भारत को मुख्यतः पांच भौतिक प्रदेशों में विभाजित किया जाता है –
भारत का कुल क्षेत्रफल निम्न उच्चावच में आता है- 1⃣ उत्तर भारत का विशाल मैदान हिमालय की देन राजनीतिक दृष्टि से मैदान का विस्तार उत्तरी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, यूपी, बिहार ,बंगाल व ,असम राज्य में है। नदियों
का प्रवाह मार्ग परिवर्तन उत्तर भारत के विशाल मैदान का वर्गीकरण मिट्टी की विशेषता व ढाल के आधार पर वर्गीकरण- 1⃣ भाभर प्रदेश- 2⃣ तराई प्रदेश- 3⃣ काँप प्रदेश /गंगोध /गंगा की काँप- खादर प्रदेश- 4⃣ रेह/कल्लर- 5⃣ भूड- 6⃣ डेल्टाई प्रदेश- बैड लैंड- विशाल मैदान की दक्षिणी सीमा पर चंबल व सोन नदी के बीच का भाग जो कि बुरी तरह कटा फटा भाग है। विशाल मैदान का उपविभाजन पंजाब -हरियाणा मैदान 1⃣ पंजाब हरियाणा मैदान सतलज यमुना विभाजक मैदान भी कहा जाता है। चो- नदी निर्मित खंड जिन्हें स्थानीय भाषा में चो कहते हैं। पंजाब के होशियारपुर में सर्वाधिक पाए जाते हैं। 2⃣ राजस्थान का मैदान- क्षेत्रफल -1.75 लाख Km² 3⃣ गंगा मैदान- 3⃣ निम्न गंगा मैदान गंगा की
सहायक नदियां बाईं ओर से मिलने वाली( हिमालय से निकलने वाली)- रामगंगा ,गोमती ,घागरा, गंडक, कोसी, महानंदा । 4⃣ ब्रम्हपुत्र मैदान/ असम घाटी – ढाल कम होने के कारण इस क्षेत्र में कई नदी विसर्प बनते हैं जिस से कई निम्न भूमियों का निर्माण होता है इन्हें बिल (Bill) कहते हैं । तटीय मैदानसमुद्र द्वारा किए गए अपरदन व नदियों द्वारा लाए गए जलोढ़ निक्षेप( कीचड़) द्वारा तटीय मैदानों का निर्माण हुआ है । तटीय मैदान को दो प्रमुख भागों में बांटा जा सकता है – पश्चिमी तटीय मैदान पूर्वी तटीय मैदान 1⃣ पश्चिमी तटीय मैदान पश्चिमी तटीय मैदान की नदियां डेल्टा का निर्माण नहीं करती है
।डेल्टा की जगह ज्वारनदमुख का निर्माण करती है। पश्चिमी घाट पश्चिम में कच्छ की खाड़ी से लेकर कुमारी अंतरीप तक फैला है । पश्चिमी तटीय मैदान के उपखंड गुजरात का मैदान- कोकण मैदान – मालाबार
तट दक्षिण तटीय मैदान/ केरल का तटीय मैदान- नदियों के मुहाने पर बालू जमा होने से सर्पिलाकार झीलों का निर्माण होता है इन्हें लैगून व स्थानीय भाषा में कयाल कहा जाता है । 2⃣ पूर्वी तटीय मैदान- पूर्वी तटीय मैदान के निम्न तीन भाग है – 2⃣ उत्तरी सरकार तट /आंध्र मैदान- 3⃣ तमिलनाडु मैदान/ कोरोमंडल तट उपयुक्त तीनों तटों पर लैगून झीले पाई जाती है । अस्मिता मिश्रा मैदानी क्षेत्र में क्या क्या विशेषताएं होती है?अपरदन की क्रिया के द्वारा सतह नीची हो जाती है तथा निक्षेपण की प्रक्रिया के द्वारा इनका फिर से निर्माण होता हैं। ये दो प्रक्रियाएँ बहते हुए जल, वायु तथा बर्फ के द्वारा होती हैं। हम विभिन्न स्थलरूपों को उनकी ऊँचाई एवं ढाल के आधार पर पर्वतों, पठारों एवं मैदानों में वर्गीकृत कर सकते हैं।
मैदान कितने प्रकार के होते हैं?स्थिति के आधार पर मैदानों का वर्गीकरण. (1) तटीय मैदान (Coastal Plain ) -. (2) आन्तरिक मैदान (Interior Plain) -. समतल मैदान-. (अ) गिरिपाद जलोढ़ मैदान-. (ब) बाढ़ मैदान-. (स) डेल्टा का मैदान-. (2) झीलकृत मैदान-. मैदानी क्षेत्र को क्या कहते हैं?धरातल पर मिलने वाले अपेश्राक्रत समतल निम्न भू-भाग को मैदान कह्ते हैं। इनका ढाल एकदम न्यून होता हैं तथा एसे क्षेत्रों में नदियों का प्रवाह धीमें पड़ जाता हैं।
मैदान कैसे होते हैं?एक विस्तृत समतल भू-क्षेत्र जिसकी ऊँचाई सामान्यतः कम होती है। सामान्यतः सागर तल से 150 मीटर तक ऊँचे तथा समतल विस्तीर्ण भूखंड मैदान कहलाते हैं।
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