Show 1. 'राजस्थान की रजत बूँदें' नामक पाठ के लेखक हैं-
B. बेबी हालदार C. अनुपम मिश्र D. हजारी प्रसाद द्विवेदी ANSWER= C. अनुपम मिश्र 2. कुंई की कितनी गहरी खुदाई हो चुकी थी?
B. तीस-पैंतीस हाथ C. पच्चीस-तीस हाथ D. पंद्रह-बीस हाथ ANSWER= B. तीस-पैंतीस हाथ 3. 'कुंई' शब्द से तात्पर्य है-
B. गहरा स्थान C. छोटा-सा कुआँ D. गहरा कुआँ ANSWER= C. छोटा-सा कुआँ 4. कुंई की खुदाई किससे की जाती है?
B. हत्थी से C. दरांती से D. बसौली से
ANSWER= D. बसौली से 5. चेलवांजी अपने सिर पर किस प्रकार का टोप पहनते हैं?
B. पीतल का C. किसी अन्य धातु का D. उपरोक्त में से कोई एक ANSWER= D. उपरोक्त में से कोई एक
6. 'चेलवांजी' का शाब्दिक अर्थ है-
B. निहारो C. पुचकारो D. मिथारो ANSWER= A. चेजारो 7. कुंई की गरमी कम करने के लिए ऊपर जमीन पर खड़े लोग मुट्ठी भर-भरकर नीचे क्या फेंकते हैं?
B. पानी C. टोप D. रस्सी ANSWER= A. रेत 8. बड़े कुँओं में पानी कितनी गहराई पर निकलता है?
B. दो सौ-तीन सौ हाथ C. सौ-दो सौ हाथ D. तीन सौ-चार सौ हाथ ANSWER= A. डेढ़ सौ-दो सौ हाथ 9. बड़े कुँओं के पानी का स्वाद कैसा होता है?
B. नमकीन C. कडुवा D. खारा ANSWER= D. खारा 10.जहाँ लगाव है, वहाँ ......... भी होता है
B. अलगाव C. अवसान D. कुछ भी नहीं ANSWER= B. अलगाव 11. मरुभूमि के विकसित किए गए समाज ने वहाँ उपलब्ध पानी को कितने रूपों में बाँटा है?
B. पाँच C. सात D. तीन ANSWER= D. तीन
12. उपलब्ध पानी के तीन रूप हैं-
B. पाताल पानी C. रेजाणी पानी D. उपरोक्त सभी ANSWER= D. उपरोक्त सभी 13. वर्षा की मात्रा नापने के लिए किस शब्द का प्रयोग होता है?
B. इंच C. सेंटीमीटर D. रेजा ANSWER= D. रेजा 14. पाँच हाथ के व्यास की कुंई में रस्से की एक ही कुंडली का केवल एक घेरा बनाने के लिए लगभग कितना लंबा रस्सा चाहिए?
B. बीस हाथ C. पाँच हाथ D. दस हाथ ANSWER= A. पंद्रह हाथ 15. कुंई के पानी को साफ रखने के लिए उसे किस धातु के बने ढक्कन से ढका जाता है?
B. पत्थर C. मिट्टी D. लकड़ी ANSWER= D. लकड़ी 16. गहरी कुंई से पानी खींचने की सुविधा के लिए उसके ऊपर लगी चकरी को क्या कहते हैं?
B. चरखी C. फरेड़ी D. उपरोक्त सभी ANSWER= D. उपरोक्त सभी 17. जैसलमेर जिले के एक गाँव खड़ेरों की ढाणी को लोग किस नाम से जानते थे?
B. पाँच बीसी C. छह-बीसी D. दस-बीसी ANSWER= C. छह-बीसी आपके टोटल मार्क्स कितने आए? ... कमेंट करना मत भूलना...!!! राजस्थान की रजत बुंदे पाठ के लेखक कौन थे?यह पाठ राजस्थान की रजत बूंदे अनुपम मिश्र द्वारा लिखा गया है इसमें राजस्थान के मरुस्थल में पाई जाने वाली कुईं के बारे में बताया गया है जिसका उपयोग पानी संग्रक्षण के लिए किया जाता है ।
राजस्थान की रजत बूंदें पाठ का उद्देश्य क्या है?Expert-Verified Answer
राजस्थान की रजत बूंदें पाठ से हमें जल प्राप्ति के अन्य उपायों और पानी के समुचित प्रयोग पर विचार करने में मदद करता है। राजस्थान में रेत अथाह होने के कारण वर्षा का पानी रेत में समा जाता है फलस्वरूप नीचे की सतह पर नमी फ़ैल जाती है। यही नमी खड़िया मिट्टी की परत तक रहती है।
चेलवांजी शब्द का क्या अर्थ है?Answer: चेलवांजी अर्थात् चेजारो वह व्यक्ति है जो रेगिस्तानी इलाकों में कुंई खोदने के कार्य में कुशल होता है। इन क्षेत्रों में कुंई खोदना एक विशेष प्रक्रिया है। इसमें छोटे से व्यास की तीस से साठ हाथ तक खुदाई और उसके साथ-साथ चिनाई करनी पड़ती है।
राजस्थान की रजत बूंदें पाठ में किस समस्या की ओर संकेत किया गया है यह पाठ आपको क्या संदेश देता है?मानव की प्रकृति के अत्यधिक दोहन के कारण पानी की समस्या भयंकर होती जा रही है। नदियों का जल-स्तर घटता जा रहा है। सभी जगहों में लोग पानी की कमी से जूझ रहें हैं। ऐसे वातावरण में राजस्थान की रजत बूंदें पाठ से हमें जल प्राप्ति के अन्य उपायों और पानी के समुचित प्रयोग पर विचार करने में मदद करता है।
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