संक्रमण तत्व क्या है इसके गुण लिखिए? - sankraman tatv kya hai isake gun likhie?

वे तत्त्व जिनमें अन्तिम इलेक्ट्रॉन बाह्य कोश से पहले वाले कोश के पाँच d-कक्षकों में से किसी भी एक कक्ष में प्रवेश करता है, d-ब्लॉक के तत्त्व कहलाते हैं। इनमें विभेदी इलेक्ट्रॉन (n-1) d-कक्षकों में प्रवेश पाता है। चूँकि इन तत्त्वों के गुण s-ब्लॉक तथा p-ब्लॉक के तत्त्वों के गुणों के मध्यवर्ती होते हैं अत: इन्हें संक्रमण तत्त्व भी कहते हैं

विशेषताएँ– संक्रमण तत्त्वों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं – 

1. इलेक्ट्रॉनिक विन्यास – संक्रमण तत्त्वों में बाह्यकोश से पिछले कोश के d ऑर्बिटलों में इलेक्ट्रॉन भरते हैं। इसके बाह्यतम दो कोशों का विन्यास इस प्रकार होता है – 

(n – 1)s2 (n – 1)p6 (n-1)d1 to 10 ns1 or 2 या ns0 

2. परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्थाएँ – d-ब्लॉक (संक्रमण) तत्त्वों में ns ऑर्बिटल और (n – 1)d ऑर्बिटल दोनों के इलेक्ट्रॉन रासायनिक बन्ध बनाने में भाग लेते हैं। इसलिए संक्रमण तत्त्व परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते हैं। संक्रमण तत्त्वों में (n – 1)d और ns ऊर्जा स्तरों की ऊर्जा में थोड़ा अन्तर होने के कारण ये इलेक्ट्रॉन रासायनिक बन्ध बनाने में भाग ले सकते हैं। इसलिए संक्रमण तत्त्व परिवर्ती ऑक्सीकरण संख्या प्रदर्शित करते हैं। 

3. उत्प्रेरक गुण – संक्रमण धातु और उनके यौगिकों में उत्प्रेरकीय गुण होते हैं। यह गुण उनकी परिवर्ती संयोजकता एवं उनके पृष्ठ पर उपस्थित मुक्त संयोजकताओं के कारण होता है।

4. रंगीन आयन व रंगीन यौगिक बनाने की प्रवृत्ति – संक्रमण तत्त्वों में d ऑर्बिटल आंशिक रूप से भरे होने के कारण ये रंगीन आयन व रंगीन यौगिक बनाते हैं। 

5. आयनन विभव में परिवर्तन – संक्रमण धातुओं के प्रथम आयनन विभव दीर्घ आवर्गों में स्थित s-ब्लॉक और p ब्लॉक तत्त्वों के आयनन विभवों के बीच के हैं। प्रथम संक्रमण श्रेणी में तत्त्वों के प्रथम आयनन विभवों के मान 6 से 10 eV के मध्य है। किसी संक्रमण धातु परमाणु के उत्तरोत्तर (successive) आयनन विभव कम से बढ़ते हैं। संक्रमण धातु क्षार धातुओं (उपवर्ग IA) और क्षारीय मृदा-धातुओं (उपवर्ग IIA) से कम धन विद्युत होने के कारण आयनिक और सहसंयोजक दोनों प्रकार के यौगिक बनाते हैं। 

6. चुम्बकीय लक्षण – अनेक संक्रमण तत्त्व उनके यौगिक अनुचुम्बकीय हैं। इसका कारण उनमें (n – 1) d कक्षकों में अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति है। किसी संक्रमण श्रेणी में बायें से दायें जाने पर जैसे-जैसे अयुग्मि इलेक्ट्रॉनों की संख्या एक से पाँच तक बढ़ती है, संक्रमण धातु आयन में अनुचुम्बकीय लक्षण बढ़ता है। अधिकतम अनुचुम्बकीय लक्षण श्रेणी के बीच में पाया जाता है और आगे जाने पर अनुचुम्बकीय लक्षण अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या कम होने से घटता है। वे संक्रमण धातु अथवा आयन जिनमें इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं, प्रतिचुम्बकीय होते हैं।

इसे सुनेंरोकेंआधुनिक परिभाषा के अनुसार वे तत्व जिनमें परमाण्वीय अवस्था में या उस तत्व की किसी सामान्य ऑक्सीकरण अवस्था में d-या F-उपकोश आंशिक रूप से भरे जाएँ, संक्रमण तत्व कहलाते हैं। इन तत्वों का सामान्य इलैक्ट्रॉनीय विन्यास (n-2)f¹–¹⁴(n-1)s² (n-1)p⁶(n-1)d⁰–¹ ns² bहोता है।

संक्रमण तत्व क्या है इनकी विशेषताएं लिखो?

इसे सुनेंरोकेंसंक्रमण तत्त्वों की विशेषताएँ संक्रमण तत्त्वों में (n – 1)d और ns ऊर्जा स्तरों की ऊर्जा में थोड़ा अन्तर होने के कारण ये इलेक्ट्रॉन रासायनिक बन्ध बनाने में भाग ले सकते हैं। इसलिए संक्रमण तत्त्व परिवर्ती ऑक्सीकरण संख्या प्रदर्शित करते हैं। 3. उत्प्रेरक गुण – संक्रमण धातु और उनके यौगिकों में उत्प्रेरकीय गुण होते हैं।

संक्रमण धातु कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंपरमाणु संख्या २१ से ३०, ३९ से ४८, ५७ से ८० और ८९ से ११२ वाले रासायनिक तत्त्व संक्रमण तत्व (transition elements/ट्राँज़िशन एलिमेंट्स) कहलाते हैं। चूँकि ये सभी तत्त्व धातुएँ हैं, इसलिये इनको संक्रमण धातु भी कहते हैं।

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संक्रमण तत्व क्या है आवर्त सारणी में इनके स्थान की विवेचना कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: चूँकि ये सभी तत्त्व धातुएँ हैं, इसलिये इनको संक्रमण धातु भी कहते हैं। इनका यह नाम आवर्त सारणी में उनके स्थान के कारण पड़ा है क्योंकि प्रत्येक पिरियड में इन तत्त्वों के d ऑर्बिटल में इलेक्ट्रान भरते हैं और ‘संक्रमण’ होता है। आईयूपीएसी (IUPAC) ने इनकी परिभाषा यह दी है- वे तत्त्व जिनका d उपकक्षा अंशतः भरी हो।

संक्रमण तत्व क्या है प्रथम संक्रमण?

इसे सुनेंरोकेंबीच पाए जाने वाले तत्वों के इस वर्ग को 3d ब्लॉक अथवा प्रथम संक्रमण श्रेणी के तत्व कहते हैं (आवर्त सारणी देखें)। 4f श्रेणी Ce से Lu (परमाणु संख्या 58-71) तक के 14 सदस्यों से मिलकर बनती है, जहाँ उपांतिम उपकोश, 4f उपकोश पूरित होता है। उनका सामान्य इलेक्ट्रॉन विन्यास [Xe] 4f1-145d1.2 6s होता है।

संक्रमण तत्व क्या है इनके निम्न गुणों को कारण सहित स्पष्ट कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंवे तत्व जिनमें अन्तिम इलेक्ट्रॉन बाहातम कोश से पहले कोश अर्थात् (n – 1) d उपकोश में भरा जाता है, d-ब्लॉक के तत्व कहलाते हैं इनके गुण s तथा p-ब्लॉक के तत्वों के मध्यवर्ती होने के कारण इन्हें संक्रमण तत्व भी कहा जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक संक्रमण कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइलेक्ट्रॉनिक संक्रमण मुख्य रूप से 5 प्रकार के होते हैं।

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संक्रमण तत्व कौन से ब्लॉक के तत्व है?

इसे सुनेंरोकेंd- ब्लॉक के वे तत्व जिनमें परमाणु या किसी ऑक्सीकरण अवस्था में अपूर्ण d- कक्षक होते हैं उन्हें संक्रमण तत्व कहते हैं। Zn, Cd तथा Hg (12वां वर्ग) के अलावा d- ब्लॉक के सभी तत्व संक्रमण तत्व होते हैं।

संक्रमण से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंरोगों में कुछ रोग तो ऐसे हैं जो पीड़ित व्यक्तियों के प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क, या उनके रोगोत्पादक, विशिष्ट तत्वों से दूषित पदार्थों के सेवन एवं निकट संपर्क, से एक से दूसरे व्यक्तियों पर संक्रमित हो जाते हैं। इसी प्रक्रिया को संक्रमण (Infection) कहते हैं।

संक्रमण क्या है Physics?

इसे सुनेंरोकेंपरमाणु का एक ऊर्जा-अवस्था से दूसरी ऊर्जा-अवस्था में जाना संक्रमण कहलाता है।

संक्रमण क्या है विभिन्न प्रकार के संक्रमण को समझाइए?

संक्रमण तत्व क्या है इसके प्रमुख गुणों का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंसंक्रमण तत्व या d-ब्लॉक के तत्व-वे तत्व जिनमें परमाणु क्रमांक की क्रमशः वृद्धि के साथ-साथ विभेदी इलेक्ट्रॉन बाह्य कोश से पिछले कोश के d-उपकोश में प्रवेश करता है,d. ब्लॉक के तत्व कहलाते हैं। इन तत्वों के बाह्यतम कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns1-2 तथा उससे पिछले कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (n-1)s2,p6,d(1-10) होता है।

संक्रमण तत्व कितने होते हैं?

संक्रमण तत्व क्या है आवर्त सारणी में उनके स्थान की विवेचना कीजिए?

लैंथेनाइड किसे कहते हैं इनकी कितनी श्रेणियां है?

इसे सुनेंरोकेंपरमाणु संख्या 57 से 71 वाले तत्व ही लांटेनॉइड कहलाते हैं। आवर्त सारणी में आवर्त छः के श्रेणी 3 और 4 के बीच के सभी तत्त्व लैंथेनोइड कहलाते हैं। अतः लैंथेनोइड दो श्रेणियां तीन और चार के अंतर्गत आते हैं।

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संक्रमण बिंदु क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजिस ताप पर कोई पदार्थ अपनी क्रिस्टल अवस्था बदल देता है उसे उसका संक्रमण ताप (transition temperature) कहते हैं। उदाहरण के लिए, जब रोम्बिक सल्फर को 95.6 °C से ऊपर तक गरम किया जाता है तो यह मोनोक्लिनिक सल्फर में बदल जाता है।

तत्व और यौगिक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंतत्व- तत्व पदार्थ का एक शुद्ध और सरलतम द्रव्य है जो किसी भी भौतिक या रासायनिक विधि द्वारा दो या दो से अधिक सरल द्रव्यों में विभाजित नहीं किया जा सकता है। यौगिक- यौगिक वह शुद्ध पदार्थ है जो दो या अधिक तत्वों के भार के विचार से एक निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग के फलस्वरूप बनता है।

तत्व को कितने भागों में बांटा गया है?

इसे सुनेंरोकेंआज तक हमें 118 तत्वों की जानकारी है। इन सभी तत्वों के गुण भिन्न-भिन्न हैं। इनमें से 94 तत्व प्राकृतिक रूप में पाये जाते हैं।

संक्रमण तत्व कौन कौन है?

इसे सुनेंरोकेंपरमाणु संख्या 21 से 30, 30 से 48, 57 से 80 और 89 से 112 वाले रासायनिक तत्त्व संक्रमण तत्व (transition elements/ट्राँज़िशन एलिमेंट्स) कहलाते हैं। चूँकि ये सभी तत्त्व धातुएँ हैं, इसलिये इनको संक्रमण धातु भी कहते हैं।

संक्रमण तत्व क्या है इसके गुणों को समझाइए?

इनके चुम्बकीय एवं उत्प्रेरकीय गुण को समझाइए। Solution : वे तत्व जिनमें अन्तिम इलेक्ट्रॉन बाहातम कोश से पहले कोश अर्थात् (n - 1) d उपकोश में भरा जाता है, d-ब्लॉक के तत्व कहलाते हैं इनके गुण s तथा p-ब्लॉक के तत्वों के मध्यवर्ती होने के कारण इन्हें संक्रमण तत्व भी कहा जाता है।

संक्रमण तत्व क्या होता है?

संक्रमण तत्व किसे कहते हैं ? आवर्त सारणी में । तथा d-ब्लॉक के तत्वों को जोड़ने वाले तत्व, संक्रमण तत्व कहलाते हैं। आधुनिक परिभाषा के अनुसार वे तत्व जिनमें परमाण्वीय अवस्था में या उस तत्व की किसी सामान्य ऑक्सीकरण अवस्था में d-या F-उपकोश आंशिक रूप से भरे जाएँ, संक्रमण तत्व कहलाते हैं।