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सेना के सूबेदार नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलिंपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. नई दिल्ली: सेना के सूबेदार नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलिंपिक में 87.58 मीटर के जैवलिन थ्रो इवेंट में भाला फेंक कर ओलिम्पिक में राष्ट्र का पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. यह टोक्यो में ट्रैक और फील्ड स्पर्धाओं में पहला ओलिंपिक पदक है. एथलेटिक्स में भारत के 121 साल के इंतजार के बाद भाला फेंक में मेडल मिला. अब नीरज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के क्लब में शामिल हो गए हैं और ओलिंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं. 23 वर्षीय नीरज का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत के एक छोटे से गांव खंडार के किसान परिवार में हुआ. उनके पिता सतीश कुमार एक किसान हैं और माता सरोज देवी एक गृहिणी हैं. वह दो बहनों के साथ बड़ा हुआ. अच्छी तन्दुरुस्ती और वजन कम करने के लिए नीरज ने भाला फेंकना शुरू किया तथा जल्द ही वह इस खेल को पसंद करने लगा. यह भी पढ़ेंनीरज विश्व अंडर-20 चैम्पियनशिप, पोलैंड में अपने प्रदर्शन के साथ सुर्खियों में आए, जहां उन्होंने 86.48 मीटर के थ्रो के साथ एक नया जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने भुवनेश्वर में 85.23 मीटर के थ्रो के साथ एशियाई चैम्पियनशिप 2017 जीती. नीरज ने जर्मनी के महान कोच उवे हॉन के सानिध्य में प्रशिक्षण शुरू किया और कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में 86.47 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता और डायमंड लीग 2018 के दोहा लीग में 87.43 मीटर थ्रो के साथ सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन किया. उन्होंने एशियाई खेलों में 88.06 मीटर के थ्रो के साथ जीत हासिल की. सूबेदार नीरज 15 मई 2016 को सेना के 4 राजपूताना राइफल्स में नायब सूबेदार के रूप में दाखिल हुए. भारतीय सेना में शामिल होने के बाद, उन्हें मिशन ओलिंपिक विंग और आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट, पुणे में प्रशिक्षण के लिए चुना गया. मिशन ओलंपिक विंग, विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए पांच मिशन ओलंपिक नोड्स में ग्यारह चयनित विषयों में सर्वोत्कृष्ट खिलाड़ियों की पहचान करने और प्रशिक्षित करने के लिए भारतीय सेना की एक प्रमुख पहल है. सेना के मिशन ओलंपिक विंग ने अब तक राष्ट्र को निशानेबाजी में दो ओलिंपिक रजत पदक दिए हैं तथा कई और पदक के लिए प्रतिबद्ध है. सूबेदार नीरज चोपड़ा का पदक मिशन ओलिंपिक विंग की कड़ी मेहनत और प्रयासों पर रोशनी डालता है. सूबेदार नीरज को खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 2018 में अर्जुन पुरस्कार और 2020 में वीएसएम से सम्मानित किया गया.
Olympics.com के मुताबिक, ब्रेक के बाद नीरज चोपड़ा ने Paavo Nurmi Games के लिए जब ट्रेनिंग शुरू की, तो उनका शारीरिक वजन 97 किलोग्राम पहुंच गया था। ब्रेक के दौरान उनका बॉडी वेट 12 से 14 किलोग्राम तक बढ़ा। वहीं, बॉडी फैट भी 16 प्रतिशत के करीब पहुंच गया था। जो कि उनकी आइडियल रेंज से तकरीबन 60 प्रतिशत तक ज्यादा है। जिसके बाद उन्होंने सेल्फ कंट्रोल से वापिस फिटनेस हासिल की। नीरज चोपड़ा वेट लॉस जर्नी- जानें उनकी डाइटPaavo Nurmi Games के लिए वेट लॉस करना बहुत जरूरी था। इसलिए नीरज चोपड़ा ने वापिस शेप में आने के लिए सबसे पहले शुगर को अपनी डाइट से कम किया। Olympics.com के मुताबिक, उनकी डाइटिशियन मिहिरा खोपकर ने पांच हफ्तों तक नीरज की डाइट (Athlete Neeraj Chopra's Diet) से कार्बोहाइड्रेट्स फूड कम कर दिए और प्रोटीन फूड्स में बढ़ोतरी की। गोल्ड मेडल विजेता प्रोटीन के लिए चिकन, सैल्मन मछली, अंडे, खूब सारा वेजिटेबल सलाद और प्रोटीन सप्लीमेंट लेते थे। वहीं, कार्बोहाइड्रेट्स फूड में आलू में मौजूद था। Neeraj Chopra की जैवलिन थ्रो करते हुए फोटोवेट लॉस के लिए फिटनेस रुटीनवजन कम करने के लिए डाइट के साथ एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी थी। वेट लॉस के लिए नीरज ने अपने फिटनेस रुटीन (Athlete Neeraj Chopra's Fitness Routine) में कार्डियो एक्सरसाइज को शामिल किया। कार्डियो में भी वो रनिंग पर काफी मेहनत करते थे। उनके फिजियो इशान मारवाह के मुताबिक, उस वजन के साथ शुरुआत में दौड़ लगाना काफी मुश्किल काम था। लेकिन धीरे-धीरे हमने रनिंग का डिस्टेंस 5K तक बढ़ाया। हर्डल्स जंप एक्सरसाइज भी करते हैं नीरजवेट लॉस जर्नी से मिला शानदार रिजल्टOlympics.com के मुताबिक, एथलीट नीरज चोपड़ा ने वेट ट्रेनिंग के शुरुआती कुछ हफ्तों में ही 2 किलोग्राम वजन घटा लिया था। जिसके बाद वे बहुत जल्द वापिस शेप में आ गए। नीरज चोपड़ा की इस वेट लॉस जर्नी (Neeraj Chopra's Weight loss journey) से वो ना सिर्फ पहले से ज्यादा मजबूत और बेहतर जैवलिन थ्रोअर बनें, बल्कि Paavo Nurmi Games, Diamond League, World Athletic Championships 2022 में रिकॉर्डतोड़ मेडल हासिल किए। डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें नीरज चोपड़ा के भाले का वजन कितना है?जानें Javelin throw खेल के नियम, जिसमें नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास
एथलेटिक्स में भाले का वजन कितना होता है?सीनियर पुरुषों की प्रतियोगिताओं में इस्तेमाल किए जाने वाले भाले का वजन कम से कम 800 ग्राम और माप 2.6 मीटर और 2.7 मीटर के बीच होनी चाहिए। महिलाओं के लिए न्यूनतम वजन 600 ग्राम होना चाहिए, जबकि भाले की लंबाई 2.2 मीटर और 2.3 मीटर के बीच हो सकती है। एक भाले के तीन हिस्से होते हैं - हेड, शाफ्ट और कॉर्ड ग्रिप।
Bhale में कितना वजन था?पुरुषों के भाले के वजन 800 ग्राम होता है परन्तु स्त्री के भाले का वजन 600 ग्राम होता है। पुरुष के भाले की लम्बाई 2.6 मीटर से 2.7 मीटर के बीच होता हैं और वहीं महीला के भाले की लम्बाई 2.2 मीटर से 2.3 मीटर के बीच होती है।
नीरज चोपड़ा ने कितनी दूर है?नीरज ने अमेरिका के यूजीन में हुई चैम्पियनशिप के फाइनल में 88.13 मीटर दूर फेंका भाला फेंकते हुए सिल्वर मेडल पर निशाना साधा. रोहित यादव 10वें नंबर पर रहते हुए फाइनल में मेडल की रेस से बाहर हुए.
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