अमुमन महिलाओं को 11 से 13 साल की उम्र से पीरियड्स आने लगते हैं। हर महिला का पीरियड्स को लेकर अपना अलग-अलग अनुभव होता है। पीरियड कितने दिन ठहरता है या उस दौरान दर्द और रक्तस्त्राव कितना हुआ है, इन सबको लेकर प्रत्येक महिला का खुद का अलग अनुभव होता है। आमतौर पर एक स्वस्थ मासिक धर्म का चक्र 28 दिन का होता है लेकिन यह भी हर महिला में अलग-अलग होता है। यह चक्र 21 से 35 दिन का भी हो सकता है। Show
कितने दिन लेट हो सकते हैं पीरियड्स? Delay In Periodsजैसा कि हमने आपको बताया की मासिक चक्र का समय 21 से 35 दिन का हो सकता है। अगर इसी अवधि से आपको पीरियड्स होते हैं तो आपके पीरियइस नार्मल है और नियमित है। लेकिन अगर आपको इस अवधि के 2 से 3 दिन बाद तक भी पीरियड्स नहीं आता है तो भी घबराने की आवश्यकता नही हूँ। ऐसा कई बार हो जाता है जो कि सामान्य है। लेट Menstruation कब हैं चिंता का विषय?अगर आपको एक बार पीरियड्स आने के बाद दूसरी बार 6 सप्ताह तक पीरियड्स नही आते हैं, तो यह चिंता का विषय होता है। इसके अलावा अगर आपके पीरियड्स 21 से 35 दिनों के चक्र के अलावा 5 से 7 दिनों तक नही आते हैं, तब भी यह लेट पीरियड्स की श्रेणी में आता है जो कि चिंता का विषय है। क्योंकि इसके कई कारण हो सकते हैं और इस तरह आपके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। कैसे जाने की आपके पीरियड्स अनियमित हैं?अनियमित पीरियड्स के बहुत से लक्षण होते हैं जिनसे आप उनकी पहचान कर सकते हैं जैसे कि - 1. अगर आपके पीरियड्स तय चक्र के दिनों से चार या पांच दिन पहले ही आ जाते हैं
वो पांच दिन: जानें, आपका पीरियड्स आपसे क्या कहता है
| Updated: 24 Jul 2018, 11:19 am पीरियड्स न सिर्फ महिला की प्रजनन क्षमता को दिखाता है बल्कि उनकी सेहत का भी प्रमाण होता है। सामान्य माहवारी आमतौर पर 5 दिनों के लिए होती है, लेकिन कई मामलों में यह 2 दिन या अधिकतम 7 दिन तक भी रह सकती है।अच्छे प्रजनन स्वास्थ्य का सूचक है नियमित पीरियड
अनियमित पीरियड्स के कारणों की करें जांच अगर आपका पीरियड मिस होता है, तो इसका पहला सम्भावित कारण होता है, प्रेग्नेंसी। और यदि प्रेग्नेंसी नहीं हो सकती है तो तुरंत जांच कराकर अनियमित पीरियड के कारणों का पता लगाकर इलाज किया जाना चाहिए। इनमें सबसे बुरा होता है इंटर-मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग। यह इमर्जेंसी कॉन्ट्रसेप्टिव पिल के इस्तेमाल की वजह से हो सकता है, लेकिन यदि ऐसा है तो भी अपने स्त्रीरोग विशेषज्ञ से जरूर मिलें क्योंकि ऐसे में ट्यूबल प्रेग्नेंसी भी हो सकती है। इंटर मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग के जांच के लिए पैप स्मियर और अल्ट्रासाउंड किया जाता है, क्योंकि यह अघातक पॉलिप से लेकर ओवेरियन सिस्ट या सर्विक्स या यूट्रस के घातक कैंसर तक का संकेत हो सकता है। पीरियड्स में बेहतर विकल्प है मेंस्ट्रुअल कप्स फैब्रॉइड्स से पीरियड्स में होता है तेज दर्द सामान्य पीरियड में पहले या दूसरे दिन हल्का दर्द हो सकता है, लेकिन यदि इसमें गम्भीर दर्द होता है तो यह फैब्रॉइड्स या एंडोमेट्रियोसिस की वजह से हो सकता है। एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें गर्भाशय की बाहरी लाइनिंग के टिशू में असामान्य ग्रोथ होने लग जाती है जो कि सिस्ट अथवा घाव में बदल जाती है और पीरियड में असहनीय दर्द का कारण बन जाती है। कई मामलों में तो इसकी वजह से गर्भधारण में भी कठिनाई आती है। कई महिलाओं को इसकी वजह से सेक्स के दौरान भी दर्द होता है। फैब्रॉइड्स गर्भाशय में होने वाली अहानिकारक ग्रोथ का परिणाम होते हैं जो आमतौर पर 5-19 मिमी से लेकर 15-20 सेंटीमीटर तक साइज के होते हैं। आमतौर पर अहानिकारक, फैब्रॉइड्स हेवी, दर्द वाले होते हैं जिसमें पेट में भारीपन भी महसूस होता है और बार-बार पेशाब महसूस होता है अथवा कब्ज भी हो सकता है। हॉर्मोनल बदलाव की वजह से होता है PMS अधिकतर मामलों में पीरियड के दौरान मूड स्विंग, छाती में पीड़ा, ब्लोटिंग या डिप्रेशन महसूस होता है। यह प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम जिसे PMS भी कहते हैं, से सम्बंधित होता है। ऐसा साइकल के सेकंड हाफ में बनने वाले हॉर्मोंस की वजह से होता है, जिससे शरीर में वॉटर रिटेंशन होता है और पीरियड के बाद, महिला को काफी राहत महसूस होती है। पीएमएस के असर को स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाकर, व्यायाम करके और साइकल के सेकंड हाफ में नमक कम खाकर शांत किया जा सकता है। विटमिन बी सप्लिमेंट और प्रिमरोज ऑइल इसमें सहायक है। यहां पीरियड्स के दौरान घर से अलग रहती हैं लड़कियां अच्छे प्रजनन स्वास्थ्य का सूचक है पीरियड्स पीरियड को एक अभिशाप की तरह न लें बल्कि, एक नियमित पीरियड आपके अच्छे प्रजनन स्वास्थ्य का सूचक होता है और इस सामान्य पैटर्न में किसी भी प्रकार का बदलाव इस बात का पहला संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में कुछ असामान्य घटित हो रहा है। यह समस्या आपके प्रजनन सम्बंधी अंगों से संबंधित हो सकती है या फिर थायरॉइड, टीबी या मेटाबॉलिक सिंड्रोम का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि माहवारी में कोई भी अनियमितता होने पर अपनी गाइनैकॉल्जिस्ट से सम्पर्क करें। लेखक: डॉ मीनाक्षी आहूजा, गाइनैकॉल्जिस्ट, दिल्ली Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादपीरियड कितने दिन तक रहना चाहिए?माहवारी दो से आठ दिन तक रह सकती है और मासिक चक्र (एक माहवारी के शुरू होने से लेकर अगली माहवारी के एक दिन पहले तक की अवधि) सामान्यतया 24 से 35 दिन तक रहता है। अनियमित माहवारी के बहुत से संभावित कारण होते हैं और इलाज उसके मूल कारण पर निर्भर करता है।
प्रेग्नेंट होने के सबसे ज्यादा चांस कब होते हैं?पहली, अपने माहवारी चक्र और कब आप अंडोत्सर्ग (ovulate) करती हैं यह जानने का प्रयास करें। यह आपका फर्टिलिटी का समय (fertility window) है। यदि आप उस दौरान सेक्स करती है तो गर्भवती(pregnant) होने की संभावना सबसे अधिक होती है। और यह आमतौर पर आपके आखिरी पीरियड के शुरू होने के 12-16 दिन बाद होता है।
महिला प्रेग्नेंट कब नहीं होती है?डॉक्टरों का मानना है कि पीरियड्स आने वाले दिनों में गर्भधारण का चांस बहुत कम होता है। अगर आपके पीरियड नियमित हैं और आपका मासिक चक्र 28 दिनों का है तो आपके साथ ऐसा हो सकता है। वहीं जो महिलाएं गर्भधारण नहीं करना चाहती हैं, वो पीरियड से तुरंत पहले और बाद में भी गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करती हैं।
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