भारतीय महिला बैंक भारत का पहला महिला बैंक है। इसकी शुरुआत 19 नवम्बर 2013 को मुंबई में हुई।[1] इस बैंक का मुख्यालय दिल्ली में होगा। Show
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पृष्ठभूमि[संपादित करें]2013 के बजट में वित्तमंत्री ने महिला बैंक का प्रस्ताव रखा था और उसके लिए 1,000 करोड़ रुपए पूंजी आवंटित की थी। आरंभ[संपादित करें]19 नवम्बर 2013 को मुंबई में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने वित्तमंत्री पी चिदंबरम की उपस्थिति में इस बैंक का उद्घाटन किया। शुरुआत में बैंक की 7 शाखाएं हैं - मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नै, अहमदाबाद, लखनऊ तथा गुवाहाटी। 31 मार्च 2014 तक 25 शाखाएं खोलने का प्रस्ताव है।[1][2] प्रबंधन[संपादित करें]सार्वजनिक क्षेत्र का यह पहला बैंक है जिसकी निदेशक मंडल की सभी सदस्यायें महिलाएं हैं। उषा अनंतसुब्रमण्यम भारतीय महिला बैंक की प्रबंध निदेशक हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में राजस्थान के सोडा गांव की सरपंच छवि राजावत और विख्यात औद्योगिक घराने गोदरेज की तान्या दुबाश भी शामिल हैं।[3] सन्दर्भ[संपादित करें]
भारतीय महिला बैंक (अंग्रेज़ी: Bharatiya Mahila Bank) भारत का पहला महिला बैंक है। इस बैंक की विशेषता यह है कि इसमें सभी कर्मचारी महिलाएं है और ग्राहक भी महिलाएँ ही होती हैं। महिलाओं को अपने मनपसंद घरेलू कामों के साथ-साथ छोटे-मोटे कारोबार के लिए कर्ज मिल सकेगा। बैंक का मुख्यालय दिल्ली में है। शुरुआतदेश की आधी आबादी को विशेष बैंकिंग सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से ही भारत का पहला महिला बैंक 'भारतीय महिला बैंक' शुरू हुआ। उल्लेखनीय है कि देश की 75 फीसदी महिलाओं का कोई बैंक खाता ही नहीं है। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई के नरीमन पॉइंट स्थित 'भारतीय वायुसेना भवन' में देश के पहले महिला बैंक का उद्घाटन 19 नवम्बर, 2013 को किया। इस अवसर पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। संयोग से देश के पहले महिला बैंक का उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी की 96वीं जयंती के अवसर पर हुआ।[1] भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2013 के दौरान फ़रवरी में वार्षिक बजट पेश करने के दौरान यह बैंक शुरू करने की घोषणा की थी। तब केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने संसद में कहा था कि 'भारतीय महिला बैंक' एक सार्वभौमिक बैंक होगा, तथा सार्वजनिक एवं निजी बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली समस्त सेवाएं प्रदान करेगा।" शाखाएँपूरे देश में इस महिला बैंक की सात शाखाएं काम करती हैं। ये शाखाएँ- मुंबई, बंगलुरू, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, लखनऊ और गुवाहाटी में हैं। मुम्बई से बैंक की छ: अन्य शाखाओं का उद्घाटन डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया गया। बैंक की चार नई शाखाएँ 'अगरतला' (त्रिपुरा), 'शिलांग' (मेघालय), 'गंगटोक' (सिक्किम) और 'ईटानगर' (अरुणाचल प्रदेश) में मौजूदा कारोबारी साल (2013-14) में खुलेंगी।[2] इस अवसर पर मनमोहन सिंह ने कहा, "शुरुआत में बैंक की सात शाखाएं काम करेंगी, जिनकी संख्या अगले वर्ष मार्च तक 25 कर दी जाएगी। बैंक देश के नगरीय और ग्रामीण दोनों इलाकों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा।" उन्होंने आगे कहा, "महिला उद्योगपतियों को ध्यान में रखते हुए यह बैंक विशेष योजनाएं पेश करेगा। जिन लोगों को शुरूआत में इस बैंक की जिम्मेदारी दी जाएगी, उनके लिए इस बैंक का विकास करना चुनौतीपूर्ण होगा।" प्रथम अध्यक्ष'पंजाब नेशनल बैंक' की कार्यकारी निदेशक रह चुकी उषा अनंतसुब्रमण्यम को बैंक का प्रथम अध्यक्ष बनाया गया। इनका कहना था कि इस बैंक में महिलाओं को किचन बनाने के लिए कर्ज मिल सकेगा। साथ ही डे केयर बनाने के लिए भी कर्ज मिलेगा। बैंक में आरडी में इंश्योरेंस प्रोडक्ट जुड़ा होगा। बैंक प्राथमिक तौर पर महिलाओं के लिए काम करेगा, लेकिन पुरुषों से भी धन जमा कराएगा। पन्ने की प्रगति अवस्था
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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महिलाओं के बैंक बनाने वाला पहला राज्य कौन सा है?भारत का पहला महिला बैंक, भारतीय महिला बैंक, का उद्घाटन मुंबई में श्रीमती इंदिरा गांधी के जन्मदिन पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा किया गया था।
भारत का पहला महिला बैंक कौन सा है?भारतीय महिला बैंक भारत का पहला महिला बैंक है। इसकी शुरुआत 19 नवम्बर 2013 को मुंबई में हुई। इस बैंक का मुख्यालय दिल्ली में होगा।
भारतीय महिला बैंक की स्थापना कब?19 नवंबर 2013भारतीय महिला बैंक / स्थापना की तारीख और जगहnull
बैंक बनाने वाला पहला राज्य कौन सा है?First Bank of India: देश का पहला बैंक 'Bank Of Hindostan' था, जिसे 1770 में कोलकाता में स्थापित किया गया था. यह बैंक 1832 तक संचालित किया गया. वहीं देश में शुरू हुआ दूसरा बैंक 'Bank Of India' था, जिसे 1786 में शुरू किया गया था. हालांकि, यह 1791 में ही बंद हो गया था.
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