प्रशिक्षण शिविर से आप क्या समझते हैं Class 8 - prashikshan shivir se aap kya samajhate hain chlass 8

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 13 जहाँ पहिया हैंत Textbook Exercise Questions and Answers.

RBSE Class 8 Hindi Solutions Vasant Chapter 13 जहाँ पहिया हैं

RBSE Class 8 Hindi जहाँ पहिया हैं Textbook Questions and Answers

जंजीरें - 

प्रश्न 1. 
"............... उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई न कोई तरीका लोग निकाल ही लेते ............."
आपके विचार से लेखक 'जंजीरों' द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है? 
उत्तर : 
लेखक ने उन समस्याओं की ओर इशारा किया है जिनमें महिलाएं पुरुषों द्वारा थोपे गये दायरे के अन्तर्गत रोजमर्रा की घिसी-पिटी जिन्दगी जीने को विवश रहती हैं। वे अपना स्वतन्त्र निर्णय नहीं ले पाती हैं। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु के जिला पुडुकोट्टई में महिलाएं रूढ़िवादिता, पिछड़ेपन के कारण बन्धनपूर्ण जीवन बिता रही थीं। इन्हीं बन्धनों को लेखक ने जंजीरें माना है। 

प्रश्न 2. 
क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए। 
उत्तर : 
"उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई न कोई तरीका लोग निकाल लेते हैं।" लेखक के इस कथन से हम पूरी तरह सहमत हैं। इसका कारण यह है कि तमिलनाडु का पुडुकोट्टई जो अत्यन्त पिछड़ा जिला है, वहाँ की महिलाएँ रूढ़िवादिता व पुरुष-प्रधान समाज की जंजीरों से जकड़ी हुई थीं, लेकिन साइकिल चलाने से उनके जीवन में इतना परिवर्तन आया कि उनका जीवन ही बदल गया। उनमें आत्म-सम्मान की भावना जागृत हुई जिससे वे अपने जीवन से जुड़े सभी कार्य आत्म-निर्भर होकर आसानी से करने लगी। साइकिल चलाना उनकी आजादी का प्रतीक बन गया। 

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पहिया -

प्रश्न 1.
'साइकिल आन्दोलन' से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौनसे बदलाव आए हैं?
उत्तर : 
'साइकिल आन्दोलन' से पुडुकोट्टई की महिलाओं में ये बदलाव आये हैं -

  1. वहाँ की स्वियों में आत्म-सम्मान की भावना जागृत हुई।
  2. वे रूढ़िवादिता व पुरुषों द्वारा थोपे गए रोजमर्रा के |घिसे-पिटे दायरे से बाहर निकल सकीं। 
  3. साइकिल चलाना सीखने से उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला। अब उन्हें कहीं भी जाने हेतु किसी के सहारे की आवश्यकता नहीं रही। 
  4. साइकिल चलाने से महिलाओं की आय में भी वृद्धि हुई। वे आस-पास के गाँवों में उत्पाद बेचने भी जाने लगीं।
  5. साइकिल चलाने से महिलाओं के समय की भी बचत होने लगी जिससे वे अपना सामान बेचने पर अधिक ध्यान केन्द्रित करने लगीं और उन्हें आराम करने का भी समय मिल गया। 
  6. साइकिल से घरेलू कार्यों को करने में भी महिलाएँ सक्षम हो गईं। जैसे-घरेलू सामान लाना, बच्चों को ले जाना और पानी आदि दूर-दूर से भरकर लाना। 
  7. सबसे महत्त्वपूर्ण बात वे साइकिल को अपनी आजादी का प्रतीक मानने लगीं। 

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प्रश्न 2. 
शुरूआत में पुरुषों ने इस आन्दोलन का विरोध किया परन्तु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?
उत्तर : 
जब स्वियों ने बड़ी संख्या में साइकिल चलाना सीखना शुरू किया तो पुरुषों ने इसका विरोध किया, क्योंकि उन्हें इस बात का डर था कि इससे नारी समाज में जागृति आ जायेगी। इस दृष्टि से उन पर कई प्रकार के व्यंग्य भी किए गये। लेकिन महिलाओं ने इनकी परवाह न करके साइकिल चलाना जारी रखा। धीरे-धीरे महिलाओं द्वारा साइकिल चलाने को सामाजिक स्वीकृति प्राप्त हो ही गयी। आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन इसलिए किया, क्योंकि वह इस पिछड़े जिले में एकमात्र साइकिल का डीलर था। इस आन्दोलन से साइकिल की बिक्री बढ़ गयी थी। महिलाएँ लेडीज साइकिल के लिए इन्तजार करने के बजाय पुरुषों वाली साइकिलें खरीद रही थीं।

प्रश्न 3. 
प्रारम्भ में इस आन्दोलन को चलाने में कौनकौनसी बाधा आई? 
उत्तर : 
प्रारम्भ में इस साइकिल आन्दोलन को चलाने में महिलाओं को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लोग महिलाओं पर तरह-तरह की फब्तियां कसते थे और अपनी रूढ़िवादी मानसिकता के आधार पर इन महिलाओं पर भद्दी टिप्पणियाँ करते थे। 

शीर्षक की बात - 

प्रश्न 1. 
आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम 'जहाँ पहिया है क्यों रखा होगा? 
उत्तर :
हमारे विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम 'जहाँ पहिया है' इसलिए रखा होगा, क्योंकि पहिया को गतिशीलता का प्रतीक माना जाता है और जब पुडुकोट्टई की महिलाओं द्वारा साइकिल आन्दोलन चलाया गया तो उनका जीवन भी गतिशील हो गया। वे भी परम्परावादी और रूढ़िवादी विचारधाराओं को तोड़कर आधुनिकता व आत्म-निर्भरता की ओर अग्रसर हुई। उनमें आत्म-सम्मान की भावना जागृत हुई। 

प्रश्न 2. 
अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए। 
उत्तर : 
हमारे मन से इस पाठ का दूसरा शीर्षक 'सुनहरे दिन' हो सकता है, क्योंकि साइकिल चलाना सीखने से पिछड़े पुडुकोट्टई नामक स्थान के महिला समाज में ऐसी जागृति आयी कि वे अपनी रूढ़िवादी परम्परा को तोड़कर आगे बढ़ी और उनके दिन फिर गये। वे साइकिल पर सवार होकर आजादी से घूमने लगी और अपने आप में पूर्णतया आत्मनिर्भर होकर अपना काम स्वयं करने लगीं। 

समझने की बात - 

प्रश्न 1. 
"लोगों के लिए यह समझना बड़ा कठिन है कि ग्रामीण औरतों के लिए यह कितनी बड़ी चीज है। उनके लिए तो यह हवाई जहाज उड़ाने जैसी बड़ी उपलब्धि है।" साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है? समूह बनाकर चर्चा कीजिए। 
उत्तर : 
साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्त्वपूर्ण इसलिए है, क्योंकि ग्रामीण समाज अब भी अपनी दकियानूसी विचारधारा का पोषक है। महिलाओं को किसी भी बाहरी कार्य करने की अभी भी अधिक छूट नहीं दी जाती है। उनके सम्बन्ध में यही माना जाता है कि उनके भाग्य में घर-गृहस्थी ही सँभालना लिखा है, क्योंकि घर के मुख्य निर्णय पुरुषों द्वारा ही लिए जाते हैं। इन स्थितियों में साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए आवश्यक है जिससे वे अपने जीवन में नवीनता का अनुभव कर सकें और अपना काम अपने स्तर पर करके आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें। 

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प्रश्न 2. 
"पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में इस तरह सोचा ही नहीं था।" साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है? 
उत्तर : 
लेखक की दृष्टि में साइकिल एक विनम्र अर्थात् आम सवारी है। इसे चलाना जहाँ आसान है, वहीं इस पर खर्चा भी बहुत कम आता है। यह स्त्री-पुरुष दोनों के लिए उपयोगी है। उसने कभी सोचा भी नहीं था कि साइकिल जैसी आम सवारी भी किसी के जीवन में इतना बड़ा परिवर्तन ला सकती है। यह तो उसने पुडुकोट्टई पहुँचने के बाद ही जाना था, क्योंकि वहाँ की महिलाओं में जागृति लाने का कार्य साइकिल ने ही किया था। 

साइकिल -

प्रश्न 1. 
फातिमा ने कहा, ".............. मैं किराये पर साइकिल लेती हैं ताकि मैं आजादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।" साइकिल चलाने से फातिमा और पुडकोट्टई की महिलाओं को आजादी' का अनुभव क्यों होता होगा? 
उत्तर : 
साइकिल चलाने में फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को आजादी का अनुभव इसलिए होता होगा, क्योंकि जब वे साइकिल पर सवार होकर उसे चलाती थीं, तो उन पर उस समय कोई बन्धन या रोक-टोक नहीं होती थी जबकि उनके पारिवारिक जीवन में उन्हें ऐसी आजादी नहीं मिलती थी। 

कल्पना से - 

प्रश्न 1. 
पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लडती तो अपना पार्टी-चिह्न क्या बनाती और क्यों? 
उत्तर : 
मेरी कल्पना के अनुसार पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती तो वह अपना पार्टी-चिह्न 'पहिया' ही बनाती, क्योंकि 'पहिया' गतिशीलता का प्रतीक है और पहिया से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आया। 

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प्रश्न 2. 
अगर दुनिया के सभी पहिए हड़ताल कर दें तो क्या होगा? 
उत्तर : 
अगर दुनिया के सभी पहिए हड़ताल कर दें, तो जीवन में ठहराव आ जायेगा और विकास का पथ रुक जायेगा, क्योंकि पहिया ही तो गतिशीलता का प्रतीक माना गया है। 

प्रश्न 3. 
"1992 में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकत ।" इस कथन का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर : 
"सन् 1992 में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता।" कथन का अभिप्राय यह है कि इससे पूर्व पुडुकोट्टई की पिछड़ी महिलाएं पुरुषों द्वारा थोपी गयी जिन्दगी जीने को बाध्य थीं। इस दिन के बाद उनमें जागृति आयी। उन्होंने दकियानूसी जीवन परम्परा को त्याग दिया और वे आत्म-सम्मान के प्रति जागरूक हो उठीं। इस हेतु उन्होंने साइकिल चलाने का तरीका अपनाया और अपना काम घर से बाहर निकलकर स्वयं करने लगीं। इसका परिणाम यह हुआ कि उन्होंने पीछे मुड़कर देखना नहीं चाहा। 

प्रश्न 4. 
मान लीजिए कि आप एक संवाददाता हैं। आपको 8 मार्च, 1992 के दिन पुडुकोट्टई में हुई घटना का समाचार तैयार करना है। पाठ में दी गई सूचनाओं और अपनी कल्पना के आधार पर एक समाचार तैयार कीजिए। 
उत्तर : 
8 मार्च, 1992 के दिन पुडुकोट्टई में घटित घटना के आधार पर समाचार लेखम - 
अबलाएँ अब नहीं रहीं अबला

पुडुकोट्टई-9 मार्च, कल अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पुडुकोट्टई के जिला मुख्यालय के समीप स्थित विशाल खेल मैदान में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। महिलाओं ने स्वच्छन्द रूप से साइकिलें चलाकर इस बात का प्रदर्शन करना चाहा कि 'अबलाएँ अब नहीं अबला'।

उनमें साइकिल सीखने व सिखाने की प्रबल इच्छा दिखाई - दे रही थी। वे नयी साइकिल चालक गीत गा रही थीं। उनकी साइकिलों के हैंडिलों पर लगी झंडियाँ, बजती घण्टियाँ इस बात को सूचित कर रही थीं कि वें सभी बन्धनों से मुक्त होकर अब आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं। एक साथ 1500 साइकिल सवार महिलाओं ने अपने जोश एवं बल प्रदर्शन से सभी को हक्का-बक्का कर दिया। 

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प्रश्न 5. 
अगले पृष्ठ संख्या 82 पर दी गयी 'पिता के बाद' कविता पढ़िए। क्या कविता में और फातिमा की बात में कोई सम्बन्ध हो सकता है? अपने विचार लिखिए। 
उत्तर : 
'पिता के बाद' कविता में और फातिमा की बात में सम्बन्ध हो सकता है कि फातिमा के अनुसार साइकिल चलाना महिलाओं के आत्म-सम्मान और आत्मनिर्भरता को जहाँ बढ़ावा देता है वहीं उन्हें आजादी और खुशहाली का भी अनुभव कराता है, जबकि इस कविता में यह दर्शाया गया है कि लड़कियों को यदि काम करने का अवसर मिले तो वे अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह निभाती हैं और हर हालत में खुश रहती हैं। पिता के कन्धों का भार अपने कन्धों. पर ढोने की हिम्मत रखती हैं। पिता के बाद माँ को सँभालने व उसे खुश रखने की भी उनमें हिम्मत होती है। वे दूसरे की आश्रितता छोड़कर अपने पैरों पर खड़े होने की क्षमता रखती हैं।

भाषा की बात - 

प्रश्न - उपसर्गों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आए उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए इस पाठ में प्रयुक्त कुछ 'उपसर्ग' और 'प्रत्यय' इस प्रकार हैं-अभि, प्र, अनु, परि, वि (उपसर्ग), इक, वाला, ता, ना।
उत्तर :
(i) उपसर्ग

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(ii) प्रत्यय

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RBSE Class 8 Hindi जहाँ पहिया हैं Important Questions and Answers

प्रश्न 1. 
पाठ में आये 'नवसाक्षर' शब्द का अर्थ है
(क) नया सीखने वाला 
(ख) नई-नई साइकिल चलाना सीखना
(ग) नया साक्षर
(घ) जो अभी-अभी अक्षर सीखा हो।
उत्तर :
(ख) नई-नई साइकिल चलाना सीखना

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प्रश्न 2. 
साइकिल चलाना सीखते ही ग्रामीण महिलाओं में आ गयी थी
(क) नयी जागृति 
(ख) नया उत्साह 
(ग) स्वच्छन्दता 
(घ) नयी उमंग। 
उत्तर :
(क) नयी जागृति

प्रश्न 3. 
भारत के सर्वाधिक गरीब जिलों में से एक है
(क) रामेश्वरम् 
(ख) पुडुकोट्टई 
(ग) सेलम
(घ) अन्नामलाई। 
उत्तर :
(ख) पुडुकोट्टई 

प्रश्न 4. 
पुडुकोट्टई जिले में साइकिल चलाने का कैसा आन्दोलन चला?
(क) राष्ट्रीय
(ख) सामाजिक 
(ग) धार्मिक
(घ) प्रादेशिक 
उत्तर :
(ख) सामाजिक

प्रश्न 5. 
पुडुकोट्टई जिला किस प्रदेश में है?
(क) केरल
(ख) आंध्रप्रदेश
(ग) तमिलनाडु 
(घ) कर्नाटक 
उत्तर :
(ग) तमिलनाडु 

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प्रश्न 6.
ग्रामीण महिलाओं ने साइकिल रूप में चुना है
(क) स्वाधीनता 
(ख) आजादी 
(ग) गतिशीलता 
(घ) उपर्युक्त सभी 
उत्तर :
(घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 7. 
पडकोट्टई की गणना भारत के किन सर्वाधिक जिलों में की जाती है?
(क) शिक्षित 
(ख) अशिक्षित 
(ग) गरीब
(घ) पिछड़े 
उत्तर :
(ग) गरीब

प्रश्न 8.
साइकिल चलाने वाली महिलाओं ने साइकिल चलाने को क्या बताया? 
(क) व्यक्तिगत आजादी 
(ख) अच्छा अनुभव 
(ग) नवसाक्षर होना 
(घ) सभी के बीच सीधा संवाद 
उत्तर :
(क) व्यक्तिगत आजादी 

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प्रश्न 9. 
साइकिल प्रशंसक हैं
(क) महिला. खेतीहर 
(ख) पत्थर खदानों में मजदूरी करने वाली औरतें 
(ग) गाँवों के घरों में सफाई करने वाली महिलाएं 
(घ) उपर्युक्त सभी 
उत्तर :
(घ) उपर्युक्त सभी 

प्रश्न 10. 
साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं में क्या बदलाव आया? 
(क) आत्मनिर्भरता बढ़ गई 
(ख) आत्मसम्मान की भावना का विकास 
(ग) वे स्वयं को स्वच्छन्द समझने लगीं 
(घ) उपर्युक्त सभी 
उत्तर : 
(ख) आत्मसम्मान की भावना का विकास 

रिक्त स्थानों की पूर्ति -

प्रश्न 11. 
रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गये सही शब्दों से कीजिए

  1. साइकिल चलाना एक सामाजिक ................ है। (परम्परा/आन्दोलन) 
  2. साइकिल .............. से महिलाओं के अन्दर आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई। (शिक्षण/प्रशिक्षण)
  3. साइकिल प्रशिक्षण शिविर देखना एक असाधारण ............। (अनुभव/दृश्य) 
  4. यहाँ जो साइकिल चलाना जानते हैं, उनकी गतिशीलता ................. जाती है। (बढ़/घट) 

उत्तर : 

  1. आन्दोलन 
  2. प्रशिक्षण 
  3. अनुभव 
  4. बढ़। 

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -

प्रश्न 12. 
जमीला बीबी ने क्या चलाना शुरू किया था? 
उत्तर : 
जमीला बीबी ने साइकिल चलाना शुरू किया था। 

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प्रश्न 13. 
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया गया? 
उत्तर : 
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस सन् 1992 में मनाया गया।

प्रश्न 14. 
गाँव की महिलाओं की साइकिल की तुलना किससे की गई है? 
उत्तर : 
गाँव की महिलाओं की साइकिल की तुलना हवाई जहाज से की गई है। 

प्रश्न 15. 
साइकिल सीखने वाली महिलाएँ रविवार को कहाँ एकत्र हुई थीं?
उत्तर : 
साइकिल सीखने वाली महिलाएँ रविवार को किलाकुरुचि गाँव में एकत्र हुई थीं।

प्रश्न 16. 
फातिमा ने साइकिल चलाने के सम्बन्ध में क्या कहा? 
उत्तर : 
साइकिल चलाने से आत्मविश्वास बढ़ता है। 

प्रश्न 17.
साइकिल आन्दोलन के सम्बन्ध में एक अगुआ के क्या विचार थे?
उत्तर : 
कि अब महिलाएं पुरुषों पर निर्भर नहीं रहीं। 

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प्रश्न 18. 
'पुडुकोट्टई' भारत के किस राज्य में है? 
उत्तर :
पुडुकोट्टई भारत के तमिलनाडु राज्य में है। 

प्रश्न 19. 
पुडुकोट्टई जिले में साइकिल चलाना किनके लिए आम बात है? 
उत्तर : 
पुडुकोट्टई जिले में हजारों नवसाक्षर ग्रामीण महिलाओं के लिए साइकिल चलाना आम बात है। 

प्रश्न 20.
प्रदर्शन एवं प्रतियोगिता जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में कितनी महिलाओं ने भाग लिया? 
उत्तर : 
सत्तर हजार से भी अधिक महिलाओं ने सार्वजनिक प्रतियोगिता में भाग लिया। 

प्रश्न 21. 
जिले में किस कार्य हेतु प्रशिक्षण शिविर चल रहे थे? 
उत्तर : 
साइकिल सीखने-सिखाने हेतु प्रशिक्षण शिविर चल रहे थे। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न -

प्रश्न 22. 
साइकिल चलाना सीखते ही कैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया और क्यों?
उत्तर : 
महिलाओं के साइकिल चलाना सीखते ही 'प्रदर्शन और प्रतियोगिता' जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिससे दूसरी महिलाओं में भी वैसी इच्छा जागृत हो। 

प्रश्न 23. 
साइकिल चलाना किसका प्रतीक बन गया? 
उत्तर : 
साइकिल चलाना महिलाओं की व्यक्तिगत आजादी का प्रतीक बन गया। इससे उन्हें पूर्ण स्वतन्त्रता मिल गयी। वे कहीं भी किसी भी समय बन्धनमुक्त होकर आ-जा सकती हैं। 

प्रश्न 24. 
ग्रामीण महिलाओं ने साइकिल चलाना क्यों चना? 
उत्तर : 
ग्रामीण महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता और गतिशीलता की अभिव्यक्ति के रूप में साइकिल चलाना चुना ताकि अपनी जिन्दगी के परम्परागत ढर्रे को बदल सके। 

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प्रश्न 25. 
लेखक को अपनी कौन-सी सोच मूर्खतापूर्ण लगी? 
उत्तर : 
लेखक ने सोचा था कि महिलाएँ साइकिल चलाना सीखकर कुछ पैसे ही तो कमाती होंगी लेकिन जब उसने उनकी आजादी सम्बन्धी बात सुनी तब उसे अपनी सोच मूर्खतापूर्ण लगी। 

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 26.
महिलाओं द्वारा साइकिल चलाने को सामाजिक स्वीकृति कैसे मिली? 
उत्तर : 
शुरू-शुरू में जब ग्रामीण महिलाओं ने साइकिल चलाना शुरू किया तो लोगों ने उन पर गंदी-गंदी टिप्पणियाँ कसीं, क्योंकि पुडुकोट्टई की पृष्ठभूमि रूढ़िवादी विचारधाराओं व पिछड़ेपन के भाव से पूरित थी। फिर भी यहाँ की महिलाएँ साइकिल चलाने हेतु दृढ़ रहीं। उन्होंने किसी के कुछ भी कहने की परवाह नहीं की। इसीलिए धीरे-धीरे साइकिल चलाने को सामाजिक स्वीकृत मिली। 

गद्यांश पर आधारित प्रश्न -

प्रश्न 27. 
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए
1. भारत के सर्वाधिक गरीब जिलों में से एक है पुडुकोट्टई। पिछले दिनों यहाँ की ग्रामीण महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आजादी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना है। उनमें से अधिकांश नवसाक्षर थीं। अगर हम दस वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को अलग कर दें तो इसका अर्थ यह होगा कि यहाँ ग्रामीण महिलाओं के एक-चौथाई हिस्से ने साइकिल चलाना सीख लिया है और इन महिलाओं में से सत्तर हजार से भी अधिक महिलाओं ने 'प्रदर्शन एवं प्रतियोगिता' जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में बड़े गर्व के साथ अपने नए कौशल का प्रदर्शन किया। 

प्रश्न : 
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। 
(ख) ग्रामीण महिलाओं ने साइकिल को क्यों चुना? 
(ग) साइकिल चलाना सीखने वाली महिलाओं ने किसमें भाग लिया? 
(घ) साइकिल चलाने वाली महिलाओं में सर्वाधिक संख्या किनकी थी? 
उत्तर : 
(क) शीर्षक-ग्रामीण महिलाओं की आजादी की प्रतीक 'साइकिल'। 
(ख) ग्रामीण महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आजादी तथा गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक रूप में साइकिल को चुना, क्योंकि इससे उनमें आत्मनिर्भरता की शक्ति आ गयी। 
(ग) साइकिल चलाना सीखने वाली महिलाओं में से सत्तर हजार ने 'प्रदर्शन एवं प्रतियोगिता में भाग लिया। 
(घ) साइकिल चलाने वाली ग्रामीण महिलाओं में सर्वाधिक संख्या नवसाक्षरों की थी।

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2. ग्रामीण पुडुकोट्टई के मुख्य इलाकों में अत्यंत रूढ़िवादी पृष्ठभूमि से आईं युवा मुस्लिम लड़कियाँ सड़कों से अपनी साइकिलों पर जाती हुई दिखाई देती हैं। जमीला बीवी नामक एक युवती ने जिसने साइकिल चलाना शुरू किया है, मुझसे कहा-"यह मेरा अधिकार है, अब हम कहीं भी जा सकते हैं। अब हमें बस का इंतजार नहीं करना पड़ता। मुझे पता है कि जब मैंने साइकिल चलाना शुरू किया तो लोग फब्तियाँ कसते थे। लेकिन मैंने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया।" 

प्रश्न :
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए। 
(ख) जमीला बीवी ने लेखक को क्या बताया? 
(ग) जमीला के साइकिल सीखने पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया हुई? 
(घ) जमीला बीवी कौन है तथा उसका सम्बन्ध किस पृष्ठभूमि से है? 
उत्तर : 
(क) शीर्षक-साइकिल चलाने का अधिकार। 
(ख) जमीला बीवी ने लेखक को बताया कि साइकिल चलाना उसका अधिकार है और उससे वह कभी भी कहीं भी आ-जा सकती है। 
(ग) जमीला के साइकिल सीखने पर लोगों ने उस पर फब्तियाँ कसी, अप्रिय बातें कीं, परन्तु उसने उन बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया। 
(घ) जमीला बीवी पुडुकोट्टई इलाके की मुस्लिम महिला है जो अत्यन्त रूढ़िवादी पृष्ठभूमि से सम्बन्ध रखती है।

3. इस जिले में साइकिल की धूम मची हुई है। इसकी प्रशंसकों में हैं महिला खेतिहर मजदूर, पत्थर खदानों में मजदूरी करने वाली औरतें और गाँवों में काम करने वाली नसें। बालवाड़ी और आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, बेशकीमती पत्थरों को तराशने में लगी औरतें और स्कूल की अध्यापिकाएँ भी साइकिल का जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। ग्राम सेविकाएँ और दोपहर का भोजन पहुँचाने वाली औरतें भी पीछे नहीं हैं। सबसे बड़ी संख्या उन लोगों की है जो अभी नवसाक्षर हुई हैं। जिस किसी नवसाक्षर अथवा नयीनयी साइकिल चलानेवाली महिला से मैंने बातचीत की, उसने साइकिल चलाने और अपनी व्यक्तिगत आजादी के बीच एक सीधा संबंध बताया। 

प्रश्न :
(क) उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? नाम लिखिए। 
(ख) साइकिल की प्रशंसा में कौन-कौनसी महिलाएं आगे आयीं?
(ग) दोपहर का भोजन पहुंचाने वाली किसका प्रयोग करने में पीछे नहीं हैं? 
(घ) नवसाक्षर महिलाओं की साइकिल चलाने के सम्बन्ध में क्या सोच है? 
उत्तर : 
(क) पाठ का नाम-'जहाँ पहिया है'। 
(ख) साइकिल की प्रशंसा करने में महिला खेतिहर मजदूर, खदानों में काम करने वाली महिलाएँ, गाँवों में कार्यरत नसे, बालवाड़ी और आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, पत्थरों को तराशने वाली औरतें तथा अध्यापिकाएँ भी आगे आयीं। 
(ग) दोपहर का भोजन पहुँचाने वाली महिलाएं साइकिल का प्रयोग करने में भी पीछे नहीं हैं। 
(घ) 'नवसाक्षर' महिलाओं की साइकिल चलाने के संबंध में सोच है कि साइकिल चलाने और अपनी व्यक्तिगत आजादी के बीच एक सीधा संबंध है।

प्रशिक्षण शिविर से आप क्या समझते हैं Class 8 - prashikshan shivir se aap kya samajhate hain chlass 8

4. साइकिल प्रशिक्षण शिविर देखना एक असाधारण अनुभव है। किलाकुरुचि गाँव में सभी साइकिल सीखनेवाली महिलाएँ रविवार को इकद्री हुई थीं। साइकिल चलाने के आंदोलन के समर्थन में ऐसे आवेग देखकर कोई भी हैरान हुए बिना नहीं रह सकता। उन्हें इसे सीखना ही है। साइकिल ने उन्हें पुरुषों द्वारा थोपे गए दायरे के अंदर रोजमर्रा की घिसी-पिटी चर्चा से बाहर निकलने का रास्ता दिखाया। ये नव-साइकिल चालक गाने भी गाती हैं। उन गानों में साइकिल चलाने को प्रोत्साहन दिया गया है। 

प्रश्न :
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) साइकिल प्रशिक्षण शिविर देखना असाधारण अनुभव क्यों था? 
(ग) साइकिल से महिलाओं की आजादी में बढ़ोतरी कैसे
(घ) साइकिल ने ग्रामीण महिलाओं को कौनसा रास्ता दिखाया?
उत्तर :
(क) शीर्षक-साइकिल चलाने का आन्दोलन।
(ख) साइकिल प्रशिक्षण शिविर में एकत्र महिलाओं में प्रबल उमंग थी, साथ ही उनमें इस आन्दोलन को लेकर आवेग था, जिसे देखना असाधारण अनुभव था। 
(ग) साइकिल की मदद से महिलाएँ अब घर से बाहर के काम भी स्वयं करने लगीं, जिससे उन्हें घर की चारदीवारी से निकलने का मौका मिला और उनकी आजादी में बढ़ोतरी हुई। 
(घ) साइकिल ने ग्रामीण महिलाओं को पुरुषों द्वारा थोपे गये सीमित दायरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाया।

5. साइकिल चलाने के बहुत निश्चित आर्थिक निहितार्थ थे। इससे आय में वृद्धि हुई है। यहाँ की कुछ महिलाएँ अगल बगल के गाँवों में कषि सम्बन्धी अथवा अन्य उत्पाद बेच आती हैं। साइकिल की वजह से बसों के इन्तजार में व्यय होने वाला उनका समय बच जाता है। खराब परिवहन व्यवस्था वाले स्थानों के लिए तो यह बहुत महत्त्वपूर्ण है। दूसरे, इससे उन्हें इतना समय मिल जाता है कि ये अपने सामान बेचने पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित कर पाती हैं। तीसरे, इससे ये और अधिक इलाकों में जा पाती हैं। 

प्रश्न :
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। 
(ख) साइकिल चलाने से पहला लाभ क्या है? 
(ग) साइकिल चलाना कब महत्त्वपूर्ण है? 
(घ) ग्रामीण महिलाओं का ध्यान किस पर केन्द्रित हो जाता है? 
उत्तर : 
(क) शीर्षक-साइकिल चलाने से महिलाओं को लाभ। 
(ख) साइकिल चलाने से ग्रामीण महिलाओं को पहला लाभ यह है कि अगल-बगल के गाँवों में जाकर कृषिसम्बन्धी उत्पाद बेच आती हैं। 
(ग) समय की बचत तथा आवागमन की सुविधा से साइकिल चलाना महत्त्वपूर्ण रहता है। 
(घ) ग्रामीण महिलाओं का ध्यान अपने सामान को आसानी से बेचने पर विशेष रहता है तथा अधिक इलाकों तक आवागमन पर रहता है।

प्रशिक्षण शिविर से आप क्या समझते हैं Class 8 - prashikshan shivir se aap kya samajhate hain chlass 8

6. जिन छोटे उत्पादकों को बसों का इन्तजार करना पड़ता था, बस स्टाप तक पहुँचने के लिए भी पिता, भाई, पति या बेटों पर निर्भर रहना पड़ता था, वे अपना सामान बेचने के लिए कुछ गिने-चुने गाँवों तक ही जा पाती थीं। कुछ को पैदल ही चलना पड़ता था। जिनके पास साइकिल नहीं है, वे अब भी पैदल ही जाती हैं। फिर उन्हें बच्चों की देखभाल के लिए या पीने का पानी लाने जैसे घरेल कामों के लिए भी जल्दी ही भागकर घर पहुंचना पड़ता था। अब जिनके पास साइकिलें हैं वे सारा काम बिना किसी दिक्कत के कर लेती हैं। 

प्रश्न : 
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। 
(ख) कुछ गिने-चुने गाँवों तक ही कौन जा पाती थीं? 
(ग) कौन सारा काम बिना दिक्कत के कर लेती हैं? 
(घ) बस का इन्तजार किन्हें और किस कारण करना पड़ता था? 
उत्तर : 
(क) शीर्षक-साइकिल से आवागमन की सुविधा। 
(ख) जिन महिलाओं के पास साइकिल नहीं होती थी या जिन्हें साइकिल चलाना नहीं आता था, वे अपना उत्पाद बेचने कुछ गिने-चुने गाँवों तक ही जा पाती थीं। 
(ग) जो महिलाएं साइकिल चलाती हैं, वे घर-बाहर का सारा काम बिना दिक्कत के कर लेती हैं।
(घ) बस का इन्तजार उन छोटे उत्पादकों को करना पड़ता। था, जिनके पास साइकिल नहीं थी या जो साइकिल चलाना नहीं जानते थे।

7. साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं के अंदर आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई है यह बहुत महत्त्वपूर्ण है।। फातिमा का कहना है-"बेशक, यह मामला केवल आर्थिक नहीं है।" फातिमा ने यह बात इस तरह कही जिससे मुझे लगा कि मैं कितनी मूर्खतापूर्ण ढंग से सोच रहा था। उसने आगे कहा-"साइकिल चलाने से मेरी कौनसी कमाई होती है। मैं तो पैसे ही गँवाती हूँ। मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं| साइकिल खरीद सकूँ। लेकिन हर शाम मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आजादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।" पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में कभी इस तरह सोचा ही नहीं था।

प्रश्न :
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। 
(ख) साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं की मानसिकता में क्या परिवर्तन आया? 
(ग) फातिमा साइकिल चलाकर क्या अनुभव करती थी? 
(घ) लेखक ने कभी भी क्या नहीं सोचा था? 
उत्तर : 
(क) शीर्षक-महिलाओं की आत्मसम्मान की प्रतीक-साइकिल। 
(ख) साइकिल प्रशिक्षण से पुडुकोट्टई की महिलाओं की मानसिकता में आत्मसम्मान की भावना उत्पन्न हुई, उनका आर्थिक स्तर सुधरा। 
(ग) फातिमा किराये पर साइकिल लेकर चलाती थी, उससे वह आजादी और खुशहाली का अनुभव करती थी। 
(घ) लेखक ने कभी भी यह नहीं सोचा था कि साइकिल जैसी साधारण सवारी भी ग्रामीण महिलाओं के जीवन में इतना बड़ा बदलाव ला सकती है, उनके लिए आजादी का प्रतीक बन सकती है।

जहाँ पहिया हैं Summary in Hindi

पाठ का सार - इस पाठ में लेखक ने बताया है कि तमिलनाडु के एक जिले पुडुकोट्टई में स्त्रियों ने अपने समाज की रूढ़िवादियों के बन्धन तोड़कर साइकिल चलाना सीखा और पहिए के आविष्कार से किस प्रकार उन्नति के मार्ग खुले, इसका प्रभाव इस जिले की स्त्रियों में साफ दिखाई पड़ता है।

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कठिन-शब्दार्थ : 

  • नवसाक्षर = नए सीखने वाले। 
  • लात मारने = त्यागने । 
  • स्वाधीनता = आजादी। 
  • गतिशीलता = आगे बढ़ना। 
  • कौशल = निपुणता। 
  • रूढ़िवादी = दकियानूसी विचार। 
  • फब्तियाँ = चुभने वाली बातें कहना, ताने मारना। 
  • हैसियत = औकात। 
  • बेशकीमती = बहुमूल्य।
  • तराशने = सुन्दर रूप देने। 
  • प्रहार = आघात। 
  • असाधारण = विशेष। 
  • प्रोत्साहन = उत्साहवर्द्धन। 
  • समर्थन = साथ देना। 
  • हक्का - बक्का = हैरान। 
  • जेंट्स = पुरुष।
  • केन्द्रित = एकाग्र। 
  • उपलब्धि = विशेष प्राप्ति।