ब्लड कैंसर (Blood Cancer in Hindi), जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है कि यह ब्लड से रिलेटिड कैंसर होता है या यह कहें की इस प्रकार का कैंसर सीधे आपके ब्लड, बोन मेरो और लिम्फेटिक सिस्टम को प्रभावित करता है। Show
हमारा ब्लड बहुत सारी सेल्स से मिलकर बना होता है जिसमे – रेड ब्लड सेल्स (जो हमारे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने में सहायता करती हैं), सफेद ब्लड सेल्स (जो इन्फेक्शन्स से लड़ने में सहायता करती हैं ) और प्लेटलेट्स (जो ब्लड के जमने में सहायता करती हैं ) शामिल हैं। असल में ये सभी स्टेम सेल्स से बने होते हैं और इनमे इतनी क्षमता होती है की ये किसी भी प्रकार की ब्लड सेल बना सकते हैं। रक्त कैंसर या ब्लड कैंसर क्या होता है, इसके प्रकार, लक्षण (Blood cancer Symptoms in Hindi) और निदान कैसे किया जाता है, इससे संबंधित जानकारी नीचे दी गयी है। What Is Blood Cancer In Hindi – ब्लड कैंसर क्या होता है?जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, इस प्रकार का कैंसर आपके ब्लड सेल्स के उत्पादन और कार्य को प्रभावित करता है। ब्लड कैंसर, बोन मेरो में शुरू होता है जो ब्लड उत्पादन का अभिन्न स्रोत है। आपके बोन मेरो में स्टेम सेल्स मच्योर होती हैं और तीन प्रकार के ब्लड सेल्स में विकसित होती हैं: लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं , या प्लेटलेट्स। कैंसर के मामले में, ब्लड उत्पादन प्रक्रिया असामान्य प्रकार के ब्लड सेल्स के विकास की वजह से गड़बड़ा जाती है। रक्त कैंसर या ब्लड कैंसर किसी भी उम्र के व्यक्तियों को हो सकता है। इस बीमारी के होने का खतरा 30 साल या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को होने का ज्यादा रहता है। ब्लड कैंसर मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है-
Blood Cancer Stages in Hindi – ब्लड कैंसर की स्टेजेसमेटास्टेसिस के आधार पर, ब्लड कैंसर को या चरणों को बाँटा गया है। ये स्टेज ब्लड कैंसर के लक्षणों (Blood Cancer ke Lakshan in Hindi) और रेट के अनुसार निर्धारित किए जा सकते हैं। मेटास्टेसिस तब होता है जब कैंसर एक अंग से दूसरे अंग में फैलता है, जो सीधे उससे जुड़े नहीं होते है। मुख्य रूप से कैंसर की 4 स्टेज होती हैं , वे इस प्रकार हैं:
Causes of Blood Cancer in Hindi – ब्लड कैंसर के कारणब्लड कैंसर हमारे डीएनए में परेशानी के कारण होता है। आमतौर पर हमारे डीएनए में ये बदलाव उन कारणों से होते हैं जिन्हें हम समझ नहीं सकते हैं और उन चीज़ों से जुड़े होते हैं जिन्हें हम नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। ज्यादातर मामलों में हम समझ ही नहीं पाते कि डीएनए में होने वाले परिवर्तनों का कारण क्या है जो ब्लड कैंसर का कारण बन सकता है, रिसर्च से पता चला है कि ऐसी कई चीजें हैं जो कुछ प्रकार के ब्लड कैंसर को विकसित करने में सहायक होती हैं, उनमे से कुछ निचे दिए गए हैं –
Causes of Blood Cancer in Hindi उसके प्रकार के आधार पर अलग-अलग होते हैं जैसे माइलोमा केवल वयस्कों को प्रभावित करता है, जबकि लिम्फोमा आमतौर पर 15-25 या 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में विकसित होता है, और जिन लोगों को पहले से ही उनके इम्यून सिस्टम में समस्याएं होती हैं, उन्हें होता है। ब्लड कैंसर के लक्षण के बारे में निचे विस्तार से दिया गया है आइये इसके बारे में जानते हैं। ब्लड कैंसर के लक्षणकई प्रकार के कैंसर आपके ब्लड को बनाने वाली सेल्स पर हमला करते हैं। उनके लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे आते हैं, इसलिए आप उन्हें नोटिस भी नहीं कर सकते हैं। और कुछ लोगों में ब्लड कैंसर के कोई शुरूआती लक्षण नहीं दिखाई देते। हालांकि ब्लड कैंसर के कुछ लक्षण सामान्य हो सकते हैं पर ज्यादातर इसके लक्षण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं। ब्लड कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं-
इसके अलावा इसके तीनों प्रकार के आधार पर भी इसके लक्षणों को पहचाना जा सकता है, वो इस प्रकार हैं- ल्यूकेमिया के लक्षणब्लड सेल्स हमारी बोन मेरो में बनती हैं और यहीं से ल्यूकेमिया शुरू होता है। ल्यूकेमिया में हमारे शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स बहुत अधिक मात्रा में बनती हैं जो कंट्रोल नहीं होती हैं और ये सेल्स अपने लाइफटाइम पीरियड से ज्यादा समय तक जीवित रहती हैं, इसके अलावा ये सेल्स आपके शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद भी नहीं करती हैं। ल्यूकेमिया के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं: एनीमिया: एनीमिया तब होता है जब आपके शरीर में पर्याप्त रेड ब्लड सेल्स नहीं बनती है। इसके मुख्य लक्षणों इस प्रकार हैं:
क्लॉटिंग न होना: प्लेटलेट सेल्स ब्लड क्लॉट में सहायक होती हैं। जब ब्लड क्लॉट अच्छे से नहीं होता तो छोटा सा कट लगने पर भी बहुत खून बह सकता है, इसके साथ-साथ नाक से खून आना भी सामान्य हो सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:
अन्य लक्षण: ल्यूकेमिया में व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) रोगों से नहीं लड़ पातीं जिसकी वजह से रोगी अक्सर बीमार रहने लगता है और ठीक होने में सामान्य से ज्यादा समय लेता है। इसके अलावा बुखार के साथ-साथ रात में पसीना आना भी आम बात हो सकती है। कैंसर सेल्स लिम्फ नोड्स ,लिवर और टॉन्सिल्स में फ़ैल जाती हैं और उनमे सूजन का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा आपके बजन में कमी होना, भूख न लगना आम समस्याएं हो सकती हैं। लिम्फोमा के लक्षणलिम्फ नोड्स में सूजन आना लिम्फोमा का मुख्य लक्षण होता हैं। इसके अलावा रोगी की गर्दन, बगल, या ग्रोइन में एक गांठ बन जाती है। खांसी होना, सांस लेने में तकलीफ होना, छाती, पेट और हड्डियों में दर्द इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं। रोगी का स्प्लीन बड़ा हो सकता है, जिसकी वजह से पेट फ़ूल जाता है। सूजे हुए लिम्फ नॉड्स में आमतौर पर दर्द नहीं होता, लेकिन अल्कोहल पीने से इनमे दर्द हो सकता है। इसके अलावा लिम्फोमा के कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हैं-
माइलोमा के लक्षणहमारे ब्लड में, प्लाज्मा सेल्स रोगों से लड़ने वाली सेल्स होती हैं पर माइलोमा आपके शरीर में बोन मेरो में प्लाज्मा सेल्स के बनाने का कारण बनता है जो कंट्रोल नहीं होती हैं और हेल्दी ब्लड सेल्स को बनने से रोकता है। इसके लक्षण (Blood Cancer Symptoms in Hindi) आमतौर पर तब तक नहीं दिखते जब तक कि आप इसे नोटिस नहीं कर लेते। हाइपरक्लेसेमिया : माइलोमा में कैल्शियम का लेवल बढ़ जाता है। यह निम्नलिखित समस्याओं का कारण बन सकता है:
ब्लड कैंसर के इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इसके बारे में भी विस्तार से पढ़ें: HIV Symptoms in Men ब्लड कैंसर का इलाज और बचावयद्धपि ब्लड कैंसर एक जानलेवा बीमारी है पर सही समय पर इसका पता लग जाने पर इसे फ़ैलने से रोका जा सकता है और इलाज करा कर इसका निदान किया जा सकता है। हमारे देश भारत में दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, बैंगलोर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, इंदौर इन जगहों पर ब्लड कैंसर हीलिंग सेण्टर हैं इसके अलावा आप नीचे दिए गए इलाजों का भी प्रयोग कर सकते हैं। आइये जानते हैं किस तरह से ब्लड कैंसर का इलाज किया जा सकता है और क्या साबधानियॉ बरत कर ब्लड कैंसर का इलाज है: ब्लड कैंसर का इलाजब्लड कैंसर का इलाज उसके प्रकारों, आपकी उम्र, और कैंसर कितनी तेजी से बढ़ता है,आपके किस किस अंग में कैंसर फ़ैल चुका है, इन सब बातों पर निर्भर करता है। ब्लड कैंसर के लिए कुछ आम इलाज और उपचार इस प्रकार हैं:
ब्लड कैंसर से बचाव
इसके बारे में भी विस्तार से पढ़ें: Breast Cancer Symptoms in Hindi ब्लड कैंसर के इलाज के लिए रिसर्चर्स ने एक उपचारात्मक ऑप्शन के साथ आना शुरू किया है जिसमें दवाओं की सहायता से ब्लड कैंसर के मेटास्टेसिस के लिए जिम्मेदार असामान्य एंजाइमों या सेल्स को निकला जा सकता है। प्रोटीन की अधिकता भी कैंसर सेल्स को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होती है, इसे भी रिसर्चड दवाओं की सहायता से कम किया जा सकता है। ब्लड कैंसर किसकी कमी से होता है?इसकी वजह व्यक्ति के खून में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होना है और इस कारण व्यक्ति में खूनकी कमी हो जाती है।
ब्लड कैंसर होने का मुख्य कारण क्या है?रेडिएशन के संपर्क में आने से होता है ब्लड कैंसर
रेडियशन से कई तरह की विकृतियाँ हमारे शरीर में उत्पन्न होती हैं. एक्सर-रे या अन्य रेडिएशन किरणों के प्रभाव में आने से भी ब्लड कैंसर हो सकता है. जाहीर है कि सीटी-स्कैन और रेडिएशन थेरेपी से भी रेडियशन उत्पन्न होता है. इसलिए ये भी ब्लड कैंसर होने के खतरे को बढाते हैं.
ब्लड कैंसर कैसे पता चलेगा?रक्त कैंसर के कुछ सामान्य लक्षणों में बुखार, गंभीर थकान, मसूड़ों या त्वचा से खून बहना, पीठ में दर्द या हड्डियों में दर्द की शिकायत दिखाई देती है. इसके अलावा ब्लड कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार संक्रमण होने का खतरा होता है.
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