बकरा बकरी का भाव क्या है? - bakara bakaree ka bhaav kya hai?

सीतामढ़ी, जासं। त्याग और बलिदान का त्योहार ईद-उल-अजहा यानी बकरीद रविवार को मनाई जाएगी। बकरीद को लेकर खासतौर पर बकरों के बाजार इस बार काफी तेज रहा। सीतामढ़ी की सबसे बड़ी हुसैना बकरी मंडी में बकरों की जमकर बिक्री हुई। यहां बकरों की कीमत 7 हजार रुपये से लेकर 35 हजार रुपये तक रही। तोतापरी और बरबरा नस्ल के कुछ ऐसे बकरे भी बाजार में आए, जिनकी कीमत लाखों में थी। पिछले साल की अपेक्षा इस साल बकरों के दामों में तेजी आई है। यहां औसत दर्जे का बकरा जो पिछले साल 7 हजार रुपये का था, उसकी कीमत अब 9 हजार रुपये है। व्यापारियों कहना है कि महंगाई का असर बकरों के भाव पर भी पड़ा है।

बकरा बकरी का भाव क्या है? - bakara bakaree ka bhaav kya hai?

मुजफ्फरपुर: निकाय चुनाव में महिलाओं ने मारी बाजी, उत्तर बिहार के 6 निगमों में संभालेंगी मेयर-डिप्टी मेयर का पद

यह भी पढ़ें

ऐसे चुना जाता है कुर्बानी का बकरा

बकरों की खरीददारी करने आए लोगों ने बताया कि कुर्बानी के लिए खरीदे जाने वाले बकरे पर काफी ध्यान देना होता है। उसका सींग टूटा न हो, दो दांत हो, कम से कम एक साल का हो, शरीर पर कोई जख्म न हो और तंदुरुस्त हो। इसके बाद ही उसकी कुर्बानी कबूल होती है।

मस्जिद व ईदगाहों में पढ़ी जाएगी नमाज

सीतामढ़ी। त्याग व बलिदान का पर्व ईद-उल-अजहा (बकरीद) रविवार को मनाया जाएगा। इसको लेकर मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा सभी आवश्यक तैयारी पूरी कर ली गई है। बकरीद को लेकर बाजार में खाद्य सामग्री की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ दिखी। रविवार की सुबह बकरीद की नमाज को लेकर विभिन्न ईदगाहों व मस्जिदों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई की गई है। मौलाना अब्दुल वदूद ने बताया कि मेहसौल आजाद चौक स्थित ईदगाह में 10जुलाई को 6:45, मेहसौल पूर्वी रहमानिया मुहल्ले ईदगाह में बकरीद की नमाज 6:30 बजे अदा की जाएगी। मदरसा इस्लामिया अरबिया जामा मस्जिद में ईद उल अजहा की नमाज 7:00 बजे नमाज अदा की जाएगी।

बकरा बकरी का भाव क्या है? - bakara bakaree ka bhaav kya hai?

Muzaffarpur Nagar Nigam Election 2022 Result: मुजफ्फरपुर में महापौर पद पर निर्मला तो उप महापौर पद पर मोनालिसा की जीत

यह भी पढ़ें

कुर्बानी के जानवरों की तस्वीर सोशल मीडिया पर ना डालें

मदरसा रहमानिया मेहसौल के पूर्व अध्यक्ष अरमान अली ने कहा कि कुर्बानी का यह त्योहार जिल्हिज्जा की दसवीं तारीख से शुरू होता है और 11 वीं एवं 12 वीं तारीख तक चलता है। कुर्बानी दिखावे की चीज नहीं है, यह एक इबादत है, और इस्लाम में इबादत इंसान की पाक नीयत को पूरा करने का नाम है। इसलिए खुले स्थान पर कुर्बानी करने से परहेज करें, कुर्बानी के जानवरों की तस्वीर सोशल मीडिया पर डालने से बचें, साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।

मुस्लिम सिटीजंस फार एम्पावरमेंट के अध्यक्ष मो कमर अख्तर ने कहा कि त्याग और बलिदान का पर्व बकरीद आपसी भाईचारा एवं सछ्वभावना के साथ मनायें। बकरीद पर्व की नींव कुर्बानी पर रखी गई है। बकरीद के नमाज के बाद कुर्बानी की जाती है जो तीन दिनों तक चलता है। कुर्बानी के मांस को तीन हिस्सा में बांटा जाता है। एक हिस्सा स्वयं रखते है, वहीं दूसरा संबंधी और पड़ोसी एवं तीसरा हिस्सा गरीबों मिस्कीनों में बांटा जाता है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के दुबग्गा के बकरा मार्केट में 150 किलोग्राम वजनी मालवा नस्ल का बकरा साढ़े 5 लाख रुपये में बिका। इसके साथ ही यह इस साल बकरीद के मौके पर शुक्रवार दोपहर तक बिकने वाला सबसे महंगा बकरा बन गया है। इसके अलावा बाजार में अजमेरी, तोतापारी, सेरोही, पंजाबी बीटल, सुजात और अफ्रीकी बोअर समेत कई प्रकार के बकरों की नस्लें हैं, जिनकी कीमत बहुत ज्यादा है। यहां देशी बकरा तकरीबन 8000 रुपये और विदेशी बकरी 1.5 लाख रुपये में उपलब्ध है।

बकरों की कीमत उनके शारीरिक गठन और उपलब्धता के आधार पर तय की जा रही हैं। मार्केट में भेड़ और डंबा भी 13,000 रुपये से 1.5 लाख रुपये के बीच कीमत के साथ बिक रहे हैं। मालवा नस्ल का बकरा अपने झक सफेद रंग और बाजार में अन्य बकरों की तुलना में ज्यादा स्वस्थ होने के कारण साढ़े 5 लाख रुपये में बिका। बकरा बेचने वाले साजिद ने कहा, 'मैंने बकरे को एक साल तक बहुत सावधानी से पाला है। उसे स्वस्थ बनाने के लिए पर्याप्त चारे की व्यवस्था की।' इस बकरे को लखनऊ के रहने वाले एक शख्स ने खरीदा।

ऐसे ही एक बकरे की छाल पर एक खास पैटर्न बने होने के कारण वह डेढ़ लाख में बिका। बतााय गया कि उसके फर पर एक ऐसा पैटर्न है, जो अल्लाह के नाम की तरह दिखाई देता है। इसकी कीमत 1.5 लाख रुपये है। इसे पालने वाले मोहम्मद शकील ने दावा किया कि बकरे की खाल पर जन्म से ही यह पैटर्न था।

बकरा बाजार के प्रबंधक अबरार खान ने कहा कि तुर्की मूल की मोटी पूंछ वाली भेड़ दुंबास को इस्लामी इतिहास के अनुसार सर्वोच्च कुरबानी माना जाता है। उन्होंने कहा कि इस साल कई दुंबास बिक्री पर हैं और उनमें से एक 1.5 लाख रुपये में बिका। उन्होंने कहा कि दो साल की महामारी के बाद इस साल बाजार तेजी से कारोबार कर रहा है। दुबग्गा बाजार के पास कुर्बानी के लिए भैंस बेचने वाली एक छोटी मंडी लगाई गई है। जानवर के वजन के आधार पर लागत सीमा 15,000 रुपये से 1 लाख रुपये के बीच है।

बकरे बेचने आए रहीम, उसमान, सलाउद्दीन, जाकिर आदि का कहना है कि बकरों को जितनी अधिक खुराक खिलाएंगे, उतना ही बकरा सेहतमंद होगा। इसके लिए बकरों को अच्छी खुराक खिलनानी पड़ती है। उनकी खुराक भी महंगी हो गई है। इसीलिए बकरों की कीमत में भी गत वर्ष की अपेक्षा काफी उछाल आया है। बकरों को पड़ोसी राज्यों से भी लाना पड़ता है। उनके लाने-ले जाने में भी खर्च आता है।

जमकर खरीददारी: जामा मस्जिद के आसपास मेवा व सेवइयों की दुकानों पर भीड़
जामा मस्जिद के आस-पास मेवे, सेवइयाँ आदि की दुकानें भी सजी हुई हैं। समुदाय के लोग इन दुकानों से इद-उल-जुहा के लिए खरीददारी कर रहे हैं। लोग इन खाद्य सामग्रियों के साथ-साथ इत्र, कपड़े, जूते आदि खरीदने में भी जुटे हुए हैं। जामा मस्जिद के इमाम जान मोहम्मद का कहना है कि शरियत के मुताबिक तंदरुस्त जानवर की ही कुर्बानी दी जानी चाहिए। कुर्बानी में बकरों की प्रजातियों व नामों से कोई लेना-देना नहीं होता। उन्होंने बताया कि ईद-उल-जुहा पर अता की जाने वाली नमाज का समय भी सुविधा के अनुसार मुकर्रर कर दिया गया है। समुदाय के लोग नमाज अता करने के लिए सोहना चौक स्थित जामा मस्जिद, ईदगाह, सेक्टर 57 स्थित अंजुमन मस्जिद, चौमा, न्यू पालम विहार, कार्टरपुरी, उद्योग विहार, सुशांत लोक, साऊथ सिटी आदि में जाएंगे।

गुड़गांव. जामा मस्जिद पर बकरे खरीदते लोग।

1 बकरी की कीमत क्या हैं?

यहां देशी बकरा तकरीबन 8000 रुपये और विदेशी बकरी 1.5 लाख रुपये में उपलब्ध है। बकरों की कीमत उनके शारीरिक गठन और उपलब्धता के आधार पर तय की जा रही हैं। मार्केट में भेड़ और डंबा भी 13,000 रुपये से 1.5 लाख रुपये के बीच कीमत के साथ बिक रहे हैं

बकरी का कितना पैसा है?

इस नस्ल के बकरे की कीमत रू 350 प्रति किलोग्राम से रू 1,500 प्रति किलोग्राम तथा बकरियों की कीमत रू 700 प्रति किलोग्राम से रू 3,500 प्रति किलोग्राम तक की होती है.

तोतापुरी बकरे की कीमत कितनी होती है?

इन बकरों में तोतापुरी नागफनी सबसे महंगे बकरे हैं और उनकी खास नस्ल सभी को आकर्षित कर रही है। जहां आम बकरे 10 से 30 हजार रुपए तक के हैं, वहीं तोतापुरी बकरे की कीमत 50 हजार से 70 हजार रुपए लगाई जा रही है।