उदाहरण के तौर पर जब हम बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालते है तो इसमें हम केवल ऊपरी सतह का क्षेत्रफल निकलते है और जब हम सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल की बात करते है तो इसमें ऊपरी सतह के साथ साथ ऊपरी और नीचले वृत का क्षेत्रफल भी निकालते है। इसलिए बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh और सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh + 2πr2 Show घनाभ एक त्रिआयामी आयताकार आकृति है जो छह आयताकार विमाओ यानि भुजाओं से घिरा होता है. घनाभ एक बॉक्स, ईंट आदि जैसे आकार में हो सकता है. मुख्य रूप से Ghanabh ka Kshetrafal प्राप्त करने के लिए लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई को एक अलग परिमाण में व्यक्त किया जाता है. उपयोगिता एवं आवश्यकता के अनुसार इसके भिन्न-भिन्न क्षेत्रफलों का अध्ययन करना होता है जो क्लास 8 से लेकर कम्पटीशन एग्जाम तक प्रयोग किए जाते है. यहाँ वैसे फार्मूला मौजूद है जो ज्यादातर उपयोग होता है. Table of Contents
घनाभ क्या है | Ghanabh ka Paribhasha6 आयताकार सतह से बना वह त्रिविमीय आकृति जिसका प्रत्येक तीन संलग्न फलक एक दुसरें पर लम्बवत पड़ते हो, वह घनाभ कहलाता है. फलक के अधिकता के वजह से इसे बहुफलक भी कहा जाता है. एक घनाभ का प्रत्येक फलक एक आयत के रूप में होता है और इसके सभी कोण 90 डिग्री होते हैं. घनाभ के विपरीत फलक एक दुसरें के हमेशा बराबर होते हैं. अवश्य पढ़े, वर्ग का क्षेत्रफलघन का आयतनआयत का क्षेत्रफलसमानान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफलसमलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफलसमचतुर्भुज का क्षेत्रफलघनाभ का आयतननिर्देशांक ज्यामिति फार्मूला एवं परिभाषाघनाभ का क्षेत्रफल | Area Of Cuboid in Hindiसामान्यतः Ghanabh ka Kshetrafal सतह क्षेत्र को संदर्भित करता है क्योंकि यह तीन आयामों द्वारा बना हुआ ठोस होता है. अतः घनाभ के क्षेत्रफल की गणना आयत के क्षेत्रफल के सूत्र का उपयोग करके सरलता से किया जा सकता है. लेकिन वैसे सभी फार्मूला विस्तृत रूप प्रदान किया गया है जिसमे Confusion न हो. घनाभ का पार्श्व पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2h ( l + b )
घनाभ का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2 ( lb + bh + lh )
कमरें के चारों दीवारों का क्षेत्रफल = 2h ( l + b ) घनाभ का आयतन = l × b × h घनाभ का विकर्ण = √ ( l2 + b2 + h2 ) ढक्कनरहित टंकी का क्षेत्रफल = 2h ( l + b ) + lb अवश्य पढ़े,
घनाभ सम्बन्धी महत्वपूर्ण बातें
घनाभ के क्षेत्रफल सम्बंधित उदाहरण1. किसी घनाभ की लम्बाई 5cm, ऊँचाई 6cm और चौड़ाई 10cm हो, तो घनाभ का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल निकालें? हल: दिया है, फार्मूला से, घनाभ का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2 ( lb + bh + lh ) इसलिए, = 2 ( 5 × 10 + 10 × 6 + 5 × 6 ) अर्थात, => 2 ( 50 + 60 + 30 ) => क्षेत्रफल = 2 × 140 = 280 cm² 2. यदि किसी घनाभ की लम्बाई एवं चौड़ाई क्रमशः 5 और 6cm और आयतन 30 cm3 हो, तो घनाभ का पार्श्व पृष्ठ का क्षेत्रफल ज्ञात करे? हल: दिया है, फार्मूला से, घनाभ का आयतन = l × b × h => 30 = 5 × 6 × h => h = 30/ 30 = 1 अर्थात, ऊँचाई = 1 cm इसलिए, घनाभ का पार्श्व पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2h ( l + b ) क्षेत्रफल = 2 × 1 ( 5 + 6 ) => 2 × 11 cm² अर्थात, पार्श्व पृष्ठ का क्षेत्रफल = 22 cm² यहाँ Ghanabh ka Kshetrafal से सम्बंधित उदाहरण फार्मूला को समझने के उदेश्य दिया गया है ताकि फार्मूला के प्रयोग में कोई कठिनाई न हो. jikesh kumar Hey, मैं Jikesh Kumar, Focusonlearn का Author & Founder हूँ. शिक्षा और शिक्षण शैली को सम्पूर्ण भारत में प्रसार के लिए हम अन्तःमन से कार्यरत है. शिक्षा एवं सरकारी योजना से सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारी इस वेबसाइट के माध्यम से प्रदान किया जाता है जो शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने में सक्षम है. Question (1) दो घनों, जिनमें से प्रत्येक का आयतन 64 cm3 है, के संलग्न फलकों को मिलाकर एक ठोस बनाया जाता है। इससे प्राप्त घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। हल: दिया गया है एक घन का आयतन = 64 cm3 अत: प्राप्त घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल = ? हम जानते हैं कि घन का आयतन = a3 ⇒ 64 cm3 = a3 ⇒ a3 = 64 cm3 ⇒ a = ∛64 cm3 ⇒ a = ∛4 × 4 × 4 cm3 ⇒ a = 4 cm अत: घन की एक भुजा = 4 cm अत: दो घनों को मिलाकर बने घनाभ की ल्म्बाई, ℓ = 4 + 4 = 8 cm घनाभ की ऊँचाई, h = 4 cm तथा घनाभ की चौड़ाई, b = 4cm हम जानते हैं कि घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2(ℓb + bh + ℓh) = 2 (8×4 + 4×4 + 8×4) = 2(32 + 16 + 32) = 2 × 80 = 160 cm2 अत: दिये गये दोनों घनों को मिलाकर बने घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 160 cm2 उत्तर Question (2) कोई बर्तन एक खोखले अर्धगोले के आकार का है जिसके उपर एक खोखला बेलन अध्यारोपित है। अर्धगोले का व्यास 14 cm है और इस बर्तन (पात्र) की कुल ऊँचाई 13cm है। इस बर्तन का आंतरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। हल: दिया गया है अर्धगोले का व्यास = 14 cm अत: दिये गये गोले की त्रिज्या = 14/2 = 7 cm बर्तन की ऊँचाई = 13 cm अत: बेलन की ऊँचाई अर्थात अर्धगोले को छोड़कर बर्तन की ऊँचाई = बर्तन की ऊँचाई – अर्धगोले की त्रिज्या = 13 cm – 7 cm = 6 cm हम जानते हैं कि बेलन का बक्र पृष्ठ = 2 π r h = 2 × 22/7 × 7 cm × 6 cm = 2 × 22 × cm × 6 cm = 44 × 6 cm2 या अर्धगोले को छोड़कर बेलन के बक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 264 cm2 हम जानते हैं कि अर्धगोले के बक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2 π r2 = 2 × 22/7 × (7 cm)2 = 2 × 22/7 × 7 cm × 7 cm = 2 × 22 × 7 cm2 = 44 × 7 cm2 ∴ अर्धगोले के बक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 308 cm2 अत: दिये गये बर्तन के बक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = अर्धगोले को छोड़कर बेलन के बक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल + अर्धगोले के बक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 264 cm2 + 308 cm2 = 572 cm2 अत: दिये गये बर्तन का आंतरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल = 572 cm2 उत्तर Question (3) एक खिलौना त्रिज्या 3.5 cm वाले एक शंकु के आकार का है, जो उसी त्रिज्या वाले एक अर्धगोले पर अध्यारोपित है। इस खिलौने की संपूर्ण ऊँचाई 15.5 cm है। इस खिलौने का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। हल: दिया गया है, खिलौने की ऊँचाई = 15.5 cm खिलौने की त्रिज्या अर्थात कोन की त्रिज्या (r)= 3.5 cm अर्धगोले की त्रिज्या (r)= 3.5 cm अत: शंकु की ऊँचाई, h = कुल ऊँचाई – अर्धगोले की त्रिज्या ⇒ h = 15.5 – 3.5 = 12 cm अब शंकु की तिर्यक ऊँचाई, ℓ = √h2+r2 ∴ ℓ = √(12cm)2 + (3.5 cm)2 = √144 cm2 + 12.25 cm2 = √156.25 cm2 ⇒ ℓ = 12.5 cm अब शंकु के बक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = π r ℓ sq unit = 22/7 × 3.5 0.5 cm × 12.5 cm = 22 × 0.5 cm × 12.5 cm =137.5 cm2 अत: शंकु के बक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल =137.5 cm2 अब अर्धगोले के बक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल =2 π r2 = 2 × 22/7 × (3.5 cm)2 = 2 × 22/7 × 12.25 cm2 = 77 cm2 अत: अर्धगोले के बक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल =77 cm2 अत: दिये गये खिलौने के बक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = शंकु के बक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल + अर्धगोले के बक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 137.5 cm2 + 77 cm2 अत: दिये गये खिलौने का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 214.5 cm2 उत्तर Question: (4) भुजा 7 cm वाले एक घनाकार ब्लॉक के ऊपर एक अर्धगोला रखा हुआ है। अर्धगोले का अधिकतम व्यास क्या हो सकता है? इस प्रका बने ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। हल: दिया गया है, घनाकार ब्लॉका की भुजा = 7 cm अत: दिये गये अर्धगोले का अधिकतम व्यास = ? तथा दिये गये स्थिति में बने ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल =? चूँकि अर्धगोला घनाकार ब्लॉक के ऊपर रखा हुआ है, अत: अर्धगोले का अधिकतम व्यास = घनाकार ब्लॉक की भुजा = 7 cm अब बने हुए ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल = घनाकार ब्लॉक का पृष्ठीय क्षेत्रफल + अर्धगोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल – अर्धगोले के आधार का क्षेत्रफल घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6 a2 जहाँ a = घन की एक भुजा = 6 × (7 cm)2 = 6 × 49 cm2 ∴ घनाकार ब्लॉक का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 294 cm2 अब, अर्धगोले के बक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2π r2 वर्ग मात्रक यहाँ, अर्धगोले का व्यास = 7 cm ∴ त्रिज्या, r = 7/2 = 3.5 cm ∴ अर्धगोले के बक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 2 × 22/7 × (3.5 cm)2 = 2 × 22/7 × 3.5 cm × 3.5 cm = 77 cm2 अब, अर्धगोले के आधार का क्षेत्रफल = π r2 =22/7 × (3.5 cm)2 = 22/7 × 3.5 cm × 3.5 cm =38.5 cm2 ∴ अत: दिये गये ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल = घनाकार ब्लॉक का पृष्ठीय क्षेत्रफल + अर्धगोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल – अर्धगोले के आधार का क्षेत्रफल = 294 cm2 + 77 cm2 - 38.5 cm2 = 332.5 cm2 ∴ दिये गये ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 332.5 cm2 उत्तर Question (5) एक घनाकार ब्लॉक के एक फलक को अंदर की ओर से काट कर एक अर्धगोलाकार गड्ढ़ा इस प्रकार बनाया गया है कि अर्धगोले का व्यास घन के एक किनारे के बराबर है। शेष बचे ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। हल: मान लिया कि, घनाकार ब्लॉक की भुजा = ℓ अत: प्रश्नानुसार, अर्धगोले का व्यास = घनाकार ब्लॉक की भुजा = ℓ ∴ अर्धगोले की त्रिज्या = ℓ/2 अब, अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2 π r2 = 2 × π (ℓ/2)2 = 2 π ℓ2/4 = π ℓ2/2 अत: अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = π r2 = π (ℓ/2)2 = π ℓ2/4 धन के वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल =6a2 = 6 × ℓ2 = 6ℓ2 अब, शेष बचे हुए ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल =ठोस के वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल + अर्धगोले के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल – अर्धगोले के आधार का क्षेत्रफल = 6ℓ2 + π ℓ2/2 – π ℓ2/4 = 6ℓ2 + π (2ℓ2 – ℓ2)/4 = 6ℓ2 + πℓ2/4 = 24ℓ2+πℓ2/4 = 1/4(24 + π)ℓ2 मात्रक2 ∴ शेष बचे हुए ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल =1/4(24 + π)ℓ2 मात्रक2 Answer Question (6) दवा का एक कैप्सूल (Capsule) एक बेलन के आकार का है, जिसके दोनों सिरों पर एक एक अर्धगोला लगा हुआ है (देखिए आकृति)। पूरे कैप्सूल की लम्बाई 14 mm है और उसका व्यास 5 mm है। इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। हल: दिया गया है, कैप्सूल का व्यास = 5 mm ∴ अर्धगोले की त्रिज्या = 5/2 = 2.5 mm अब दिये गये कैप्सूल की लम्बाई = 14 mm अत: अर्धगोलों को छोड़कर बेलन की लम्बाई = कैप्सूल की कुल लम्बाई – 2 × अर्धगोले की त्रिज्या = 14 mm – 2 × 2.5 mm = 14 mm - 5 mm = 9 mm ∴ बेलन की ऊँचाई या लम्बाई, h = 9mm तथा बेलन की त्रिज्या = 2.5 mm अब बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2 π r h =2 π × 2.5 × 9 mm2 = 45 π mm2 तथा, अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2 π r2 = 2 π (2.5)2 mm2 = 2 π × 6.25 mm2 ∴ 2 (दो) अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2 × 2 π × 6.25 mm2 = 4 π × 6.25 mm2 = 25 π mm2 ∴ कैप्सूल का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल + दोनों अर्धगोले के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 45 π mm2 + 25 π mm2 = π (45+25) mm2 = 22/7 × 70 mm2 = 220 mm2 अत: दिये गये कैप्सूल का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 220 mm2 Answer Question (7) कोई तम्बू एक बेलन के आकार का है जिस पर एक शंकु अध्यारोपित है। यदि बेलनाकार भाग की ऊँचाई और व्यास क्रमश: 2.1 m तथा 4 m है तथा शंकु की तिर्यक ऊँचाई 2.8 m, है तो इस तम्बू को बनाने में प्रयुक्त कैनवस (Canvas) का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। साथ ही रू 500 प्रति m2 की दर से इसमें प्रयुक्त कैनवस की लागत ज्ञात कीजिए। . (ध्यान दीजिए कि तम्बू के आधार को कैनवस से नहीं ढ़ंका जाता है।) हल: दिया गया है, बेलनाकार तम्बू की ऊँचाई = 2.1 m तथा तम्बू का व्यास = 4 m ∴ तम्बू की त्रिज्या = 4/2 = 2 m उपर स्थित शंकु की तिर्यक ऊँचाई =2.8m ∴ कैनवस का कुल क्षेत्रफल =? कैनवस की लागत 500 रूपया प्रति वर्ग मीटर की दर से =? तंबू के बेलनाकार भाग के वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 2 π r h = 2 × π × 2 m × 2.1 m = 8.4 π m2 तंबू के शंकु आकार (उपरी भाग) के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = π r ℓ = π × 2 m × 2.8 m = 5.6 π m2 ∴ तंबू में प्रयुक्त कुल कैनवस का क्षेत्रफल = बेलनाकार भाग के पृष्ठ का क्षेत्रफल + शंक्वाकार उपरी भाग के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 8.4 π m2 + 5.6 π m2 = π (8.4 + 5.6)m2 = 22/7 × 14 m2 = 44 m2 दिया गया है, 1 m2 कैनवस की लागत = Rs 500 ∴ 44 m2 कैनवस की लागत = रू 500 × 44 = 22000 रूपया अत: कैनवस का क्षेत्रफल = 44 m2 तथा कैनवस की लागत = रू 22000 उत्तर Question (8) ऊँचाई 2.4 cm और व्यास 1.4 cm, वाले एक ठोस बेलन में से इसी ऊँचाई और इसी व्यासा वाला एक शंक्वाकार खोल (Cavity) काट लिया जाता है। शेष बचे ठोस का निकटतम वर्ग सेंटीमीटर तक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। हल: दिया गया है, बेलन की ऊँचाई, h = 2.4 cm बेलन का व्यास = 1.4 cm ∴ बेलन की त्रिज्या, r = 0.7 cm शेष बचे हुए ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल =? अब, बेलन के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2 π r h = 2 π × 0.7 × 2.4 cm2 = 3.36 π cm2 बेलन के आधार का क्षेत्रफल =π r2 = π (0.7 cm)2 = 0.49 π cm2 Slant height of cone ℓ = √h2 + r2 = √(2.4 cm)2+(0.7 cm)2 = √5.76 cm2+0.49 cm2 = √6.25 cm2 = 2.5 cm अत: शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = π r ℓ = π × 0.7 cm × 2.5 cm = 1.75 π cm2 अब शेष बचे हुए ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल + बेलन के आधार का क्षेत्रफल + शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 3.36 π cm2 + 0.49 π cm2 + 1.75 π cm2 = π (3.36 + 0.49 + 1.75) cm2 = 22/7 × 5.6 cm2 = 17.6 cm2 अत: शेष बचे हुए ठोस का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 17.6 cm2 या, ≈ 18 cm2 उत्तर Question (9) लकड़ी के एक ठोस बेलन के प्रत्येक सिरे पर एक अर्धगोला खोदकर निकालते हुए, एक वस्तु बनाई गई है, जैसाकि आकृति में दर्शाया गया है। यदि बेलन की ऊँचाई 10 cm है और आदार की त्रिज्या 3.5 cm है तो इस वस्तु का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। हल: दिया गया है, बेलन की ऊँचाई, h= 10 cm तथा त्रिज्या, r = 3.5 cm अत: बेलन का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल + दोनों अर्धगोले के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल का सूत्र क्या होता है?एक घनाभ का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2(lb + bh + hl) जहाँ 1, b तथा h क्रमशः लंबाई, चौड़ाई तथा ऊँचाई को निरूपित करते हैं।
घनाभ का आयतन कैसे निकाला जाता है?अगर हमें ज्ञात है तो हमें यह करना पड़ेगा:. घनाभ का आयतन = लम्बाई * चौड़ाई * ऊंचाई. = l*b*h.. उदाहरण 1: एक घनाभ का आयतन निकालिए जिसकी लम्बाई, चौड़ाई एवं ऊंचाई क्रमश 5 cm, 6cm एवं 7 cm है।. हल : जैसा कि हमने प्रक्रिया में देखा था हमें सबसे पहले इस घनाभ की लम्बाई, चौड़ाई एवं ऊंचाई ज्ञात होनी चाहिए। अतः. लम्बाई = 5 cm.. आयतन का पृष्ठीय क्षेत्रफल क्या है?पृष्ठीय क्षेत्रफल - पृष्ठीय क्षेत्रफल का अर्थ वस्तु के समस्त पृष्ठ के क्षेत्रफल के योग से है। आयतन - किसी वस्तु की जितनी क्षमता (धारिता) होती है, वह उस वस्तु का आयतन कहलाता है।
घन का क्षेत्रफल कैसे निकालते हैं?इसका वास्तव में यह अर्थ है कि घन के एक फलक का क्षेत्रफल निकालने के लिए उसकी लंबाई को उसकी चौड़ाई से गुणा करना – और घन में लंबाई तथा चौड़ाई समान होती है। यदि घन के एक भुजा की लंबाई या "s" 4 सेंटीमीटर (1.6 इंच) है, तो घन का क्षेत्रफल (4 सेंटीमीटर)2 या 16 सेंटीमीटर2 होगा।
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