प्रथम विश्व युद्ध में रूस की पराजय ने क्रांति हेतु मार्ग प्रशस्त किया कैसे? - pratham vishv yuddh mein roos kee paraajay ne kraanti hetu maarg prashast kiya kaise?

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Answered Nov 7, 2021 by AnjaliYadav (76.3k Points)

प्रथम विश्वयुद्ध (World War I) में रूस की पराजय सन् 1917 ई० की रूसी क्रांति का कारण बना। इस युद्ध में रूस की पराजय लगातार होती गई।

युद्ध आरंभ होने पर जार निकोलस द्वितीय ने सेना की कमान अपने हाथों में ले ली।

युद्ध में रूस की पराजय जारशाही के लिए घातक सिद्ध हुई। उसकी शक्ति और प्रतिष्ठा गिर गई। क्षुब्ध और कुद्ध होकर जनता विद्रोह पर उतारू हो गई।

प्रथम विश्वयुद्ध में रूस की पराजय क्रांति हेतु मार्ग प्रशस्त किया कैसे ?`?

1905 ई० के रूस-जापान युद्ध में रूस एशिया के एक छोटे-से देश जापान से पराजित हो गया। पराजय के अपमान के कारण जनता ने क्रांति कर दी। 9 जनवरी, 1905 ई० लोगों का समूह प्रदर्शन करते हुए सेंट पिट्सबर्ग स्थित महल की ओर जा रहा था। जार की सेना ने इन निहत्थे लोगों पर गोलियाँ बरसाईं जिसमें हजारों लोग मारे गये।

प्रथम विश्व युद्ध का रूस की क्रांति पर क्या प्रभाव पड़ा?

प्रथम विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों ने किसकी ओर से युद्ध किया था। इस युद्ध के समाप्त होने से पहले 1917 में रूसी क्रांति आई थी। यह बोल्शेविक क्रांति के रूप में भी जानी जाती है, क्योंकि राजनीतिक समूह के रूप में बोल्शेविक ने इस क्रांति को सफल बनाने और इसकी नीतियों को भी निर्धारित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

रूस की क्रांति से आप क्या समझते हैं?

सन 1917 की रूस की क्रान्ति विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसके परिणामस्वरूप रूस से ज़ार के स्वेच्छाचारी शासन का अन्त हुआ तथा रूसी सोवियत संघात्मक समाजवादी गणराज्य (Russian Soviet Federative Socialist Republic) की स्थापना हुई। यह क्रान्ति दो भागों में हुई थी - मार्च 1917 में, तथा अक्टूबर 1917 में।

1917 में रूस में कौन सी क्रांति हुई थी और उसका नेतृत्व किसने किया था?

1917 की अक्तूबर क्रांति के ज़रिए रूस की सत्ता पर समाजवादियों ने कब्जा कर लिया। फरवरी 1917 में राजशाही के पतन और अक्तूबर की घटनाओं को ही अक्तूबर क्रांति कहा जाता है।