Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 13 जहाँ पहिया हैंत Textbook Exercise Questions and Answers. Show RBSE Class 8 Hindi Solutions Vasant Chapter 13 जहाँ पहिया हैंRBSE Class 8 Hindi जहाँ पहिया हैं Textbook Questions and Answersजंजीरें - प्रश्न 1. प्रश्न 2. पहिया - प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3. शीर्षक की बात - प्रश्न 1. प्रश्न 2. समझने की बात - प्रश्न 1. प्रश्न 2. साइकिल - प्रश्न 1. कल्पना से - प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. पुडुकोट्टई-9 मार्च, कल अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पुडुकोट्टई के जिला मुख्यालय के समीप स्थित विशाल खेल मैदान में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। महिलाओं ने स्वच्छन्द रूप से साइकिलें चलाकर इस बात का प्रदर्शन करना चाहा कि 'अबलाएँ अब नहीं अबला'। उनमें साइकिल सीखने व सिखाने की प्रबल इच्छा दिखाई - दे रही थी। वे नयी साइकिल चालक गीत गा रही थीं। उनकी साइकिलों के हैंडिलों पर लगी झंडियाँ, बजती घण्टियाँ इस बात को सूचित कर रही थीं कि वें सभी बन्धनों से मुक्त होकर अब आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं। एक साथ 1500 साइकिल सवार महिलाओं ने अपने जोश एवं बल प्रदर्शन से सभी को हक्का-बक्का कर दिया। प्रश्न 5. भाषा की बात - प्रश्न - उपसर्गों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आए उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए इस पाठ में प्रयुक्त कुछ 'उपसर्ग' और 'प्रत्यय' इस प्रकार हैं-अभि, प्र, अनु, परि, वि (उपसर्ग), इक, वाला, ता, ना। (ii) प्रत्यय RBSE Class 8 Hindi जहाँ पहिया हैं Important Questions and Answersप्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. रिक्त स्थानों की पूर्ति - प्रश्न 11.
उत्तर :
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न - प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. लघूत्तरात्मक प्रश्न - प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 26. गद्यांश पर आधारित प्रश्न - प्रश्न 27. प्रश्न : 2. ग्रामीण पुडुकोट्टई के मुख्य इलाकों में अत्यंत रूढ़िवादी पृष्ठभूमि से आईं युवा मुस्लिम लड़कियाँ सड़कों से अपनी साइकिलों पर जाती हुई दिखाई देती हैं। जमीला बीवी नामक एक युवती ने जिसने साइकिल चलाना शुरू किया है, मुझसे कहा-"यह मेरा अधिकार है, अब हम कहीं भी जा सकते हैं। अब हमें बस का इंतजार नहीं करना पड़ता। मुझे पता है कि जब मैंने साइकिल चलाना शुरू किया तो लोग फब्तियाँ कसते थे। लेकिन मैंने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया।" प्रश्न : 3. इस जिले में साइकिल की धूम मची हुई है। इसकी प्रशंसकों में हैं महिला खेतिहर मजदूर, पत्थर खदानों में मजदूरी करने वाली औरतें और गाँवों में काम करने वाली नसें। बालवाड़ी और आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, बेशकीमती पत्थरों को तराशने में लगी औरतें और स्कूल की अध्यापिकाएँ भी साइकिल का जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। ग्राम सेविकाएँ और दोपहर का भोजन पहुँचाने वाली औरतें भी पीछे नहीं हैं। सबसे बड़ी संख्या उन लोगों की है जो अभी नवसाक्षर हुई हैं। जिस किसी नवसाक्षर अथवा नयीनयी साइकिल चलानेवाली महिला से मैंने बातचीत की, उसने साइकिल चलाने और अपनी व्यक्तिगत आजादी के बीच एक सीधा संबंध बताया। प्रश्न : 4. साइकिल प्रशिक्षण शिविर देखना एक असाधारण अनुभव है। किलाकुरुचि गाँव में सभी साइकिल सीखनेवाली महिलाएँ रविवार को इकद्री हुई थीं। साइकिल चलाने के आंदोलन के समर्थन में ऐसे आवेग देखकर कोई भी हैरान हुए बिना नहीं रह सकता। उन्हें इसे सीखना ही है। साइकिल ने उन्हें पुरुषों द्वारा थोपे गए दायरे के अंदर रोजमर्रा की घिसी-पिटी चर्चा से बाहर निकलने का रास्ता दिखाया। ये नव-साइकिल चालक गाने भी गाती हैं। उन गानों में साइकिल चलाने को प्रोत्साहन दिया गया है। प्रश्न : 5. साइकिल चलाने के बहुत निश्चित आर्थिक निहितार्थ थे। इससे आय में वृद्धि हुई है। यहाँ की कुछ महिलाएँ अगल बगल के गाँवों में कषि सम्बन्धी अथवा अन्य उत्पाद बेच आती हैं। साइकिल की वजह से बसों के इन्तजार में व्यय होने वाला उनका समय बच जाता है। खराब परिवहन व्यवस्था वाले स्थानों के लिए तो यह बहुत महत्त्वपूर्ण है। दूसरे, इससे उन्हें इतना समय मिल जाता है कि ये अपने सामान बेचने पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित कर पाती हैं। तीसरे, इससे ये और अधिक इलाकों में जा पाती हैं। प्रश्न : 6. जिन छोटे उत्पादकों को बसों का इन्तजार करना पड़ता था, बस स्टाप तक पहुँचने के लिए भी पिता, भाई, पति या बेटों पर निर्भर रहना पड़ता था, वे अपना सामान बेचने के लिए कुछ गिने-चुने गाँवों तक ही जा पाती थीं। कुछ को पैदल ही चलना पड़ता था। जिनके पास साइकिल नहीं है, वे अब भी पैदल ही जाती हैं। फिर उन्हें बच्चों की देखभाल के लिए या पीने का पानी लाने जैसे घरेल कामों के लिए भी जल्दी ही भागकर घर पहुंचना पड़ता था। अब जिनके पास साइकिलें हैं वे सारा काम बिना किसी दिक्कत के कर लेती हैं। प्रश्न : 7. साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं के अंदर आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई है यह बहुत महत्त्वपूर्ण है।। फातिमा का कहना है-"बेशक, यह मामला केवल आर्थिक नहीं है।" फातिमा ने यह बात इस तरह कही जिससे मुझे लगा कि मैं कितनी मूर्खतापूर्ण ढंग से सोच रहा था। उसने आगे कहा-"साइकिल चलाने से मेरी कौनसी कमाई होती है। मैं तो पैसे ही गँवाती हूँ। मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं| साइकिल खरीद सकूँ। लेकिन हर शाम मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आजादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।" पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में कभी इस तरह सोचा ही नहीं था। प्रश्न : जहाँ पहिया हैं Summary in Hindiपाठ का सार - इस पाठ में लेखक ने बताया है कि तमिलनाडु के एक जिले पुडुकोट्टई में स्त्रियों ने अपने समाज की रूढ़िवादियों के बन्धन तोड़कर साइकिल चलाना सीखा और पहिए के आविष्कार से किस प्रकार उन्नति के मार्ग खुले, इसका प्रभाव इस जिले की स्त्रियों में साफ दिखाई पड़ता है। कठिन-शब्दार्थ :
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