पेशाब खुलकर क्यों नहीं होता है? - peshaab khulakar kyon nahin hota hai?

पेशाब खुलकर न आना, रुक रुक कर आना या फिर पेशाब ना आने की समस्या होने पर यूरिन ब्लैडर में ही जमा होने लगता है जिससे धीरे धीरे पेशाब की वेदना बढ़ने लगती है और अगर जल्दी पेशाब न करे तो ब्लैडर में तेज दर्द होने लगता है। यूरिन ब्लॉकेज होने पर व्यक्ति ब्लैडर पूरा खाली नहीं कर पाता जिस कारण मूत्राशय में बैक्टीरिया जमा हो जाते है और इससे यूरिन इंफेक्शन का ख़तरा काफी बढ़ जाता है। पेशाब रोग की समस्या किसी भी पुरुष या महिला को हो सकती है।

पेशाब में रुकावट का इलाज के उपाय और घरेलू नुस्खे

Contents

  • पेशाब में रुकावट का इलाज के उपाय और घरेलू नुस्खे
    •  रुक रुक कर पेशाब आने का कारण: Cause
    •  पेशाब रोकने के नुकसान क्या है
    • Peshab Mein Rukawat ka ilaj aur Upay in Hindi
    •  पेशाब में खून आने का घरेलू उपचार कैसे करे

पेशाब के रुक- रुक कर आने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे कि पेशाब के थैली या फिर ब्लैडर में इन्फेक्शन का होना, गुर्दे की परेशानी होना, यूरिन इन्फेक्शन होना या फिर पेशाब की थैली या गुर्दे में पथरी का होना.जो लोग धूम्रपान या शराब का ज्यादा सेवन करते हैं उनको भी यह समस्या होने की संभावना अधिक होती है. पेशाब खुलकर न होने के कारण मूत्रमार्ग या ब्लैडर में इन्फेक्शन भी हो सकता है.

इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप अंग्रेजी दवाओं के अलावा कुछ घरेलू नुस्खों के इस्तेमाल कर इस समस्या का समाधान घर पर ही बहुत आसानी से कर सकते हैं.

पेशाब की वेदना होने पर अगर पेशाब ना करे तो ब्लैडर कांप कर फूल जाता है और व्यक्ति को बैचेनी होने लगती है। अगर यूरिन रुक रुक कर आ रहा है तो बीच में कुछ देर के लिए राहत मिल जाती है पर समस्या ख़तम नहीं होती। इस समस्या से छुटकारा तभी मिलेगा जब पेशाब खुलकर आएगा और ब्लैडर खाली होगा।

कुछ लोग पेशाब की रुकावट के उपचार के लिए दवा लेते है। आप बिना मेडिसिन के घरेलू उपाय और देसी आयुर्वेदिक नुस्खे से पेशाब में रुकावट का इलाज कर सकते है। आइये जाने natural ayurvedic treatment tips and home remedies for urine blockage in hindi for males and females.

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 रुक रुक कर पेशाब आने का कारण: Cause

  • यूरिन इन्फेक्शन होना
  • ब्लैडर में इंफेक्शन होना
  • ब्लैडर या गुर्दे में पथरी होना
  • गुर्दे (किडनी) में खराबी होना
  • जो लोग किसी नशे के आदि होते है और कई सालों से नशा कर रहे है उन्हें भी बूंद बूंद करके पेशाब की समस्या आने लगती है।

 पेशाब रोकने के नुकसान क्या है

पेशाब करना हमारे शरीर की ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शरीर से गंदगी को बाहर निकाला जाता है। यूरिन में कई तरह के बैक्टीरिया और हानिकारक पदार्थ होते है जिसे अधिक समय तक मूत्राशय में रखने से कई प्रकार के रोग हो सकते है।

  1. यूरिन ब्लैडर में किडनी द्वारा भेजा जाता है और पेशाब की वेदना होने के बाद भी इसे रोकने से मूत्राशय की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है। अगर मूत्राशय भरने के बाद भी पेशाब ना किया जाये तो ये वापिस किडनी में जाने लगता है जिससे पेशाब में मौजूद बैक्टीरिया खून में मिलकर शरीर में कई प्रकार के विकार और रोग लगने लगते है।
  2. पेशाब अधिक देर तक मूत्राशय में रोकने से यूरिन ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) होने का ख़तरा बढ़ जाता है। ये समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक होती है।

Peshab Mein Rukawat ka ilaj aur Upay in Hindi

  1. यूरिन बूंद बूंद करके आता हो या फिर ना आ रहा हो तो 50 ग्राम प्याज एक लीटर पानी में डालें और उबाल कर ठंडा होने के बाद छान ले। अब इसमें थोड़ा सा शहद डालें और दिन में तीन बार पिए। पेशाब खुलकर न आना, पेशाब में दर्द और जलन जैसी परेशानियों में इस घरेलू नुस्खे से राहत मिलेगी।
  2. किडनी में संक्रमण या किसी अन्य रोग की वजह से अगर पेशाब आना बंद हो जाए या पेशाब में किसी प्रकार की रुकावट आ जाये तो इसके देसी इलाज के लिए मूली के रस का सेवन करें।
  3. पेशाब पीला आ रहा हो तो थोड़ी सी शक्कर शहतूत के रस में मिलाकर पिए, इससे पेशाब का रंग साफ़ होगा।
  4. पेशाब का रुक रुक कर आना हो या फिर पेशाब की कोई और समस्या हो इसके घरेलू ट्रीटमेंट के लिए हल्का गुनगुना पानी पीना सबसे अच्छा उपाय है।
  5. नींबू के बीज पीस कर इसे पेट की नाभि पर मलें और ऊपर से थोड़ा ठंडा पानी डाले। इस देसी तरीके से रुका हुआ पेशाब आने लगेगा।
  6. रुका हुआ पेशाब खुलकर आए इसके लिए चीनी और जीरा बराबर मात्रा में पीस ले और इसके दो चम्मच ले।
  7. खरबूजा और ककड़ी के रस का सेवन करने से यूरिन जादा बनता है। जिन लोगों को पेशाब ना बनने या कम बनने की समस्या हो उन्हें इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
  8. पेशाब की रुकावट दूर करने के लिए गरम दूध में थोड़ा सा गुड मिलाकर पिए। परेशानी जादा होने की स्थिति में ये उपाय दिन में दो बार करे।
  9. मूली और शलगम खाने से भी रुक रुक कर पेशाब का आना ठीक होता है।
  10. केले के तने का रस चार चम्मच और दो चम्मच घी मिलाकर दिन में दो बार लेने से पेशाब खुलकर आने लगता है।
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 पेशाब में खून आने का घरेलू उपचार कैसे करे

यूरिन में ब्लड आने पर तुरंत इसके कारण जानने पर इलाज शुरू करें नहीं तो ये समस्या गंभीर हो सकती है। पेशाब में खून आने का कारण जानने के लिए डॉक्टर से मिले और जरूरी टेस्ट करवाए ताकि रोग के कारण पता चले और सही तरीके से इलाज हो सके। यहां हम पेशाब में ब्लड को रोकने के घरेलू नुस्खे बता रहे है जो इसके इलाज में कारगर है।

  • पेशाब करते समय खून आता हो तो सौंठ पीस कर इसे छान ले। अब दूध में थोड़ी मिश्री के साथ इसे मिलाकर दिन में दो बार ले।
  • यूरिन में ब्लड आ रहा हो या कोई रुकावट हो रात को मिट्टी की हांडी में 1/2 लीटर उबला पानी और तीस ग्राम कटा धनिया डाल कर रख दे। अब अगले दिन इसी पानी में धनिया मसल ले और पानी को छान कर इसमें तीस ग्राम बतासे डाल दे। अब इस पानी के पांच हिस्से करे और दिन में पांच बार पिए। पेशाब की कोई भी समस्या हो ये आयुर्वेदिक उपाय रामबाण का काम करता है।

पेशाब खुलकर ना आना और पेशाब की रुकावट दूर करने के जो उपाय ऊपर बताये गए है वे आपकी जानकारी के लिए है, जिन्हें करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ये उपाय करने का तरीका विस्तार में जाने। अगर इलाज के बाद भी आराम न मिले तो डॉक्टर से मिले।

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इस लेख में आपने जाना यूरिन रुक रुक कर आना और ना आने के उपाय कैसे करे। दोस्तों पेशाब में रुकावट का इलाज

पेशाब खुलकर नहीं आता क्या करें?

लगभग 15 ग्राम दूब की जड़ को 1 कप दही में पीसकर लेने से पेशाब करते समय होने वाले दर्द से निजात मिलती है। डाँग- गुजरात के आदिवासियों के अनुसार दूबघास की पत्तियों को पानी के साथ मसलकर स्वादानुसार मिश्री डालकर अच्छी तरह से घोट लेते हैं फिर छानकर इसकी 1 गिलास मात्रा रोजाना पीने से पथरी गल जाती है और पेशाब खुलकर आता है।

पेशाब खुलकर कैसे आये?

एक गिलास पानी में आधा चम्‍मच बेकिंग सोडा डालकर पी लें। दिन में एक बार इस पानी को पीने से फायदा होगा। दही में प्रोबायोटिक होते हैं जो मूत्र मार्ग में संक्रमण यानी यूटीआई की वजह से बार-बार पेशाब आने की समस्‍या को दूर करने में मदद करते हैं। दिन में एक बार एक छोटी कटोरी खाने से आपको इस दिक्‍कत से निजात पाने में मदद मिलेगी।

पेशाब की धार कमजोर क्यों होती है?

* प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने पर प्रारंभ में रात्रि के समय फिर दिन में भी बार-बार पेशाब करने की प्रवृत्ति होती है। * पेशाब जल्दी बाहर नहीं निकलती। * रोगी के पेशाब की धार कमजोर हो जाती है। रोगी द्वारा मूत्र का त्याग करते समय मूत्र की धार आगे की तरफ दूर तक नहीं जाती बल्कि नीचे की तरफ गिरती है।

24 घंटे में कितनी बार पेशाब करना चाहिए?

अलग-अलग रिपोर्ट्स और हेल्थ फैक्टर्स के आधार पर हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए एक दिन में या कहिए कि 24 घंटे में 6 से 7 बार यूरिन जाना सामान्य है. लेकिन कुछ लोग इससे कम या इससे अधिक बार भी यूरिन जाते हैं तो जरूरी नहीं है कि उन्हें सेहत से जुड़ी कोई समस्या हो.