15 साल पुरानी कार का क्या होगा? - 15 saal puraanee kaar ka kya hoga?

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली सरकार ने लोगों को राष्ट्रीय राजधानी में उम्र पूरी कर चुके वाहन चलाने के प्रति आगाह करते हुए कहा है कि इस तरह के वाहनों को तत्काल जब्त कर लिया जाएगा। दिल्ली परिवहन विभाग ने रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) और बाजार संघों के साथ साथ आम लोगों से अपील की है कि वे अपने मोबाइल नंबर से पाए जाने वाले ऐसे किसी भी वाहन के बारे में उन्हें सूचित करें।

स्क्रैप में जाएंगे पुराने वाहन

इसके लिए दिल्ली परिवहन विभाग ने यह मोबाइल नंबर 8376050050 लांच किया है, जिस पर लोग ऐसे वाहनों की जानकारी उसकी तस्वीरों और स्थान के साथ वाट्सएप पर भेज सकते हैं। परिवहन विभाग वाहन ऐसे वाहनों को उठाएगा। अधिकारियों ने कहा कि सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई

2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देकर दिल्ली में क्रमशः 10 साल और 15 साल से पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेश के अनुसार नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। 

पुरानों कारों को जब्त करने लिए दे सूचना

दिल्ली परिवहन विभाग का कहना है कि 15 साल पुराने वाहनों को जब्त करने के बाद तत्काल पंजीकरण रद कर वाहन काे नष्ट करने के लिए अधिकृत स्क्रैपर को सौंप दिया जा रहा है। ऐसे में यदि आपको अपने पड़ोस में उम्र पूरी कर चुकी पुरानी कार है जो सार्वजनिक स्थान पर खड़ी है तो आप परिवहन विभाग को सूचित कर सकते हैं और उसे जब्त करा सकते हैं।

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लोगों से अपील न चलाएं पुराने वाहन

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा उम्र पूरी कर चुके ऐसे वाहन अभी भी दिल्ली की सड़कों पर चलते और खड़े पाए जाते हैं। परिवहन विभाग की प्रवर्तन शाखा ऐसे वाहनों को जब्त करने के लिए अभियान चला रही है। उन्होंने बताया कि हमने लोगों को सलाह दी है कि वे न तो ऐसे पुराने वाहन चलाएं और न ही ऐसे वाहनों को किसी सार्वजनिक स्थान पर पार्क करें। लोग उन्हें परिवहन विभाग के किसी अधिकृत स्क्रैपर से स्क्रैप करवा लें।

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60-70 वाहन रोजाना हो रहे जब्त

ऐसे वाहनों की जानकारी व्हाट्सएप नंबर 8376050050 पर साझा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हम हर दिन रिहायशी इलाकों और सड़कों से 60-70 पुराने वाहन जब्त कर रहे हैं। इस वर्ष 6,000 से अधिक ऐसे वाहनों को पहले ही रद कर दिया गया है, जो पूरे 2021 में परिवहन विभाग द्वारा जब्त किए गए दोगुने से भी अधिक हैं।

2 लाख से अधिक वाहन डी-पंजीकृत

गौरतलब है कि परिवहन विभाग ने दिल्ली में लगभग दो लाख डीजल से चलने वाली कारों को डी-पंजीकृत किया है जो इस साल की शुरुआत में अपने डेटाबेस से 10 साल से अधिक पुरानी थीं। वाहनों को जब्त करने और स्क्रैप करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया है, जिसका पालन सभी सरकारी एजेंसियों द्वारा किया जाता है।

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मालिक को जारी किया जाएगा स्क्रैपिंग का सर्टिफिकेट

इस बाबत एक अधिकारी ने कहा कि स्क्रैपर के साथ वाहन मालिक के हस्ताक्षर लिए जाते हैं और स्क्रैपिंग की पूरी प्रक्रिया को वीडियो में रिकार्ड किया जाता है। चेसिस नंबर का एक कट-पीस सहेज कर रखा जाता है और मालिक को एक स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। 

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1 अप्रैल से देशभर में नई स्कैप पॉलिसी लागू हो रही है। इसके तहत इंदौर में भी 15 साल पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल पर तीन से आठ गुना फीस लगेगी। टू-व्हीलर के लिए अब पहले से 700 रुपए ज्यादा यानी एक हजार रुपए और कार के लिए 4400 रुपए ज्यादा यानी 5000 रुपए फीस चुकाना होगी। देरी पर टू-व्हीलर पर 300 रुपए, जबकि फोर व्हीलर पर 500 रुपए प्रतिमाह पेनल्टी वसूली जाएगी।

इस पॉलिसी का मकसद यह भी है कि पुराने वाहन चलन से बाहर हों, जिससे प्रदूषण में कमी आए। सबसे ज्यादा फीस फिटनेस में ली जाएगी। भारी वाहन का जो फिटनेस अब तक 800 रुपए में होता था, अब उसके लिए 13 हजार 500 रुपए देने होंगे। इसमें एक हजार रुपए फीस और 12 हजार 500 रुपए फिटनेस ग्रांट फीस के लगेंगे।

अब तक यह फीस 200 रुपए लगती थी। एआरटीओ अर्चना मिश्रा का कहना है कि इंदौर में 16 हजार 971 वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू होगा। इसे पांच साल के लिए किया जाएगा। इसके बाद आगे सरकार की पॉलिसी जैसी बनेगी, उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

बिक्री न के बराबर : ऑटो डील एसो.

इंदौर ऑटो डील एसो. के अध्यक्ष शैलेष गर्ग के अनुसार, पुरानी गाड़ियों की खरीदी-बिक्री का इंदौर बड़ा मार्केट था। पहले 40 गाड़ियों की रोज खरीदी-बिक्री होती थी, यह घटकर 5-7 गाड़ियों तक आ गई है। 2007 या उससे पहले के मॉडल की गाड़ियां आसानी से बिक जाती थीं, अब बिक्री न के बराबर हो गई।

अब एंटीक मार्केट हो रहा है खत्म

इंदौर गाड़ियों के मोडिफिकेशन का सबसे बड़ा हब है। पुरानी बुलेट सबसे ज्यादा डिमांड में रहती हैं। हालांकि अब इनका मोडिफिकेशन भी कम हो रहा है। 53 साल से गैरेज चला रहे पप्पू चौधरी का कहना है कि पहले इंदौर में रोज 15 गाड़ियां तैयार होती थीं, अब 3-4 बमुश्किल बन रही। नए नियमों से एंटीक मार्केट खत्म हो रहा है।

भावनाओं से जुड़ी गाड़ियां कैसे स्क्रैप करें

इंदौर में लोगों के पास स्कूटर, बुलेट, जीप, विंटेज कार बड़ी संख्या में हैं। यहां तक कि 60 साल पुरानी बुलेट, 40 साल से ज्यादा पुरानी कार भी लोगों के पास है। लोगों का कहना है कि पुरानी गाड़ियों से किसी के दादा तो किसी के पिता की याद जुड़ी है।

इन गाड़ियों को वे कैसे स्क्रैप कर दें। एडवोकेट अनुराग बैजल के पास 60 साल पुरानी बुलेट है। उन्होंने बताया कि उनके दादा ने उनके पिता को यह गाड़ी खरीद कर दी थी। अब वे इसे चलाते हैं। उनका इससे भावनात्मक जुड़ाव है। वे आज भी गाड़ी के पार्ट्स यूके से मंगवाते हैं।

भास्कर Explainer

  • 15 साल बाद वाहन में क्या परेशानी आती है?

मूविंग पार्ट्स में बदलाव आ जाता है, वॉल्व, पिस्टन, बेयरिंग घिस जाते हैं, गैप बढ़ने से गाड़ी धुआं देने लगती हैं

  • किसी भी वाहन की आदर्श स्थिति में कितनी आयु होती

बाइक और हलके वाहन की 1 लाख किमी तक। कुछ कार 5 लाख किमी और भारी वाहन की 4 लाख किमी तक रहती है।

  • इंजन में ऐसा क्या होता है कि प्रदूषण फैलने लगता है।

कंप्रेसन रेशो कम रहता है। पिस्टन की रिंग घिस जाती है। पुरानी गाड़ियों में ओवरसाइज पिस्टन लगता था, उसमें नई रिंग डालकर चलाते थे। अब नई गाड़ियों में नए मानदंड आ गए हैं।

  • क्या पुराने वाहन चलाने वाले को भी खतरा है?

सबसे बड़ा खतरा प्रदूषण है। स्क्रैप पॉलिसी की आधार यही हैं

  • डीजल और पेट्रोल में किस गाड़ी में ज्यादा रिस्क है?

डीजल में वाइब्रेशन ज्यादा होते हैं। पेट्रोल की तुलना में कम रहता है। एक समय के बाद डीजल गाड़ी में प्रदूषण ज्यादा रहता है।

  • जो वाहन कम चलते, क्या उनकी लाइफ 15 साल है?

रबर के पार्ट्स खराब हो जाते हैं। उन्हें बदलना जरूरी है। खासतौर पर टायर। इसके अलावा इंजन भी जाम हो जाता है, उसे ठीक कराना जरूरी है, नहीं तो गाड़ी धुआं देगी।

यूपी में कितने साल पुरानी गाड़ी चला सकते हैं?

अब 15 साल से ज्यादा पुराने सरकारी वाहन अब सड़कों पर नहीं चलेंगे. इसे कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा. ठीक ऐसे ही अगर अपनी पर्सनल गाड़ी 15 साल (15 year old vehicle ) से ज्यादा पुरानी है तो अब आपको ग्रीन टैक्स देना होगा. पर्यावरण सुरक्षा को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने यह अहम फैसला लिया है.

एनसीआर में 10 साल पुरानी डीजल कार का क्या करें?

आप अभी भी दिल्ली एनसीआर में अपनी 10 साल पुरानी डीजल या 15 साल पुरानी पेट्रोल कार को चला सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको अपनी गाड़ी का फिटनेस टेस्ट करवाना होगा और यदि आपकी गाड़ी फिटनेस टेस्ट में पास हो जाती है तो ये दिल्ली एनसीआर में चलाने के लायक होगी.

क्या मैं अपनी 10 साल पुरानी डीजल कार यूपी में चला सकता हूँ?

प्रदूषण के हालात के देखते हुए सरकार (Up Government) ने आदेश जारी किया है कि प्रदेश में अब 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां नहीं चल सकेंगी.

NCR में कितने साल पुरानी गाड़ी बंद है?

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के पुराने प्रतिबंध के अनुसार, 10 साल से अधिक पुरानी डीजल कारों को दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है. और यही प्रतिबंध 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल कारों पर लागू होता है.