रंगमंच पर आपने कई नाटक देखे होंगे। अब नाटक भी अलग-अलग तरह के होते हैं, और एकांकी भी एक तरह का नाटक ही है। और आज हम इसी के बारे में विस्तार से बात करेंगे कि एकांकी किसे कहते हैं? एकांकी और नाटक में अंतर क्या होता है, और एकांकी की विशेषताएँ क्या-क्या हैं? सबसे पहले हम जानते हैं कि नाटक क्या होता है? तो अभिनय के
माध्यम से समाज एवं व्यक्ति के चरित्रों का प्रदर्शन ही ‘नाटक’ है। परंपरागत रूप से नाटक के मुख्यतः पाँच अंक होते हैं, जिसमें आरम्भ, विकास, चरम और अंत दिखाया जाता है। एकांकी नाटक से छोटी एक अंकवाली होती है। इसे नाम में ही है, एक अंक। एकांकी उस नाटक को कहते हैं, जिसमें सम्पूर्ण कथानक की समाप्ति एक ही अंक में हो जाती है। नाट्य-साहित्य की परंपरा में एकांकी का अस्तित्व नहीं था; यह बाद में आया है इसलिए इसे एक
स्वतंत्र विधा के रूप में माना जाता है। यद्यपि एकांकी नाटक का ही छोटा रूप है तथापि यह उससे अलग भी है। इसमें एक ही मुख्य घटना या जीवन की एक संवेदना को दृश्यबद्ध किया जाता है। सम्प्रति मानव-जीवन की व्यस्तता और गतिमयता के कारण नाटकों का अस्तित्व खोता जा रहा है और उसके स्थान पर एकांकी लोकप्रिय हो रही है। सम्भव है कि भविष्य में एकांकी को ही लोग ‘नाटक’ की संज्ञा देने लगें। एकांकी लेखकों में रामकुमार वर्मा, जगदीशचंद्र माथुर, उपेन्द्रनाथ अश्क, भारतभूषण अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण मिश्र, गिरिजाकुमार माथुर, यशपाल, अमृतलाल नागर आदि उल्लेखनीय हैं।
विषयसूची एकांकी से आप क्या समझते हैं हिंदी एकांकी का विकास का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए?इसे सुनेंरोकेंसंक्षिप्ततः, हिन्दी एकांकी का विकास क्रमशः भारतेन्दु-युग, प्रसाद-युग, प्रसादोत्तर-युग तथा स्वतंत्रयोत्तर-युग में सम्पन्न हुआ। भारतेन्दु युग में जो एकांकी लिखे गये वे प्रायः नाटक का ही लघु रूप थे। इस युग में एकांकी का स्वतंत्र रूप नहीं मिलता। उनका पहला एकांकी बादल की मृत्यु सन १९३० में प्रकाशित हुआ था . एकांकी कितने प्रकार के होते हैं? एकांकी के प्रकार
एकांकी का मतलब क्या होता है हिंदी में? इसे सुनेंरोकें(दृश्यकाव्य या नाटक) जो एक ही अंक में पूरा हो। आजकल वह छोटा नाटक जिसमं कई दृश्यों का एक ही अंक हो। एक दिन एकांकी किसकी रचना है?इसे सुनेंरोकें(iv) हबीब तनवीर का जीवन परिचय । (v) ‘एक दिन’ एकांकी के आधार पर शीला का चरित्र-चित्रण कीजिए। हिंदी एकांकी के विकास क्रम को कितने भागों में बांटा गया है? इसे सुनेंरोकें1. भारतेन्दु – द्विवेदी युग – (1875 से 1928 ई.) 2. प्रसाद युग – (1929 से 1937 ई.) नाटक और एकांकी में क्या अंतर है लिखिए? इसे सुनेंरोकेंनाटक में अधिकारिक कथा के साथ-साथ सहायक गौण कथाएं भी होती है। एकांकी में एक ही कथा और घटना होती है। एकांकी में पात्रों की क्रियाकलापों और चरित्रों का संयोजन इस रूप में होता है कि एकांकी होते हुए भी उसके व्यक्तित्व का समूचा बिम्ब मिल जाए। इस एकांकी का क्या उद्देश्य है लिखिए?इसे सुनेंरोकें1) औरतों की दशा को सुधारना व उनको उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कराना है। 2) लड़कियों के विवाह में आने वाली समस्या को समाज के सामने लाना। 3) स्त्री -शिक्षा के प्रति दोहरी मानसिकता रखने वालों को बेनकाब करना। 6) औरत को उसके व्यक्तित्व की रक्षा करने का संदेश देती है और कई सीमा तक इस उद्देश्य में सफल भी होती है। एकांकी का मूल कथ्य क्या है? इसे सुनेंरोकेंकथावस्तु एकांकी की मूल संवेदना है। एकांकीकार जिस विशेष उददेश्य से किसी विशिष्ट भाव, विचार अथवा समस्या को अभिव्यक्ति करना चाहता है, उसी के अनुरूप कथावस्तु को आरम्भ से अंत तक घुमाव-फिराव के नाटकीय मोड़ो के बीच चमत्कार वेग के साथ गठित करता है। एक दिन एकांकी के प्रमुख पात्र कौन थे? इसे सुनेंरोकें➲ ‘एक दिन’ एकांकी का प्रमुख पात्र ‘राजनाथ’ है। इस एकांकी का मुख्य मात्र ‘राजनाथ’ नाम का व्यक्ति है। एकांकी में राजनाथ के अतिरिक्त कई अन्य पात्र हैं, जिसमे राजनाथ का पुत्र मोहन और पुत्री शीला है। राजपूत की हार किसकी रचना है?इसे सुनेंरोकेंरामकुमार वर्मा ने एतिहासिक एवं समस्यामूलक एकांकियों की रचना की है जिनका स्वर आदर्शवादी है। एकांकी से आप क्या समझते हैं?एक अंक वाले नाटकों को एकांकी कहते हैं। अंग्रेजी के 'वन ऐक्ट प्ले' शब्द के लिए हिंदी में 'एकांकी नाटक' और 'एकांकी' दोनों ही शब्दों का समान रूप से व्यवहार होता है। भाणः स्याद् धूर्तचरितो नानावस्थांतरात्मकः।
नाटक एवं एकांकी में क्या अंतर है?नाटक में चरित्र का क्रमशः विकास दर्शाया जाता है। एकांकी में पात्रों की क्रियाकलापों और चरित्रों का संयोजन इस रूप में होता है कि एकांकी होते हुए भी उसके व्यक्तित्व का समूचा बिम्ब मिल जाए।
एकांकी से आप क्या समझते है नाटक व एकांकी में क्या अंतर है 5 5 एकांकी व नाटक के नाम और उनके लेखक की एक सूची बनाइए?नाटक एवं एकांकी में कोई चार अंतर :-. नाटक में कई अंक होते हैं एकांकी में मात्र एक अंक होता है. नाटक में पात्रों की संख्या अधिक होती है एकांकी में पात्रों की संख्या नाटक की अपेक्षा कम होती है. नाटक में अधिकारिक कथावस्तु के साथ-साथ अनेक प्रसांगिक कथाएं होती हैं ... . नाटक दृश्य काव्य का वृहद रूप है. एकांकी और नाटक के तत्व क्या है?नाटक के समान एकांकी में भी छः तत्व होते हैं-
ऐसा भी नहीं कि नाटक को छोटा करके एकांकी बना लिया जाए। एकांकी सर्वथा स्वतंत्र विधा है। नाटक में घटनाओं की बहुलता रहती है, जबकि एकांकी पात्र, घटना, संवाद आदि की दृष्टियों से सीमित होता है। नाटक में अनेक अंक होते हैं, किंतु एकांकी में एक ही अंक होता है ।
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