कबीर दास के दोहे : अँग्रेजी अर्थ सहित
———-XXX———- संत कबीर जुलाह का कार्य करते थे । उनका जन्म हिन्दू परिवार में हुआ था और पालन-पोषण मुस्लीम परिवार में हुआ था । वे ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे । फिर भी अपने लेखनी के द्वारा शिक्षक तथा समाज सुधारक बने । उनके दोहों (couplets) में बहुत गभीर अर्थ और शिक्षा था ज़िंदगी के अनेक विषयों पर । संत कबीर मानते थे – भगवान एक है और लोग उनकी पूजा करते हैं अनेक नाम से । संत कबीर ने हिन्दू-मुस्लीम दोनों जतियों को एक सूत्र में बाँधने का प्रयास किया और धर्म के झूठे आडंबर-पूर्ण कर्म-कांडों पर जमकर आलोचना किये । चलिये, उनके कुछ दोहे हिन्दी, हिंगलिश में पढ़ते हैं । साथ साथ हिन्दी और अँग्रेजी में उनका अर्थ भी समझते हैं । लेकिन आगे बढ़ने से पहले दोहे के बारे में कुछ जानकारी लेते हैं । दोहा क्या है ? What is Doha in English ? Dohas of Kabir, Tulsidas, Raskhan, Rahim and the dohas of Nanak called Sakhis are famous. ______________________________________________________ कबीर का दोहा (हिन्दी ) :-(01) बुरा जो देखन मैं
चला, बुरा ना मीलया कोई । अर्थ हिन्दी में : Hinglish Bura jo dekhan main chala, bura na milya koye Meaning in English ______________________________________________________ कबीर का दोहा (हिन्दी ) :-(02) कल करे सो आज कर, आज करे सो अब । अर्थ हिन्दी में : Hinglish Kal
kare so aaj kar, aaj kare so ab Meaning in English ______________________________________________________ कबीर का दोहा (हिन्दी ) :-(03) बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर । अर्थ हिन्दी में : Hinglish Bada hua toh kya hua jaise ped khajur Meaning in English ______________________________________________________ कबीर का दोहा (हिन्दी ) :-(04) साँई इतना दीजिये, जामें कुटुंब समIय । अर्थ हिन्दी में : कबीर कहते हैं, हे भगवान मुझे इतना ही दीजिये जिस से मेरे अपने परिवार का भरण-पोषण हो जाए । और अगर कोई अतिथि आ जाए तो उसको भी खिला-पीला कर सत्कार कर सकूँ । Hinglish Sain itna dijiye jamein kutumb samay Meaning in English Kabir in this Doha requests God to give that much only sothat he can feed his family and if any guest comes he should be able to feed him and honour him,. The inner meaning here is , one should only have what he needs . There is no use of having too much. ______________________________________________________ कबीर का दोहा (हिन्दी ) :-(05) माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रौंदे मोय । अर्थ हिन्दी में : मिट्टी कुम्हार से कहती है आज तो तू सोच रहा है कि मुझे अपना पैरों तले रौंद रहे हो । पर एकदिन ऐसा आएगा जब मैं तुझे रौंदूंगा यानि तू मेरे नीचे और मैं तेरे ऊपर होऊँगा । इसका अर्थ – मृत्यु के बाद सब मिट्टी के नीचे होते हैं यानि उसके साथ मिल जाते हैं । Einglish Matti kahe kumhar se tu kya rounde moye Meaning in English In this Doha soil tells to the potter (pot maker) , today you think that you are kicking me and kneading me with your feet . There will be a day when I will do the same to you what you have done to me. The inner meaning id that after death everybody will be below the soil or earth. ______________________________________________________ कबीर का दोहा (हिन्दी ) :-(06) गुरु गोविंद दोऊ
खड़े, काके लागूँ पाँय । अर्थ हिन्दी में : कबीर इस दोहे मे कहते हैं कि अगर हमारे सामने गुरु और भगवान दोनों एक साथ खड़े हों तो आप किसके चरण स्पर्श करेंगे ? इस पर वो कहते हैं गुरु ही हमारा आदर, सम्मान और स्नेह के हैं क्योंकि उनके ज्ञान से ही हमें भगवान से मिलने का रास्ता मिलता है । इसलिए गुरु कि महिमा भगवान से भी ऊपर है और हमें गुरु का चरण स्पर्श करना चाहिए । Einglish Guru Govind dau khade, kake lagun payen Meaning in English In this Doha Kabir says that a Guru ( Teacher) and the God are standing infront of you , then whose feet you will touch and give honour? Then he says that Guru deserves the first right to get the honour as he affectionately teaches to know God by giving knowledge . Therefore the importance of Guru is more than the God. ______________________________________________________ साथियों ! कबीर जयंती कब कब पालन किया जाएगा उसके जानकारी आप लोगों के लिए नीचे अँग्रेजी में दिया गया है । (source- Internet) Sant Guru Kabir Jayanti Holiday in 2018 Kabir Jayanti is a yearly event that celebrates the birth anniversary of Kabirdas, who was a renowned poet, saint and social reformer and lived in the 15 century. According to the traditional Hindu calendar, the day falls on the full moon day of the Jyesta month. Kabirdas Jayanti is usually observed either in the month of May or in the month of June every year as per the Gregorian calendar. The day is celebrated by all classes of people not only in India but also in other countries. The great poems and works of Kabirdas designate the coherence and immensity of the ‘Supreme Being.’
Sant Guru Kabir Jayanti 2020-2025
(दोहे के अनुवाद में अगर कोई त्रुटि है तो सुधार के पढ़िये और comment के माध्यम से मुझे जानकारी दीजिये । ) धन्यवाद , रतिकान्त सिंह RATIKANTA SINGH गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय इसका अर्थ क्या है?अर्थ – कबीर दास जी ने इस दोहे में गुरु की महिमा का वर्णन किया है। वे कहते हैं कि जीवन में कभी ऐसी परिस्थिति आ जाये की जब गुरु और गोविन्द (ईश्वर) एक साथ खड़े मिलें तब पहले किन्हें प्रणाम करना चाहिए। गुरु ने ही गोविन्द से हमारा परिचय कराया है इसलिए गुरु का स्थान गोविन्द से भी ऊँचा है।
कबीर दास के 10 दोहे with meaning?कबीर दास जी के प्रसिद्द दोहे हिंदी अर्थ सहित. अर्थ: जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मुझे कोई बुरा न मिला। ... . अर्थ: बड़ी बड़ी पुस्तकें पढ़ कर संसार में कितने ही लोग मृत्यु के द्वार पहुँच गए, पर सभी विद्वान न हो सके। ... . अर्थ: इस संसार में ऐसे सज्जनों की जरूरत है जैसे अनाज साफ़ करने वाला सूप होता है। ... . बड़ा हुआ तो क्या हुआ का अर्थ?बढ़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर, पंथी को छाया नहीं, फल लगे अति दूर । अर्थ :: उस खजूर के पेड़ की तरह ना बने, जो भले ही बड़ा हो लेकिन राहगिरों को छाया प्रदान नही कर सकता और भले ही जिसपे फल लग जाए, लेकिन कोई उसे पा नहीं सकता क्योंकि वो बहुत ऊँचा होता है।
कबीर दास जी के 10 दोहे?कबीर के 10 बेहतरीन दोहे : देते हैं जिंदगी का असली ज्ञान. मैं जानूँ मन मरि गया, मरि के हुआ भूत | ... . भक्त मरे क्या रोइये, जो अपने घर जाय | ... . मैं मेरा घर जालिया, लिया पलीता हाथ | ... . शब्द विचारी जो चले, गुरुमुख होय निहाल | ... . जब लग आश शरीर की, मिरतक हुआ न जाय | ... . मन को मिरतक देखि के, मति माने विश्वास | ... . कबीर मिरतक देखकर, मति धरो विश्वास |. |