फिटकरी देसी इलाज है. सालों से लोग इसका प्रयोग करते आए हैं. इसका कारण है इसमें पाए जाने वाल औषधीय गुण. Show
फिटकरी देसी इलाज है. सालों से लोग इसका प्रयोग करते आए हैं. इसका कारण है इसमें पाए जाने वाल औषधीय गुण. एक छोटी सी फिटकरी कई तरह से फायदेमंद हो सकती है. फिटकरी कई तरह के इंफेक्शन और घावों को काफी तेजी से ठीक कर सकती है. फिटकरी के अचूक फायदे– किसी भी तरह की चोट हो, कहीं कट जाए तो उस जगह को साफ करके वहां गीली फिटकरी लगानी चाहिए. इससे खून बहना रुक जाता है. फिटकरी, एंटीसेप्टिक का काम करती है. क्या आप जानते हैं, आपके शरीर का सबसे गंदा भाग कौन सा है? – कई लोगों के शरीर से पसीने की बदबू काफी ज्यादा आती है. ऐसे लोगों को फिटकरी का खूब प्रयोग करना चाहिए. फिटकरी का पाउडर बनाकर रखना चाहिए. इसे पानी में डालकर, उस पानी से नहाएं. – फिटकरी एंटी एजिंग का काम भी करती है. फिटकरी को पानी में भिगोकर इसे चेहरे पर धीरे-धीरे मलना चाहिए. इससे झुर्रियां और कील-मुंहासे दूर होते हैं. – एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर फिटकरी दांतों और मसूड़ों की समस्याओं को ठीक करती है. अगर मुंह से बदबू आ रही हो तो इसे पानी में मिलाकर, उस पानी को माउथवॉश की तरह यूज करें. – अगर जुएं पड़ गई हैं या बहुत अधिक डैड्रफ हो तो फिटकरी के पानी से बाल धोना शुरू करें. – अगर आपको बार-बार यूरीन इंफेक्शन हो जाता हो तो फिटकरी के पानी से प्राइवेट पार्ट्स की सफाई करें. इससे इंफेक्टेड बैक्टीरिया नहीं पनपते. लाइफस्टाइल की और खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें लाइफस्टाइल की और अन्य ताजा-तरीन खबरें फिटकरी नमक के समान दिखने वाला एक पादप आधारित तत्व होता है। इसे बल्क या स्थूल पोटेशियम एल्युम, वेनमलि आदि के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग भोजन पकाने के साथ-साथ चिकित्सकीय मदद के तौर पर भी किया जाता है। डबल साल्ट या पोटाश, अमोनियम, क्रोम, सेलेनेट आदि फिटकरी की कुछ प्रमुख किस्में होती हैं। आयुर्वेद के अनुसार फिटकरी का उपयोग भस्म के रूप में किया जाता है जिसे स्फटिक भस्म के नाम से जाना जाता है। स्फटिक भस्म को शहद में मिलाकर सेवन करने से यह फेफड़ों के स्राव को कम करके श्वसन संबंधित रोगों को नियंत्रित करने में मदद करती है। स्फटिक भस्म की शुष्क प्रकृति के कारण इसका सेवन संक्रामक रोगों के उपचार में भी मदद करता है। महिलाएं शरीर के अवांछित बालों से छुटकारा पाने के लिए फिटकरी को मोम में मिलाकर प्रयोग करती हैं। यह अपने स्तम्मक गुणों के कारण त्वचा के रंग में बदलाव या रूपांतरण में समर्थ होती है। फिटकरी कोशिकाओं के संकुचन का कारण बनती है तथा त्वचा से अतिरिक्त तेल को हटाने में सहायक होती है। इसके अलावा यह त्वचा के दाग-धब्बे तथा उसकी वर्णकता या पिग्मेंटेशन को कम करने में भी मदद करती है। यह अपने उपचारात्मक गुणों के कारण मुंह की अल्सर के उपचार में भी असरकारक सिद्ध होती है। यह भी पढ़े► अश्वगंधा के फायदे और नुकसान हिंदी में - Ashwagandha Ke Fayde Aur Nuksan फिटकरी की उपयोगिता - Usefulness of Fitkari in Hindiविभिन्न रोगों के उपचार के लिए फिटकरी की निम्नलिखित उपयोगिता देखी जाती है- रोग/बीमारी फिटकरी उपचार क्या व कैसे मदद करती है? टिप्स बवासीर का रक्त स्राव आयुर्वेद में बवासीर को अर्श के रूप में जाना जाता है और यह गलत खान-पान एवं जीवन शैली का परिणाम मानी जाती है। इसे त्रिदोष वात, पित्त तथा कफ की गड़बड़ी के रूप में देखा जाता है। वात की गड़बड़ी पाचक अग्नि को असंतुलित कर कब्ज का कारण बनती है। बाद में यही कब्ज मलद्वार पर फुंसियों तथा सूजन पैदा करती है। फिटकरी या स्फटिक भस्म इस समस्या से राहत दे सकती है, क्योंकि इसमें स्तम्मक तथा रक्त स्तंभक गुण मौजूद पाए जाते हैं।
काली खांसी फिटकरी या स्फटिक भस्म श्वसन से संबंधित समस्याओं के उपचार में मदद करती है। यह फेफड़ों में स्राव की मात्रा को कम करके उलटी आदि को नियंत्रित करती है, क्योंकि यह तासी में कसाय या स्तम्मक होती है।
अत्यार्तव अत्यार्तव पीरियड या महीने संबंधित एक रोग होता है जिसे रक्त प्रदर या रक्त स्राव के नाम से जाना जाता है। यह पित्त दोष की गड़बड़ी से जुड़ा रोग माना जाता है। फिटकरी या स्फटिक भस्म पित्त की गड़बड़ी को ठीक करके पीरियड या मासिक धर्म से संबंधित इस समस्या का समाधान करती है, क्योंकि इसकी प्रकृति कसाय या स्तम्मक तथा रक्त स्तंभक होती है।
कटना-फटना या रक्त स्राव फिटकरी शरीर में हल्के कट या रक्त स्राव के लिए असरकारक मानी जाती है। यह रक्त स्राव को नियंत्रित करती है तथा उसके उपचार में मदद करती है,क्योंकि इसमें रक्त स्तंभक गुण मौजूद पाए जाते हैं।
घावों के भरने में मदद फिटकरी घावों के जल्दी भरने, उनकी सूजन को कम करने तथा क्षतिग्रस्त त्वचा के पुनरुद्धार में मदद करती है, क्योंकि इसमें कसाय या स्तम्मक तथा उपचारात्मक गुण मौजूद पाए जाते हैं। यह अपनी रक्त स्तंभक प्रकृति के कारण रक्त स्राव को बहुत जल्दी नियंत्रित करती है। मुंह की अल्सर आयुर्वेद के अनुसार मुंह की अल्सर को मुख पाक के रूप में भी जाना जाता है तथा यह मुख्यतः जीभ, होठों, गालों के अंदर, निचले होठों या मसूडों में पैदा होती है। फिटकरी अपने रोपन तथा कसाय या स्तम्मक गुणों के कारण इसका अति शीघ्र उपचार करती है।
लुकोरिया लुकोरिया स्त्री के निजी अंग से स्रावित होने वाला सफेद रंग का द्रव्य होता है। आयुर्वेद के अनुसार लुकोरिया कफ दोष की गड़बड़ी से होता है। फिटकरी अपनी स्तम्मक प्रकृति के कारण इस रोग के उपचार में मदद कर सकती है। इसके लिए फिटकरी के पाउडर को पानी में घोल कर प्रभावित अंग को उस पानी से धोना चाहिए।
यह भी पढ़े► औषधीय गुणों से भरपूर है तिल का तेल फिटकरी के सेवन से संबंधित सुझाव - Tips Related to the Consumption of Fitkari in Hindiफिटकरी की भस्म 1-2 चुटकी फिटकरी की भस्म का प्रतिदिन सेवन करें। फिटकरी का पाउडर 1-2 चुटकी भस्म का प्रतिदिन सेवन करें या फिर अपनी आवश्यकतानुसार उपयोग कर सकते हैं। यह भी पढ़े► औषधीय गुणों से भरपूर सहजन 300 बीमारियों के उपचार में उपयोगी फिटकरी का उपयोग - Use of Fitkari in Hindiफिटकरी का पाउडर घावों को धोने के लिए
टूथपाउडर
फिटकरी के पिंड या ब्लाक
यह भी पढ़े► औषधीय गुणों से भरपूर है लहसुन फिटकरी के लाभ - Benefits of Fitkari in Hindiटेनिंग या चर्म शोधन डाईंग या रंगाई रासायनिक फ्लोकुलेंट लोहे तथा इस्पात को भंग करना यह भी पढ़े► तुलसी के स्वास्थ्य लाभ - Basil Health Benefits in Hindi फिटकरी से बनने वाली औषधियां और प्रसाधन सामग्री - Drugs and Cosmetics by Fitkari in Hindiफिटकरी के ब्लाक अपनी स्तम्मक प्रकृति के फलस्वरूप एक एशियाई देश में औषधियां बनाने में प्रयोग किए जाते हैं। पोटेशियम एल्म के स्तम्मक तथा ऐंटीसेप्टिक गुणों के कारण इसे बडे पैमाने पर चिकित्सकीय उपयोग में लिया जाता है। एल्युमिनम तथा मेटल सल्फेट से बनी स्टाइपटिक पेंसिल एरिया यनिट्स रोद हल्के कट जो विशेषतः शेविंग आदि करते समय लग जाते हैं उनसे होने वाले रक्त स्राव को रोकने या फिर नाक आदि से होने वाले रक्त स्राव को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसके अलावा इसका कीट आदि के काटे जाने से उत्पन्न दर्द को कम करने के लिए भी उपयोग करते हैं। शेविंग के बाद गीली त्वचा पर फिटकरी को रगड़ा जाता है। पोटेशियम एल्म का प्रयोग त्वचा से संबंधित समस्याओं, मुंह की छालेयुक्त अल्सर,, नासूर आदि के उपचार के लिए भी किया जाता है। अन्य यह भी पढ़े► बेर में छुपा है सेहत का खजाना, रामचरितमानस में भी मिलता है वर्णन फिटकरी के संबंध में प्रश्नोत्तर - Fitkari Related FAQ's in Hindiप्र. क्या फिटकरी का प्रयोग सुरक्षित है? उ. आयुर्वेद के अनुसार फिटकरी का अंतः या बाहरी उपयोग सुरक्षित होता है। फिटकरी का सेवन स्फटिक भस्म के रूप में किया जाता है जो विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार को ध्यान में रखकर उपभोग की जाती है। प्र. मैं फिटकरी को किस अनुपात में पानी में डाल सकता हूं? उ. इसकी मात्रा 7 ग्राम से लेकर 70 ग्राम तक भिन्न-भिन्न हो सकती है। इसकी मात्रा पानी की निलंबित अशुद्धियों पर निर्भर करती है। पानी साफ होता है तो इसकी कम मात्रा उसमें डाली जाती है और वहीं अगर पानी गंदला होता है तो इसकी ज्यादा मात्रा का प्रयोग किया जाता है। प्र. फिटकरी किस काम आती है? उ. फिटकरी का प्रयोग सामान्यतः दवाइयां तथा प्रसाधन सामग्री बनाने के अलावा कई अन्य व्यवसायों व उद्योगों में किया जाता है। प्र. क्या फिटकरी एक मसाला है? उ. फिटकरी मसाला नहीं है। यह एक खनिज है जो क्रिस्टल के रूप में पाया जाता है। इसका भोजन पकाने में नाममात्र ही प्रयोग होता है,जैसे कि यह अचार आदि को बनाने के लिए परिरक्षक के रूप में इस्तेमाल होता है। प्र. क्या फिटकरी की मदद से वृहद रक्त स्राव की रोकथाम हो सकती है? उ. फिटकरी अपने तीक्ष्ण गुणों के कारण छोटे घावों आदि से होनै वाले रक्त स्राव को रोकने में मदद कर सकती है। इसके अलावा यह त्वचा के संकुचन एवं घाव के जल्दी भरने में भी मदद कर सकतक है। प्र. फिटकरी क्षारीय है या अम्लीय? प्र. क्या फिटकरी का इस्तेमाल अंडरआर्म या कांख में किया जा सकता है? उ. फिटकरी का उपयोग अंडर आर्म या कांख की त्वचा का रंग निखारने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। 1. फिटकरी को अपनी कांख की त्वचा पर हल्के से रगड़िए। 2. इसे लगभग बीस मिनट तक रगड़ने के बाद सादे पानी से धोएं। 3. इस उपाय को करने से आपकी त्वचा का रंग निख आएगा। प्र. फिटकरी का भोजन पकाने में किस उद्देश्य से उपयोग करते हैं? उ. फिटकरी का मुख्यतः बेकरी में एक परिरक्षक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है ताकि बिस्कुट आदि लंबे समय तक सुरक्षित बने रह सकें। इसे अचार,फल एवं सब्जियों को ताजा बनाए रखने के लिए भी उपयोग किया जाता है। प्र. हम फिटकरी का चेहरे पर उपयोग कैसे कर सकते हैं? उ. शेविंग के दौरान फिटकरक का उपयोग चेहरे पर किया जाता है- 1. बाजार में आसानी से उपलब्ध होने वाला फिटकरी का एक ब्लाक ले लें। 3. अब इस फिटकरी के ब्लाक या टुकड़े को शेविंग के बाद चेहरे पर रगड़ें। 4. फिर चेहरे को सूखने दें और उसके बाद सादे पानी से धो लें। प्र. क्या फिटकरी बवासीर या अर्श के लिए उपयोगी होती है? उ. फिटकरी बवासीर या अर्श के लिए उपयोगी होती है। यह अर्श में समा कर उनकी वाहिकाओं की भित्तियों को संकीर्ण बना देती है और इस तर रक्त का बहाव नियंत्रित हो जाता है। यह अर्श का शल्क भी कम करती है। टिप्स: पोटेशियम मेटल सल्फेट को टैनिन में मिलाकर अर्श में डाल दिया जाता है। प्र. क्या फिटकरी डायरिया का कारण बनती है? उ. आयुर्वेद के अनुसार अपनी कसाय या स्तम्मक प्रकृति के फलस्वरूप फिटकरी या स्फटिक भस्म इस मामले में किसी तरह की मदद नहीं कर सकती है। प्र. क्या फिटकरी कब्ज का कारण बनती है? उ. आयुर्वेद के अनुसार फिटकरी या स्फटिक भस्म पाचन को सुधारने में मदद करती है। मगर ऐसे लोग जिनको पहले से ही कब्ज की शिकायत रहती हो उनमे यह कब्ज का कारण अवश्य बन सकती है, क्योंकि यह कसाय या स्तम्मक प्रकृति की होती है। प्र. क्या फिटकरी को खाना सुरक्षित रहता है? उ. आयुर्वेद के अनुसार फिटकरी को स्फटिक भस्म के रूप में खाया जाता है। इस भस्म को बनाने के लिए फिटकरी को किसी पात्र में तब तक गरम किया जाता है जब तक कि उसमें मौजूद नमी वाष्प बनकर उड़ न जाए। उसके बाद सफेद पाउडर के रूप में स्फटिक भस्म शेष रह जाती है। प्र. फिटकरी का दांतों के लिए क्या उपयोग है? उ. आयुर्वेद में इसे दांतों तथा मसूड़ों से जुड़ी समस्याओं के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह अपनी स्तम्मक प्रकृति के कारण मसूडों के दर्द तथा घावों के उपचार में मदद करती है। 1. चुटकी भर फिटकरी का पाउडर लें। 2. इसे गरम पानी में मिला लें। 3. इस पानी से प्रतिदिन गरारे करें। 4. इस पानी के गरारे करने से मसूड़े सख्त होंगे और दांतों की पीड़ा में आराम मिलेगा। प्र. क्या फिटकरी मुंह की अल्सर के लिए फायदेमंद होती है? उ. फिटकरी अपनी कसाय या स्तम्मक प्रकृति के कारण मुंह की अल्सर के अच्छी मानी जाती है। यह ऊतकों के संकुचन को प्रेरित कर घावों के भरने में मदद करती है। यह दर्द तथा सूजन को कम करती है। इसके अलावा यह इस अल्सर के बार-बार होने की संभावना को भी खत्म करती है। प्र. क्या क्षतिग्रस्त मसूडों के लिए फायदेमंद होती है? उ. हां, यह क्षतिग्रस्त मसूडों के लिए फायदेमंद होती है। इसे मसूड़ों के प्रभावित भाग पर लगाने से उनके घाव या क्षति से राहत मिलती है। ऐसा माना जाता है कि फिटकरी की रोपन तथा स्तम्मक प्रकृति इनके लिए बहुत अधिक फायदेमंद होती है। प्र. क्या फिटकरी जलने के कारण बने घावों के उपचार के लिए फायदेमंद होती है? उ. हां, फिटकरी जलने के कारण बने घावों को ठीक करने में मदद कर सकती है, क्योंकि इसका प्रभाव उपचारात्मक तथा ऐंटीसेप्टिक प्रकृति का होता है। यह घाव के संकुचन, मृत कोशिकाओं को हटाने तथा नयी कोशिकाओं के निर्माण में खास मदद करती है। यह घावों को जल्दी भरने तथा उनमें सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को रोककर संक्रमण से बचाव करती है। प्र. क्या फिटकरी त्वचा के प्रत्यावर्तन में मदद कर सकती है? उ. आयुर्वेद के अनुसार फिटकरी त्वचा के ऊतकों के लिए बहुत अच्छी होती है। इसका त्वचा के प्रभावित भाग पर इस्तेमाल करने से अतिरिक्त तेल से मुक्ति मिलती है तथा साथ ही त्वचा में कसाव आता है। ऐसा फिटकरी में मौजूद उसके कसाय या स्तम्मक गुणों के कारण हो पाता है। 1. फिटकरी के टुकड़े को त्वचा पर गोल-गोल रगड़िए। 2. उसके उपरांत पानी से धो लीजिए। प्र. क्या फिटकरी नासूर या कैंकर सोर के उपचार में मदद कर सकती है? उ. आयुर्वेद के अनुसार फिटकरी नासूर या कैंकर सोर के उपचार में मदद कर सकती है। फिटकरी को प्रभावित भाग पर लगाने से यह अपने रोपन तथा कसाय या स्तम्मक गुणों के कारण इस समस्या के उपचार में मदद करती है। यह सूजन को कम करके नासूर को भरने में सहायक होती है। प्र. क्या फिटकरी आंख के फोड़े के उपचार में फायदेमंद होती है? उ. हां, फिटकरी आंख के फोड़े आदि के उपचार में मदद कर सकती है। प्र. क्या फिटकरी फटी एड़ियों के उपचार में कोई मदद कर सकती है? उ. आयुर्वेद के अनुसार फिटकरी इस समस्या के उपचार में बेहतर मदद कर सकती है। इसे प्रभावित भाग या फटी एड़ियों पर इस्तेमाल करने से आराम मिलता है। यह एड़ी की दरारों को भरने में भी असरकारक सिद्ध होती है,क्योंकि इसमें कसाय या स्तम्मक तथा रक्त स्तंभक गुण मौजूद पाए जाते हैं। प्र. क्या फिटकरी मुहांसों की परेशानी का समाधान कर सकती है? उ. आयुर्वेद के अनुसार फिटकरी मुहांसों को नियंत्रित करने में योग दे सकती है। अगर इसे मुहांसों से ग्रस्त त्वचा पर इस्तेमाल किया जाता है तो यह अपनी कसाय या स्तम्मक प्रकृति के बल पर उनको नियंत्रित करने में खास मदद करती है। यह सूजन को कम करके उनके उपचार की प्रक्रिया को तेज करती है। प्र. क्या फिटकरी झुर्रियों को हटाने में मदद करती है? उ. इस बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है कि फिटकरी त्वचा की झुर्रियों को हटाने में कोई मदद कर सकती है। प्र. क्या फिटकरी बालों को हटाने में मदद करती है? उ. हां,यह बालों को हटाने में मदद कर सकती है। अतीत की ओर देखने से स्पष्ट जानकारी मिलती है कि फिटकरी को मोम में मिलाकर उसके मिश्रण का उपयोग शरीर के बालों को हटाने के लिए किया जाता रहा है। प्र. क्या फिटकरी त्वचा का रंग निखारने के लिए प्रयोग की जा सकती है? उ. आयुर्वेद के अनुसार फिटकरी त्वचा से अतिरिक्त तेल को हटा कर उसे चमत्कार बनाने या उसका रंग निखारने में मदद करती है। यह अपनी कसाय या स्तम्मक प्रकृति के कारण त्वचा पर इस तरह का फायदेमंद असर दिखाती है। प्र. क्या हम शेविंग के समय फिटकरी का उपयोग कर सकते हैं? उ. आयुर्वेद के अनुसार शेविंग करते समय या फिर किसी भी समय यदि त्वचा पर हल्का कट लग जाए और रक्त स्राव हो तो उसे रोकने के लिए फिटकरी के टुकड़े को उस पर रगड़ा जा सकता है। फिटकरी में कसाय या स्तम्मक तथा रक्त स्तंभक गुण मौजूद पाए जाते हैं जो रक्त स्राव को रोकने में मदद करते हैं। संदर्भ:डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें। फिटकरी खा सकते हैं क्या?ये एक नेचुरल माउथवॉश है. दांत दर्द होने पर फिटकरी के पानी से गार्गल करना फायदेमंद रहता है. अगर आपको दमा की शिकायत है तो फिटकरी आपकी इस समस्या का रामबाण इलाज है. फिटकरी के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटने से दमा और खांसी में फायदा होता है.
फिटकरी खाने से क्या फायदा होता है?फिटकरी के फायदे ( Fitkari Benefits in hindi)
फिटकरी न केवल दांतों को स्वस्थ बनाती है बल्कि शरीर की दुर्गंध, बुखार, खांसी, अस्थमा, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, मुंहासे, झुर्रियां, खुजली, एक्जिमा आदि को दूर करने में भी फायदेमंद साबित हो सकती है.
दूध में फिटकरी मिलाकर पीने से क्या होता है?इसके सेवन से सूखी खांसी दूर हो जाती है. अंदरूनी चोट लगने पर एक ग्लास दूध में आधा ग्राम फिटकरी मिलाकर पिलाएं. फिर घंटे भर बाद दूध में हल्दी मिलाकर पिलाएं. चोट से राहत मिलेगी.
खाली पेट फिटकरी खाने से क्या होता है?खाली पेट फिटकरी और गुनगुने पानी का सेवन करने से पाचन को बेहतर बनाने और मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद मिल सकती है। जिससे कैलोरी को तेजी से बर्न करने में मदद मिलती है।
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