गाय को ब्याने के बाद क्या खिलाना चाहिए - gaay ko byaane ke baad kya khilaana chaahie

Salt Diet For Cow And Buffalo: नमक में आयरन, कॉपर, जिंक, आयोडीन, मैंगनीज, मैग्नेशियम, सेलेनियम समेत तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं. ये सभी तत्व इंसानी शरीर के लिए काफी जरूरी होते हैं. बता दें कि नमक की कमी इंसानों के अलावा पशुओं के लिए भी काफी घातक हो सकती है.

कई तरह के रोगों के दौरान डॉक्टर अक्सर नमक के सेवन की सलाह देते हैं. अगर आप पशुपालक हैं तो आपका ये जानना बेहद जरूरी है कि नमक का सेवन पशुओं के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है. पशु विशेषज्ञों के अनुसार, नमक की कमी से आपकी गाय और भैसों की मौत भी हो सकती हैं.

नमक के सेवन से पशु रहते हैं स्वस्थ
भारतीय कृषि भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली के पशु रोग अनुसंधान और निदान केंद्र के संयुक्त निदेशक डॉ केपी सिंह कहते हैं कि दुधारू पशुओं के लिए नमक का आहार बहुत जरूरी है. ये गाय और भैंसों दोनों में पाचन क्रिया को बेहतर करता है. इससे पशुओं में भूख बढ़ती है. पशुओं में लार निकलने वाली क्रिया में सहायता मिलती है. जिससे पशु स्वस्थ रहते हैं. 

नमक की कमी से दूध देने की क्षमता में आती है कमी
बता दें कि अक्सर पशुपालक शिकायत करते हैं कि उनकी गाय और भैंसों के दूध देने की क्षमता कम हो गई है. ये उनके शरीर में नमक की कमी होने के चलते हो सकता है. अक्सर पशुओं के डॉक्टर कम दूध देने के वाले गाय और भैंसो के आहार में नमक की मात्रा बढ़ाने को कहते हैं. डॉ केपी सिंह भी बताते हैं कि नमक का घोल देने पर पशुओं में दुग्ध उत्पादन की क्षमता बढ़ जाती है. इसके अलावा समान्य तौर पर भी दुधारू पशुओं में दूध देने की क्षमता बढ़ाने के लिए उनके आहार में नमक की मात्रा बढ़ा दी जाती है.

बता दें कि गाय व भैंस में मूत्र संबंधी रोग हो जाते हैं. इसके अलावा नमक की कमी की वजह से पशुओं की भूख भी कम हो जाती है.यदि भैंस के आहार में नमक की कमी होती है, तो कई रोगों का खतरा हो सकता है. ऐसे में पशुओं को नियम से प्रतिदिन नमक का घोल देना चाहिए.

भारत में प्राचीन काल से ही खेती के साथ पशुपालन किया जाता रहा है। आज भी किसान खेती के साथ पशुपालन करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। ऐसे में पशुपालक किसान के साथ सबसे बड़ी समस्या ये हैं कि उनका पशु जैसे गाय-भैंस कम दूध देते हैं। कई बार देखने में आता है कि ज्यादा दूध के चक्कर में पशुपालक किसान अपने दुधारू पशु गाय, भैंस को इंजेेक्शन लगवा देते हैं जिससे वह अधिक दूध देना शुरू कर देता है। लेकिन बता दें कि ऐसा करना न केवल पशु के लिए स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि ऐसे दूध का सेवन करना दूसरों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि प्राकृतिक और घरेलू औषधीय तरीके से गाय, भैंस जैसे दुधारू पशु का दूध कैसे बढ़ाया जा सकता है ताकि पशु बिना किसी परेशानी के स्वयं ही अधिक दूध देना शुरू कर दे। तो आइए ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से जानते हैं गाय, भैंस का दूध बढ़ाने के तीन आसान उपाय। 

गाय को ब्याने के बाद क्या खिलाना चाहिए - gaay ko byaane ke baad kya khilaana chaahie

गाय का दूध बढ़ाने का पाउडर

जिस प्रकार बच्चों की सेहत के लिए बाजार में कइ न्यूट्रिशियन पाउडर उपलब्ध हैं, उसी प्रकार दूधारू पशुओं के लिए भी कई कंपनियों के पाउडर उपलब्ध है जिसके इस्तेमाल से पशु ज्यादा दूध देते हैं। इसके अलावा किसान देशी तरीके से भी पशुओं के लिए चूर्ण (पाउडर) बनाते हैं जिसे पशुओं को खिलाने पर ज्यादा दूध मिलता है।

गाय भैंस को दूध बढ़ाने वाले इंजेक्शन लगवाने से होते हैं ये नुकसान

कई लोग अपने गाय और भैंसों से अधिक दूध प्राप्त करने के लिए इंजेक्शन आदि का सहारा लेते हैं, यह पहले कारगर तो साबित होता है लेकिन कई बार इसका प्रभाव विपरीत भी पड़ जाता है। ज्यादा से ज्यादा दूध निकालने के चक्कर में गाय और भैंसों में ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगा देते है। इस दूध का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन पर रोक होने के बावजूद इसका इस्तेमाल गाय और भैंस में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है। ऐसे में इसके इस्तेमाल करने वाले और बेचने वाले दोनों को जुर्माना और सजा हो सकती है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधी प्रशासन ऐसे इंजेक्शन की खेप कई बार पकड़ चुका है और इस पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। ऐसा माना जाता है कि गाय-भैंस दूध देने के बावजूद करीब 25 फीसदी अपने बच्चों के लिए बचा लेती हैं। यह इंजेक्शन देकर उस दूध को भी निकाल लिया जाता है जो खतरनाक है।

ऐसे करें दूध बढ़ाने के प्राकृतिक सरल उपाय

गाय, भैंस का दूध बढ़ाने के लिए हमें हमेशा नुकसान रहित उपाय करने चाहिए जिससे पशु के स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं पहुुंचे और दूध भी अधिक मात्रा में प्राप्त हो। ऐसे उपायों को अपनाकर आप अधिक मात्रा में गुणवत्तापूर्ण दूध प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि हम गाय या भैंस के आहार पर भी ध्यान दें। इसके अलावा इनके रखरखाव और देखभाल पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

1. लोबिया खिलाने से बढ़ जाता है गाय व भैंस का दूध

पशुपालन विभाग के अनुसार लोबिया घास खिलाने से गाय का दूध बढ़ जाता है। लोबिया घास में औषधीय गुण पाए जाते हैं जो दूध की मात्रा में बढ़ोतरी करते हैं। लोबिया घास खिलाने से गाय की सेहत पर कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ता और दूध की मात्रा भी सहज ही बढ़ जाती है। लोबिया घास में कुछ विशेषताएं पाई जाती है जिसके कारण गाय, भैंसों को इसे खिलाना फायदेमंद बताया गया है। लोबिया घास की विशेषता यह है कि इस घास का अन्य घास के मुकाबले पाचक होना है। इसमें प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो दूधारू पशु के लिए जरूरी होती है। ऐसे में यदि पशुपालक गाय व भैंस को लोबिया घास खिलाएं तो वे प्राकृतिक रूप से दूध की मात्रा बढ़ा सकते हैं। 

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2. गाय व भैंस का दूध बढ़ाने की घरेलू औषधि बनाएं

गाय व भैंस की दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए आप घर पर ही इसकी औषधी बना सकते हैं। इसके लिए कुछ चीजों की जरूरत होगी जो आसानी से आपको मिल जाएगी। औषधी निर्माण की विधि इस प्रकार से है-

इस औषधी को बनाने के लिए आपको 250 ग्राम गेहूं का दलिया, 100 ग्राम गुड़ सर्बत (आवटी), 50 ग्राम मैथी, एक कच्चा नारियल, 25-25 ग्राम जीरा व अजवाईन की आवश्यकता होगी। 

कैसे करना है इन चीजों का उपयोग

  • सबसे पहले दलिया, मैथी और गुड़ को पका लें। इसके बाद में उसमें नारियल को पीसकर डाल दें। जब ये ठंडा हो जाए तो इसे पशु को खिलाएं।
  • ये सामग्री 2 महीने तक केवल सुबह खाली पेट ही खिलानी चाहिए।
  • इसे गाय को बच्चा देने से एक महीने पहले शुरू करना चाहिए और बच्चा देने के एक महीने बाद तक खिलाना चाहिए।
  • 25-25 ग्राम अजवाईन व जीरा गाय के ब्याने के बाद केवल 3 दिन ही देना चाहिए। ऐसा करने से आपको जल्द ही अच्छे परिणाम मिलने लगेंगे।  
  • ब्याने के 21 दिन तक गाय को सामान्य खाना ही दिया जाना चाहिए।
  • गाय का बच्चा जब 3 महीने का हो जाए या जब गाय का दूध कम हो जाए तो उसे प्रति दिन 30 ग्राम जवस औषधि खिलाएं, इससे दूध कम नहीं होगा।

3. सरसों का तेल और आटे से बनाएं दूध बढ़ाने की दवा

सरसों के तेल और आटे से भी घरलू दवा बनाकर गाय को खिलाने से भी गाय, भैंस के दूध की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। दवा बनाने का तरीका इस प्रकार से है-

सबसे पहले 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल, 250 ग्राम गेहूं का आटा लें। अब दोनों को आपस में मिलाकर शाम के समय पशु को चारा व पानी खिलाने के बाद खिलाएं। ध्यान रहे दवा खिलाने के बाद पशु को पानी नहीं पिलाना है। इतना ही नहीं यह दवाई भी पानी के साथ नहीं देनी है। अन्यथा पशु को खांसी की समस्या हो सकती है। यह दवा पशु को 7-8 दिनों तक ही खिलानी चाहिए इसके बाद इस दवा को बंद कर देनी चाहिए। वहीं पशु को हरा चारा व बिनौला आदि जो खुराक आप पहले से दे रहें है उसे देते रहना चाहिए। इसे बंद नहीं करना चाहिए।

गाय ब्याने के तुरंत बाद क्या करना चाहिए?

ब्यानेके बाद यूं रखें पशु का ध्यान: ब्यानेके बाद पशु को गुनगुने पानी से भीगे कपड़े द्वारा साफ करें, ब्याने के बाद पशु को कार्बोहाइड्रेटस युक्त चारे खिलाएं। पशु को गेहूं का दलिया, सोंठ, गुड़ अजवायन पकाकर खिलाएं। ब्याने के 10 घंटे तक पशु जेर गिराए तो पशु चिकित्सक से संपर्क करें। जेर को तुरंग गड्ढे में दबा दें।

गाय को बच्चा देने के बाद क्या क्या खिलाना चाहिए?

ब्याए हुए हुए पशु को पौष्टिक एवं ऊर्जा युक्त आहार दें जैसे कि तेल, गुड़,गेहूं का चोकर, अदरक, मेथी तथा काला जीरा भी दे सकते हैं। दो से 3 दिन तक ऐसा सुपाच्य भोजन ही दें क्योंकि इस समय पशु का पाचन कमजोर होता है। ब्याई हुए पशु का खींस पूरा नहीं निकालना चाहिए ऐसा करने से, दुग्ध ज्वर नामक बीमारी हो सकती है।

ब्याने वाली गाय को क्या देना चाहिए?

ऐसे में जब गाय और भैंस के बच्चे पैदा होते हैं तो उन्हें सरसों के तेल को पीने को दिया जा सकता है.

कैसे गाय के दूध को बढ़ाने के लिए?

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गाय व भैंस का दूध बढ़ाने की घरेलू औषधि बनाएं गाय व भैंस की दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए आप घर पर ही इसकी औषधी बना सकते हैं। ... .
सरसों का तेल और आटे से बनाएं दूध बढ़ाने की दवा.