आग्नेय कोण में क्या होना चाहिए? - aagney kon mein kya hona chaahie?

पूर्व और दक्षिण के मध्य दिशा को आग्नेश दिशा कहा जाता है। इस दिशा के स्वामी अग्निदेव हैं। यह दिशा अग्नि प्रधान होती है और आग्नेय कोण का मूल तत्व अग्नि है। इसलिए अग्नि को नियंत्रित रखने के लिए इस दिशा में रसोईघर का निर्माण वास्तु की दृष्टि से श्रेष्ठ है। अग्नि देव की इस दिशा में बिजली के उपकरण रखने पर किसी तरह की कोई समस्या नहीं आती। यदि भवन का निर्माण वास्तुसम्मत हुआ है तो इस दिशा के स्वामी ग्रह शुक्र अति प्रसन्न होते हैं। जिससे घर में सकारात्मक वातावरण बना रहता है। इस दिशा में वास्तु दोष होने पर घर का वातावरण तनावपूर्ण रहता है। धन की हानि होती है। यह दिशा दोष मुक्त होने पर भवन में रहने वाले उर्जावान और स्वस्थ रहते हैं।

भवन को दोष मुक्त रखने के लिए ऐसे करे निर्माण

आग्नेय दिशा में निर्मित भवन के मुख्य द्वार के अंदर और बाहर भगवान श्रीगणेश की मूर्ति अवश्य लगवाएं। जिससे घर में सकारात्मक वातावरण बना रहता है। भवन में रहने वालों को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आग्नेय दिशा के भवन का मुख्य द्वार नैऋत्य कोण में न बनवायें। इससे घर में चोरी व धन हानि का भय सदैव बना रहता है। इस दिशा को बंद न करें। यहां छोटी खिड़की या दरवाजा जरूर लगवायें। आग्नेय कोण में शयन या अध्ययन कक्ष नहीं होना चाहिए। इस दिशा में घर का मुख्यद्वार भी नहीं होना चाहिए। इससे गृहकलह निर्मित होता है और निवासियों का स्वास्थ्य भी खराब रहता है।

आग्नेय दिशा दोष

यदि रसोईघर नैऋत्य कोण में स्थित है तो यहां निवास करने वाले लोग हमेशा बीमार रहते हैं। भवन में अग्नि वायव्य कोण में है तो यहां रहने वालों के मध्य अक्सर झगड़ा होता रहता है। मन में अशांति आती है और कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर अग्नि उत्तर दिशा में व्याप्त है तो यहां धन हानि होती है। अग्नि की स्थिति ईशान कोण में होने पर बीमारी और झगड़े अधिक होते हैं साथ ही धन हानि और वंश वृद्धि में भी कमी होती है। रसोईघर से कुआं सटा होने पर गृहस्वामिनी चंचल स्वभाव की होगीं। अत्यधिक कार्य के चलते वह हमेशा थकी-मांदी सी रहेगी। जिससे भवन में दरीद्रता का वास होता है।

उत्तर-पश्‍चिम दिशा की ओर रसोई का स्टोर रूम, रेफ्रिजरेटर और बर्तन आदि रखने का स्थान न बनाएं। रसोईघर के दक्षिण-पश्‍चिम भाग में खाद्यान्न - गेहूं, आटा, चावल आदि रखें। रसोई के मध्य में कभी भी गैस, चूल्हा आदि न जलाएं और न ही रखें। कभी भी उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन न बनाएं। बस कुछ दिनों की बात है, ऐसा सोचकर किसी भी परिस्थिती में उत्तर दिशा में चूल्हा रखकर भोजन पकाने की चेष्टा न करें।

वास्तु शास्त्र में जानिए कि क्या घर के आग्नेय कोण में लाल रंग करवाया जा सकता है? अगर हां, तो उसके क्या फायदे हैं और अगर नहीं, तो क्यों? दक्षिण-पूर्व दिशा का तत्व रंग लकड़ी है और लाल रंग का तत्व अग्नि है। अग्नि और लकड़ी देखने में अन्योन्याषित लगते हैं, लेकिन दोनों के बीच का सत्य सिर्फ यही है कि अग्नि लकड़ी को जलाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो अग्नि का साथ मिलते ही लकड़ी नष्ट हो जाऐगी, जल जायेगी, राख में बदल जायेगी।

अगर हम आग्नेय कोण में लाल रंग का इस्तेमाल करेंगे तो लाल रंग आग्नेय कोण से जुड़े तत्वों की ऊर्जा अपने ऊपर खर्च करवा लेगा और आग्नेय कोण से जुडे तत्व, यानि व्यापार और विकास, बड़ी बेटी का जीवन सब प्रभावित होंगे और लाल रंग की दिशा से संबंधित तत्व के लिए खर्च हो जायेंगे। लाल रंग की दिशा दक्षिण है, जिसका संबंध यश और कीर्ति से है, मझली बेटी से है, आंख से है। तो आग्नेय कोण के तत्व व्यापार और विकास, यश की प्राप्ति के लिए किए गए कार्यों के प्रयास बाधित होंगे। बड़ी बेटी का इंटरेस्ट मझली बेटी की वजह से दबेगा, लिहाजा दक्षिण-पूर्व दिशा में लाल रंग का इस्तेमाल बहुत सीमित मात्रा में ही किया जा सकता है। कोशिश होनी चाहिए की इस्तेमाल ना ही करना पड़े। 

यहां पढ़ें

वास्तु टिप्स: तिजोरी रखते समय इस बात का रखें ध्यान, घर आएगी खुशहाली

Vastu Tips: जानिए - घर में ड्रैगन की मूर्ति रखने के क्या होते हैं फायदे?

वास्तु टिप्स : अगर हाथ में नहीं टिकता पैसा तो घर में लगाएं क्रासुला का पौधा, हमेशा भरी रहेगी तिजोरी

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Home Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पूर्व दिशा को आग्नेय कोण के रूप में भी जाना जाता है। यह दिशा पूर्व और दक्षिण दिशा के बीच स्थित होती है। इस दिशा का प्रतिनिधि ग्रह शुक्र है। शुक्र आग्नेय कोण का स्वामी है और स्त्रियों का कारक ग्रह है। आग्नेय कोण का किसी भी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति से लेकर उसके स्वास्थ्य तक जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर बड़ा प्रभाव पड़़ता है। इसका संबंध एक व्यक्ति की सुन्दरता और उसके व्यक्तित्व से भी होता है। आइये जानते हैं वास्तुकार संजय कुडी से आग्नेय कोण के लिए वास्तु और आप पड़ने वाले उसके शुभ-अशुभ प्रभाव।

आग्नेय कोण में बेडरूम का निर्माण

यह अग्नि तत्व से सम्बंधित दिशा है और यहां पर निर्मित बेडरूम में सोने वाला शख्स स्वभाव से बहुत उग्र हो जाता है। अगर शादीशुदा लोग इस स्थान पर सोते हैं, तो पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बेमतलब की बातों पर लड़ाई होती रहती है। अगर कोई व्यक्ति उत्तर दिशा की ओर सिर करके आग्नेय कोण के बेडरूम में सोता है, तो उसे अनिद्रा से सम्बंधित समस्या होने की काफी संभावना होती है। अतः यह दिशा घर के सदस्यों के बेडरूम बनाने के लिए उचित नहीं है।

आग्नेय कोण में क्या होना चाहिए? - aagney kon mein kya hona chaahie?

New Year Vastu Tips 2023: इन वास्तु नियमों का ध्यान रख करें नए साल की शुरुआत, जरूर होगा धन लाभ

यह भी पढ़ें

आग्नेय दिशा में सीढ़ियों का निर्माण

आग्नेय दिशा में सीढ़ियों का निर्माण करना हो, तो इसके लिए पूर्वी आग्नेय दिशा अधिक उपयुक्त है। अगर किसी कारणवश सटीक आग्नेय कोण में ही सीढ़ियों का निर्माण करना हो, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि सीढ़ियां क्लॉक-वाइज बनी हों क्योंकि आग्नेय में क्लॉक-वाइज घुमती हुई सीढ़ियां व्यक्ति को स्वभाव से थोड़ा शांत बनाती हैं। क्रोध पर नियंत्रण रखने में भी सहायक होती हैं।

आग्नेय कोण में क्या होना चाहिए? - aagney kon mein kya hona chaahie?

New Year 2023 Vastu Tips: नववर्ष 2023 के स्वागत से पहले अपनाएं ये वास्तु टिप्स, घर में रहेगी सुख-शांति

यह भी पढ़ें

आग्नेय दिशा में किचन का निर्माण

रजस ऊर्जा से युक्त आग्नेय दिशा में किचन का निर्माण बहुत शुभ होता है। यह किचन के निर्माण के लिए उत्तम स्थानों में से एक है। यहाँ स्थित किचन व्यक्ति की आर्थिक स्थिति बेहतर करती है और रुके हुए धन को प्राप्त करने में भी मददगार होती है।

आग्नेय दिशा में अंडरग्राउंड वाटर टैंक का निर्माण

अग्नि और जल एक दूसरे के विरोधी तत्व हैं। अतः आग्नेय दिशा में स्थित अंडरग्राउंड वाटर टैंक धन के सकारात्मक प्रवाह को रोकता है और महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है, इसलिए ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए आग्नेय दिशा में अंडरग्राउंड वाटर टैंक का निर्माण नहीं करना चाहिए। सेप्टिक टैंक का निर्माण भी आग्नेय में करना वास्तु दोष का कारण बनता है।

आग्नेय कोण में क्या होना चाहिए? - aagney kon mein kya hona chaahie?

Vastu Tips: वास्तु दोष के इन नियमों का पालन करने से घर में आती है सुख और समृद्धि

यह भी पढ़ें

ध्यान रखने योग्य कुछ बातें-

1- आग्नेय दिशा ईशान और वायव्य से भारी होनी चाहिए, लेकिन यह नैऋत्य दिशा से हल्की हो इस बात का ध्यान रखना जरुरी है।

2- घर का आग्नेय कोण वैद्युतिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण रखने के लिए अच्छा स्थान है।

3- अगर घर में स्थित पेड़ आग्नेय दिशा से आने वाली सूर्य की किरणों को घर में आने से रोकते हैं, तो उन्हें हटाना बेहतर होगा। बहुत अधिक ऊँचे पेड़ लगाने के लिए यह स्थान उपयुक्त नहीं है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '

आग्नेय कोण में क्या नहीं होना चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, आग्नेय कोण आग से संबंधित है। इसलिए इस दिशा में जल से संबंधित चीजों को नहीं रखना चाहिए। क्योंकि यह एक-दूसरे के विरोधी तत्व है। इसलिए इस दिशा में बोरिंग, हैंडपंप, पानी की टंकी, नल नहीं लगाना चाहिए

आग्नेय कोण में क्या क्या बना सकते हैं?

इस दिशा में रसाईघर, बिजली के उपकरण, इन्वर्टर, गर्म पानी करने की भट्टी एवं बॉयलर या फिर अग्नि से सम्बंधित उपकरण रखना श्रेष्ठ रहता है।

अग्नि कोण में बेडरूम बना सकते हैं क्या?

आग्नेय कोण में बेडरूम का निर्माण अगर कोई व्यक्ति उत्तर दिशा की ओर सिर करके आग्नेय कोण के बेडरूम में सोता है, तो उसे अनिद्रा से सम्बंधित समस्या होने की काफी संभावना होती है। अतः यह दिशा घर के सदस्यों के बेडरूम बनाने के लिए उचित नहीं है।

नैऋत्य कोण में क्या रखना चाहिए?

दक्षिण-पश्चिम दिशा (नैऋत्य दिशा) :.
इस दिशा में पृथ्वी तत्व की प्रमुखता है इसलिए इस स्थान को ऊंचा और भारी रखना चाहिए। ... .
इस दिशा में घर के मुखिया का कमरा बना सकते हैं।.
कैश काउंटर, मशीनें आदि आप इस दिशा में रख सकते हैं।.
इस दिशा में टॉयलेट भी बनाई जा सकती है।.