Home » धार्मिक विमर्श (Misc.) » हिन्दू धर्म के अनुसार 6 ऋतुओं के नाम और उनके बारे में विस्तार से जानकारी (6 Seasons Of India) Show हिन्दू धर्म के अनुसार 6 ऋतुओं के नाम और उनके बारे में विस्तार से जानकारी (6 Seasons Of India) आपने सुना होगा कि हिन्दू धर्म में 6 प्रकार की ऋतुएं (6 Seasons Of India) बताई गयी हैं। ऋतु का एक अर्थ मौसम से भी है। पूरे वर्ष में अलग-अलग तरह का मौसम रहता है। यह मौसम कुछ समय की अवधि के लिए रहता है यानी कि थोड़े समय के बाद मौसम बदलता रहता है। हिन्दू धर्म में 6 तरह के मौसम वर्णित किए गए हैं। इन्हें हम ऋतुएं भी कहते हैं। हर एक ऋतु की अपनी एक विशेषता है। तो इस लेख में हम जानेंगे हिन्दू धर्म के अनुसार 6 ऋतुओं के नाम और उनके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे। Table of Contents (विषयसूची)
हिन्दू धर्म में वर्णित यह 6 ऋतुएं इस प्रकार हैं:
शिशिर ऋतुशिशिर ऋतु अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जनवरी से फरवरी तक आती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ से फाल्गुन माह का समय शिशिर ऋतु का समय होता है। शिशिर ऋतु के समय बहुत ज़्यादा ठण्ड रहती है और यह पतझड़ का समय होता है। बसंत ऋतुबसंत ऋतु अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार फरवरी से मार्च तक आती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र से बैसाख माह का समय बसंत ऋतु का समय होता है। बसंत ऋतु फल, फूल, फसलों और पौधों के खिलने का समय होता है। हिन्दू धर्म के मानने वालों द्वारा बसंत ऋतु में बसंत पंचमी का महत्त्वपूर्ण त्योहार मनाया जाता है। अगर आप बसंत पंचमी के त्योहार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो निचे दिए गए लिंक पर क्लिक कीजिए। इस विषय पर लेख विस्तारपूर्वक लिखा गया है। बसंत पंचमी (Basant Panchami) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी ग्रीष्म ऋतुग्रीष्म ऋतु अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अप्रैल से जून तक आती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ से आषाढ़ माह का समय ग्रीष्म ऋतु का समय होता है। ग्रीष्म ऋतु गर्मी का समय होता है। वर्षा ऋतुवर्षा ऋतु अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई से सितम्बर तक आती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण से भाद्रपद माह का समय वर्षा ऋतु का समय होता है। जैसे कि नाम से ही स्पष्ट है यह ऋतु बारिश से सम्बन्ध रखती है और इस समय साल में खूब बारिश होती है। शरद ऋतुशरद ऋतु अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर से नवम्बर तक आती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार अश्विन से कार्तिक माह का समय शरद ऋतु का समय होता है। इस समय ज़मीन में वर्षा ऋतु के कारण ज़्यादा जल भर जाता है और गर्मी की वजह से वायु में आर्द्रता बढ़ जाती है। इस वजह से वातावरण में उमस ज़्यादा रहती है। हेमंत ऋतुहेमंत ऋतु अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार दिसंबर से जनवरी तक आती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष से पौष माह का समय हेमंत ऋतु का समय होता है। यह समय ठण्ड का मौसम शुरू होने का समय होता है। निष्कर्षतो इस लेख में हमने जाने हिन्दू धर्म के अनुसार 6 ऋतुओं के नाम और उनके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। आशा करता हूँ आपको यह लेख अच्छा लगा होगा और आपके ज्ञान में इससे वृद्धि हुई होगी। कृपया इस लेख को दूसरों के साथ भी सांझा करें। खुश रहे, स्वस्थ रह… जय श्री कृष्ण! 6 ऋतुओं के नाम और उनके बारे में जानकारी – PDF Downloadइस महत्वपूर्ण लेख को भी पढ़ें - मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी
आज का पंचांग जानने के लिए यहाँ पर क्लिक करें। 👉 X शरद ऋतु के बारे में क्या खास था?शरद ऋतु भारत में चारों ऋतुओं में सबसे ठंडी ऋतु होती है। यह दिसम्बर के महीने में पड़ती है और मार्च में होली के दौरान खत्म होती है। दिसम्बर और जनवरी को शरद ऋतु के सबसे ठंडे महीने माना जाता है। यह पतझड़ के मौसम के बाद आती है और वसंत ऋतु (बाद में ग्रीष्म ऋतु) से पहले समाप्त हो जाती है।
शरद ऋतु का मतलब क्या होता है?शरद ऋतु भारत की प्रमुख 4 ऋतुओं में से एक ऋतु है। वर्षा ऋतु के पश्चात् जब मानूसन पवनें लौटती हैं तो देश के उत्तरी पश्चिमी भाग में तापमान तेज़ीसे कम होने लगता है। इस समय जलप्लावित भूमि तथा तीव्र तापमान के कारण वायु की आर्द्रता इतनी अधिक बढ़ जाती है कि लोगों को असहनीय उमस का सामना करना पड़ता है।
शरद ऋतु का दूसरा नाम क्या है?शरद ऋतु, जिसे पतझड़ भी कहते हैं, चार शीतोष्ण ऋतुओं में से एक हैं।
शरद ऋतु में कौन से परिवर्तन होते हैं?इस सुन्दर ऋतु में बहुत से परिवर्तन होते हैं। दिन छोटे हो जाते हैं। पेड़ों की पत्तियाँ हरे रंग से बदलकर जीवित लाल, पीली और नारंगी हो जाती हैं। वस्तुतः पत्तियों को हरा बनाए रखने के लिए पेड़ों को धूपं चाहिए।
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