श्री यंत्र से क्या लाभ होता है? - shree yantr se kya laabh hota hai?

Shri Yantra Ka Mahatva: हिंदू धर्म (Hiduism) में हर देवी-देवता को अलग-अलग दिन पूजा जाता है. शुक्रवार (Friday) का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित किया गया है. इसी क्रम में माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम उपाय है मां लक्ष्मी का श्री यंत्र, मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस यंत्र की पूजा करने का विधान काफी प्राचीन है. मान्यता के अनुसार माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए स्फटिक का श्री यंत्र (Shri Yantra) सबसे उत्तम होता है. ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति को धन से संबंधित परेशानियां होती हैं उन्हें श्रीयंत्र की पूजा करनी चाहिए. विधि विधान से श्री यंत्र की पूजा करने से जहां यह श्री यंत्र रखा होता है वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि क्यों श्री यंत्र घर में स्थापित करना चाहिए और क्या है इसके फायदे और महत्व.

क्या है श्रीयंत्र
दुर्गा सप्तशती में कहा गया है “आराधिता सैव नृणां भोगस्वर्गापवर्गदा” अर्थात आराधना किए जाने पर आदि शक्ति देवी मनुष्यों को सुख, भोग, स्वर्ग अपवर्ग देने वाली होती है. उपासना सिद्ध होने पर सभी प्रकार की “श्री” मतलब चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति हो सकती है. इसीलिए इस यंत्र को श्री यंत्र कहा जाता है. इस यंत्र की अधिष्ठात्री देवी त्रिपुर सुंदरी हैं, इसे शास्त्रों में विद्या, महाविद्या, परम विद्या के नाम से भी जाना जाता है.

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कैसे बना श्रीयंत्र-
श्री यंत्र की उत्पत्ति को लेकर धार्मिक पुराणों में उल्लेख मिलता है कि एक बार महालक्ष्मी अप्रसन्न होकर पृथ्वी से बैकुंठ चली गईं. माता के रुष्ट हो जाने से पृथ्वी पर बहुत सी समस्याएं पैदा होने लगी. ब्राम्हण और महाजन बिना लक्ष्मी के निर्धन हो गए, तब ब्राह्मणों में श्रेष्ठ वशिष्ठ मुनि ने निश्चय किया कि लक्ष्मी को प्रसन्न कर पृथ्वी पर वापस ले आऊंगा.

जब मुनि वशिष्ठ बैकुंठ में जाकर माता लक्ष्मी से मिले तो उन्हें पता चला कि माता लक्ष्मी अप्रसन्न हैं वह किसी भी स्थिति में पृथ्वी पर आने को तैयार नहीं हुई. तब वशिष्ठ ने वहीं पर बैठकर भगवान विष्णु की आराधना शुरू की, नारायण ने प्रसन्न होकर मुनि वशिष्ठ को अपने दर्शन दिए. वशिष्ट ने श्री हरि विष्णु से कहा कि हम पृथ्वी पर बिना लक्ष्मी के बहुत दुखी हैं हमारे सारे आश्रम उजड़ गए हैं और धरती का वैभव खत्म होने वाला है. यह सुनकर भगवान विष्णु वशिष्ठ को साथ लेकर माता लक्ष्मी के पास गए और उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन महालक्ष्मी नहीं मानी और उन्होंने कहा कि मैं किसी भी स्थिति में पृथ्वी पर वापस जाने को तैयार नहीं हूं.

जब चारों दिशाओं में माता लक्ष्मी के पृथ्वी पर वापस ना आने की बात फैल गई तब देवताओं के गुरु बृहस्पति ने एक युक्ति सुझाई उन्होंने कहा कि अब श्री यंत्र साधना ही एकमात्र उपाय बचा है जिससे माता लक्ष्मी को धरती पर आना ही पड़ेगा. गुरु बृहस्पति के निर्देशों से विष्णु ने धातु पर श्री यंत्र का निर्माण किया और उसे मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त करते हुए दीपावली के 2 दिन पूर्व धन त्रयोदशी पर श्री यंत्र को स्थापित कर विधि-विधान से उसका पूजन किया. पूजन समाप्त होते-होते माता लक्ष्मी को वहां आना ही पड़ा और वे बोलीं – ‘मैं किसी भी स्थिति में यहां आने के लिए तैयार नहीं थी, यह मेरा प्रण था, परन्तु बृहस्पति की युक्ति से मुझे आना ही पड़ा. श्री यंत्र मेरा आधार है और इसी में मेरी आत्मा निहित है.‘

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घर में श्री यंत्र स्थापित करने के फायदे और इसका महत्व-
– यदि आप भी अपने घर में श्री यंत्र की स्थापना करना चाहते हैं तो किसी जानकार ज्योतिष शास्त्री से इसको स्थापित करने का शुभ मुहूर्त अवश्य देख लें. शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इसलिए कोई भी शुभ कार्य करने से पहले मुहूर्त अवश्य देखा जाता है.

– श्री यंत्र में साक्षात महालक्ष्मी का वास होता है. इसके अलावा श्री यंत्र जिस जगह होता है वहां चारों तरफ का वातावरण शुद्ध और पवित्र हो जाता है. इससे माता लक्ष्मी के आगमन पर बाधाएं नहीं आती है.

– श्री यंत्र की स्थापना से अष्ट लक्ष्मी की प्राप्ति भी होती है. इससे बिजनेस में सफलता, सुखी जीवन, आर्थिक मजबूती और पारिवारिक सुख समृद्धि प्राप्त होती है. साथ ही जिन लोगों के व्यापार और जॉब में लंबे समय से रुकावट है या फिर उनकी तरक्की नहीं हो रही उन्हें श्री यंत्र की स्थापना जरूर करनी चाहिए. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

श्री यंत्र के प्रकार तथा फायदे / श्री यंत्र क्या है | श्री यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें – धन की देवी माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए श्री यंत्र बड़ा ही प्रभावशाली माना जाता हैं. श्री यंत्र माता लक्ष्मी का यंत्र माना गया हैं. श्री यंत्र की पूजा करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा हमारे पर बनी रहती हैं. तथा धन की प्राप्ति होती हैं. इसलिए लोग अपने घर में श्री यंत्र की स्थापना करके पूजा-अर्चना करते हैं.

श्री यंत्र से क्या लाभ होता है? - shree yantr se kya laabh hota hai?

ऐसा माना जाता है की श्री यंत्र की पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं. श्री यंत्र की पूजा करने से धन की कमी तो दूर होती ही हैं. इसके अलावा परिवार में सदैव सुख शांति, ऐश्वर्य तथा सौभाग्य बना रहता हैं.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से श्री यंत्र के प्रकार बताने वाले हैं. तथा श्री यंत्र क्या है और श्री यंत्र के फायदों के बारे में भी चर्चा करेगे. इसके अलावा श्री यंत्र से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

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Table of Contents

  • श्री यंत्र के प्रकार
  • श्री यंत्र क्या है
  • श्री यंत्र के फायदे
  • श्री यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें
  • श्री यंत्र किस दिशा में लगाना चाहिए
  • निष्कर्ष

श्री यंत्र के प्रकार

श्री यंत्र दो प्रकार के होते हैं. पहला आकृति और रेखाओं वाला श्री यंत्र और दूसरा अंको वाला श्री यंत्र. वैसे तो दोनों यंत्र ही ताकतवर और प्रभावशाली माने जाते है. लेकिन अंको वाले श्री यंत्र की तुलना में आकृति और रेखाओं वाला श्री यंत्र अधिक ताकतवर और प्रभावशाली माना जाता हैं.

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श्री यंत्र क्या है

श्री यंत्र माता लक्ष्मी का यंत्र माना जाता हैं. श्री यंत्र की घर में पूजा-अर्चना करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. और उनके आशीर्वाद से हमे धन की प्राप्ति होती हैं. श्री यंत्र पर कुछ रेखाएं और अंक बने हुए होते हैं.

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श्री यंत्र पर बनी हुई रेखाएं और अंक में थोड़ी सी गलती हो गई. तो अर्थ का अनर्थ हो सकता हैं. इसलिए यह किसी ज्योतिष को दिखाकर लेना चाहिए. उसके बाद ही घर में स्थापित करना चाहिए.

श्री यंत्र के फायदे

श्री यंत्र अलग-अलग धातु से बनाया हुआ होता हैं. जिसके लाभ भी अलग-अलग होते हैं. श्री यंत्र से होने वाले लाभ हमने नीचे बताए हैं.

  • अगर आप अपने घर में पारद का श्री यंत्र स्थापित करते है. तो लक्ष्मी और सिद्धि की प्राप्ति होती हैं.
  • अगर आप अपने घर में अष्टधातु का श्री यंत्र स्थापित करते है. तो धन और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती हैं.
  • अगर आप अपने घर में स्फटिक का श्री यंत्र स्थापित करते है. तो ज्ञान, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती हैं.
  • अगर स्वर्ण से बना हुआ श्री यंत्र स्थापित करते है. तो व्यवसाय में लाभ होता हैं.
  • अगर आप अपने घर में तांबे का श्री यंत्र स्थापित करके पूजा-अर्चना करते है. तो आर्थिक तंगी दूर होती हैं. तथा धन की प्राप्ति होती हैं.
  • अगर आप किसी को श्री यंत्र दान में देना चाहते है. तो चांदी का श्री यंत्र दान में दे सकते है. इस वजह से आपको इसके विशेष लाभ मिलेगे.

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श्री यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें

श्री यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा करने की संपूर्ण विधि निम्नलिखित है:

  • श्री यंत्र की स्थापना आप किसी भी अच्छे शुभ दिन में कर सकते हैं. लेकिन अगर आप दीवाली, रविपुष्य योग या होली के दिन करते है. तो अतिउत्तम माना जाता हैं.
  • जिस दिन आप श्री यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा करने वाले है. उस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद शुद्ध वस्त्र धारण कर ले.
  • अब माता लक्ष्मी का श्रद्धापूर्वक ध्यान करे.
  • अब कच्चे दूध में गंगाजल मिलाकर श्री यंत्र को स्नान करवाए.
  • इसके पश्चात साफ़ वस्त्र से श्री यंत्र को साफ़ करे. और लाल कपडा बिछाकर चौकी पर स्थापित करे.
  • अब अगरबत्ती, धुप, फुल, गुलाल, अबील आदि से श्री यंत्र की पूजा करे.
  • यह सभी प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद 1008 बार लक्ष्मी मंत्र का “ऊॅँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊॅँ महालक्ष्मै नम:” जाप करे. लक्ष्मी मंत्र जाप करने के लिए आप किसी भी माला का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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श्री यंत्र किस दिशा में लगाना चाहिए

श्री यंत्र उत्तर दिशा में लगाना शुभ माना जाता हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से श्री यंत्र के प्रकार तथा फायदे बताए हैं. इसके साथ ही यह भी बतया है की श्री यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह श्री यंत्र के प्रकार तथा फायदे / श्री यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

घर में कौन सा श्री यंत्र रखना चाहिए?

स्फटिक श्री यंत्र स्फटिक से बना श्री यंत्र, दक्षिणावर्ती शंख, गोमती चक्र एवं तुलसी पत्र जिस घर में हों वहां धन और ऐशवर्य की कोई कमी नहीं होती है। स्फटिक के श्रीयंत्र को समस्त प्रकार के श्रीयंत्रों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। वास्तु निवारण के लिए स्फटिक श्री यंत्र श्रेष्ठतम माना जाता है।

श्री यंत्र घर में रखने से क्या होता है?

ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति को धन से संबंधित परेशानियां होती हैं उन्हें श्रीयंत्र की पूजा करनी चाहिए. विधि विधान से श्री यंत्र की पूजा करने से जहां यह श्री यंत्र रखा होता है वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

श्री यंत्र की स्थापना कब करनी चाहिए?

श्रीयंत्र की स्‍थापना के दिन सुबह उठकर स्‍नान करें और साफ कपड़े पहनें। दिवाली के पर्व पर आप श्रीयंत्र की स्‍थापना लक्ष्‍मी पूजन के वक्‍त ही आप कर सकती हैं। श्रीयंत्र को महालक्ष्‍मी के साथ कभी भी स्‍थापित न करें।

श्री यंत्र से क्या होता है?

श्री यंत्र का विधिवत् पूजन करने से मां लक्ष्मी का आपके घर में स्थायी वास होता है। जहां भी श्री यंत्र की पूजा होती है, वहां मां लक्ष्मी की कृपा से धन-सम्पति की कभी कोई कमी नहीं रहती है। श्री यंत्र की साधना से केवल धन की ही प्राप्ति नहीं होती है, बल्कि इससे शक्ति और सिद्धि की भी प्राप्ति की जाती है।