उचित आहार का निर्धारण (Setting a proper diet plan)
संदर्भ Show पूरे विश्व में तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने का तमगा लगने के बावजूद भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2018 के 119 देशों की सूची में 103वें पायदान पर है। इस पायदान पर होना भारत के लिये अत्यंत गंभीरता का विषय है। हाल ही में भारत की राजधानी, दिल्ली में दीर्घकालिक कुपोषण तथा भूख की वज़ह से आश्चर्यजनक ढंग से तीन बच्चियों की मौत हो गई थी। क्या यह विडंबना नहीं है कि ऐसी घटना उस जगह पर हुई जहाँ प्रति व्यक्ति आय काफी उच्च है। भारत में कुपोषण की भयावह स्थिति वैश्विक पटल पर दयनीय होने के साथ-साथ सभी राज्यों में भी असमान रूप से भिन्न-भिन्न है। भारत की स्थिति
बड़ी चुनौतियाँ
सशक्त कार्य समूह (EAG) राज्य बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, उत्तरांचल और उत्तर प्रदेश को सशक्त कार्य समूह (EAG) राज्य कहा जाता है।
एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS)
कृषि बनाम भूख
कुपोषण क्या है?
कुपोषण का प्रभाव
आगे की राह इसमें कोई संदेह नहीं है कि भोजन में पोषक तत्त्वों की कमी कुपोषण का प्रमुख कारण है जो अप्रत्यक्ष रूप से इस मामले की अनदेखी तथा आर्थिक संवृद्धि पर आधारित में विकास की एकदिष्ट सोच से जुड़ती है। यह सोच भारत जैसे देश के लिये खतरनाक साबित हो सकती है। बच्चों में कुपोषण की इस समस्या का समाधान करना अति आवश्यक है। इसके लिये एक खाद्य और पोषण आयोग की स्थापना, संपूर्ण देश में पोषण के स्तर को बढ़ाए जाने की ज़रूरत जैसी बातों पर भी ध्यान देना चाहिये। समय आ गया है कि सरकार इस मुद्दे के मूल कारण की पहचान कर कुपोषण से निपटने के लिये एक स्थायी समाधान की खोज करे। यह तभी संभव है जब राज्य हाशिये पर जीवन जी रहे लोगों के लिये रोज़गार के अवसर पैदा करके समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा जो उनकी क्रय शक्ति में सुधार के साथ-साथ कुपोषण को कम करने में मददगार साबित होगा। कुपोषण से निपटने के लिये खाद्य पदार्थों की कीमतों को विनियमित किया जाना चाहिये और इसके लिये विकसित तथा गरीब दोनों राज्यों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सशक्त करना होगा। आहार योजना से क्या लाभ होता है?० परिवार के प्रत्येक सदस्य को उसकी शरीर की माँग के अनुसार सन्तुलित आहार की पूर्ति करना जिससे वे शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहें। ० कम समय में अधिक काम किया जा सकता है तथा पूर्ण योजना के कारण शक्ति की बचत होती है। आहार नियोजन से धन की भी बचत होती है। इसके द्वारा खाद्य बजट बहुत अच्छी तरह व्यवस्थित रखा जा सकता है।
आहार समूह के निर्धारण का उद्देश्य क्या है?इसका उद्देश्य शिशु मृत्यु दर, बाल कुपोषण को कम करना और विद्यालय में दाखिले से पूर्व आवश्यक शिक्षा प्रदान करना है। ICDS योजना की निगरानी संबंधी समग्र ज़िम्मेदारी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) की है।
आहार से आप क्या समझते हैं अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा परिभाषा निर्धारित कीजिए?आहार वह ठोस अथवा तरल पदार्थ है जो जीवित रहने, स्वास्थ्य को बनाये रखने, सामाजिक एवं पारिवारिक सम्बन्धों की एकता हेतु संवेगात्मक तृप्ति, सुरक्षा, प्रेम आदि हेतु आवश्यक होता है। व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक और सामाजिक क्षमता के संतुलन के लिए आहार अत्यन्त आवश्यक है।
संतुलित आहार किसे कहते हैं और इसके क्या लाभ होते हैं पाठ के आधार पर बताइए?दरअसल संतुलित आहार वह आहार है जिसमें सभी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज-लवण और जल शारीरिक जरूरत के हिसाब से उचित मात्रा में मौजूद हो। संतुलित आहार न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि लंबी उम्र भी प्रदान करता है।
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