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पेट संक्रमण को बैक्टीरियल आंत्रशोथ के रूप में भी जाना जाता है यह तब होता है जब आपका पेट जीवाणु संक्रमण से प्रभावित होता है। इससे आपके पेट और आंतों में सूजन हो जाती है। आपको उल्टी, दस्त और गंभीर पेट ऐंठन जैसे लक्षण का अनुभव होगा। अधिकांश गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण, जीवाणु संक्रमण के वायरस भी सामान्य होते हैं। इस संक्रमण को "फ़ूड पोइसिनिंग" भी कहा जाता है यहाँ तक कि कम स्वच्छता भी पेट में संक्रमण पैदा कर सकती है। यदि आप बैक्टीरिया से दूषित जानवरों या पीने के पानी के संपर्क में आते हैं तो भी संक्रमण हो सकता है। चलिए हम पेट के संक्रमण के लक्षणों में से कुछ पर नजर डालते हैं:बैक्टीरियल आंत्रशोथ के लक्षण बैक्टीरिया पर निर्भर करते है जो संक्रमण का कारण होते हैं । लक्षणों में शामिल हैं:
अपने डॉक्टर से संपर्क करें यदि 5 दिन (बच्चों के मामले में दो दिन) के बाद भी लक्षण में सुधार नहीं होता है। यदि तीन महीने का बच्चा 12 घंटे के बाद भी उल्टी करता है, तो डॉक्टर से परामर्श करें। यदि इस से छोटा बच्चा दस्त या उल्टी करता है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। पेट में संक्रमण के कारण:कई बैक्टीरिया पेट में संक्रमण पैदा कर सकते हैं, इसमें शामिल हैं:
बैक्टीरियल आंत्रशोथ का इलाज कैसे करें?आप को हाइड्रेटेड रखना और जटिलताओं से बचाना मुख्य उद्देश्य है। यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि आप इस तरह पोटेशियम और सोडियम के रूप में बहुत ज्यादा नमक न खो दें। आपके शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए निश्चित मात्रा में इनकी आवश्यकता होती है। यदि आप को पेट में संक्रमण की गंभीर समस्या है, तो आप को अस्पताल में भर्ती कराया और नसों द्वारा लवण और तरल पदार्थ दिए जा सकते हैं। एंटीबायोटिक्स गंभीर मामलों में निर्धारित किए जाते हैं। मामूली मामलों के लिए कुछ घरेलू उपचारयदि आप को पेट में हल्का संक्रमण है, तो आप संभवतः अपने घर पर बीमारी का इलाज कर सकते हैं। निम्नलिखित का प्रयास करें:
घर में उपलब्ध कुछ तत्व आपको इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित रखने और दस्त का उपचार करने में सहायता कर सकते हैं।
पेट के संक्रमण को फैलने से कैसे रोका जाए?यदि आप पेट के संक्रमण से पीड़ित हैं, तो दूसरों तक बैक्टीरिया फैलने से बचने के लिए आवश्यक सावधानियों को इस्तेमाल करें। "सुनिश्चित करें कि आप शौचालय जाने के बाद और भोजन को छूने से पहले अपने हाथ धोएं। आप डेटॉल लिक्विड हैंडवाश से अपने हाथ धोकर सुरक्षा की अतिरिक्त परत जोड़ सकते हैं। जब तक आपके लक्षणों में सुधार नहीं होता है दूसरों के लिए भोजन तैयार करने की कोशिश न करें। जब आप बीमार हों तो अन्य लोगों के साथ निकट संपर्क में न आएं। जब एक बार आपके लक्षण कम हो जाएं,तो काम फिर से शुरू करने के लिए कम से कम 48 घंटे के लिए प्रतीक्षा करें।" डॉक्टर मानते हैं कि ज्यादातर बीमारियों की शुरुआत पेट से होती है। पेट के संक्रमण के प्रमुख कारण अनियमित दिनचर्या व गलत खान-पान हैं। ऐसा देखा गया है कि लोग पेट साफ करने के लिए किसी न किसी दवा का प्रयोग खुद से करते रहते हैं, जबकि बिना डॉक्टर की सलाह के इसके प्रयोग से परहेज करना चाहिए। फिजिशियन डॉ. अभिषेक शुक्ला के अनुसार, इनका प्रयोग करते रहने से आपको धीरे-धीरे इनकी आदत पड़ जाती है और बाद में इन्हें लेने के बाद भी पेट की समस्याओं से मुक्ति नहीं मिलती। इन दवाओं का अधिक इस्तेमाल बाद में पाइल्स जैसी समस्या का कारण बन सकता है। बेहतर यही होगा कि पेट के इस संक्रमण को शुरू में ही सही इलाज से दूर कर लें, ताकि भविष्य में इस कारण होने वाली अन्य बड़ी समस्या की आशंका से बचे रह सकें। कहा जाता है कि ज्यादातर बीमारियां पेट से फैलती हैं। हम जो कुछ भी खाते हैं, उसका सीधा असर पेट के साथ-साथ पूरे शरीर पर पड़ता है। यह असर सिरदर्द से लेकर बुखार, उल्टी और डायरिया तक के रूप में देखने को मिलता है। पेट दर्द और इंफेक्शन भी इसी से जुड़ी समस्या है, जिसमें व्यक्ति दर्द से तड़पने लगता है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह पेट से शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच सकता है।यहां कुछ घरेलू नुस्खे बता रहे हैं, जो पेट दर्द और पेट के इंफेक्शन में राहत देंगे। ये वे नुस्खे हैं जो अक्सर हमारी दादी और नानी दिया करती थीं।1- रोजाना सुबह खाली पेट 2 लौंग चबाना पेट के लिए फायदेमंद माना जाता है। लौंग में ऐंटी-माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो इंफेक्शन को दूर रखती हैं और पाचन तंत्र भी सुधारती हैं।2- खाली पेट अगर रोजाना 2-3 लहसुन की कली भी खाई जाएं तो भी पेट के इंफेक्शन में राहत मिलती है। इसमें नैचरल ऐंटी-बायॉटिक प्रॉपर्टीज होती हैं जो गट को हेल्दी रखती हैं और इंफेक्शन से बचाव करती हैं।Viral Fever दूर करने में मदद करेंगे ये घरेलू नुस्खे3- हल्दी को भी पेट के इंफेक्शन में कारगर माना गया है। इसके लिए एक चम्मच हल्दी में 2 चम्मच शहद मिलाकर मिक्स करें और उसे रोजाना खाएं। शहद और हल्दी का मिश्रण बनाकर उसे स्टोर करके भी रखा जा सकता है। इसके लिए 2 चम्मच हल्दी में 5-6 चम्मच शहद मिलाएं और फिर उसे एक डिब्बे में रख दें। अब रोजाना रात को आधा-आधा चम्मच खाएं।4- पेट के लिए केला से बेहतर कुछ नहीं। अगर कीड़े भी हो जाएं या फिर लूज मोशन तो भी केला बहुत फायदेमंद है। यह पेट के इंफेक्शन को भी दूर करने में मदद करता है।5- पेट में अगर किसी भी तरह की समस्या है, तो उसमें अदरक भी फायदा करती है। इसके लिए एक टुकड़ा अदरक लेकर कूट लें और उसमें थोड़ी सी काली मिर्च और 1 चुटकी हींग पीसकर डाल लें। अच्छी तरह से मिक्स करें और खाएं। खाने के तुरंत बाद ही 1 गिलास गुनगुना पानी पी लें।(डिस्क्लेमर: ऊपर बताए गए नुस्खे जानकारी हेतू दिए गए हैं। सिर्फ इन्हें ही पेट दर्द का इलाज न समझा जाए। कैसी भी तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।) पेट के इन्फेक्शन को जल्दी कैसे ठीक करें?मामूली मामलों के लिए कुछ घरेलू उपचार. दिन भर तरल पदार्थ लें, विशेष रूप से दस्त और बाउट के बाद. नियमित रूप से, लेकिन कम खाओ। ... . केले और फलों के रस जैसे पोटेशियम युक्त खाद्य और पेय,. चिकित्सक के परामर्श के बिना कोई भी दवा न लें. यदि आप में तरल की कमी है तो अस्पताल जाएं. पेट में बार बार इन्फेक्शन क्यों होता है?जबकि किसी व्यक्ति को पेट की समस्या होती है यानी पेट में इंफेक्शन हो जाता है तो वह लूज मोशन के साथ-साथ कई और समस्याओं से भी ग्रस्त हो जाता है. ध्यान दें कि डायरिया आमतौर पर दूषित पानी, किसी वायरल संक्रमण या जीवाणु संक्रमण के कारण हो सकता है. जबकि पेट में इन्फेक्शन पाचन क्रिया की गड़बड़ी के कारण होता है.
पेट में संक्रमण होने पर कौन सी दवा लेनी चाहिए?जब संक्रमण हो जाए
0 गुनगुना पानी पिएं तथा यथासंभव कम मसाले वाला खाना खाएं। पेट का दर्द असहनीय हो तो तुरंत किसी अनुभवी डॉक्टर के परामर्श से अल्ट्रासाउंड कराएं। 0 इसमें डायरिया और उल्टी की वजह से शरीर से पानी के साथ-साथ सोडियम, पोटेशियम और अन्य मिनरल भी कम हो जाते हैं। इसलिए पानी के साथ-साथ इलेक्ट्रॉल पाउडर लें।
पेट में इन्फेक्शन में क्या nahi खाना चाहिए?पेट के फ्लू या फूड पॉइजनिंग के दौरान बचना चाहिए। कॉफी जैसे किसी भी कैफीनयुक्त पेय से बचें क्योंकि यह आपके पेट में और जलन पैदा कर सकता है। शराब न पिएं क्योंकि आप पहले से ही डिहाइड्रेट हैं और शराब से बार-बार टॉयलेट लगता है। साथ ही इससे आपली उल्टी भी ट्रिगर हो सकती है।
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