नवजात शिशु को गैस होना आम बात है। शिशु को दूध पिलाने का कोई निश्चित समय नहीं होता है, इसलिए वह कभी भी मां का दूध पीने लगते हैं। ऐसे में शिशु पूरे दिन में करीब 16 से 20 बार तक गैस निकाल सकते हैं। गैस की वजह से शिशुओं को कुछ हद तक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कुछ शिशुओं को गैस बाहर निकालने में परेशानी नहीं होती है, जबकि कुछ शिशुओं को गैस अधिक परेशान कर सकती है। अगर आपका शिशु बिना किसी कारणवश बैचेन होकर बार-बार रो रहा हो, तो यह उसकी गैस होने की समस्या का संकेत हो सकता है। Show
(और पढ़ें - बच्चों की इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं) शिशुओं की इसी परेशानी को आगे विस्तार से बताया जा रहा है। इसमें नवजात शिशु को गैस होने के लक्षण, शिशु को गैस के कारण, नवजात शिशुओं की गैस का इलाज, शिशु को गैस होने पर डॉक्टर के पास कब लेकर जाएं और नवजात शिशु को गैस होने पर बचाव आदि विषयों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। आपने अक्सर देखा होगा कि नवजात शिशु दिन में कई बार गैस पास करते हैं। अगर बच्चा दिनभर में 15-20 बार से ज्यादा गैस पास करे, तो इसमें हैरानी वाली कोई बात नहीं है। समय पर गैस पास करते रहना बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, लेकिन कई बार यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है, जिससे बच्चा परेशान हो जाता है। इसके चलते वह काफी रोता है और चिड़चिड़ा भी हो जाता है। अगर आपके शिशु को भी गैस की समस्या होती है और इसके चलते वह काफी परेशान रहता है, तो मॉमजंक्शन का यह लेख आपके काम आएगा। इस लेख में हम बताएंगे कि किन कारणों से शिशु को गैस होती है, इसके लक्षण क्या हैं और गैस का इलाज कैसे करें आदि। आइए, पहले जानते हैं कि किन कारणों से शिशुओं में गैस की समस्या होती है। शिशुओं को गैस और ब्लोटिंग किन कारणों से होती है? | Bacho Me Gas Ki Problemशुरुआती तीन महीनों में शिशुओं को गैस होना आम बात है, क्योंकि इस दौरान उनकी आंतों का विकास हो रहा होता है। जब शिशु का शरीर मां का दूध या फॉर्मूला दूध का पाचन करता है, तो उसके पेट में गैस बनने लगती है। वहीं, जब छह महीने के बाद शिशु को ठोस आहार देना शुरू किया जाता है, तो ऐसे में नए खाद्य पदार्थों के चलते उसके पेट में गैस बनने लगती है। इसके अलावा, अन्य कई कारणों से शिशु को गैस हो सकती है, जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं :
लेख के अगले भाग में इस समस्या से संबंधित लक्षणों के बारे में बताया गया है। नवजात शिशु के पेट में गैस होने के लक्षणबेशक, नवजात शिशु बोल नहीं पाते, ऐसे में आपको समझना होगा कि उसे किस चीज से तकलीफ हो रही है। नीचे हम कुछ संकेत बता रहे हैं, जिन्हें पहचानते हुए आप समझ पाएंगी कि आपके शिशु को गैस हुई है।
आइए, अब जानते हैं गैस होने की अवस्था में शिशु का इलाज कैसे किया जाना चाहिए। बच्चों की गैस का इलाज कैसे करें? | Bachon Ki Gas Ka Ilajनवजात शिशुओं को गैस होने पर सीधा दवा का इस्तेमाल न करें। अगर बच्चे को गैस हो रही है, तो आप डॉक्टर से पूछकर उसे ग्राइप वॉटर दे सकते हैं (1)। यह बच्चे को गैस के साथ-साथ अन्य पेट संबंधी अन्य परेशानियों से राहत दिलाने में मदद करता है। ग्राइप वॉटर में सोडियम बाइकार्बोनेट और जड़ी-बूटियां होती हैं। ये शिशु के पेट को गर्माहट पहुंचाती हैं और गैस दूर करने में मदद करती है। जब भी आपको लगे कि बच्चा गैस के कारण रो रहा है, तो आप उसे ग्राइप वॉटर दे सकते हैं। इसे डॉक्टर की सलाह पर ही बच्चे को दें। प्रोबायोटिक्स : अगर आपके बच्चे ने ठोस आहार लेना शुरू कर दिया है, तो उसे गैस होने पर आप प्रोबायोटिक्स दे सकते हैं (2)। कई शोधों में भी यह बात सामने आई है कि कुछ प्रोबायोटिक्स शिशु को गैस से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए आप बच्चे को आहार में दही जरूर खिलाएं। लेख में आगे हम कुछ घरेलू उपचार बता रहे हैं, जो शिशु की समस्या को कुछ कम कर सकते हैं। शिशुओं में गैस के घरेलू उपचारनीचे हम शिशुओं को गैस से राहत दिलाने के लिए कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं, जो आपके काम आएंगे :
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आइए, अब इस समस्या से संबंधित कुछ दवाओं के बारे में बात कर लेते हैं। क्या गैस से राहत पाने की कोई दवा है?अगर घरेलू उपाय अपनाकर भी शिशु को गैस से राहत नहीं मिलती, तो बेहतर है कि आप उसे डॉक्टर के पास ले जाएं। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा खुद से देने की कोशिश न करें। डॉक्टर शिशु के लिए सिमेथीकॉन युक्त दवा दे सकते हैं (6)। यह दवा गैस के बड़े-बड़े बुलबुलों को छोटा करती है, जिससे शिशु गैस आसानी से बाहर निकाल सकता है। क्या रिफ्लक्स शिशुओं में गैस का कारण बनता है?हां, रिफ्लक्स के कारण भी गैस बनने लगती है (7)। जब शिशु के शरीर में एसिड रिफ्लक्स बनता है, तो यह मुंह तक आने लगता है। इस समय तक शिशु का लोअर इसोफैगियल स्फिंक्टर (यह आहार नलिका के अंत में मांसपेशियों का एक समूह जैसा होता है, जो पेट से जाकर मिलता है) विकसित हो रहा होता है। ऐसे में लोअर इसोफैगियल स्फिंक्टर के खुलने और बंद होने पर गैस पेट में जा सकती है, जिससे शिशु को ब्लोटिंग और गैस की समस्या हो सकती है। यह समस्या ज्यादातर केवल दूध पीने वाले बच्चों के साथ होती है। जैसै-जैसे वो ठोस आहार लेने लगते हैं, यह समस्या धीरे-धीरे कम होने लगती है। इस विषय के संबंध में और जानकारी के लिए पढ़ते रहें यह लेख। मेरे शिशु को गैस होने पर डॉक्टर को कब बुलाएं?यूं तो गैस की समस्या जल्द ही ठीक हो जाती है, लेकिन कभी-कभी यह समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसे में तुरंत शिशु को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए :
ये कुछ ऐसे संकेत हैं, जिन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से शिशु का चेकअप कराना चाहिए। अक्सर पूछे जाने वाले सवालक्या ठोस भोजन से बच्चों में गैस बन सकती है? हां, बच्चों को ठोस आहार से गैस हो सकती है। शुरुआती छह महीनों में बच्चा केवल मां का दूध पीता है। इसके बाद जब उसे ठोस आहार देना शुरू किया जाता है, तो अचानक से पेट में ऐसा भोजन जाने से गैस बन सकती है। इसके अलावा, कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं, जो गैस उत्पन्न करते हैं, जैसे गोभी, फूल गोभी, ब्रोकली, प्याज, सेब, अनाज, चीज व योगर्ट आदि। ऐसे में आप छह महीने से ज्यादा उम्र के बच्चों को दूध उत्पादों के अलावा ये चीजें खिला सकते हैं, लेकिन एक साथ ज्यादा खाना न खिलाते हुए थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार खिलाएं। अगर फिर भी बच्चे को इनसे गैस हो रही है, तो एक बार डॉक्टर से पूछ लें। क्या स्तनपान के दौरान मां के आहार से भी शिशु को गैस हो सकती है? हां, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली व बीन्स जैसी सब्जियां गैस पैदा करती हैं (8), जिससे आपका शिशु भी प्रभावित हो सकता है। वहीं, मां के मिर्च-मसाले वाली चीजें खाने से भी शिशु को गैस हो जाती है। जरूरी नहीं कि सभी महिलाओं को एक जैसी चीजों से ही गैस हो। ऐसे में इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि आप क्या खा रही हैं और किससे आपको गैस हो रही है। भले ही गैस की समस्या शिशुओं को काफी परेशान करती है, लेकिन अगर आप ऊपर बताई गई बातों पर ध्यान देंगे, तो यकीनन बच्चे को गैस की समस्या से राहत दिला पाएंगे। उम्मीद है कि अगली बार अगर आपके बच्चे को गैस होती है, तो इस लेख में बताए गए नुस्खे आपके काम आएंगे। आप इस लेख को अपने परिचितों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि उन्हें भी इसका लाभ मिल सके। शिशु से संबंधित ऐसी अन्य जानकारियों के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन। References:1. Colic By Better health channel
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