ताशकंद समझौता के मुख्य प्रावधान क्या थे व्याख्या कीजिए - taashakand samajhauta ke mukhy praavadhaan kya the vyaakhya keejie

ताशकन्द समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 10 जनवरी 1966 को हुआ। यह एक शान्ति समझौता था।[कृपया उद्धरण जोड़ें] इस समझौते के अनुसार यह तय हुआ कि भारत और पाकिस्तान अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने झगड़ों को शान्तिपूर्ण ढंग से तय करेंगे। यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान की लम्बी वार्ता के उपरान्त 11 जनवरी 1966 ई. को ताशकंद सोवियत संघ , वर्तमान उज़्बेकिस्तान में हुआ।[कृपया उद्धरण जोड़ें]

समझौते का प्रारूप[संपादित करें]

ताशकंद समझौता संयुक्त रूप से प्रकाशित हुआ था। 'ताशकंद सम्मेलन' सोवियत रूस के प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें कहा गया था कि-[कृपया उद्धरण जोड़ें]

  • भारत और पाकिस्तान शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने-अपने झगड़ों को शान्तिपूर्ण ढंग से तय करेंगे।
  • दोनों देश 25 फ़रवरी 1966 तक अपनी सेनाएँ 5 अगस्त 1965 की सीमा रेखा पर पीछे हटा लेंगे।
  • इन दोनों देशों के बीच आपसी हित के मामलों में शिखर वार्ताएँ तथा अन्य स्तरों पर वार्ताएँ जारी रहेंगी।
  • भारत और पाकिस्तान के बीच सम्बन्ध एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर आधारित होंगे।
  • दोनों देशों के बीच राजनयिक सम्बन्ध फिर से स्थापित कर दिये जाएँगे।
  • एक-दूसरे के बीच में प्रचार के कार्य को फिर से सुचारू कर दिया जाएगा।
  • आर्थिक एवं व्यापारिक सम्बन्धों तथा संचार सम्बन्धों की फिर से स्थापना तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान फिर से शुरू करने पर विचार किया जाएगा।
  • ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न की जाएँगी कि लोगों का निर्गमन बंद हो।
  • शरणार्थियों की समस्याओं तथा अवैध प्रवासी प्रश्न पर विचार-विमर्श जारी रखा जाएगा तथा हाल के संघर्ष में ज़ब्त की गई एक दूसरे की सम्पत्ति को लौटाने के प्रश्न पर विचार किया जाएगा।

प्रभाव[संपादित करें]

इस समझौते के क्रियान्वयन के फलस्वरूप दोनों पक्षों की सेनाएँ उस सीमा रेखा पर वापस लौट गईं, जहाँ पर वे युद्ध के पूर्व में तैनात थी।[कृपया उद्धरण जोड़ें] परन्तु इस घोषणा से भारत-पाकिस्तान के दीर्घकालीन सम्बन्धों पर बड़ा गहरा प्रभाव पड़ा। फिर भी ताशकंद घोषणा इस कारण से याद रखी जाएगी कि इस पर हस्ताक्षर करने के कुछ ही घंटों बाद भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की दु:खद मृत्यु हो गई थी।[कृपया उद्धरण जोड़ें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • शिमला समझौता

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • ताशकंद समझौते का पुर दस्तावेज़ , UN Peacemaker
  • All peace agreement for India, UN Peacemaker
  • All peace agreements for Pakistan, UN Peacemaker

Solution : ताशकन्द समझौता – सन् 1965 के भारत-पाक युद्ध विराम के बावजूद युद्ध क्षेत्रों में झड़पें बन्द नहीं हुई थीं। इस स्थिति को समाप्त करने के लिए सोवियत संघ ने विशेष रुचि ली सोवियत संघ ने दोनों पक्षों को वार्ता के लिए ताशकन्द आमन्त्रित किया। 4 जनवरी, 1966 को पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खाँ तथा भारत के प्रधानमन्त्री लालबहादुर शास्त्री के मध्य ताशकन्द में वार्ता आरम्भ हुई। अन्तत: 10 जनवरी, 1966 को ऐतिहासिक ताशकन्द समझौते पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किये। ताशकन्द समझौते की शर्ते इस समझौते की महत्त्वपूर्ण शर्ते निम्नलिखित थीं – दोनों पक्षों ने अच्छे पड़ोसियों जैसे सम्बन्ध निर्माण करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने यह सहमति व्यक्त की कि वे 5 अगस्त, 1965 के पूर्व जिस स्थिति में थे वहाँ अपनी सेनाओं को वापस बुला लेंगे। दोनों पक्ष युद्धविराम की शर्तों का पालन करेंगे। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने, एक-दूसरे के विरुद्ध प्रचार को रोकने तथा पुनः राजनयिक सम्बन्धों की स्थापना का निर्णय लिया। इसके अन्तर्गत आर्थिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक सम्बन्धों को मधुर बनाने पर भी सहमति व्यक्त की गयी।

Q.60: ताशकन्द समझौते के कोई चार मुख्य प्रावधान लिखिए।

Answer: 

4 जनवरी 1966 को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आयूब खान व भारत के प्रधानमंत्री श्रीलाल बहादुर शास्त्री के मध्य ताशकन्द में वार्ता प्रारम्भ हुयी।

अन्तत: 19 जनवरी 1966 को ताशकन्द समझौते पर हस्ताक्षर हुये।

ताशकन्द्र समझौते के प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित है:

(1) दोनो पक्षों ने आपस में अच्छे सम्बंधों का निर्माण करने पर सहमति प्रदान की।

(2) दोनो पक्षों ने यह सहमति व्यक्त की 25 फरवरी 1966 के पूर्व जिस स्थिति में थे वहीं से अपनी सेनाएं वापस बुला लेंगे।

(3) दोनो पक्ष युद्ध विराम रखा पर युद्ध रेखा की शर्तों का पालन करेंगे।

(4) दोनो पक्ष एक-दूसरे की आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

(5) दोनो पक्षो ने एक दूसरे के विरूद्ध प्रचार को हतोत्साहित करने तथा पुनः राजनैतिक सम्बंधों की स्थापना करने का निर्णय लिया।

(6) दोनो पक्ष शरणार्थियों के समस्याओं पर विचार करेंगे।

इसके अतिरिक्त आर्थिक व्यापारिक सांस्कृतिक सम्बंधों को मधुर बनाने पर सहमति व्यक्ति की।

ताशकंद समझौते के मुख्य प्रावधान क्या थे व्याख्या?

इस समझौते के अनुसार यह तय हुआ कि भारत और पाकिस्तान अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने झगड़ों को शान्तिपूर्ण ढंग से तय करेंगे। यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान की लम्बी वार्ता के उपरान्त 11 जनवरी 1966 ई. को ताशकंद सोवियत संघ , वर्तमान उज़्बेकिस्तान में हुआ।

ताशकंद समझौता कौन से सन में हुआ था?

10 जनवरी 1966ताशकन्द समझौता / शुरू होने की तारीखnull

ताशकंद समझौते के समय सोवियत संघ का प्रतिनिधित्व कौन कर रहा था?

समझौते के दौरान वहां पाकिस्तान के तत्कालीन फौजी तानाशाह अयूब खां भी थे. ताशकंद में दोनों देशों के बीच सोवियत संघ के राष्ट्रपति अलेक्सी कोसीगिन मध्यस्थता कर रहे थे.

निम्नलिखित में से कौन ताशकंद समझौते से संबंधित है?

लाल बहादुर शास्त्री ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले प्रधान मंत्री हैं। 10 जनवरी, 1966 को लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति मुहम्मद अयूब खान ने ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर किए।