लोकतंत्र किसे कहते हैं हिंदी में - lokatantr kise kahate hain hindee mein

लोकतंत्र क्या है लोकतंत्र किसे कहते हैं? इस तरह के प्रश्न अधिकतर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं । आज हम आपके लिए लोकतंत्र पर पूरी जानकारी लेकर आया है। तो चलिए जान लेते हैं लोकतंत्र किसे कहते हैं लोकतंत्र कितने प्रकार के होते हैं?

लोकतंत्र किसे कहते हैं हिंदी में - lokatantr kise kahate hain hindee mein
loktantra kise kahate hain

लोकतंत्र उस सरकार को कहते हैं जिसमें प्रत्येक व्यक्ति भाग लेता है इसमें जनता प्रत्यक्ष रूप से अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से शासन करती है।

लोकतंत्र क्या है? – Loktantra kya hai

लोकतंत्र दो शब्दों से मिलकर बना है लोक + तंत्र । लोक का मतलब है लोग तथा तंत्र का मतलब होता है शासन अर्थात लोगों का शासन, लोगों के लिए, लोगों के द्वारा, लोगों का शासन लोकतंत्र कहलाता है।

लोकतंत्र की परिभाषा – Loktantra ki paribhasha

ब्राइस के अनुसार – “लोकतंत्र का तात्पर्य सरकार के ऐसे स्वरूप से हैं जिसमें शासन का मतलब आम जनता का शासन”

सीले के अनुसार – “लोकतंत्र से अभिप्राय ऐसी शासन से है जिसपर प्रत्येक व्यक्ति या मनुष्य भाग ले सकें”

हॉल के अनुसार – “लोकतंत्र का तात्पर्य एक ऐसी शासन व्यवस्था से है जिससे लोगों पर नियंत्रण किया जा सके।”

लोकतंत्र का क्या अर्थ है? – Loktantra ka kya arth hai

(लोकतंत्र से आप क्या समझते हैं?)

लोकतंत्र को अंग्रेजी में डेमोक्रेसी (democracy) कहते हैं। डेमोक्रेसी दो ग्रीक शब्द ‘डेमो’ (demo) यानी जनता तथा ‘क्रेटिया’ यानी शक्ति अथवा शासन से मिलकर बना है।

इस प्रकार लोकतंत्र का अर्थ होता है जनता का शासन अथवा एक प्रकार की ऐसी शासन प्रणाली जिसमें सर्वोच्च सत्ता जनता के पास हो।

लोगों की सरकार से अभिप्राय प्रत्यक्ष प्रजातंत्र है, सरकार लोगों पर शासन करती है, सरकार लोगों की होती है और यह लोगों द्वारा निर्देशित और निर्वाचित की जाती है। सरकार आम जनता से बनती है तथा सरकार लोगों के प्रति जिम्मेदार हैं और लोगों के हितों की रक्षा के लिए बनाई गई है।

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लोकतंत्र के प्रकार – Types of democracy

साधारण रूप से लोकतंत्र के दो भेद माने जाते हैं –

1.प्रत्यक्ष लोकतंत्र
2.अप्रत्यक्ष लोकतंत्र

प्रत्यक्ष लोकतंत्र किसे कहते हैं?

जब सामान्य जनता प्रत्यक्ष रूप से शासन कार्यों में भाग लेती है अर्थात नीति निर्माण का कार्य, उनका क्रियान्वयन एवं प्रशासन के अधिकारी नियुक्त कर उन पर नियंत्रण रखती है तो उसे प्रत्यक्ष लोकतंत्र कहते हैं।

पुराने समय में ग्रीक नगर राज्यों में लोकतंत्रात्मक शासन ही प्रचलित था। प्रत्यक्ष लोकतांत्रिक प्रणाली केवल कम जनसंख्या वाले छोटे राज्यों में ही संभव हो सकती है। बड़ी जनसंख्या वाले विहार राज्यों के लिए इसे अपनाना संभव नहीं है। उदाहरण के लिए स्वीटजरलैंड जहां की जनसंख्या बहुत ही कम है।

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र किसे कहते हैं?

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र को प्रतिनिध्यापक लोकतंत्र भी कहते हैं। जब प्रभुसत्तावान जनता स्वयं प्रत्यक्ष रूप से इस प्रकार की प्रभुसत्ता का प्रयोग ना करके अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से कार्य करती है तो उसे अप्रत्यक्ष लोकतंत्र कहते हैं।

इस शासन प्रणाली में जनता संविधान द्वारा निर्धारित निश्चित अवधि के लिए अपने प्रतिनिधियों का चयन करती है, जिससे कानून निर्माण करने वाली व्यवस्थापिका का गठन होता है। उदाहरण – भारत

लोकतंत्र की विशेषताएं – loktantra ki visheshta

  • लोकतंत्र में निश्चित समय पर निश्चित रूप से चुनाव होते हैं हर जनता अपने प्रतिनिधियों को दोबारा चुनती है यदि जनता पुराने प्रतिनिधियों के कार्यों से असंतुष्ट है तो उनके स्थान पर नए प्रतिनिधि चुन सकती है।
  • लोकतंत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की व्यवस्था होती है जिसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग को दी जाती है।
  • प्रजातंत्र का सामान्य अर्थ उस राज्य सरकार से हैं जिसमें शासन की अंतिम सत्ता लोगों के हाथों में होती है जिसमें चुनाव का आधार सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार होता है।
  • प्रत्येक नवयुवक तथा नव युवती को एक निश्चित आयु के बाद मत देने का अधिकार होता है परंतु सरकार का यह महत्वपूर्ण सिद्धांत है कि सभी निर्णय बहुमत द्वारा किए जाते हैं।
  • लोकतंत्र के अंतर्गत जनता को सत्ता का अंतिम स्रोत माना जाता है क्योंकि जनता ही अपने वोटों के द्वारा निर्णय लेती है कि कौन सा दल सरकार बनाएगी।
  • लोकतंत्र नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है लोकतांत्रिक सरकार के अंतर्गत प्रत्येक नागरिक को अपने विचार प्रकट करने भाषण देने लेख लिखने आदि की स्वतंत्रता प्राप्त होती है।
  • समाचार पत्रों को सरकार की नीतियों के बारे में अपनी राय प्रकट करने की छूट होती है इस प्रकार यह जनता तथा सरकार के बीच कड़ी का काम करती है।
  • लोकतंत्र शासन पद्धति होने के साथ-साथ एक जीवन शैली भी है जिसमें सभी समूहों को अपने धर्म का पालन करने, अपनी भाषा तथा संस्कृति का विकास करने की पूर्ण स्वतंत्रता होती है।
  • लोकतंत्र व्यवस्था अत्यंत उपयोगी तथा समय अनुकूल है इसके अंतर्गत व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा होती है तथा राज्य की निरंकुशता को रोकने के लिए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका की व्यवस्था होती है।

लोकतंत्र से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (FAQs)

लोकतांत्रिक शिक्षा क्या है?

लोकतांत्रिक शिक्षा लोकतंत्र के सिद्धांतों का पालन करती है।
लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा होती है तथा प्रत्येक व्यक्ति का समान महत्व होता है।
लोकतंत्र में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मौलिक अधिकार का रूप ग्रहण करता जा रहा है।

लोकतंत्र क्यों जरूरी है?

देश में शांति और एकता बनाए रखने के लिए लोकतंत्र बहुत ही जरूरी है। लोकतंत्र के द्वारा ही सरकार का निर्माण होता है। और सरकार लोगों की भलाई के लिए काम करता है।

क्या भारत में प्रत्यक्ष लोकतंत्र है?

भारत में प्रत्यक्ष लोकतंत्र नहीं हैं। क्योंकि भारत में शासक को चुनने के लिए जनता सीधे रूप से भाग नहीं लेती है। पहले जनता द्वारा प्रतिनिधि चुना जाता है उसके बाद प्रतिनिधियों द्वारा शासक।

लोकतंत्र को कितने भागों में बांटा गया है?

लोकतंत्र को दो भागों में बांटा गया है प्रत्यक्ष लोकतंत्र और अप्रत्यक्ष लोकतंत्र।

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र कितने प्रकार के होते हैं?

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र दो प्रकार के होते हैं संसदीय और अध्यक्षीय लोकत

अंतिम शब्द ,

उम्मीद करते हैं आप सभी को हमारे द्वारा ऊपर दी गई जानकारी लोकतंत्र किसे कहते हैं ? – loktantra kise kahate hain पसंद आई होगी। आज हमने जाना है लोकतंत्र किसे कहते हैं?, लोकतंत्र की परिभाषा, अर्थ, प्रकार, विशेषताएं क्या है?

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लोकतंत्र किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?

लोकतंत्र एक प्रकार का शासन व्यवस्था है, जिसमे सभी व्यक्ति को समान अधिकार होता हैं। एक अच्छा लोकतंत्र वह है जिसमे राजनीतिक और सामाजिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक न्याय की व्यवस्था भी है। देश में यह शासन प्रणाली लोगो को सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करती हैं।

लोकतंत्र कितने भागों में बांटा है?

इसके तीन मुख्य अंग हैं: कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका।

लोकतंत्र की उत्पत्ति कैसे हुई?

नागरिक समाज निर्माण करने की आकांक्षा ने मनुष्य को लोकतंत्र की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया क्योंकि यही ऐसी व्यवस्था है जिसमें सर्वसाधारण को अधिकतम भागीदारी का अवसर मिलता है। इससे केवल निर्णय करने की प्रक्रिया ही में नहीं अपितु कार्यकारी क्षेत्र में भी भागीदारी उपलब्ध होती है।

चुनाव और लोकतंत्र क्या है?

चुनाव या निर्वाचन, लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके द्वारा जनता (लोग) अपने प्रतिनिधियों को चुनती है। चुनाव के द्वारा ही आधुनिक लोकतंत्रों के लोग विधायिका (और कभी-कभी न्यायपालिका एवं कार्यपालिका) के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिये व्यक्तियों को चुनते हैं।