आवर्त सारणी के आवर्त में परमाणु त्रिज्या कैसे बदलती है? - aavart saaranee ke aavart mein paramaanu trijya kaise badalatee hai?

हेलो फ्रेंड्स यहां पर क्वेश्चन दिया गया है किसी भर गया अगर तुम्हें परमाणु त्रिज्या किस प्रकार परिवर्तित होती इस परिवर्तन किया व्याख्या किस प्रकार करेंगे तो आइए हम देखें सबसे पहले परमाणु त्रिज्या होती क्या है तो परमाणु त्रिज्या किसे भी परमाणु के नाभिक से उसके बाय टर्म कोर्स की बीच की दूरी क्या मान होता है तो इस प्रकार से यह हो गई हमारी परमाणु त्रिज्या की जब यह मान लीजिए कोई हमारा नाभिक है और नाभि के चारो और यह हमारी क्या है कक्षाएं हैं तो इस तरह से यह नाभिक से बात हम को उसके जो बीच की दूरी होगी इसे हम क्या कह देंगे परमाणु त्रिज्या अब

हम आगे चले हम से क्वेश्चन पूछा गया है कि किसी वर्ग या आवर्त में हमें समझाना है कि क्या होता है तो अगर हम प्रथम समूह में देखें प्रथम समूह में जो तत्व है वह हमारे कौन-कौन से हैं और हाइड्रोजन नीतियां सोडियम पोटेशियम रूबेडियम सीजीएम और स्वयं तो इस तरह से जब हम समूह में ऊपर से नीचे आते हैं तो जो परमाणु का आकार है परमाणु का करके होता जाता है बढ़ेगा और परमाणु का आकार बढ़ता है तो हम देखते हैं कि परमाणु का आकार बढ़ने के साथ-साथ इसमें वानर कोष में इलेक्ट्रॉन जाएंगे इसमें तू है तो कोष में इसमें 3S में

इसमें कोरे इसमें फाइबर उसमें चेक और इसमें से बने इस तरह से देख रहे हैं कि जब हम हाइड्रोजन से फ्रांसीयम की और नीचे जाते हैं तो पहले समूह में क्या होता है कि इनका मानना अर्थात कोषों की संख्या क्या होती जाती है बढ़ती जाती है और पशुओं की संख्या बढ़ने से क्या क्वेश्चन की संख्या बढ़ने से होता है परमाणु का और क्या हो जाएगा मर जाएगा परमाणु का आकार बढ़ने से क्या हो जाएगी प्रमाण की त्रिज्या भी क्या हो जाएगी बाहर जाएगी तो इस तरह से हम कह सकते हैं कि किसी भी समूह में ऊपर से नीचे जाने पर जो परमाणु का आकार होगा वह बढ़ेगा और परमाणु त्रिज्या क्या होगी पड़ेगी इसका पहला कारण हो जाएगा कोषों की संख्या बढ़ने के

कारण और दूसरा कारण जो होगा होगा जो गौतम को उसके अंदर के इलेक्ट्रॉन जो होते हैं वह परिरक्षण प्रभाव दर्शाते हैं तो इस तरह से यह क्या हो जाएगा आरक्षण प्रभाव क्या होता है पर प्रभाव प्रभाव होता है जिससे बाय टर्म कोर्स के इलेक्ट्रॉनों को छोड़कर जो अन्य इलेक्ट्रॉन होते हैं जो नाभिक और बर्तन कोष के मध्य स्थित होते हैं वह क्या करते हैं यहां पर हम देखें तो यहां पर यह हमारा क्या हो गया ना भी खो गया और यह सबसे बाय टर्म को सो गया आप इन दोनों केबीसी जो स्थित कोर्स है वह कौन से हैं यह दोनों हैं तो यह दोनों

को शो में उपस्थित जो इलेक्ट्रॉन होंगे वह क्या देश आएंगे परिरक्षण प्रभाव इस तरह से कोई रक्षण प्रभाव के कारण जो बाय टर्म कोर्स के इलेक्ट्रॉन होते हैं वह नाभि का प्रभाव कम आकर्षित कम अनुभव कर पाते हैं जिससे परमाणु का आकार जो है वह समूह में नीचे जाने पर लगाता है अब हम बात करते हैं आवर्ती तो हम तीसरे आवर्त की बात करें तुम तीसरे आवर के जो तत्व होते हैं वह होंगे यह एग्जांपल केवल तीसरा वर्क ले रहे हैं बाकी जो हमने समूह के लिए बात की है वह हर एक समूह के लिए होगी और आवत की बात जो कर रहे हैं वह भी प्रत्येक आवाज के लिए होगा तो हम तीसरे आवाज के तत्व

देखें तो यह हमारा हो जाएगा सोडियम मैग्नीशियम एल्युमीनियम सिलिकॉन फास्फोरस सल्फर क्लोरीन और आर्गन इस तरह से हम देखें इस का परमाणु क्रमांक हो जाएगा 11:30 का 12:00 का 13:00 का 14:00 का 15:30 का 16:00 का 17 और उसका 18 तो इस तरह से जैसे जैसे हम आवर्त में बाएं से दाएं की ओर चल रहे हैं तो हम देखते हैं कि इनका जो परमाणु क्रमांक है वह बढ़ता जा रहा है लेकिन जब हम इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखते हैं जैसे हम अगर सोडियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें तो यह हो जाएगा 122 122 पैसे तू इसी प्रकार से हम मैग्नीशियम को सॉरी इसमें होगा वन

फिर इसी तरह से अगर हम देखें तो यह हो जाएगा भानेज 22822 6532 फिर हम और आगे देखें तो इसी तरह से एलुमिनियम का सेम होगा बस यहां पर क्या हो जाएगा tp13 12331 इसी तरह से हम देखें तो यह हो जाएगा सिलिकॉन का फ्री P1 की जगह 332 फास्फोरस को अगर देखें तो यह भी सेम होगा बस 3डी दो की जगह 3 पी थ्री हो जाएगा और यह से ही हम सल्फर क्लोरीन और आर्गन का देखेंगे तो यही हो जाएगा यह हो जाएगा 3:30 और क्लोरीन हो जाएगा 335 और जो आर्गन हो जाएगा वह हमारा हो जाएगा 336 तो हम देख रहे हैं कि जब हम आवर्त में बाएं

से दाएं जा रहे हैं तो बाएं से दाएं जाने पर क्या हो रहा है जो एन का मान है अर्थात जो हमारा कोर्स है वह क्या है तीन है केवल एक ही उक्त होश में क्या हो रहा है इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ती जा रही है जब एक ही कोष में इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ती है तो इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ने के कारण क्या होता है नाभिक का प्रभाव बाय टर्म कक्षा में अधिक हो जाए

क्यों होगा क्योंकि जैसे जैसे हम बाएं से दाएं जाते जा रहे हैं तो हमारा इलेक्ट्रॉन बढ़ने के साथ-साथ नाभिक के कोषों का मान नहीं बढ़ रहा है मतलब एक ही कोर्स में केवल इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ रही है और इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ने के कारण इसका नाभिक के द्वारा जो प्रभाव होगा आकर्षण प्रभाव है क्या हो जाएगा कम हो जाएगा और कम होने के कारण आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर जो परमाणु त्रिज्या होती है कम होती जाती है क्योंकि परमाणु का आकार क्या होता जाता है बाएं से दाएं जाने पर घटता जाता है कारण क्या है

एक ही एक ही कोष में इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ना इस तरह से हम देखें तो यह हमारा क्वेश्चन जो हमसे पूछा गया था कि वर्गीय अवध में परमाणु त्रिज्या का क्या प्रभाव पड़ेगा तो वर्ग में क्या हो जाएगा बाय सॉरी ऊपर से नीचे आने पर परमाणु त्रिज्या का मान क्या होता जाएगा बढ़ेगी और आवर्त में परमाणु त्रिज्या क्या होती जाएगी वह भक्ति जाएगी आशा करते हैं आपको समझ में आए होगा ओके धन्यवाद

Solution : आवर्त में परमाणु क्रमाक वृद्धि के साथ परमाणु त्रिज्या का मान क्रमश: कम होता जाता है। इसका कारण नाभिकीय आवेश में वृद्धि होती है।

आवर्त सारणी के आवर्त में परमाणु त्रिज्या कैसे बदलती है? - aavart saaranee ke aavart mein paramaanu trijya kaise badalatee hai?

उपर्युक्त चित्र से स्पष्ट है कि आवर्त के अन्त में परमाणु त्रिज्या के मान में कमी क्रमश: कम होती जाती है।