11 अगस्त को कौन सा ग्रहण पड़ रहा है? - 11 agast ko kaun sa grahan pad raha hai?

11 अगस्त को कौन सा ग्रहण पड़ रहा है? - 11 agast ko kaun sa grahan pad raha hai?

Raksha Bandhan Date: जानिए किस दिन बांधी जा सकती है राखी. 

खास बातें

  • जानिए किस दिन है रक्षाबंधन.
  • बताया जा रहा है राखी का शुभ मुहुर्त.
  • भद्रा के असर का भी चलेगा पता.

Raksha Bandhan 2022: रक्षा बंधन की शुभ मुहूर्त को लेकर बहुत सारी उलझने हैं. इस साल रक्षाबंधन को लेकर अत्यधिक उलझन की स्थिति बन गई है जिसका बड़ा कारण भद्रा है. असल में भद्रा काल लगने के दौरान भाई की कलाई पर राखी (Rakhi) बांधना अच्छा नहीं माना जाता है. वहीं, 11 अगस्त और 12 अगस्त में से किस दिन भद्रा काल लगना है और कौन से दिन असल में राखी मनाई जाए इसे लेकर अलग-अलग मत सुनने को मिल रहे हैं. लेकिन, ज्योतिष के अनुसार किस दिन रक्षाबंधन मान्य है. आइए जानें क्या है भद्रा (Bhadra) का चक्कर और रक्षाबंधन का असल शुभ मुहूर्त (Rakshabandhan Shubh Muhurt). 

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किस दिन है रक्षाबंधन | When is Raksha Bandhan 


ज्योतिष के अनुसार इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार गुरुवार 11 अगस्त (!11 August) के दिन है. लेकिन, इस दिन सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर भद्रा लग जाएगी. बता दें कि मान्यतानुसार इस समयकाल में राखी नहीं बांधी जाती क्योंकि भद्रा को रक्षाबंधन का शत्रु माना जाता है. लेकिन, भद्रा पाताल लोक में होगी जिसका 11 तारीख पर कुछ खासा असर नहीं पड़ेगा और शुभ कार्य बाधित नहीं होंगे. 


हालांकि, भद्रा के डर से लोग एकमत में नहीं आ रहे हैं. वैसे भद्रा अगले दिन सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगी. भद्रा के चलते ही लोग 12 अगस्त के दिन राखी बांधने की योजना बना रहे हैं लेकिन 11 अगस्त के दिन भी तीन शुभ मुहूर्त हैं जिनमें राखी बेझिझक बांधी जा सकती है. 

राखी बांधने का शुभ मुहुर्त 


इस वर्ष 11 अगस्त, गुरुवार के दिन रक्षाबंधन का शुभ मुहुर्त ज्योतिषनुसार दोपहर 12 बजकर 53 मिनट पर है. यह अभिजीत मुहूर्त है. इसके अलावा दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से 3 बजकर 32 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा. आखिरी मुहुर्त शाम 6 बजकर 55 मिनट से 8 बजकर 20 मिनट का है. इसमें अमृत काल लगेगा. इस एक घंटे 25 मिनट के मुहुर्त में भी राखी बांधी जा सकती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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हाइलाइट्स

11 अगस्त को ही श्रावण पूर्णिमा तिथि है, इस दिन ही रक्षाबंधन मनाना उत्तम है.
रक्षाबंधन के दिन भद्रा सुबह 09 बजकर 34 मिनट से प्रारंभ है.
शाम 04:26 बजे भद्रा समाप्त हो रही है.

इस बार रक्षाबंधन (Rakshabandhan) की तारीख और राखी बांधने के समय (Rakhi Muhurat) को लेकर पेंच फंस गया है. हर साल किसी न किसी त्योहार के दिन या पूजा मुहूर्त को लेकर ऐसा पेंच फंसता है. अब इस साल रक्षाबंधन को हो ले लीजिए. कहीं पर 11 अगस्त को रक्षाबंधन है तो कहीं पर 12 अगस्त को मनाने की तैयारी है. ऐसे में आम आदमी के लिए समस्या यह हो जाती है कि वह किस दिन रक्षाबंधन मनाए? काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बता रहे हैं रक्षाबंधन की सही तारीख और क्यों फंस जाता है दिन या तारीख पर पेंच?

कैसे तय होता है व्रत और त्योहार का दिन?
ज्योतिषाचार्य भट्ट का कहना है कि हिंदू धर्म के सभी व्रत और त्योहार पंचांग की तिथियों के आधार पर मनाए जाते हैं. व्रत या त्योहार जिस तिथि को मनाई जाती है, वह तिथि वर्तमान साल में कब है, यह देखकर उसका तारीख और दिन तय होता है. अधिकतर व्रत और त्योहारों में उदयातिथि की मान्यता होती है, उस आधार पर ही व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं. कई बार तिथि के साथ पूजा का मुहूर्त, चंद्रमा की उपस्थिति, प्रदोष काल आदि भी देखना होता है.

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रक्षाबंधन 11 अगस्त या 12 अगस्त को?
रक्षाबंधन का त्योहार सावन पूर्णिमा की तिथि को मनाते हैं. अब हमें यह देखना है कि सावन पूर्णिमा तिथि कब है. काशी विश्वनाथ ऋषिकेष पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 09 बजकर 34 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 05 बजकर 58 मिनट पर समाप्त हो रही है. 12 अगस्त को सूर्योदय के समय भादप्रद माह की प्रतिपदा तिथि लग रही है, इसलिए 12 अगस्त को श्रावस पूर्णिमा तिथि प्राप्त नहीं हो रही है. ऐसे में 11 अगस्त को ही श्रावण पूर्णिमा तिथि मानी जाएगी और इस दिन ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाना उत्तम है.

क्यों होती है गड़बड़ी?
ज्योतिषाचार्य भट्ट के अनुसार, तिथियों की गणना के लिए काशी या फिर उज्जैन के पंचांग की ही मान्यता है. अब कई जगहों पर लोग ऑनलाइन पंचांग या अन्य पंचांग से तिथियों की गणना कर लेते हैं. काशी या उज्जैन के पंचांग और अन्य दूसरे पंचांगों में तिथियों के प्रारंभ एवं समापन के समय में अंतर होता है, जिसकी वजह से त्योहारों की तारीखों को लेकर दुविधा की स्थिति पैदा हो जाती है. उन पंचांग में स्थान के अनुसार सूर्योदय की मानक गणना बदल जाती है, जिससे यह समस्या उत्पन्न होती है. हर शहर या स्थान के सूर्योदय काल में अंतर होता है. जब भी आपको व्रत और त्योहार के लिए तिथि देखनी हो तो काशी या उज्जैन के पंचांग को देखें.

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रक्षाबंधन पर भद्रा
11 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन भद्रा सुबह 09 बजकर 34 मिनट से प्रारंभ होकर शाम 04 बजकर 26 मिनट तक है. यह भूमि की भद्रा है, जो ग्राह्य नहीं है. ऐसे में आप दिन में राखी नहीं बांध सकते हैं. आपको भद्रा के बाद ही राखी बांधनी चाहिए.

रक्षाबंधन 2022 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
11 अगस्त को शाम 04:26 बजे से भद्रा समाप्त हो रही है, ऐसे में आप 04:26 पीएम से अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 05:58 तक बहनें भाइयों को राखी बांध सकती हैं.

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Tags: Dharma Aastha, Rakshabandhan, Sawan

FIRST PUBLISHED : August 10, 2022, 15:58 IST

11 अगस्त 2022 को क्या चंद्र ग्रहण है?

सावन महीने की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022, गुरुवार को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर शुरू हो चुकी है. श्रावण पूर्णिमा तिथि का समापन 12 अगस्त 2022 को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर होगा. श्रावण पूर्णिमा का चंद्रोदय 11 अगस्त को होगा.

आज का सूर्य ग्रहण कितने बजे से है 2022?

सूर्य ग्रहण 2022 शाम 4 बजकर 29 मिनट से शुरू हुआ। शाम 6 बजकर 9 मिनट तक सूर्य ग्रहण जारी रहा। इस साल दूसरी बार सूर्यग्रहण लगा है। आज मंगलवार को सूर्य ग्रहण 2022 शाम 4 बजकर 29 मिनट से लगने के बाद से ग्रहण के खत्‍म होने तक सभी शुभ कार्य वर्जित रहे।

सूर्य ग्रहण कब है 2022 11 August?

सूर्य ग्रहण शाम 4:40 बजे से 5:24 बजे तक रहेगा। इससे 12 घंटे पहले ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा। इस सूर्य ग्रहण का स्पर्श भारत में दिन के 11.28 बजे हो जाएगा और करीब 07:05 घंटा बाद शाम 5.24 बजे मोक्ष होगा।

2022 में सूर्य ग्रहण कब पड़ेगा August?

Last Surya Grahan 2022: इस साल का सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा. वहीँ इस बार दीवाली का त्योहार 24 अक्टूबर 2022 को और गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को पड़ रहा है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 25 अक्टूबर को शाम 04:29 बजे से शुरू होकर 05:24 तक रहेगा.