भूगोल के विषय क्षेत्र क्या है? - bhoogol ke vishay kshetr kya hai?

मानव भूगोल की परिभाषा एवं विषय क्षेत्र -in 2023

मानव भूगोल की परिभाषा:-

 फ्रेडरिक रेटजेल के अनुसार - "मानव सर्वत्र वातावरण से संबंधित होता है, जो स्वयं भौतिक दशाओं का एक योग है।"

कुमारी ई सी सैंपुल के अनुसार - "क्रियाशील मानव एवं गतिशील पृथ्वी के परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन ही मानव भूगोल है।"  

भूगोल के विषय क्षेत्र क्या है? - bhoogol ke vishay kshetr kya hai?

      मानव भूगोल के अध्ययन का केंद्र बिंदु मानव है। अर्थात मानव भूगोल के अंतर्गत मानव जातियां, जनजातियों का वितरण घनत्व तथा घनत्व को प्रभावित करने वाले तथ्य लिंग, अनुपात, आयु ,वर्ग स्वास्थ्य तथा कार्यक्षमता आदि का अध्ययन किया जाता है। मानवीय प्रतिक्रियाओं के अंतर्गत मानव की आवश्यकताएं तकनीकी उन्नति का अध्ययन सम्मिलित किया जाता है। इस प्रकार मानव भूगोल विभिन्न प्रदेशों में निवास करने वाले जनसंख्या समूहों एवं उनकी प्राकृतिक परिस्थितियों के पारस्परिक संबंधों की तारीख की विवेचना की जाती है।

 मानव भूगोल से अभिप्राय

      मानव भूगोल - भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसके अध्ययन का एक पक्ष मानव तथा उसके क्रियाकलाप तथा दूसरा पक्ष उसके प्राकृतिक वातावरण की शक्तियां एवं उनका प्रभाव है। मानवीय क्रियाएं उनका प्राकृतिक वातावरण की दशाएं परिवर्तनशील है अतः इनका परसपरिक संबंध भी परिवर्तनशील हो जाता है। मानव तथा प्राकृतिक वातावरण की इस परसपरिक परिवर्तनशील संबंधों का विस्तृत अध्ययन ही मानव भूगोल है।

मानव भूगोल की प्रकृति का वर्णन

     मानव भूगोल -भूगोल शास्त्र की एक प्रमुख शाखा है, जिसमें मानव पक्ष को केंद्र मानकर आर्थिक एवं प्राकृतिक वातावरण का अध्ययन किया जाता है। मानव का प्राकृतिक वातावरण से घनिष्ठ संबंध होता है मानव एवं प्राकृतिक वातावरण की परस्पर क्रिया एवं प्रतिक्रियाओं के परिणाम स्वरूप संस्कृत पर्यावरण का निर्माण एवं विकास होता है अतः संस्कृतियों की व्याख्या करने पर मानव एवं प्राकृतिक वातावरण का परस्पर संबंध होता है। जो कि मानवीय क्रियाएं और प्राकृतिक वातावरण की दशा परिवर्तनशील है अतः इनका पारस्परिक संबंध भी परिवर्तनशील होता है अतः मानव भूगोल क्रियाशील मानव एवं प्रकृति के परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है।

मानव भूगोल का विषय क्षेत्र को समझाइए -

       मानव भूगोल का विषय क्षेत्र अत्यंत व्यापक है भूगोल की इस शाखा में विभिन्न प्रदेशों में निवास करने वाले जनसंख्या के समूह एवं उनकी प्राकृतिक परिस्थितियों के पारस्परिक संबंधों की तार्किक विवेचना की जाती है अतः इसके अध्ययन के अंतर्गत निम्न पक्षों को सम्मिलित किया जाता है

1. किसी प्रदेश की जनसंख्या तथा उसकी क्षमता और मानव भूमि अनुपात।

2. प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों का मूल्यांकन।

3.प्रदेश में निवास करने वाले मानव समुदाय द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के शोषण एवं उपयोग से निर्मित संस्कृतिक भु दृश्य।

4.प्रदेश के प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक वातावरण के कार्यात्मक संबंधों से उत्पन्न मानव वातावरण समायोजन का प्रारूप।

5. वातावरण समायोजन का समय अनुसार विकास तथा उसकी दिशा का इतिहास।

मानव भूगोल के उप-क्षेत्र कौन-कौन से हैं?

     मानव भूगोल के उप-क्षेत्र में आर्थिक भूगोल, जनसंख्या भूगोल, सांस्कृतिक भूगोल, सामाजिक भूगोल, रानीतिक भूगोल, एतिहासिक भूगोल ये सभी मानव भूगोल के उप-क्षेत्र हैं|

इन्हें भी पढ़ें :-

  • जनसंख्या के वितरण घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक
  • भूगोल का अर्थ एवं परिभाषा
  • मानव भूगोल का विषय क्षेत्र
  • पर्वत किसे कहते हैं
  • वायु मंडल किसे कहते हैं
  • कृषि कितने प्रकार के होते हैं
  • आधुनिक नगरों की विशेषताएं
  • भूगोल के विभिन्न संबंध

GK Questions 

इनका उतर Comment में दें !!

1. मानव भूगोल से संबंधित प्रथम ग्रंथ की रचना किसने की ?
उत्तर -

2. मानव भूगोल को सांस्कृतिक भूगोल की संस्था किसने दी है ?
उत्तर -

3. मानव भूगोल के जन्मदाता कौन हैं?
उत्तर-

मानव भूगोल के विषय क्षेत्र पर एक टिप्पणी लिखिए

 प्रश्न । 

 मानव भूगोल के विषय क्षेत्र पर एक टिप्पणी लिखिए

कक्षा 12: मानव भूगोल के मूल सिद्धांत, अध्याय 1 मानव भूगोल-प्रकृति एवं विषय क्षेत्र)

उत्तर। 

जर्मन भूगोलवेत्ता रत्ज़ेल के अनुसार,

मानव भूगोल मानव संसार (सांस्कृतिक वातावरण) और भौतिक पर्यावरण (प्राकृतिक दुनिया) के बीच संबंधों का अध्ययन है।

मानव भूगोल का दायरा बहुत व्यापक है क्योंकि यह भौतिक भूगोल, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान का एक अंतःविषय विषय है।

मोटे तौर पर निम्नलिखित अध्ययन मानव भूगोल में शामिल हैं:

  • मानव भूगोल पर्यावरणीय नियतिवाद से कट्टरपंथी और नारीवादी भूगोल तक भौगोलिक विचारों के विकास के अध्ययन पर जोर देता है।
  • मानव भूगोल में अध्ययन के कई व्यापक क्षेत्र हैं जैसे बस्तियों का भूगोल (मानव बस्तियों का अध्ययन), आर्थिक भूगोल (संसाधनों और प्रौद्योगिकी का अध्ययन, विकास), क्षेत्रीय विकास (क्षेत्रीय नियोजन का अध्ययन), और राजनीतिक भूगोल जिसमें राज्यों और राष्ट्रों की अवधारणा शामिल है , आदि।
  • घर, गाँव, शहर, बंदरगाह, उद्योग और कृषि गतिविधियाँ जैसे बुनियादी ढाँचे का निर्माण मानव द्वारा भौतिक वातावरण द्वारा उपलब्ध कराए गए संसाधनों का उपयोग करके किया जाता है।
  • मानव भूगोल ने प्राकृतिक नियमों की बेहतर समझ साबित करने के बाद प्रौद्योगिकी के विकास में मदद की। उदाहरण के लिए, प्रारंभिक मनुष्यों ने घर्षण की अवधारणा को समझकर आग की खोज की।
  • ग्रिफ़िथ टेलर की नव-निर्धारणवाद की अवधारणा (मानव भूगोल के दृष्टिकोणों में से एक) ने हमें विकास की स्थिरता की अवधारणा सिखाई।

You may like also:

  • Write a note on the scope of human geography.
  • मानव भूगोल के मूल सिद्धांत के संपूर्ण हल| कक्षा 12 भूगोल 
  • Complete solution of Fundamentals of Human Geography | NCERT Class 12 geography solutions

  • Tweet
  • Share
  • Share
  • Share
  • Share

भूगोल के विषय क्षेत्र कौन कौन से हैं?

भूगोल एक समग्र और अन्तर्सम्बंधित क्षेत्रीय अध्ययन है जो स्थानिक संरचना में भूत से भविष्य में होने वाले परिवर्तन का अध्ययन करता है । इस तरह भूगोल का क्षेत्र विविध विषयों जैसे सैन्य सेवाओं, पर्यावरण प्रबंधन, जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, मौसम विज्ञान, नियोजन और विविध सामाजिक विज्ञानों में है।

भूगोल विषय क्या होता है?

भूगोल (अंग्रेज़ी: Geography) वह विज्ञान है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महाद्वीप, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, जल-संधियाँ, वन आदि) का ज्ञान होता है।

भूगोल क्या है इसकी प्रकृति एवं क्षेत्र की व्याख्या कीजिए?

भूगोल की प्रकृति भूतल या पृथ्वी के तल के वैज्ञानिक अध्ययन पर भूगोल का एकाधिकार है। (2) भूगोल अंतर्सम्बन्धों का अध्ययन है : भूगोल संपूर्ण पृथ्वी तल या उसके विभिन्न भागों में विद्यमान विभिन्न प्राकृतिक तथा मानवीय तत्वों के मध्य पाये जाने पारस्परिक संबंधों की व्याख्या करता है।

भूगोल में कितने विषय होते हैं?

भूगोल (Geography) मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं : भौतिक भूगोल, मानव भूगोल और प्रादेशिक भूगोल, जिन्हें भौतिक तथा मानवीय परिघटनाओं के रूप में वर्गीकृत किया गया है. वैसे तो भूगोल की कई शाखाएँ होती हैं लेकिन यह तीन भूगोल की प्रमुख शाखाएँ मानी जाती है.