विषयसूची व्यक्तिगत स्वच्छता के तीन कदम कौन सी है लिखिए?व्यक्तिगत स्वच्छता
व्यक्तिगत स्वच्छता से क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकें* व्यक्तिगत स्वच्छता का आशय उस जीवनचर्या से है जिनके फलस्वरूप एक स्वस्थ और स्वच्छ परिवेश बनता है उदाहरण के लिए- प्रतिदिन नहाना, साफ तथा स्वच्छ कपड़े पहनना, बाल बनाना, नियमित रूप से बाल कटवाना, दाढ़ी बनवाना, दांतों की सफाई, और नाखून काटना। स्वच्छता कैसे रखें?इसे सुनेंरोकेंपर्यावरण को बचाने के लिये पेड़-पौधों और वृक्षारोपण करेंगे। शौचालय का प्रयोग करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलायें। अपने आस-पास रखे कूड़ेदान का प्रयोग करने के लिये लोगों को बतायें। कॉर्टून और चित्रों के जरिये लोगों को स्वच्छता के सही मायने समझायें। स्वच्छता हमारे लिए क्यों आवश्यक है? इसे सुनेंरोकेंस्वच्छ जीवन के लिए स्वच्छता का विशेष महत्व है। स्वच्छता अपनाने से व्यक्ति रोग मुक्त रहता है और एक स्वस्थ राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह सुखी जीवन की आधारशिला है। साफ-सुथरा रहना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है। स्वच्छता और बीमारी में क्या अंतर है?इसे सुनेंरोकेंकई बीमारियों का मुख्य कारण गंदगी में रहना ही होता है। बच्चों में गंदगी के कारण कई सारी बीमारियां होती है, जिनमें से मुख्य है डायरिया, टायफायड। स्वच्छता को अपना कर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। अपने आस-पास साफ सफाई रखी जाए तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है। व्यक्तिगत साफ सफाई स्वास्थ्य के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? इसे सुनेंरोकेंव्यक्तिगत स्वच्छता एवं स्वास्थ्य व्यक्ति को निम्न बातों में सहायता करता है। सुन्दर, स्वच्छ एवं स्वस्थ मुख बनाये रखने में तथा दांतों को नष्ट होने से बचाने में। त्वचा (चमडी) को स्वस्थ रखने एवं रोगों से मुक्त रखने में। ऑंख, कान एवं नाक को स्वस्थ एवं रोगों से मुक्त रखने में। स्वच्छता से क्या अभिप्राय है?इसे सुनेंरोकेंस्वच्छता का अर्थ होता है अपने वातावरण और स्वयं को हानिकारक तत्व जैसे गंदगी या कीटाणुओं आदि से बचाना। स्वच्छता का आशय शरीर और वातावरण में उत्पन्न हुए मल को उचित समय पर स्वच्छ करना होता है। वातावरण स्वच्छता विश्व के लिए हितकर है इसलिए हमें सर्वप्रथम हमारा घर फिर आस-पड़ोस और फिर कार्यस्थल और अपने देश को स्वच्छ रखना चाहिए। सड़क को स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है कैसे लिखें? इसे सुनेंरोकें(1) घर के साथ सड़क को भी साफ रखना हमारा कर्तव्य है। (2) सड़क के आसपास जो भी शोच करता है उसे शौचालय का उपयोग करने की जानकारी देना चाहिए। (3) जगह – जगह आजकल सार्वजनिक शौचालय बने होते हैं कोई भी व्यक्ति हो उसे उसका प्रयोग करना चाहिए ना कि जगह जगह गंदगी करें यह समझना प्रति व्यक्ति का कर्तव्य। अपने आस पास की खुली जगह को साफ करने के लिए क्या करना चाहिए?इसे सुनेंरोकें- अपने आस-पास सफाई रखने के लिए अपने घर से शुरुआत करें। ध्यान रखें कि घर में गीला कचरा और सूखा कचरा अलग-अलग रखें। जिसको बाद में नगर निगम की गाड़ी में डालें साथ ही नगर निगम की गाड़ी में लगे तीसरे लिटरबिन में डाइपर, नैपकिन जैसे जैविक अपशिष्ट डाले। – दफ्तरों और घरों में प्लास्टिक का यूज कम से कम करें। स्वच्छता का महत्वहम सब जानते हैं कि हम रोज़ाना स्वास्थ्य के आने वाले जोखिम से पूरी तरह से अवगत हैं, और इसने स्वच्छता को हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है। असल में, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू जैसे नई दुनिया के विशाल रोगों को स्वच्छता की कमी के साथ संबद्ध किया गया है। हम आज बेहतर स्वच्छता बनाए रखने की दिशा में काम करते हैं, तो इससे निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ी को मदद मिलेगी। स्वच्छता एक आदत है जिसे महत्व दिया जाना चाहिए और कम उम्र से ही बच्चों में इसकी शुरुआत की जानी चाहिए। स्वच्छता सिर्फ हमारे शरीर के बारे में नहीं होना चाहिए; इसे हमारे परिवेश को अच्छा बनाए रखने पर भी ध्यान देना चाहिए। हम देखते हैं कि हम कैसे अच्छी तरीके से स्वच्छता बनाए रख सकते हैं:
भारत में कठोर मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, स्वच्छ रहना और अपने प्रियजनों को स्वच्छता के महत्व की शिक्षा देना बेहद जरूरी है। एक भारतीय होने के नाते, हमने हमेशा स्वच्छता के बारे में अपनी कमी देखी है और यह उचित समय है कि हम उस धारणा को बदल दें। कुछ सुझावों पर नजर डालते हैं जिनसे आपको स्वच्छ रहने में मदद मिलेगी:
हमें समझना है कि कैसे हम अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रख सकते हैं:
व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए तीन कदम क्या है?* आंखों व कानों की सफाई रखें। na * प्रतिदिन स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। * बालों को नियमित रूप से धोकर साफ रखें। हमेशा शौच के बाद तथा खाने से पहले हाथों को साबुन से धोएं।
प्रश्न 17 व्यक्तिगत स्वच्छता के तीन कदम कौन से हैं लिखिए?खाने और पीने के बर्तन प्रयोग के बाद स्वच्छ पानी और साबुन या राख से धोयें। मक्खियाँ न पनपने पाए, इसलिए शौचालय का प्रयोग करें। ... घर के कचरे को कम्पोस्ट पिट में डालें। घर में फालतू पानी जमा न होने दें।
व्यक्तिगत स्वच्छता का महत्व क्या है?यदि व्यक्तिगत स्वच्छता पर पर्याप्त ध्यान दिया जाए तो दस्त, चमड़ी और आँख के संक्रमण की सम्भावनाएँ काफी हद तक घट जाती है। व्यक्तिगत स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि घर के पास पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो।
व्यक्तिगत स्वच्छता के मुख्य घटक क्या है?व्यक्तिगत स्वच्छता के अंतर्गत सबसे पहले शरीर की सफ़ाई है। बच्चे को प्रतिदिन स्नान करने और हाथ धोने का महत्व बताएँ। सफ़ाई की आदतों में सबसे महत्वूपर्ण प्रतिदिन नहाना और भोजन से पहले और टॉयलेट का उपयोग करने के बाद, भली प्रकार हाथ धोना सीखना है। इसी में नियमित रूप से बालों को धोना, शैम्पू करना, तेल लगाना भी शामिल है।
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