर पर दबाव डालने लगता है जिससे पेशाब की धारा रुक सकती है |”

परन्तु इस बीमारी से पेशाब में खून कैसे आता है ?

“प्रोस्टेट ग्रंथि में कई बड़ी-बड़ी रक्तवाहिनियाँ होतीं हैं जो प्रोस्टेट के बढ़ने से टूट जातीं हैं | इससे पेशाब में खून आने लगता है |”

प्रोस्टेट एंलार्जेमेंट को दवाइयों से या सर्जरी से ठीक किया जा सकता है | कौन सा इलाज अपनाना चाहिए, ये मरीज़ के लक्षणों और प्रोस्टेट के माप पर निर्भर करता है |

पेशाब में खून आना – महेश की कहानी

महेश गुहा, 45, ने जब एक दिन देखा की उनके पेशाब में खून निकला है तब उन्होंने बिलकुल देरी नहीं करी | वह सीधा डॉ. मयंक के पास जांच कराने गए |  अच्छे से जांच कराने पर पता चला की उन्हें ब्लैडर कैंसर है |

क्योंकि ट्यूमर सिर्फ ब्लैडर के ऊपरी तह तक सीमित था, डॉ. मयंक ने TURBT करके सभी कैंसरयुक्त कोशिकाओं को निकालने का फैसला किया |  

सर्जरी के बाद महेश बिलकुल ठीक हो गए | परन्तु डॉ. मयंक ने उनको धूम्रपान करने से सख़्त मना कर दिया और यह भी सलाह दी की वह नियमित रूप से अपनी जांच के लिए आएं ताकि अगर ट्यूमर वापस प्रकट हो तो उसके बढ़ने से पहले ही उसको रोका जा सके |

महेश ने कहाँ – “यह अच्छी बात है कि मैंने पेशाब में खून आने जैसी गंभीर समस्या को नज़रअंदाज़ नहीं किया | अगर मैंने ज़रा भी देरी की होती तो कैंसर फ़ैल भी सकता था जिससे इसका इलाज करना कठिन हो जाता |”

लाल पेशाब आने पर क्या करें?

पेशाब में खून आने का उपचार कैसे किया जाता है?.
मूत्र पथ के संक्रमण को साफ करने के लिए एंटीबायोटिक दवाइयां लेना।.
बढ़ी हुई पौरुष ग्रंथि को कम करने के लिए डॉक्टर द्वारा लिखी दवाएं लेना।.
मूत्राशय या गुर्दे की पथरी को तोड़ने के लिए शॉक वेव थेरेपी (Shock Wave Therapy) का इस्तेमाल करना।.

लाल पेशाब आने का कारण क्या है?

रेड कलर-अगर पेशाब का रंग लाल हो जाए तो यह गंभीर समस्या हो सकती है. यह किडनी में स्टोन और मूत्राशय में इंफेक्शन की वजह से हो सकता है. अगर पेशाब करते वक्त दर्द नहीं हो रहा है और पेशाब का रंग लाल है तो यह और चिंता का विषय है. ऐसी स्थिति में कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है.