सोता पड़ जाना मुहावरे का क्या अर्थ है? - sota pad jaana muhaavare ka kya arth hai?

घ से मुहावरे- मुहावरे भाषा को सुंदर और लावण्यमय बनाने का काम करते हैं. मुहावरों की मदद से एक लंबी और नीरस बात को रोचक बनाया जा सकता है.

बहुधा अभिधा, लक्षणा और व्यंजना शब्दशक्तियों के उपयोग से मुहावरों का निर्माण किया जाता है. मुहावरे और लोकोक्तियां लोक मानस द्वारा निर्मित छोटी कविताएं हैं जो कम शब्दों में बड़ी बात कहने में सहायता करती है.

हमें एक ऐसी व्यावहारिक व्याकरण की पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई जो विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का शुद्ध लिखना, पढ़ना, बोलना एवं व्यवहार करना सिखा सके। ‘हिंदी व्याकरण‘ हमने व्याकरण के सिद्धांतों, नियमों व उपनियमों को व्याख्या के माध्यम से अधिकाधिक स्पष्ट, सरल तथा सुबोधक बनाने का प्रयास किया है।

मुहावरे (Muhavare) की परिभाषा भेद और उदाहरण – Idioms in Hindi Grammar वाक्य प्रयोग की Examples

मुहावरे की परिभाषा

‘मुहावरा’ शब्द हिंदी भाषा में अरबी भाषा की देन है। इसका शाब्दिक अर्थ है ‘अभ्यास’ या ‘बातचीत’। ऐसा शब्द, वाक्यांश, वाक्य जो सामान्य से भिन्न किसी विलक्षण अर्थ की प्रतीति कराए और सामान्य अर्थ से भिन्न किसी और अर्थ में रूढ़ हो जाए, उसे मुहावरा’ कहते हैं। ये हमारी तीव्र हृदयानुभूति को अभिव्यक्त करने में सहायक होते हैं। इनका जन्म आम लोगों के बीच होता है। लोकजीवन में प्रयुक्त भाषा में इनका उपयोग बड़े ही सहज रूप में होता है। इनके प्रयोग से भाषा को प्रभावशाली, मनमोहक तथा प्रवाहमयी बनाने में सहायता मिलती है। सदियों से इनका प्रयोग होता आया है और आज भी इनके अस्तित्व को भाषा से अलग नहीं किया जा सकता।

यह कहना निश्चित रूप से गलत नहीं होगा कि मुहावरों के बिना भाषा अप्राकृतिक तथा निर्जीव जान पड़ती है। इनका प्रयोग आज हमारी भाषा और विचारों की अभिव्यक्ति का एक अभिन्न तथा महत्त्वपूर्ण अंग बन गया है। यही नहीं इसने हमारी भाषा को गहराई दी है तथा उसमें सरलता तथा सरसता भी उत्पन्न की है। यह मात्र सुशिक्षित या विद्वान लोगों की ही धरोहर नहीं है, इसका प्रयोग अशिक्षित तथा अनपढ़ लोगों ने भी किया है। इस प्रकार ये वैज्ञानिक युग की देन नहीं हैं। इनका प्रयोग तो उस समय से होने लगा, जिस समय मनुष्य ने अपने भावों को अभिव्यक्ति देने का प्रयास किया था।

यदि गहराई से अध्ययन करें तो हम पाते हैं कि अन्य भाषाओं में भी इनको उतना ही महत्त्व मिला है जितना हिंदी में। बात कहने का तरीका एक ही है, मात्र शब्द बदल गए हैं; जैसे : हिंदी में ‘डींगें मारना’ तथा अंग्रेज़ी में-To blow one’s own trumpet. इससे यह स्पष्ट होता है कि सभी भाषाओं में मानव मन की अभिव्यक्ति, प्रवृत्ति, भावों का आदान-प्रदान सामान्य रूप से एक जैसा ही रहा है। इसलिए इनकी उपस्थिति हर भाषा में प्रचुर संख्या में पाई जाती है।

मुहावरे उदाहरण सहित

वाक्यों में मुहावरों के प्रयोग से संबंधित कुछ विशेष बातें

  1. मुहावरों के रूप को बदला नहीं जा सकता है अर्थात् इनमें प्रयुक्त शब्दों को उसी रूप में स्वीकार करना होता है; जैसे- ‘अंग टूटना’ को ‘शरीर टूटना’ के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता।
  2. वास्तविक अर्थ के साथ इनका प्रयोग न करके रूढ़ अर्थ के साथ ही इनका प्रयोग किया जाना चाहिए; जैसे ‘आसमान पर थूकना’। यदि इस मुहावरे का वास्तविक अर्थ लिया जाए तो निश्चित रूप से हास्यास्पद ही होगा। इसका रूढ़ अर्थ ‘अपने से श्रेष्ठ व्यक्ति का अनादर करना’ ही सही माना जाएगा।
  3. मुहावरे का वाक्य में प्रयोग होने से उसकी क्रिया वाक्य में लिंग, वचन, कारक के अनुसार परिवर्तित हो जाएगी।
  4. मुहावरे का वाक्य में प्रयोग करते समय इसके लाक्षणिक अर्थ की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए तथा इसके अशुद्ध प्रयोग से बचना चाहिए अन्यथा अर्थ का अनर्थ होने की संभावना रहती है।
  5. इसका प्रयोग सीमित तथा आवश्यकतानुसार होना चाहिए। अनावश्यक मुहावरों के प्रयोग से भाषा का रूप विकृत हो जाता है।
  6. मुहावरे का वाक्य में प्रयोग करते समय विद्यार्थियों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे इनका प्रयोग बड़ों की कमियों अथवा उनके दोष प्रकट करने के लिए नहीं कर रहे हैं।

हिंदी भाषा में मुहावरों पर यदि अध्ययन किया जाए तो इनकी कोई सीमा नहीं है। सहस्रों मुहावरे हैं, जिनको संकलित करना अत्यंत कठिन कार्य है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यहाँ कुछ आवश्यक व महत्त्वपूर्ण मुहावरे दिए जा रहे हैं :

जिन वाक्यांशों का सामान्य या शाब्दिक अर्थ न होकर विशिष्ट अर्थ होता है , वे मुहावरे कहलाते हैं । मुहावरे वाक्यांश होते हैं इसलिए इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं होता । इनका प्रयोग वाक्य के अंतर्गत ही किया जाता है ।

Idioms in Hindi, Muhavare (मुहावरा): इस लेख में हम मुहावरों के बारे में जानेंगे। यहाँ पर हम, मुहावरा किसे कहते हैं?

 

  1. मुहावरों की परिभाषा
  2. मुहावरों की क्या विशेषताएँ हैं?
  3. मुहावरें कितने प्रकार के होते हैं?
  4. मुहावरों के कुछ उदाहरण
  5. अर्थ और उदाहरण वाक्यों के साथ मुहावरों की सूची

 

Definition of Idioms – मुहावरों की परिभाषा

ऐसे वाक्यांश, जो सामान्य अर्थ का बोध न कराकर किसी विलक्षण अर्थ की प्रतीति कराये, मुहावरा कहलाता है।
दूसरे शब्दों में – मुहावरा भाषा विशेष में प्रचलित उस अभिव्यक्तिक इकाई को कहते हैं, जिसका प्रयोग प्रत्यक्षार्थ से अलग रूढ़ लक्ष्यार्थ के लिए किया जाता है।
साधारण अर्थ में – मुहावरा किसी भाषा में आने वाला वह वाक्यांश है, जो अपने शाब्दिक अर्थ को न बताकर किसी विशेष अर्थ को बताता है।

 
Top
 

Related – Learn Hindi Grammer

 

Example of Idioms – मुहावरों का उदाहरण

(1) कक्षा में प्रथम आने की सूचना पाकर मैं ख़ुशी से फूला न समाया अर्थात बहुत खुश हो जाना।
(2) केवल हवाई किले बनाने से काम नहीं चलता, मेहनत भी करनी पड़ती है अर्थात कल्पना में खोए रहना।
इन वाक्यों में ‘ख़ुशी से फूला न समाया’ और ‘हवाई किले बनाने’ वाक्यांश विशेष अर्थ दे रहे हैं। यहाँ इनके शाब्दिक अर्थ नहीं लिए जाएँगे। ये विशेष अर्थ ही ‘मुहावरे’ कहलाते हैं।
‘मुहावरा’ शब्द अरबी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है- अभ्यास। मुहावरा का प्रयोग करना और ठीक-ठीक अर्थ समझना बड़ा ही कठिन है, यह अभ्यास और बातचीत से ही सीखा जा सकता है। इसलिए इसका नाम मुहावरा पड़ गया।
हिंदी भाषा में मुहावरों का प्रयोग भाषा को सुंदर, प्रभावशाली, संक्षिप्त तथा सरल बनाने के लिए किया जाता है। ये वाक्यांश होते हैं। मुहावरों का काम है किसी बात को इस खूबसूरती से कहना की सुनने-वाला उसे समझ भी जाए और उससे प्रभावित भी हो जाए।

 
Top
 

Related – Learn Hindi Grammar

 

मुहावरा की विशेषता

1) मुहावरे का प्रयोग वाक्य के प्रसंग में होता है, अलग नही। जैसे, कोई कहे कि ‘पेट काटना’ तो इससे कोई विशेष अर्थ प्रकट नहीं होता है। इसके विपरीत, कोई कहे कि ‘मैंने पेट काटकर’ अपने लड़के को पढ़ाया, तो वाक्य के अर्थ में एक संकेत, सुंदरता और एक लय प्राप्त हो जाती है।
(2) मुहावरा अपना असली रूप कभी नही बदलता अर्थात उसे पर्यायवाची शब्दों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता। जैसे- ‘कमर टूटना’ एक मुहावरा है, लेकिन इसके स्थान पर ‘कमर टूटने’ के पर्यायवाची शब्द ‘कटिभंग’ जैसे शब्द का प्रयोग गलत होगा।
(3) मुहावरे का शब्दार्थ नहीं, उसका विशेष अर्थ ही ग्रहण किया जाता है; जैसे- ‘खिचड़ी पकाना’। ये दोनों शब्द जब मुहावरे के रूप में प्रयुक्त होंगे, तब इनका शब्दार्थ नहीं लिया जाता। लेकिन, वाक्य में जब इन शब्दों का प्रयोग होगा, तब विशेष अर्थ होगा- ‘गुप्तरूप से सलाह करना’।
(4) मुहावरे का अर्थ प्रसंग के अनुसार होता है। जैसे- ‘लड़ाई में खेत आना’ । इसका अर्थ ‘युद्ध में शहीद हो जाना’ है, न कि लड़ाई के स्थान पर किसी ‘खेत’ का चला आना।
(5) हिन्दी के अधिकतर मुहावरों का सीधा सम्बन्ध शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों से है। यह बात दूसरी भाषाओं के मुहावरों में भी पायी जाती है; जैसे- मुँह, कान, हाथ, पाँव इत्यादि पर अनेक मुहावरे प्रचलित हैं। हमारे अधिकतर कार्य इन्हीं के सहारे चलते हैं।

 
Top
 

Types of Idioms – मुहावरों के प्रकार

मुहावरों को निम्नलिखित आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है –
(1) सादृश्य पर आधारित
(2) शारीरिक अंगों पर आधारित
(3) असंभव स्थितियों पर आधारित
(4) कथाओं पर आधारित
(5) प्रतीकों पर आधारित
(6) घटनाओं पर आधारित

(1) सादृश्य पर आधारित मुहावरे – बहुत से मुहावरे सादृश्य या समानता पर आधारित होते हैं।
जैसे – चूड़ियाँ पहनना, दाल न गलना, सोने पर सुहागा, कुंदन-सा चमकना, पापड़ बेलना आदि।

(2) शारीरिक अंगों पर आधारित मुहावरे – हिंदी भाषा के अंतर्गत इस वर्ग में बहुत मुहावरे मिलते हैं।
जैसे – अंग-अंग ढीला होना, आँखें चुराना, अँगूठा दिखाना, आँखों से गिरना, सिर हिलाना, उँगली उठाना, छाती पर साँप लोटना, तलवे चाटना, दाँत खट्टे करना, नाक रगड़ना, पीठ दिखाना, मुँह काला करना आदि।

(3) असंभव स्थितियों पर आधारित मुहावरे – इस तरह के मुहावरों में वाच्यार्थ के स्तर पर इस तरह की स्थितियाँ दिखाई देती हैं जो असंभव प्रतीत होती हैं।
जैसे – पानी में आग लगाना, पत्थर का कलेजा होना, जमीन आसमान एक करना, सिर पर पाँव रखकर भागना, हथेली पर सरसों जमाना, हवाई किले बनाना, दिन में तारे दिखाई देना आदि।

(4) कथाओं पर आधारित मुहावरे – कुछ मुहावरों का जन्म लोक में प्रचलित कुछ कथा-कहानियों से होता हैं।
जैसे – टेढ़ी खीर होना, एक और एक ग्यारह होना, हाथों-हाथ बिक जाना, साँप को दूध पिलाना, रँगा सियार होना, दुम दबाकर भागना, काठ में पाँव देना आदि।

(5) प्रतीकों पर आधारित मुहावरे – कुछ मुहावरे प्रतीकों पर आधारित होते हैं।
जैसे – एक आँख से देखना, एक ही लकड़ी से हाँकना, एक ही थैले के चट्टे-बट्टे होना, तीनों मुहावरों में प्रयुक्त ‘एक’ शब्द ‘समानता’ का प्रतीक है।
इसी तरह से डेढ़ पसली का होना, ढाई चावल की खीर पकाना, ढाई दिन की बादशाहत होना, में डेढ़ तथा ढाई शब्द ‘नगण्यता’ के प्रतीक है।

(6) घटनाओं पर आधारित मुहावरे – कुछ मुहावरों के मूल में कोई घटना भी रहती है।
जैसे – काँटा निकालना, काँव-काँव करना, ऊपर की आमदनी, गड़े मुर्दे उखाड़ना आदि।
उपर्युक्त भेदों के अलावा मुहावरों का वर्गीकरण स्रोत के आधार पर भी किया जा सकता है। हिंदी में कुछ मुहावरे संस्कृत से आए हैं, तो कुछ अरबी-फारसी से आए हैं। इसके अतिरिक्त मुहावरों की विषयवस्तु क्या है, इस आधार पर भी उनका वर्गीकरण किया जा सकता है।
जैसे- स्वास्थ्य विषयक, युद्ध विषयक आदि। कुछ मुहावरों का वर्गीकरण किसी क्षेत्र विशेष के आधार पर भी किया जा सकता है।
जैसे- क्रीडाक्षेत्र में प्रयुक्त होने वाले मुहावरे, सेना के क्षेत्र में प्रयुक्त होने वाले मुहावरे आदि।

यहाँ पर कुछ प्रसिद्ध मुहावरे, उनके अर्थ और वाक्य में प्रयोग सहित दिए जा रहे है –

 
Top
 

List of Idioms with meaning and example sentences – अर्थ और उदाहरण वाक्यों के साथ मुहावरों की सूची

(अ से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) अक्ल पर पत्थर पड़ना – बुद्धि भष्ट होना
वाक्य – विद्वान और वीर होकर भी रावण की अक्ल पर पत्थर ही पड़ गया था कि उसने माता सीता का अपहरण किया।

2) अंक भरना – स्नेह से लिपटा लेना
वाक्य – माँ ने बेटी को देखते ही अंक भर लिया।

3) अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना – स्वयं अपनी प्रशंसा करना
वाक्य – अच्छे आदमियों को अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता।

4) अक्ल का चरने जाना – समझ का अभाव होना
वाक्य – कभी-कभी राम को बात समझ नहीं आती, ऐसा लगता है उसकी अक्ल चरने गई हो।

5) अपने पैरों पर खड़ा होना – स्वालंबी होना
वाक्य – युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए।

6) अक्ल का दुश्मन – मूर्ख
वाक्य – राहुल अपने पिता की बात का सही से जवाब नहीं देता है, लगता है आजकल राहुल अक्ल के दुश्मन हो गया है।

7) अपना उल्लू सीधा करना – मतलब निकालना
वाक्य – आजकल के नेता अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते है।

8) अंगारों पर लेटना – डाह होना, दुःख सहना
वाक्य – वह उसकी तरक्की देखते ही अंगारों पर लोटने लगा।

9) अँचरा पसारना – माँगना, याचना करना
वाक्य – हे भगवान्, अपने बीमार बेटे के लिए आपके आगे अँचरा पसारती हूँ। उसे भला-चंगा कर दो।

10) अन्धा बनना – आगे-पीछे कुछ न देखना
वाक्य – धर्म से प्रेम करो, पर उसके पीछे अन्धा बनने से तो दुनिया नहीं चलती।

11) अन्धा होना – विवेक भ्रष्ट होना
वाक्य – आज कल पैसा ही सब कुछ है क्योंकि पैसा के मोह में सब अंधे हो जाते हैं।

12) अन्धेरखाता – अन्याय
वाक्य – मुँहमाँगा दो, फिर भी चीज खराब। यह कैसा अन्धेरखाता है।

13) अढाई दिन की हुकूमत – कुछ दिनों की शानो-शौकत
वाक्य – जनाब, जरा होशियारी से काम लें। यह अढाई दिन की हुकूमत जाती रहेगी।

14) अपना-सा मुँह लेकर रह जाना – शर्मिन्दा होना
वाक्य – बड़े भाई ने छोटे भाई को ऐसी चुभती बात कही कि वह अपना-सा मुँह लिए रह गया।

15) अपनी खिचड़ी अलग पकाना – स्वार्थी होना, अलग रहना
वाक्य – यदि सभी अपनी खिचड़ी अलग पकाने लगें, तो देश और समाज की उन्नति होने से रही।

16) अब-तब करना – बहाना करना
वाक्य – कोई भी चीज माँगो, वह अब-तब करना शुरू कर देगा।

17) अंग-अंग ढीला होना – अत्यधिक थक जाना
वाक्य – विवाह के अवसर पर दिन भर मेहमानों के स्वागत में लगे रहने से मेरा अंग-अंग ढीला हो रहा हैं।

18) अंगारे उगलना – कठोर और कड़वी बातें कहना
वाक्य – मित्र! अवश्य कोई बात होगी, बिना बात कोई क्यों अंगारे उगलेगा।

19) अंगारों पर लोटना – ईर्ष्या से व्याकुल होना
वाक्य – मेरे सुख को देखकर रामू अंगारों पर लोटता हैं।

20) अँगुली उठाना – किसी के चरित्र या ईमानदारी पर संदेह व्यक्त करना
वाक्य – हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे कोई हम पर अँगुली उठाए।

21) अँगूठा छाप – अनपढ़
वाक्य – रामेश्वर अँगूठा छाप हैं, परंतु अब वह पढ़ना चाहता हैं।

22) अंजर-पंजर ढीला होना – शरीर शिथिल होना या बहुत थक जाना
वाक्य – दिन-भर भागते-भागते आज तो मेरा अंजर-पंजर ढीला हो गया।

23) अंतिम घड़ी आना – मौत निकट आना
वाक्य – शायद रामू की दादी की अंतिम घड़ी आ गई हैं। वह पंद्रह दिन से बिस्तर पर पड़ी हैं।

24) अंधे के हाथ बटेर लगना – अनाड़ी आदमी को सफलता प्राप्त होना
वाक्य – रामू मात्र आठवीं पास हैं, फिर भी उसकी सरकारी नौकरी लग गई। इसी को कहते हैं- अंधे के हाथ बटेर लगना।

25) अक्ल के पीछे लट्ठ लेकर फिरना – हर वक्त मूर्खता का काम करना
वाक्य – रमेश तो हर वक्त अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरता हैं- चीनी लेने भेजा था, नमक लेकर आ गया।

26) अक्ल घास चरने जाना – वक्त पर बुद्धि का काम न करना
वाक्य – लगता हैं, तुम्हारी अक्ल घास चरने गई है, तभी तो तुमने सरकारी नौकरी छोड़ दी।

27) अगर-मगर करना – तर्क करना या टालमटोल करना
वाक्य – ज्यादा अगर-मगर करने वाले व्यक्ति को कोई पसंद नहीं करता।

28) अपना सिक्का जमाना – अपनी धाक या प्रभुत्व जमाना
वाक्य – रामू ने कुछ ही दिनों में अपने मोहल्ले में अपना सिक्का जमा लिया हैं।

29) अपना सिर ओखली में देना – जान-बूझकर संकट मोल लेना
वाक्य – खटारा स्कूटर खरीदकर मोहन ने अपना सिर ओखली में दे दिया है।

30) अक्ल दंग होना – चकित होना
वाक्य – मोहन को पढ़ाई में ज्यादा मन नहीं लगता लेकिन परीक्षा परिणाम आने पर सब की अक्ल दंग रह गई।

31) अन्त पाना – भेद पाना
वाक्य – उसका अन्त पाना कठिन है।

32) अक्ल के घोड़े दौड़ाना – कल्पनाएँ करना
वाक्य – मोहन हमेशा अक्ल के घोड़े दौड़ाता रहता है।

33) अलाद्दीन का चिराग – आश्चर्यजनक या अद्भुत वस्तु
वाक्य – सुरेश कलम पाकर ऐसे चल पड़ा जैसे उसे अलाद्दीन का चिराग मिल गया हो।

34) अपनी डफली आप बजाना – अपने मन की करना
वाक्य – राधा दूसरे की बात नहीं सुनती, वह हमेशा अपनी डफली आप बजाती है।

35) अपना-अपना राग अलापना – किसी की न सुनना
वाक्य – सभी छात्र एक साथ प्रधानाचार्य के कमरे में घुस गए और लगे अपना-अपना राग अलापने। बेचारे प्रधानाचार्य सर पकड़कर बैठ गए।

36) अपनी राम कहानी सुनाना – अपना हाल बताना
वाक्य – सुरेश रमेश के पास अपनी मुसीबत बताने गया था और सुरेश अपनी ही राम कहानी सुनाने लग गया।

 

(आ से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) आँख भर आना – आँसू आना
वाक्य – बेटी की विदाई पर माँ की आखें भर आयी।

2) आँखों में बसना – हृदय में समाना
वाक्य – श्री कृष्ण का रूप सभी की आँखों में बसा हुआ है।

3) आँखे खुलना – सचेत होना
वाक्य – ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आँखे खुलती है।

4) आसमान से बातें करना – बहुत ऊँचा होना
वाक्य – आजकल ऐसी-ऐसी इमारते बनने लगी है, जो आसमान से बातें करती है।

5) आँच न आने देना – जरा भी कष्ट या दोष न आने देना
वाक्य – पिता अपनी संतान को आंच भी नहीं आने देता।

6) आठ-आठ आँसू रोना – बुरी तरह पछताना
वाक्य – समय को खेल-कूद में गवा कर राम अब आठ-आठ आँसू रो रहा है।

7) आस्तीन का साँप – कपटी मित्र
वाक्य – उससे सावधान रहो। वह आस्तीन का साँप है।

8) आकाश छूना – बहुत तरक्की करना
वाक्य – राखी एक दिन अवश्य आकाश चूमेगी।

9) आकाश-पाताल एक करना – अत्यधिक परिश्रम करना
वाक्य – सूरज ने इंजीनियर पास करने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया।

10) आँचल पसारना – प्रार्थना करना या किसी से कुछ माँगना
वाक्य – मैं ईश्वर से आँचल पसारकर यही माँगता हूँ कि मैं कक्षा में उत्तीर्ण हो जाओ।

11) आँतें कुलबुलाना – बहुत भूख लगना
वाक्य – मैंने सुबह से कुछ नहीं खाया, मेरी आँतें कुलबुला रही हैं।

12) आँतों में बल पड़ना – पेट में दर्द होना
वाक्य – रात की पूड़ियाँ खाकर मेरी आँतों में बल पड़ गए।

13) आँसू पीना या पीकर रहना – दुःख या कष्ट में भी शांत रहना
वाक्य – जब राकेश कक्षा में फेल हो गया तो वह आँसू पीकर रह गया।

14) आग पर लोटना – ईर्ष्या से जलना
वाक्य – मेरी कार खरीदने की बात सुनकर रामू आग पर लोटने लगा।

15) आग में घी डालना – क्रोध को और भड़काना
वाक्य – आपसी लड़ाई में अनुपम के आँसुओं ने आग में घी डाल दिया।

16) आग लगाकर तमाशा देखना – दूसरों में झगड़ा कराके अलग हो जाना
वाक्य – वह तो आग लगाकर तमाशा देखने वाला हैं, वह तुम्हारी क्या मदद करेगा।

17) आटे-दाल का भाव मालूम होना – दुनियादारी का ज्ञान होना या कटु परिस्थिति का अनुभव होना
वाक्य – जब पिता की मृत्यु हो गई तो राकेश को आटे-दाल का भाव मालूम हो गया।

18) आग से खेलना – खतरनाक काम करना
वाक्य – मजदूर अपने घर का खर्चा चलाने के लिए रोज आग से खेलते हैं।

19) आगा-पीछा न सोचना – कार्य करते समय हानि-लाभ के बारे में न सोचना
वाक्य – कुनाल कुछ भी करने से पहले आगा-पीछा नहीं सोचता।

20) आज-कल करना – टालमटोल करना
वाक्य – राजू कह रहा था-उसके दफ्तर में कोई काम नहीं करता, सब आज-कल करते हैं।

21) आटे के साथ घुन पिसना – अपराधी के साथ निर्दोष को भी सजा मिलना
वाक्य – राघव तो जुआरियों के पास केवल खड़ा हुआ था, पुलिस उसे भी पकड़कर ले गई। इसे ही कहते हैं- आटे के साथ घुन पिसना।

22) आड़े हाथों लेना – झिड़कना, बुरा-भला कहना
वाक्य – रमेश ने जब होमवर्क (गृह-कार्य) नहीं किया, तो अध्यापक ने कक्षा में उसे आड़े हाथों लिया।

23) आधा तीतर, आधा बटेर – बेमेल वस्तुएँ
वाक्य – राजू तो आधा तीतर, आधा बटेर हैं-हिंदुस्तानी धोती-कुर्ते के साथ सिर पर अंग्रेजी टोप पहनता हैं।

24) आसमान सिर पर उठाना – अत्यधिक उधम मचाना
वाक्य – अध्यापक के कक्षा में ना रहने पर बच्चे आसमान सिर पर उठा लेते हैं।

25) आसमान सिर पर टूटना – बहुत मुसीबत आना
वाक्य – पिता के देहान्त पर राजू के सिर पर आसमान टूट पड़ा।

26) आसमान से गिरे, खजूर में अटके – एक परेशानी से निकलकर दूसरी परेशानी में आना
वाक्य – अध्यापक की मदद से राजू गणित में तो पास हो गया, परंतु विज्ञान में उसकी कम्पार्टमेंट आ गई। इसी को कहते हैं- आसमान से गिरे, खजूर में अटके।

27) आस्तीन चढ़ाना – लड़ने को तैयार होना
वाक्य – मुन्ना हर वक्त आस्तीन चढ़ाकर रखता हैं।

28) आफत मोल लेना – व्यर्थ का झगड़ा मोल लेना
वाक्य – राजू ने पहलवान से झगड़ा कर के आफत मोल ले ली।

29) आव देखा न ताव – बिना सोच-विचार के काम करना
वाक्य – दोनों भाइयों में झगड़ा हो गया। गुस्से में आकर छोटे भाई ने आव देखा न ताव, डंडे से बड़े भाई का सर फोड़ दिया।

(इ, ई से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) इंद्र की परी – बहुत सुन्दर स्त्री
वाक्य – राधा तो इंद्र की परी हैं, वह तो विश्व सुन्दरी बनेगी।

2) इज्जत मिट्टी में मिलाना – प्रतिष्ठा या सम्मान नष्ट करना
वाक्य – रामू की शराब की आदत ने उसके परिवार की इज्जत मिट्टी में मिला दी हैं।

3) इधर-उधर की लगाना या इधर की उधर लगाना – चुगली करना
वाक्य – बड़े-बुजुर्ग हमेशा कहते हैं कि इधर की उधर लगाना बहुत बुरी बात है।

4) इधर-उधर की हाँकना – बेकार की बातें करना या गप मारना
वाक्य – महेश हमेशा इधर-उधर की हाँकता रहता हैं, कभी बैठकर पढ़ता नहीं।

5) इस कान सुनना, उस कान निकालना – ध्यान न देना
वाक्य – जो बात आपको दुःख दे उस बात को इस कान सुनना, उस कान निकाल देना चाहिए।

6) इंतकाल होना – मर जाना
वाक्य – पिता के इंतकाल के बाद सारे घर की जिम्मेदारी अब फारुख के कंधों पर ही है।
7) ईंट से ईंट बजाना – युद्धात्मक विनाश लाना
वाक्य – शुरू में तो हिटलर ने यूरोप में ईंट से ईंट बजा छोड़ी, मगर बाद में खुद उसकी ईंटे बजनी लगी।

8) ईंट का जबाब पत्थर से देना – जबरदस्त बदला लेना
वाक्य – भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा।

9) ईद का चाँद होना – बहुत दिनों बाद दिखाई देना
वाक्य – तुम तो कभी दिखाई ही नहीं देते, तुम्हें देखने को तरस गया, ऐसा लगता है कि तुम ईद के चाँद हो गए हो।

10) ईमान बेचना – बेईमानी करना
वाक्य – ईमान बेचने वाले कभी संतुष्ट नहीं हो सकते।

(उ, ऊ से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) उड़ती चिड़िया को पहचानना – मन की या रहस्य की बात तुरंत जानना
वाक्य – कोई मोहन को धोखा नहीं दे सकता। वह उड़ती चिड़िया पहचान लेता है।

2) उन्नीस बीस का अंतर होना – थोड़ा-सा अन्तर
वाक्य – रामू और मोहन की सूरत में बस उन्नीस-बीस का अन्तर हैं।

3) उलटी गंगा बहाना – अनहोनी या लीक से हटकर बात करना
वाक्य – अमित हमेशा उल्टी गंगा बहाता हैं – कह रहा था कि वह हाथों के बल चलकर स्कूल जाएगा।

4) उँगली पकड़कर पौंहचा पकड़ना – थोड़ा-सा सहारा या मदद पाकर ज्यादा की कोशिश करना
वाक्य – उस भिखारी को मैंने दस रुपए दे दिए तो वह बीस रुपए और माँगने लगा। तब मैंने उससे कहा – अरे भाई, तुम तो उँगली पकड़कर पौंहचा पकड़ रहे हो।

5) उड़ती खबर – अफवाह
वाक्य – उड़ती खबरों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

6) उड़न-छू हो जाना – गायब हो जाना
वाक्य – जो भी हाथ लगा, चोर वही लेकर उड़न-छू हो गया।

7) उधेड़बुन में पड़ना या रहना – फिक्र या चिन्ता करना
वाक्य – माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य के लिए हमेशा उधेड़बुन में पड़े रहते हैं।

8) उलटी-सीधी सुनाना – डाँटना-फटकारना
वाक्य – जब माला ने दादी का कहना नहीं माना तो वे उसे उल्टी-सीधी सुनाने लगीं।

9) उलटे पाँव लौटना – बिना रुके, तुरंत वापस लौट जाना
वाक्य – मनीषा के घर पर ताला लगा था इसलिए मैं उलटे पाँव लौट आई।

10) उल्लू बनाना – बेवकूफ बनाना
वाक्य – कल एक साधु, ममता को उल्लू बनाकर उससे रुपए ले गया।

11) उँगलियों पर नचाना – वश में करना
वाक्य – इब्राहीम की पत्नी तो उसे अपनी उँगलियों पर नचाती है।

12) उगल देना – भेद प्रकट कर देना
वाक्य – जब पुलिस के डंडे पड़े तो उस चोर ने सब कुछ सच-सच उगल दिया।

13) उलटे मुँह गिरना – दूसरे को नीचा दिखाने के प्रयास में स्वयं नीचा देखना
वाक्य – दूसरों को धोखा मत दो। किसी दिन सेर को सवा सेर मिल गया तो उलटे मुँह गिरोगे।

14) ऊँच-नीच समझाना – भलाई-बुराई के बारे में बताना
वाक्य – माँ ने पुत्री ममता को ऊँच-नीच समझाकर ही पिकनिक पर जाने दिया।

15) ऊँच-नीच समझना – भलाई-बुराई की समझ होना
वाक्य – दूसरों को राय देने से पहले तुम्हें ऊँच-नीच समझ लेनी चाहिए।

16) ऊँट के मुँह में जीरा – अधिक आवश्यकता वाले के लिए थोड़ा सामान
वाक्य – पेटू रामदीन के लिए दो रोटी तो ऊँट के मुँह में जीरा हैं।

17) ऊपर की आमदनी – नियमित स्रोत से न होने वाली आय
वाक्य – पुलिस की नौकरी में तनख्वाह भले ही कम हो पर ऊपर की आमदनी का तो कोई हिसाब ही नहीं हैं।

18) ऊपरी मन से कहना/करना – दिखावे के लिए कहना/करना
वाक्य – राधा हमेशा ऊपरी मन से खाना खाने के लिए पूछती थी और मैं हमेशा मना कर देता था।

(ए, ऐ से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) एक आँख से सबको देखना – सबके साथ एक जैसा व्यवहार करना
वाक्य – अध्यापक विद्यालय में सब बच्चों को एक आँख से देखते हैं।

2) एक लाठी से सबको हाँकना – उचित-अनुचित का बिना विचार किये व्यवहार
वाक्य – समानता का अर्थ एक लाठी से सबको हाँकना नहीं है, बल्कि सबको समान अवसर और जीवन-मूल्य देना है।

3) एक और एक ग्यारह होना – आपस में संगठित होकर शक्तिशाली होना
वाक्य – राजू और रामू पुनः मित्रता करके एक और एक ग्यारह हो गए हैं।

4) एक तीर से दो शिकार करना – एक साधन से दो काम करना
वाक्य – रवि एक तीर से दो शिकार करने में माहिर हैं।

5) एक से इक्कीस होना – उन्नति करना
वाक्य – सोहन की दुकान चल पड़ी हैं, अब तो शीघ्र ही एक से इक्कीस हो जाएगा।

6) एक ही थैली के चट्टे-बट्टे – एक जैसे स्वभाव के लोग
वाक्य – उस कक्षा में तो सब बच्चे एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं- सबके सब उधम मचाने वाले।

7) एक ही नाव में सवार होना – एक जैसी परिस्थिति में होना
वाक्य – साल भर राम और श्याम मज़े करते रहे, अब परीक्षा के समय दोनों एक ही नाव में सवार हैं।

8) ऐरा-गैरा नत्थू खैरा – मामूली व्यक्ति
वाक्य – नेता लोग ऐरे-गैरे नत्थू खैरे से बात नहीं करते।

9) ऐसा-वैसा – साधारण, तुच्छ
वाक्य – राजू ऐसा-वैसा नहीं हैं, वह लखपति हैं और वकील भी हैं।

10) ऐसी की तैसी करना/होना – अपमान करना/होना
वह गया तो था मदन को धमकाने पर उलटे ऐसी की तैसी करा के लौट आया।

(ओ, औ से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) ओखली में सिर देना – जान-बूझकर परेशानी में फँसना
वाक्य – कल बदमाशों से उलझकर केशव ने ओखली में सिर दे दिया।

2) ओर छोर न मिलना – रहस्य का पता न चलना
वाक्य – रोहन विचित्र आदमी हैं, उसकी योजनाओं का कुछ ओर-छोर नहीं मिलता।

3) ओस के मोती – क्षणभंगुर
वाक्य – काँच की चीज़े बहुत संभल कर रखनी पड़ती है क्योंकि काँच की चीज़े ओस के मोती की तरह होती है।

4) औंधी खोपड़ी – उलटी बुद्धि
वाक्य – मुन्ना तो औंधी खोपड़ी का हैं, उससे क्या बात करना।

(क से शुरू होने वाले मुहावरा)

1) कागजी घोड़े दौड़ाना – केवल लिखा-पढ़ी करना, पर कुछ काम की बात न होना
वाक्य – आजकल सरकारी दफ्तर में सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ते है; होता कुछ नही।

2) कमर कसना – तैयार होना
वाक्य – शत्रुओं से लड़ने के लिए भारतीयों को कमर कसकर तैयार हो जाना चाहिए।

3) कलेजा मुँह का आना – भयभीत होना
वाक्य – गुंडों को देख कर सबका कलेजा मुँह में आ जाता है।

4) कमर टूटना – बेसहारा होना
वाक्य – जवान बेटे के मर जाने बाप की कमर ही टूट गयी।

5) किताब का कीड़ा होना – पढाई के अलावा कुछ न करना
वाक्य – विद्यार्थी को केवल किताब का कीड़ा नहीं होना चाहिए, बल्कि स्वस्थ शरीर और उन्नत मस्तिष्क वाला होनहार युवक होना है।

6) कुआँ खोदना – हानि पहुँचाने के यत्न करना
वाक्य – जो दूसरों के लिये कुआँ खोदता है उसमे वह खुद गिरता है।

7) कुत्ते की मौत मरना – बुरी तरह मरना
वाक्य – कंस की किस्मत ही ऐसी थी। कुत्ते की मौत मरा।

8) काँटा निकलना – बाधा दूर होना
वाक्य – उस बेईमान से पल्ला छूटा। चलो, काँटा निकला।

9) किस खेत की मूली – अधिकारहीन, शक्तिहीन
वाक्य – मेरे सामने तो बड़ों-बड़ों को झुकना पड़ा है। तुम किस खेत की मूली हो?

10) कंठ का हार होना – बहुत प्रिय होना
वाक्य – राजू अपनी दादी का कंठ का हार हैं, वह उसका बहुत ख्याल रखती हैं।

11) कंपकंपी छूटना – डर से शरीर काँपना
वाक्य – ताज होटल में आतंकवादियों को देखकर मेरी कंपकंपी छूट गई।

12) कटकर रह जाना – बहुत लज्जित होना
वाक्य – जब मैंने राजू से सबके सामने उधार के पैसे माँगे तो वह कटकर रह गया।

13) कड़वा घूँट पीना – चुपचाप अपमान सहना
वाक्य – पड़ोसी की जली-कटी सुनकर रामलाल कड़वा घूँट पीकर रह गए।

14) कदम पर कदम रखना – अनुकरण करना
वाक्य – महापुरुषों के कदम पर कदम रखना अच्छी आदत हैं।

15) कफ़न को कौड़ी न होना – बहुत गरीब होना
वाक्य – राजू बातें तो राजाओं की-सी करता हैं, पर कफ़न को कौड़ी नहीं हैं।

16) कफ़न सिर से बाँधना – लड़ने-मरने के लिए तैयार होना
वाक्य – हमारे सैनिक सिर से कफ़न बाँधकर ही देश की रक्षा करते हैं।

17) कमान से तीर निकलना या छूटना – मुँह से बात निकलना
वाक्य – जो बात मुँह से निकल जाय वह कमान से तीर निकलने के समान होती है।

18) कलेजा टुकड़े-टुकड़े होना – बहुत दुःखी होना
वाक्य – उसकी कटु बातें सुनकर आज मेरा कलेजा टुकड़े-टुकड़े हो गया।

19) कलेजा ठण्डा होना – सुख-संतोष मिलना
वाक्य – जब रवि की नौकरी लग गई तब उसकी माँ का कलेजा ठण्ड हुआ।

20) कलेजे पर छुरी चलना – बातें चुभना
वाक्य – कुछ लोगों की बातों से कलेजे पर छुरियाँ चलती हैं।

21) कसाई के खूँटे से बाँधना – निर्दयी या क्रूर मनुष्य के हाथों में देना
वाक्य – उसने खुद अपनी बेटी को कसाई के खूँटे से बाँध दिया हैं।

22) कहर टूटना – भारी विपत्ति या मुसीबत पड़ना
वाक्य – बाढ़ से फसल नष्ट होने पर रामू पर कहर टूट पड़ा।

23) कागज की नाव – न टिकने वाली वस्तु
वाक्य – हमें अपने शरीर पर गर्व नहीं करना चाहिए, ये तो कागज की नाव हैं।

24) काठ का उल्लू – महामूर्ख व्यक्ति
वाक्य – रामू तो काठ का उल्लू हैं। उसकी समझ में कुछ नहीं आता।

25) कान का कच्चा – बिना सोचे-समझे दूसरों की बातों में आना
वाक्य – वह तो कान का कच्चा हैं, जो कहोगे वही मान लेगा।

26) कान खाना – किसी बात को बार-बार कहना
वाक्य – कान मत खाओ, अब चुप भी हो जाओ।

27) कान या कानों पर जूँ न रेंगना – किसी की बात पर ध्यान न देना
वाक्य – मैं चीख-चीख कर हार गया, पर मोहन के कान पर जूँ नहीं रेंगी।

28) कानाफूसी करना – निन्दा करना
वाक्य – अरे भाई! क्या कानाफूसी कर रहे हो? हमारे आते ही चुप हो गए।

29) कानोंकान खबर न होना – चुपके-चुपके कार्य करना
वाक्य – प्रधानाध्यापक ने सभी अध्यापकों से कहा कि परीक्षा-प्रश्न पत्र आ गए हैं, किसी को इसकी कानोंकान खबर न हो।

30) किला फतह करना – बहुत कठिन कार्य करना
वाक्य – रामू ने बारहवीं पास करके किला फतह कर लिया हैं।

31) किसी के कंधे से बंदूक चलाना – किसी पर निर्भर होकर कार्य करना
वाक्य – किसी के कंधे से बंदूक चलाना आत्मनिर्भरता की कमी है।

32) किसी के आगे दुम हिलाना – खुशामद करना
वाक्य – आज कल के सरकारी कर्मचारी बड़े लोगों के सामने दुम हिलाते हैं।

33) कीचड़ उछालना – किसी को बदनाम करना
बेवजह किसी पर कीचड़ उछालना अच्छी बात नहीं होती।

34) कोरा जवाब देना – साफ इनकार करना
वाक्य – मैंने मामाजी से पैसे उधार माँगे तो उन्होंने मुझे कोरा जवाब दे दिया।

35) कोल्हू का बैल – अत्यधिक परिश्रमी व्यक्ति
वाक्य – धीरू चौबीस घण्टे काम करता हैं, वह तो कोल्हू का बैल हैं।

36) कौड़ियों के मोल बिकना – बहुत सस्ता बिकना
वाक्य – आजकल मकान कौड़ियों के मोल बिक रहे हैं।

37) कन्नी काटना – आँख बचाकर भाग जाना
वाक्य – मेरा कर्ज न लौटना पड़े इसलिए वह आजकल मुझसे कन्नी काटता फिरता है।

38) कच्चा चिट्ठा खोलना – गुप्त बातों का उद्घाटन करना

वाक्य – यदि तुमने मेरी बात न मानी तो सारी दुनिया के सामने तुम्हारा कच्चा चिट्ठा खोल दूँगा।

 

(ख से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) ख़ाक छानना – भटकना
वाक्य – नौकरी की खोज में वह खाक छानता रहा।

2) खून-पसीना एक करना – अधिक परिश्रम करना
वाक्य – खून पसीना एक करके विद्यार्थी अपने जीवन में सफल होते है।

3) खटाई में पड़ना – झमेले में पड़ना, रुक जाना
वाक्य – बात तय थी, लेकिन ऐन मौके पर उसके मुकर जाने से सारा काम खटाई में पड़ गया।

4) खेल खेलाना – परेशान करना
वाक्य – राम ने राहुल से कहा,’खेल खेलाना छोड़ो और साफ-साफ कहो कि तुम्हारा इरादा क्या है।’

5) खबर लेना – सजा देना या किसी के विरुद्ध कार्यवाई करना
वाक्य – उसने मेरा काम करने से इनकार किया हैं, मुझे उसकी खबर लेनी पड़ेगी।

6) खाई से निकलकर खंदक में कूदना – एक परेशानी या मुसीबत से निकलकर दूसरी में जाना
वाक्य – मुझे ज्ञात नहीं था कि मैं खाई से निकलकर खंदक में कूदने जा रहा हूँ।

7) खाक में मिलना – सब कुछ नष्ट हो जाना
वाक्य – बाढ़ आने पर उसका सब कुछ खाक में मिल गया।

8) खिचड़ी पकाना – गुप्त बात या कोई षड्यंत्र करना
वाक्य – छात्रों को खिचड़ी पकाते देख अध्यापक ने उन्हें डाँट दिया।

9) खीरे-ककड़ी की तरह काटना – अंधाधुंध मारना-काटना
वाक्य – 1857 की लड़ाई में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों को खीरे-ककड़ी की तरह काट दिया था।

10) खूँटा गाड़ना – रहने का स्थान निर्धारित करना
वाक्य – उसने तो यहीं पर खूँटा गाड़ लिया हैं, लगता हैं जीवन भर यहीं रहेगा।

11) खून-पसीना एक करना – बहुत कठिन परिश्रम करना
वाक्य – रामू खून-पसीना एक करके दो पैसे कमाता हैं।

12) खून के आँसू रुलाना – बहुत सताना या परेशान करना
वाक्य – रामू कलियुगी पुत्र हैं, वह अपने माता-पिता को खून के आँसू रुला रहा हैं।

13) खून पीना – शोषण करना
वाक्य – सेठ रामलाल जी अपने कर्मचारियों का बहुत खून चूसते हैं।

14) खेल बिगड़ना – काम बिगड़ना
वाक्य – अगर पिताजी ने साथ नहीं दिया तो हमारा सारा खेल बिगड़ जाएगा।

15) खोज खबर लेना – समाचार मिलना
वाक्य – मदन के दादा जी घर छोड़कर चले गए। बहुत से लोगों ने उनकी खोज खबर ली तो भी उनका पता नहीं चला।

(ग से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) गले का हार होना – बहुत प्यारा
वाक्य – लक्ष्मण राम के गले का हार थे।

2) गर्दन पर सवार होना – पीछा ना छोड़ना
वाक्य – जब देखो, तुम मेरी गर्दन पर सवार रहते हो।

3) गड़े मुर्दे उखाड़ना – दबी हुई बात फिर से उभारना
वाक्य – जो हुआ सो हुआ, अब गड़े मुर्दे उखारने से क्या लाभ?

4) गागर में सागर भरना – एक रंग-ढंग पर न रहना
वाक्य – उसका क्या भरोसा वह तो गिरगिट की तरह रंग बदलता है।

5) गिरगिट की तरह रंग बदलना – बातें बदलना
वाक्य – गिरगिट की तरह रंग बदलने से कोई किसी की इज्जत नहीं करता।

6) गुस्सा पीना – क्रोध दबाना
वाक्य – बच्चों की नादानियों पर कभी-कभी माता-पिता गुस्सा पी कर रह जाते हैं।

7) गुदड़ी का लाल – गरीब के घर में गुणवान का उत्पन्न होना
वाक्य – अपने वंश में प्रेमचन्द सचमुच गुदड़ी के लाल थे।

8) गुड़ गोबर करना – बनाया काम बिगाड़ना
वाक्य – वीरू ने जरा-सा बोलकर सब गुड़-गोबर कर दिया।

9) गढ़ फतह करना – कठिन काम करना
वाक्य – आई.ए.एस. पास करके शंकर ने सचमुच गढ़ फतह कर लिया।

10) गधे को बाप बनाना – काम निकालने के लिए मूर्ख की खुशामद करना
वाक्य – रामू गधे को बाप बनाना अच्छी तरह जानता हैं।

11) गाढ़ी कमाई – मेहनत की कमाई
वाक्य – माता-पिता की गाढ़ी कमाई को बेकार में खर्च करना बहुत बुरी बात है।

12) गोद लेना – दत्तक बनाना, अपना पुत्र न होने पर किसी बच्चे को विधिवत अपना पुत्र बनाना
वाक्य – महिमा दीदी के जब कोई संतान नहीं हुई तो उन्होंने एक बच्चा गोद लिया।

(घ से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) घर का न घाट का – कहीं का नहीं
वाक्य – कोई काम आता नही और न लगन ही है कि कुछ सीखे-पढ़े। ऐसा घर का न घाट का जिये तो कैसे जिये।

2) घाव पर नमक छिड़कना – दुःख में दुःख देना
वाक्य – राम वैसे ही दुखी है, तुम उसे परेशान करके घाव पर नमक छिड़क रहे हो।

3) घोड़े बेचकर सोना – बेफिक्र होना
वाक्य – बेटी तो ब्याह दी। अब क्या, घोड़े बेचकर सोओ।

4) घी के दीए जलाना – अप्रत्याशित लाभ पर प्रसन्नता
वाक्य – राम जी के अयोध्या लौटने पर हर घर में घी के दीए जलाए गए थे।

5) घात लगाना – मौका ताकना
वाक्य – वह चोर दरवान इसी दिन के लिए तो घात लगाये था, वरना विश्र्वास का ऐसा रँगीला नाटक खेलकर सेठ की तिजोरी-चाबी का पता कैसे करता?

6) घाट-घाट का पानी पीना – हर प्रकार का अनुभव होना
वाक्य – मुन्ना घाट-घाट का पानी पिए हुए है, उसे कौन धोखा दे सकता है।

7) घर का उजाला – सुपुत्र अथवा इकलौता पुत्र
वाक्य – सब जानते हैं कि मोहन अपने घर का उजाला हैं।

8) घर काट खाने दौड़ना – सुनसान घर
वाक्य – घर में कोई नहीं है इसलिए मुझे घर काट खाने को दौड़ रहा है।

9) घर का चिराग गुल होना – पुत्र की मृत्यु होना
वाक्य – यह सुनकर बड़ा दुःख हुआ कि मेरे मित्र के घर का चिराग गुल हो गया।

10) घर का बोझ उठाना – घर का खर्च चलाना या देखभाल करना
वाक्य – बचपन में ही अपने पिता के मरने के बाद से राकेश घर का बोझ उठा रहा है।

11) घर का नाम डुबोना – परिवार या कुल को कलंकित करना
वाक्य – रामू ने चोरी के जुर्म में जेल जाकर घर का नाम डुबो दिया।

12) घाव पर मरहम लगाना – सांत्वना या तसल्ली देना
वाक्य – दादी पहले तो मारती है, फिर घाव पर मरहम लगाती है।

13) घाव हरा होना – भूला हुआ दुःख पुनः याद आना
वाक्य – राजा ने अपने मित्र के मरने की खबर सुनी तो उसके अपने घाव हरे हो गए।

14) घी-दूध की नदियाँ बहना – समृद्ध होना
वाक्य – श्रीकृष्ण के युग में हमारे देश में घी-दूध की नदियाँ बहती थी।

15) घुटने टेकना – हार या पराजय स्वीकार करना
वाक्य – संजू इतनी जल्दी घुटने टेकने वाला नहीं है, वह अंतिम साँस तक प्रयास करेगा।

(च से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) चल बसना – मर जाना
वाक्य – बेचारे का बेटा भरी जवानी में चल बसा।

2) चार चाँद लगाना – चौगुनी शोभा देना
वाक्य – निबन्धों में मुहावरों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाते है।

3)चिकना घड़ा होना – बेशर्म होना
वाक्य – मोहित ऐसा चिकना घड़ा है कि उसके ऊपर कहने सुनने का कोई असर नहीं पड़ता।

4) चार दिन की चाँदनी – थोड़े दिन का सुख
वाक्य – राजा बलि का सारा बल भी जब चार दिन की चाँदनी ही रहा, तो तुम किस खेत की मूली हो?

5) चींटी के पर लगना या जमना – विनाश के लक्षण प्रकट होना
वाक्य – इसे चींटी के पर जमना ही कहेंगे कि अवतारी राम से रावण बुरी तरह पेश आया।

6) चादर से बाहर पैर पसारना – आय से अधिक व्यय करना
वाक्य – डेढ़ सौ ही कमाते हो और इतनी खर्चीली आदतें पाल रखी है। चादर के बाहर पैर पसारना कौन-सी अक्लमन्दी है?

7) चमड़ी उधेड़ना या खींचना – बहुत पीटना
वाक्य – चोर को पकड़ कर पुलिस ने उसकी चमड़ी उधेड़ दी।

8) चस्का लगना – बुरी आदत
वाक्य – धीरू को धूम्रपान का बहुत बुरा चस्का लग गया है।

9) चाँदी ही चाँदी होना – खूब धन लाभ होना
वाक्य – यदि राजू की दुकान चल गई तो उसकी चाँदी ही चाँदी हो जाएगी।

10) चार सौ बीस – कपटी एवं धूर्त व्यक्ति
वाक्य – मुन्ना चार सौ बीस है, इसलिए सब उससे दूर रहते हैं।

11) चिनगारी छोड़ना – लड़ाई-झगड़े वाली बात करना
वाक्य – राजू ने ऐसी चिनगारी छोड़ी कि दो मित्रों में झगड़ा हो गया।

12) चिराग लेकर ढूँढना – बहुत छानबीन या तलाश करना
वाक्य – मैंने माँ से कहा कि राजू जैसा मित्र तो चिराग लेकर ढूँढ़ने से भी नहीं मिलेगा, इसलिए मैं उसे अपने घर लाया हूँ।

13) चुल्लू भर पानी में डूब मरना – अत्यन्त लज्जित होना
वाक्य – जब सबके सामने राजू का झूठ पकड़ा गया तो उसके लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली बात हो गई।

14) चूहे-बिल्ली का बैर – स्वाभाविक विरोध
वाक्य – राम और मोहन में तो चूहे-बिल्ली का बैर है। दोनों भाई हर समय झगड़ते रहते हैं।

15) चेहरा तमतमाना – बहुत क्रोध आना
वाक्य – जब बच्चे कक्षा में शोर मचाते हैं तो अध्यापक का चेहरा तमतमा जाता हैं।

16) चैन की वंशी बजाना – सुख से समय बिताना
वाक्य – मेरा मित्र डॉक्टर बनकर चैन की वंशी बजा रहा हैं।

17) चोटी और एड़ी का पसीना एक करना – खूब परिश्रम करना
वाक्य – मुकेश ने नौकरी के लिए चोटी और एड़ी का पसीना एक कर दिया हैं।

18) चोली-दामन का साथ – काफी घनिष्ठता
वाक्य – धीरू और वीरू का चोली-दामन का साथ है।

19) चहल-पहल होना – रौनक होना
वाक्य – दिवाली के कारण आज बाजार में बहुत चहल-पहल है।

20) चूर चूर कर देना – नष्ट करना
वाक्य – कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान का घमंड चूर-चूर कर दिया था।

21) चूल्हा जलना – खाना बनना
वाक्य – रामेश्वर के यहाँ इतनी तंगी है कि दो दिन से घर में चूल्हा तक नहीं जला है।

22) चौखट पर माथा टेकना – अनुनय-विनय करना
वाक्य – वैष्णोदेवी की चौखट पर जाकर माथा टेको, तभी कष्ट दूर होंगे।

(छ से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) छक्के छूटना – बुरी तरह पराजित होना
वाक्य – भारत और पाकिस्तान के युद्ध में हर बार पाकिस्तान के छक्के छूटे हैं।

2) छप्पर फाडकर देना – बिना मेहनत का अधिक धन पाना
वाक्य – ईश्वर जिसे देता है, उसे छप्पर फाड़कर देता है।

3) छाती पर पत्थर रखना – कठोर ह्रदय
वाक्य – उसने छाती पर पत्थर रखकर अपने पुत्र को विदेश भेजा था।

4) छाती पर मूँग या कोदो दलना – किसी को कष्ट देना
वाक्य – राजन के घर रानी दिन-रात उसकी विधवा माँ की छाती पर मूँग दल रही है।

5) छाती पर साँप लोटना – ईर्ष्या से हृदय जलना
वाक्य – जब पड़ोसी ने नई कार ली तो शेखर की छाती पर साँप लोट गया।

6) छत्तीस का आँकड़ा – घोर विरोध
वाक्य – मुझमें और मेरे मित्र में आजकल छत्तीस का आँकड़ा है।

7) छाती पीटना – मातम मनाना
वाक्य – अपने किसी संबंधी की मृत्यु पर मेरे पड़ोसी छाती पीट रहे थे।

8) छाती दूनी होना – अत्यधिक उत्साहित होना
वाक्य – जब रोहन बारहवीं कक्षा में प्रथम आया तो कक्षा अध्यापक की छाती दूनी हो गई।

9) छाती फूलना – गर्व होना
वाक्य – जब मैंने एम.ए. कर लिया तो मेरे अध्यापक की छाती फूल गई।

10) छिपा रुस्तम – अप्रसिद्ध गुणी
वाक्य – वरुण तो छिपा रुस्तम निकला। सब देखते रह गए और परीक्षा में उसी ने पहला स्थान प्राप्त कर लिया।

11) छोटा मुँह बड़ी बात – हैसियत से अधिक बात करना
वाक्य – अध्यापक ने विद्यार्थियों को समझाया कि हमें कभी छोटे मुँह बड़ी बात नहीं करनी चाहिए, वरना पछताना पड़ेगा।

12) छाप पड़ना – प्रभाव पड़ना
वाक्य – प्रोफेसर शर्मा का व्यक्तित्व ही ऐसा है। उनकी छाप सब पर जरूर पड़ती है।

(ज से शुरू वाले मुहावरे)

1) जान पर खेलना – साहसिक कार्य
वाक्य – हम जान पर खेलकर भी अपने देश की रक्षा करेंगे।

2) जूती चाटना – खुशामद करना, चापलूसी करना
वाक्य – संजीव ने अफसरों की जूतियाँ चाटकर ही अपने बेटे की नौकरी लगवाई है।

3) जहर उगलना – कड़वी बातें कहना या भला-बुरा कहना
वाक्य – पता नहीं क्या बात हुई, आज राजू अपने मित्र के खिलाफ जहर उगल रहा था।

4) जबान चलाना – अनुचित शब्द कहना
वाक्य – सीमा बहुत जबान चलाती है, उससे कौन बात करेगा?

5) जबान देना – वायदा करना
वाक्य – अध्यापक ने विद्यार्थियों से कहा कि अच्छा आदमी वही होता है जो जबान देकर निभाता है।

6) जमाना देखना – बहुत अनुभव होना
वाक्य – दादाजी बात-बात पर यही कहते हैं कि हमने जमाना देखा है, तुम हमारी बराबरी नहीं कर सकते।

7) जमीन पर पाँव न पड़ना – अत्यधिक खुश होना
वाक्य – सीता दसवीं में उत्तीर्ण हो गई है तो आज उसके जमीन पर पाँव नहीं पड़ रहे हैं।

8) जमीन में समा जाना – बहुत लज्जित होना
वाक्य – जब उधार के पैसे ने देने पर सबके सामने रामू का अपमान हुआ तो वह जमीन में ही समा गया।

9) जल में रहकर मगर से बैर करना – अपने आश्रयदाता से शत्रुता करना
वाक्य – मैंने रामू से कहा कि जल में रहकर मगर से बैर मत करो, वरना नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।

10) जहर का घूँट पीना – कड़वी बात सुनकर चुप रह जाना
वाक्य – सबके सामने अपमानित होकर रानी जहर का घूँट पीकर रह गई।

11) जादू चढ़ना – प्रभाव पड़ना
वाक्य – राम के सिर पर लता मंगेशकर का ऐसा जादू चढ़ा है कि वह हर समय उन्ही के गाने गाता रहता है।

12) जान हथेली पर लेना – जान की परवाह न करना
वाक्य – सीमा पर सैनिक जान हथेली पर लेकर चलते हैं और देश की रक्षा करते हैं।

13) जाल फेंकना – किसी को फँसाना
वाक्य – उस अजनबी ने मुझ पर ऐसा जाल फेंका कि मेरे 500 रुपये ठग लिए।

14) जी खट्टा होना – मन में वैराग पैदा होना
वाक्य – मेरे दादाजी का तो शहर से जी खट्टा हो गया है। वे अब गाँव में ही रहते हैं।

15) जीते जी मर जाना – जीवन काल में मृत्यु से बढ़कर कष्ट भोगना
वाक्य – बेटे के काले कारनामों के कारण रामप्रसाद तो बेचारा जीते जी मर गया।

16) जेब गर्म करना – रिश्वत देना
वाक्य – लालू जेब गर्म करके ही किसी को अपने साहब से मिलने देता है।

17) जौहर दिखाना – वीरता दिखाना
वाक्य – भारतीय जवान सीमा पर अपना खूब जौहर दिखाते हैं।

18) जौहर करना – स्त्रियों का चिता में जलकर भस्म होना
वाक्य – अंग्रेजी शासनकाल में भारतीय नारियों ने खूब जौहर किया था।

19) जान का प्यासा होना – मार डालने के लिए तत्पर
वाक्य – सारे मुहल्ले वाले तुम्हारी जान के प्यासे हो रहे हैं। भलाई इसी में है कितुम चुपचाप यहाँ से खिसक जाओ।

20) जान के लाले पड़ना – प्राण बचाना कठिन लगना
वाक्य – रात के अँधेरे में मुसाफिरों को डाकुओं ने घेर लिया। बेचारे मुसाफिरों की जान के लाले पड़ गए। सब कुछ छीन लिया तब बड़ी मुश्किल से छोड़ा।

21) जुल्म ढाना – अत्याचार करना
वाक्य – जो लोग असहायों पर जुल्म ढाते हैं, ईश्वर उन्हें कभी-न-कभी सजा देता ही हैं।

22) जोश ठंडा पड़ना – उत्साह कम होना
वाक्य – वह कई बार आई० ए० एस० की परीक्षा में बैठा, पर सफल न हो सका। अब तो बेचारे का जोश ही ठंडा पड़ गया है।

(झ से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) झण्डा गाड़ना/झण्डा फहराना – अपना आधिपत्य स्थापित करना
वाक्य – अंग्रेजों ने झाँसी की रानी को परास्त करने के पश्चात् भारत में अपना झण्डा गाड़ दिया था।

2) झण्डी दिखाना – स्वीकृति देना
वाक्य – साहब के झण्डी दिखाने के बाद ही क्लर्क बाबू ने लालू का काम किया।

3) झाँसा देना – धोखा देना
वाक्य – विपिन को उसके सगे भाई ने ही झाँसा दे दिया।

4) झाड़ू फेरना – बर्बाद करना
वाक्य – प्रेम ने अपने पिताजी की सारी दौलत पर झाड़ू फेर दी।

5) झोली भरना – भरपूर प्राप्त होना
वाक्य – ईश्वर बड़ा दयालु है। अपने भक्तों को वह हमेशा झोली भरकर ही देता है।

(ट, ठ से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) टाँग अड़ाना – अड़चन डालना
वाक्य – हर बात में टाँग ही अड़ाना अच्छी बात नहीं होती।

2) टका सा जबाब देना – साफ़ इनकार करना
वाक्य – मैं नौकरी के लिए मैनेज़र से मिला लेकिन उन्होंने टका सा जबाब दे दिया।

3) टस से मस न होना – कुछ भी प्रभाव न पड़ना
वाक्य – दवा लाने के लिए मैं घंटों से कह रहा हूँ, परन्तु आप टस से मस नहीं हो रहे हैं।

4) टोपी उछालना – निरादर करना
वाक्य – जब पुत्री के विवाह में दहेज नहीं दिया तो लड़के वालों ने रमेश की टोपी उछाल दी।

5) टके सेर मिलना – बहुत सस्ता मिलना
वाक्य – आजकल आलू टके सेर मिल रहे हैं।

6) टर-टर करना – बकवास करना/व्यर्थ में बोलते रहना
वाक्य – सुनील तो हर वक्त टर-टर करता रहता है। कौन सुनेगा उसकी बात?

7) टेढ़ी खीर – अत्यन्त कठिन कार्य
वाक्य – आई.ए.एस. पास करना टेढ़ी खीर है।

8) टालमटोल करना – बहाना बनाना
वाक्य – मैंने उनसे पूछा, ‘टालमटोल मत कीजिए। साफ बताइए, आप मेरी मदद करेंगे या नहीं?’

9) टूट पड़ना – आक्रमण करना
वाक्य – सब लोगों को इतनी तेज भूख लगी थी कि खाना देखते ही वे टूट पड़े।

10) टोह लेना – पता लगाना
वाक्य – रमा अचानक कहाँ भाग गई, किसी को नहीं मालूम अब उसकी टोह लेना आसान नहीं है।

11) ठन-ठन गोपाल – खाली जेब अथवा अत्यन्त गरीब
वाक्य – सुमेर तो ठन-ठन गोपाल है, वह चंदा कहाँ से देगा?

12) ठंडा करना – क्रोध शान्त करना
वाक्य – महेश ने समझा-बुझाकर दादाजी को ठंडा कर दिया।

13) ठंडा पड़ना – मर जाना
वाक्य – वह साईकिल से गिरते ही ठंडा पड़ गया।

14) ठोड़ी पकड़ना – खुशामद करना
वाक्य – मैंने सेठजी की बहुत ठोड़ी पकड़ी, परंतु उन्होंने मुझे पैसे उधार नहीं दिए।

15) ठंडी आहें भरना – दुखभरी साँस लेना
वाक्य – दूसरों की शोहरत को देखकर ठंडी आहें नहीं भरनी चाहिए।

16) ठहाका मारना – जोर से हँसना
वाक्य – मंजू छोटी-छोटी बातों पर भी ठहाका मारती है।

17) ठाट-बाट से रहना – शानौशौकत से रहना
वाक्य – वे जिस ठाट-बाट से रहते हैं, उसकी बराबरी शायद ही कोई कर सके।

18) ठीकरा फोड़ना – दोष लगाना
वाक्य – गलती आपकी है और ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ रहे हैं?

19) ठोंक बजाकर देखना – अच्छी तरह से जाँच-परख करना
वाक्य – घर-परिवार के लोग लड़के को ठोंक बजाकर देखने के बाद ही शादी के लिए हाँ करते हैं।

(ड, ढ शुरू होने वाले मुहावरे)

1) डकार जाना – हड़प जाना
वाक्य – सियाराम अपने भाई की सारी संपत्ति डकार गया।

2) डींग मारना या हाँकना – शेखी मारना
वाक्य – जब देखो, शेखू डींग मारता रहता है- ‘मैंने ये किया, मैंने वो किया’।

3) डेढ़/ढाई चावल की खिचड़ी पकाना – सबसे अलग काम करना
वाक्य – सुधीर अपनी डेढ़ चावल बनी खिचड़ी अलग पकाता है।

4) डंके की चोट पर – खुल्लमखुल्ला
वाक्य – शेरसिंह जो भी काम करता है, डंके की चोट पर करता है।

5) डूबती नैया को पार लगाना – संकट से छुड़ाना
वाक्य – ईश्वर की कृपा होगी तभी सबकी डूबती नैया पार लगेगी।

6) डेरा डालना – निवास करना
वाक्य -साधु ने मंदिर में जाकर अपना डेरा डाल दिया।

7) ढील देना – छूट देना
वाक्य – दादी माँ कहती हैं कि बच्चों को अधिक ढील नहीं देनी चाहिए।

8) ढेर हो जाना – गिरकर मर जाना
वाक्य – कल पुलिस की मुठभेड़ में दो बदमाश ढेर हो गए।

9) ढलती-फिरती छाया – भाग्य का खेल या फेर
वाक्य – कल राजू गरीब था, आज अमीर है- सब ढलती-फिरती छाया है।

10) ढाई ईंट की मस्जिद – सबसे अलग कार्य करना
वाक्य – राजेश घर में कुआँ खुदवाकर ढाई ईंट की मस्जिद बना रहा है।

11) ढाई दिन की बादशाहत होना या मिलना – थोड़े दिनों की शान-शौकत या हुकूमत होना
वाक्य – मैनेजर के बाहर जाने पर मोहन को ढाई दिन की बादशाहत मिल गई है।

12) ढिंढोरा पीटना – घोषणा करना
वाक्य – केवल ढिंढोरा पीटने से काम नहीं बनता। काम बनाने के लिए लोगों का विश्वास जीतना जरूरी है।

13) ढोंग रचना – पाखंड करना
वाक्य – ढोंग रचने वाले साधुओं से मुझे सख्त नफ़रत है।

 

(त, त्र, थ से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) तारे गिनना – चिंता के कारण रात में नींद न आना
वाक्य – अपने पुत्र की चिन्ता में पिता रात भर तारे गिनते रहे।

2) तिल का ताड़ बनाना – छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना
वाक्य – शांति तो तिल का ताड़ बनाने में माहिर है।

3) तख्ता पलटना – एक शासक द्वारा दूसरे शासक को हटाकर उसके सिंहासन पर खुद बैठना
वाक्य – पाकिस्तान में मुशर्रफ ने तख्ता पलट दिया और कोई कुछ न कर सका।

4) तलवार की धार पर चलना – बहुत कठिन कार्य करना
वाक्य – मित्रता निभाना तलवार की धार पर चलने के समान है।

5) तलवार सिर पर लटकना – खतरा होना
वाक्य – आजकल रामू के मैनेजर से उसकी कहासुनी हो गई है इसलिए तलवार उसके सिर पर लटकी हुई है।

6) तांत-सा होना – दुबला-पतला होना
वाक्य – चार दिन की बीमारी में गौरव तांत-सा हो गया है।

7) ताक में बैठना – मौके की तलाश में रहना
वाक्य – सुधीर बहुत दिनों से ताक में बैठा था कि उसे मैं कब अकेला मिलूँ और वो मुझे पीटे।

8) तिनके का सहारा – थोड़ी-सी मदद
वाक्य – मैंने मोहित की जब सौ रुपए की मदद की तो उसने कहा कि डूबते को तिनके का सहारा बहुत होता है।

9) तीस मारखाँ बनना – अपने को बहुत शूरवीर समझना
वाक्य – मुन्ना खुद को बहुत तीस मारखाँ समझता है, जब देखो लड़ाई की बातें करता रहता है।

10) तेल निकालना – खूब कस कर काम लेना
वाक्य – प्राइवेट फर्म तो कर्मचारी का तेल निकाल लेती है। तभी विकास को नौकरी करना पसंद नहीं है।

11) तकदीर फूटना – भाग्य खराब होना
वाक्य – उस लड़की की तो तकदीर ही फूट गई जो तुम जैसे जाहिल से उसकी शादी हो गई।

12) तरस खाना – दया करना
वाक्य – ठंड में काँपते हुए उस भिखारी पर तरस खाकर मैंने अपना कंबल उसी को दे दिया।

13) तानकर सोना – निश्चित होकर सोना
वाक्य – बेटी के विवाह के बाद मोहन सारी चिंताओं से मुक्त हो गया है और अब तानकर सोता है।

14) तिल रखने की जगह न होना – स्थान का ठसाठस भरा होना
वाक्य – शनिवार के दिन शनि मंदिर में तिल रखने तक की जगह नहीं होती।

15) तोबा करना – भविष्य में किसी काम को न करने की प्रतिज्ञा करना
वाक्य – ईंट के व्यापार में घाटा होने से सुरेश ने इससे तोबा कर दिया।

16) तौल-तौल कर मुँह से शब्द निकालना – बहुत सोच-विचार कर बोलना
वाक्य – शालिनी बहुत विवेकशील है। वह तौल-तौलकर मुँह से शब्द निकालती है।

17) त्राहि-त्राहि करना – विपत्ति या कठिनाई के समय रक्षा या शरण के लिए प्रार्थना करना
वाक्य – आग लगने पर बच्चे का उपाय न देखकर लोग त्राहि-त्राहि करने लगे।

18) त्रिशुंक होना – बीच में रहना, न इधर का होना, न उधर का
वाक्य – केशव न तो अभी तक आया और न ही फोन किया। समारोह में जाना है या नहीं कुछ भी नहीं पता। मैं तो त्रिशुंक हो गया हूँ।

19) थाली का बैंगन होना – ऐसा आदमी जिसका कोई सिद्धान्त न हो
वाक्य – आजकल के नए-नए नेता तो थाली के बैंगन हैं।

20) थक कर चूर होना – बहुत थक जाना
वाक्य – मई की धूप में चार कि० मी० की पैदल यात्रा करने के कारण राम थककर चूर हो गया।

21) थर्रा उठना – अत्यंत भयभीत होना
वाक्य – अचानक इतनी तेज धमाका हुआ कि दूर तक के लोग थर्रा उठे।

22) थैली का मुँह खोलना – खूब धन व्यय करना
वाक्य – सेठ रामप्रसाद ने अपनी बेटी के विवाह में थैली का मुँह खोल दिया था।

 

(द से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) दिन दूना रात चौगुना – तेजी से तरक्की करना
वाक्य – रामदास अपने व्यापार में दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहा है।

2) दाल में काला होना – संदेह होना
वाक्य – हम लोगों की ओट में ये जिस तरह धीरे-धीरे बातें कर रहें है, उससे मुझे दाल में काला लग रहा है।

3) दौड़-धूप करना – बड़ी कोशिश करना
वाक्य – कौन बाप अपनी बेटी के ब्याह के लिए दौड़-धूप नहीं करता?

4) दो कौड़ी का आदमी – तुच्छ या अविश्र्वसनीय व्यक्ति
वाक्य – किसी को बिना परखे दो कौड़ी का आदमी नहीं समझना चाहिए।

5) दो टूक बात कहना – थोड़े शब्दों में स्पष्ट बात कहना
वाक्य – दो टूक बात कहना अच्छा रहता है।

6) दूध के दाँत न टूटना – ज्ञानहीन या अनुभवहीन
वाक्य – मोहन सभा में क्या बोलेगा? अभी तो उसके दूध के दाँत भी नहीं टूटे हैं।

7) दूध का दूध और पानी का पानी कर देना – पूरा-पूरा इन्साफ करना
वाक्य – कल सरपंच ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।

8) दरार पड़ना – मतभेद पैदा होना
वाक्य – अब कौशल और कौशिक की दोस्ती में दरार पड़ गई है।

9) दसों उंगलियाँ घी में होना – खूब लाभ होना
वाक्य – आजकल राम की दसों उंगलियाँ घी में हैं।

10) दाँतों तले उँगली दबाना – दंग रह जाना
वाक्य – जब एक गरीब छात्र ने आई.ए.एस. पास कर ली तो सब दाँतों तले उँगली दबाने लगे।

11) दाई से पेट छिपाना – जानने वाले से भेद छिपाना
वाक्य – मैं पंकज की हरकत जानता हूँ, फिर भी वह दाई से पेट छिपा रहा था।

12) दिन गँवाना – समय नष्ट करना
वाक्य – बेरोजगारी में रोहन आजकल यूँ ही दिन गँवा रहा है।

13) दिन पूरे होना – अंतिम समय आना
वाक्य – लगता है किशन के दिन पूरे हो गए हैं तभी अत्यधिक धूम्रपान कर रहा है।

14) दिन पलटना – अच्छे दिन आना
वाक्य – नौकरी लगने के बाद अब शम्भू के दिन पलट गए हैं।

15) दिमाग सातवें आसमान पर होना – बहुत अधिक घमंड होना
वाक्य – सरकारी नौकरी लगने पर परमजीत का दिमाग सातवें आसमान पर हो गया है।

16) दिल का काला या खोटा – कपटी अथवा दुष्ट
वाक्य – मुन्ना दिल का काला है।

17) दिल बाग-बाग होना – अत्यधिक हर्ष होना
वाक्य – वर्षों बाद बेटा घर आया तो माता-पिता का दिल बाग-बाग हो गया।

18) दिल का गुबार निकालना – मन का मलाल दूर करना
वाक्य – अपने बेटे के विवाह में पंडित रामदीन ने अपने दिल के सारे गुबार निकाल लिए।

19) दिल्ली दूर होना – लक्ष्य दूर होना
वाक्य – अभी तो मोहन ने सिर्फ दसवीं पास की है। उसे डॉक्टर बनना है तो अभी दिल्ली दूर है।

20) दूध का धुला – निष्पाप; निर्दोष
वाक्य – मुकेश तो दूध का धुला है, लोग उसे चोरी के इल्जाम में खाहमखाह फँसा रहे हैं।

21) दोनों हाथों में लड्डू होना – हर प्रकार से लाभ होना
वाक्य – अजय की शादी भी हो गई और नौकरी भी लग गई। अब अजय के तो दोनों हाथों में लड्डू हैं।

22) दूर के ढोल सुहावने होना या लगना – दूर की वस्तु या व्यक्ति अच्छा लगना
वाक्य – जब मैंने वैष्णो देवी जाने को कहा तो पिताजी बोले कि तुम्हें दूर के ढोल सुहावने लग रहे हैं, चढ़ाई चढ़ोगे तब मालूम पड़ेगा।

23) दर-दर की खाक छानना/दर-दर-मारा-मारा फिरना – जगह-जगह की ठोकरें खाना
वाक्य – नौकरी के चक्कर में माधव दर-दर की खाक छानता फिर रहा है।

24) दाने-दाने को तरसना – भूखों मरना
वाक्य – पिता की मृत्यु के कारण बच्चे दाने-दाने को तरसने लगे हैं।

25) दीवारों के कान होना – किसी गोपनीय बात के प्रकट हो जाने का खतरा
वाक्य -दीवारों के भी कान होते हैं। अतः सब लोग बात करते समय सावधानी रखा करें।

26) दुखती रग को छूना – मर्म पर आघात करना
वाक्य – किसी की दुखती रग को छूना बहुत बुरी बात है।

27) दाल-भात का कौर समझना – आसान समझना
वाक्य – यह आई० ए० एस० की परीक्षा है। कोई दाल-भात का कौर नहीं।

(ध, न से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) धज्जियाँ उड़ाना – किसी के दोषों को चुन-चुनकर गिनाना
वाक्य – उसने उन लोगों की धज्जियाँ उड़ाना शुरू किया कि वे वहाँ से भाग खड़े हुए।

2) धूप में बाल सफेद करना – बिना अनुभव के जीवन का बहुत बड़ा भाग बिता देना
वाक्य – रामू काका ने धूप में बाल सफेद नहीं किए हैं, उन्हें बहुत अनुभव है।

3) धोबी का कुत्ता घर का न घाट का – जिसका कहीं ठिकाना न हो, निरर्थक व्यक्ति
वाक्य – जब से रामू की नौकरी छूटी है, उसकी दशा धोबी का कुत्ता घर न घाट का जैसी है।

4) घब्बा लगना – कलंकित करना
वाक्य – मोहन ने चोरी करके खुद पर धब्बा लगा लिया।

5) धमाचौकड़ी मचाना – उपद्रव करना
वाक्य – अंकुर और टीटू मिलकर बहुत धमाचौकड़ी मचाते हैं।

6) धाक जमाना – रोब या दबदबा जमाना
वाक्य – वह जहाँ भी जाता है वहीं अपनी धाक जमा लेता है।

7) धरना देना – अड़कर बैठना
वाक्य – सत्याग्रही मंत्री की कोठी के सामने धरना दे रहे है।

8) धोती ढीली होना – डर जाना
वाक्य – मास्टर साहब के आते ही लड़के की धोती ढीली हो गयी।

9) न इधर का, न उधर का – कही का नही
वाक्य – कमबख्त ने न पढ़ा, न बाप की दस्तकारी सीखी। अब तो वह न इधर रहा, न उधर का।

10) नमक का हक अदा करना – बदला/ऋण चुकाना
वाक्य – यदि आप मेरी मदद करेंगे तो जीवन भर मैं आपके नमक का हक अदा करता रहूँगा।

11) नमक-मिर्च लगाना – बढ़ा-चढ़ाकर कहना
वाक्य – मेरे भाई ने नमक-मिर्च लगाकर मेरी शिकायत पिता जी से कर डाली।

12) नस-नस पहचानना – भलीभाँति अच्छी तरह जानना
वाक्य – माता-पिता अपने बच्चों की नस-नस पहचानते हैं।

13) नाक में नकेल डालना – नियंत्रण में करना
वाक्य – अशोक ने मैनेजर बनकर सबकी नाक में नकेल डाल दी है।

14) नाक ऊँची रखना – सम्मान या प्रतिष्ठा रखना
वाक्य – शांति हमेशा अपनी नाक ऊँची रखती है।

15) नाकों चने चबाना – बहुत परेशान होना
वाक्य – शिवाजी से टक्कर लेकर मुगलों को नाकों चने चबाने पड़े।

16) नाक रखना – इज्जत रखना
वाक्य – आई० ए० एस० की परीक्षा में प्रथम आकर मेरी बेटी ने मेरी नाक रख ली।

17) नाक काटना – इज्जत जाना
वाक्य – पोल खुलते ही सबके सामने उसकी नाक कट गयी।

18) नाक कटना – प्रतिष्ठा या मर्यादा नष्ट होना
वाक्य – माँ ने बेटी को समझाया कि कोई ऐसा काम न करना जिससे उनकी नाक कट जाए।

19) नाम उछालना – बदनामी करना
वाक्य – छात्रों ने बेमतलब ही संस्कृति के आचार्य जी का नाम उछाल दिया कि ये बच्चों को मारते हैं।

20) नाम डुबोना – प्रतिष्ठा, मर्यादा आदि खोना
वाक्य – सीमा ने घर से भाग कर अपने माँ-बाप का नाम डुबो दिया।

21) नंबर दो का पैसा/रुपया – अवैध धन
वाक्य – सारे नेता नंबर दो के पैसे को स्विस बैंक में जमा करने में लगे हैं।

22) नजर उतारना – बुरी दृष्टि के प्रभाव को मंत्र आदि युक्ति से दूर करना
वाक्य – लगता है राधा को लोगों की नजर लग जाती है इसलिए जल्दी-जल्दी बीमार पड़ जाती है। इस बार किसी साधु-संत से नजर उतरवा लेनी चाहिए।

23) नजर बचाकर – चुपके से
वाक्य – माता-पिता की नजर बचाकर वह सिनेमा देखने आई थी।

24) नजर से गिरना – प्रतिष्ठा कम करना
वाक्य – जो लोग अपने बड़ों की नजर में गिर जाते हैं, उनको कोई नहीं पूछता।

25) नाक के नीचे – बहुत निकट
वाक्य – आपकी नाक के नीचे आपका नौकर चोरी करता रहा और आपको तब पता चला जब उसने सारा खजाना खाली कर दिया।

26) नाक भौं चढ़ाना – घृणा प्रदर्शित करना
वाक्य – इस जगह को देखकर नाक-भौं मत चढ़ाओ। इतनी खराब जगह नहीं है यह।

27) नाक पर मक्खी न बैठने देना – अपने ऊपर किसी भी प्रकार का आक्षेप न लगने देना
वाक्य – जो अपनी नाक पर मक्खी तक नहीं बैठने देता, वह इस बेईमानी के धंधे में हमारी मदद करेगा, यह तो संभव ही नहीं।

(प से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) पेट काटना – अपने भोजन तक में बचत
वाक्य – अपना पेट काटकर वरुण अपने छोटे भाई को पढ़ा रहा है।

2) पेट में चूहे कूदना – जोर की भूख
वाक्य – पेट में चूहे कूद रहे हों तो खाने के अलावा कहीं ध्यान नहीं जाता।

3) पट्टी पढ़ाना – बुरी राय देना
वाक्य – किसी को भी पट्टी पढ़ाना गलत बात है।

4) पगड़ी रखना – इज्जत बचाना
वाक्य – हल्दीघाटी में झाला सरदार ने राजपूतों की पगड़ी रख ली।

5) पगड़ी उतारना – अपमानित करना
वाक्य – दहेज-लोभियों ने सीता के पिता की पगड़ी उतार दी।

6) पर्दाफाश करना – भेद खोलना
वाक्य – महेश मुझे बात-बात पर धमकी देता है कि यदि मैं उसकी बात नहीं मानूँगा तो वह मेरा पर्दाफाश कर देगा।

7) पाँव तले से धरती खिसकना – अत्यधिक घबरा जाना
वाक्य – बस में जेब कटने पर मेरे पाँव तले से धरती खिसक गई।

8) पानी का बुलबुला – क्षणभंगुर, थोड़ी देर का
वाक्य – संतों ने ठीक ही कहा है- ये जीवन पानी का बुलबुला है।

9) पत्थर की लकीर – पक्की बात
वाक्य – पंडित जी की बात पत्थर की लकीर है।

10) पलकों पर बिठाना – बहुत अधिक आदर-स्वागत करना
वाक्य – रामू ने विदेश से आए बेटों को पलकों पर बिठा लिया।

11) पलकें बिछाना – बहुत श्रद्धापूर्वक आदर-सत्कार करना
वाक्य – नेताजी के आने पर सबने पलकें बिछा दीं।

12) पाँव धोकर पीना – अत्यन्त सेवा-शुश्रुषा और सत्कार करना
वाक्य – रमा अपनी सासुमाँ के पाँव धोकर पीती है।

13) पीठ ठोंकना – शाबाशी देना
वाक्य – कक्षा में फर्स्ट आने पर अध्यापक ने राजू की पीठ ठोंक दी।

14) प्राण हथेली पर लेना – जान खतरे में डालना
वाक्य – सैनिक प्राण हथेली पर लेकर देश की रक्षा करते हैं।

15) पंथ निहारना/देखना – प्रतीक्षा करना
वाक्य – गोपियाँ पंथ निहारती रहीं पर कृष्ण कभी वापस न आए।

16) पलकों में रात बीतना – रातभर नींद न आना
वाक्य – रात को कॉफी क्या पी, पलकों में ही सारी रात बीत गई।

17) पसीने की कमाई – मेहनत से कमाई हुई संपत्ति
वाक्य – माँ-बाप अपने पसीने की कमाई को बिना सोचे-समझे अपने बच्चों पर खर्च कर देते हैं।

18) पाँव में बेड़ी पड़ना – स्वतंत्रता नष्ट हो जाना
वाक्य – मल्लिका का विवाह क्या हुआ बेचारी के पाँवों में बेड़ी पड़ गई है, उसके सास-ससुर उसे कहीं आने-जाने ही नहीं देते।

19) पापड़ बेलना – कष्टमय जीवन बिताना, बहुत परिश्रम करना
वाक्य – कितने पापड़ बेले हैं, तब जाकर यह छोटी-सी नौकरी मिली है।

20) पासा पलटना – स्थिति उलट जाना
वाक्य -क्या करें पास ही पलट गया। सोचा कुछ था हो कुछ गया।

21) पूरा न पड़ना – कमी पड़ना
वाक्य – मेहमान अधिक आ गए हैं, शायद इतना खाना पूरा न पड़ेगा।

22) पेट पीठ एक होना – बहुत दुर्बल होना
वाक्य – तीन माह की बीमारी में रमेश के पेट-पीठ एक हो गए हैं।

23) पेट में दाढ़ी होना – बहुत चालाक होना
वाक्य – उसे सीधा मत समझना। उसके पेट में दाढ़ी है, किसी भी दिन चकमा दे सकता है।

24) पौ फटना – प्रातः काल होना
वाक्य – पौ फटते ही पिता जी घर से निकल पड़े।

(फ से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) फूलना-फलना – धनवान या कुलवान होना
वाक्य – बड़े हमेशा आशीर्वाद देते है कि सदा फूलो-फलो।

2) फटे में पाँव देना – दूसरे की विपत्ति अपने ऊपर लेना
वाक्य – शर्मा जी की फटे में पाँव देने की आदत है।

3) फुलझड़ी छोड़ना – कटाक्ष करना
वाक्य – गुप्ता जी तो कोई न कोई फुलझड़ी छोड़ते ही रहते हैं।

4) फूँककर पहाड़ उड़ाना – असंभव कार्य करना
वाक्य – धीरज फूँककर पहाड़ उड़ाना चाहता है।

5) फूंक-फूंक कर कदम रखना – सोच-समझकर काम करना
वाक्य – एक बार नुकसान उठा लिया अब तो फूंक-फूंक कर कदम रखो।

6) फूटी आँखों न सुहाना – तनिक भी अच्छा न लगना
वाक्य – झूठ बोलने वाले लोग मुझे फूटी आँख नहीं सुहाते।

7) फूल सूँघकर रहना – बहुत थोड़ा खाना
वाक्य – लगता है राम फूल सूँघकर रहता है, जो इतना दुर्बल हो गया है।

8) फ़ूलों से तौला जाना – अतीव कोमल होना
वाक्य – रानी तो फूलों से तौली जाती है।

(ब, भ से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) बीड़ा उठाना – दायित्व लेना
वाक्य – गांधजी ने भारत को आजाद करने का बीड़ा उठाया था।

2) बे-सिर-पैर की बात करना – व्यर्थ की बात करना
वाक्य – राम को तो जब भी देखो, बेसिर-पैर की बात करता है।

3) बगलें झाँकना – उत्तर न दे सकना
वाक्य – अध्यापक के सवाल पर राजू बगलें झाँकने लगा।

4) बगुला भगत – ढोंगी व्यक्ति
वाक्य – वो साधु तो बगुलाभगत निकला, सबको लूट कर भाग गया।

5) बोल-बाला होना – ख्याति होना
वाक्य – शहर में सेठ रामचंदानी का बहुत बोल-बाला है।

6) बात को गाँठ में बाँधना – स्मरण/याद रखना
वाक्य – अध्यापकों की हर बात को गाँठ में बाँध लेना चाहिए, जीवन के किसी भी मोड़ पर कोई भी बात काम आ सकती है।

7) बुद्धि पर पत्थर पड़ना – अक्ल काम न करना
वाक्य – आज कर्ण की बुद्धि पर पत्थर पड़ गए तभी तो उसने 10 लाख का मकान 2 लाख में बेच दिया।

8) बछिया का ताऊ – मूर्ख व्यक्ति
वाक्य – धीरू तो बछिया का ताऊ है।

9) बहत्तर घाट का पानी पीना – अनेक प्रकार के अनुभव प्राप्त करना
वाक्य – काका जी बहत्तर घाट का पानी पी चुके हैं, उनको कोई धोखा नहीं दे सकता।

10) बाल की खाल निकालना – छोटी से छोटी बातों पर तर्क करना
वाक्य – सूरज तो हमेशा बाल की खाल निकालता रहता है।

11) बाल बाँका न होना – जरा भी हानि न होना
वाक्य – जिसकी रक्षा ईश्वर करता है, उसका बाल भी बाँका नहीं हो सकता।

12) बुढ़ापे की लाठी – बुढ़ापे का सहारा
वाक्य – रामदीन का बेटा उसके बुढ़ापे का लाठी था, वह भी विदेश चला गया।

13) बहती गंगा में हाथ धोना – समय का लाभ उठाना
वाक्य – हर आदमी बहती गंगा में हाथ धोना चाहता है चाहें उसमें क्षमता हो या न हो।

14) बना बनाया खेल बिगड़ जाना – सिद्ध हुआ काम खराब हो जाना
वाक्य – तुम्हारी एक छोटी-सी गलती से सारा बना बनाया खेल ही बिगड़ गया।

15) बाज न आना – बुरी आदत न छोड़ना
वाक्य – सब लोगों ने इतना समझाया फिर भी पंकज अपनी आदतों से बाज नहीं आता।

16) बाल-बाल बचना – मुश्किल से बचना
वाक्य – विमान दुर्घटना में सभी यात्री बाल-बाल बच गए।

17) बेवक्त की शहनाई बजाना – अवसर के प्रतिकूल कार्य करना
वाक्य – पूजा के अवसर पर सिनेमा के गीत सुना कर लोग बेवक्त की शहनाई बजाते हैं।

18) भीगी बिल्ली होना – डर से दबना
वाक्य – वह अपने शिक्षक के सामने भीगी बिल्ली हो जाता है।

19) भानमती का कुनबा जोड़ना – अलग-अलग तरह की चीजें जोड़ना या इकट्ठा करना
वाक्य – राजू ने अपने ऑफिस में भानमती का कुनबा जोड़ा हुआ है, उसमें सभी तरह के लोग हैं।

20) भरी थाली में लात मारना – लगी लगाई नौकरी छोड़ना
वाक्य – राजू ने भरी थाली में लात मारकर अच्छा नहीं किया।

21) भेड़ की खाल में भेड़िया – देखने में सरल तथा भोलाभाला, पर वास्तव में खतरनाक
वाक्य – कालू तो भेड़ की खाल में भेड़िया है।

22) भैंस के आगे बीन बजाना – वज्र मूर्ख के सामने बुद्धिमानी की बातें करना
वाक्य – राजू को कोई बात समझाना तो भैंस के आगे बीन बजाना है।

23) भाड़े का टट्टू – किराए का आदमी
वाक्य – मेहनत के काम भाड़े के टट्टुओं से नहीं होते। खुद मेहनत करनी पड़ती है।

 

(म से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) मुँह में पानी आना – लालच होना
वाक्य – मिठाई देखते ही विद्या के मुँह में पानी भर आया।

2) मैदान मारना – बाजी जीतना
वाक्य – पानीपत की लड़ाई में आखिर काबुल के तैमूरी शासक ज़हीर उद्दीन मोहम्मद बाबर ही ने मैदान मारा।

3) मैदान साफ होना – कोई रुकावट न होना
वाक्य – जब रात को सब लोग सो गए और पुलिस वाले भी चले गए तो चोरों को लगा कि अब मैदान साफ है और सामने वाले घर में घुसा जा सकता है।

4) मिट्टी के मोल बिकना – बहुत सस्ता
वाक्य – जो चीज मिट्टी के मोल थी आज की मँहगाई में सोने के भाव बिक रही है।

5) मीठी छुरी – छली-कपटी मनुष्य
वाक्य – राधा तो मीठी छुरी है, मैं उसकी बातों में नहीं आती।

6) मगरमच्छ के आँसू – दिखावटी सहानुभूति प्रकट करना
वाक्य – राम के फेल होने पर उसके साथी मगरमच्छ के आँसू बहाने लगे।

7) मरने को भी छुट्टी न होना – अत्यधिक व्यस्त रहना
वाक्य – आचार्य जी के पास तो मरने की भी छुट्टी नहीं होती।

8) मस्तक ऊँचा करना – प्रतिष्ठा बढ़ाना
वाक्य – डॉक्टरी पास करके रवि ने अपने माँ-बाप का मस्तक ऊँचा कर दिया।

9) मिजाज आसमान पर होना – बहुत घमंड होना
वाक्य – नई कार खरीदने के बाद शंभू का मिजाज आसमान पर हो गया है।

10) मुँह चुराना – सम्मुख न आना
वाक्य – चोरी का इल्जाम लगने पर सोहन सबसे मुँह चुराता फिर रहा है।

11) मुँह में खून लगना – अनुचित लाभ की आदत पड़ना
वाक्य – इस थानेदार के मुँह में खून लग गया है। बेचारे गरीब सब्जी वालों से भी हफ़्ता-वसूली करता है।

12) मुँह मोड़ना – उपेक्षा करना
वाक्य – जब ईश्वर ही मुँह मोड़ लेता है तब दुनिया में कोई सहारा नहीं बचता।

13) मूँछों पर ताव देना – वीरता की अकड़ दिखाना
वाक्य – ज्यादा मूँछों पर ताव मत दो, बजरंग आ गया तो सारी हेकड़ी निकल जाएगी।

14) मूली-गाजर समझना – अति तुच्छ समझना
वाक्य – आतंकवादी आम जनता को मूली-गाजर समझते हैं।

15) म्यान से बाहर होना – अत्यन्त क्रुद्ध होना
वाक्य – अशोक जरा-सी बात पर म्यान से बाहर हो गया।

16) मन उड़ा-उड़ा सा रहना – मन स्थिर न रहना
वाक्य – पति के आने के इंतजार में मधु का मन आजकल उड़ा-उड़ा सा रहता है।

17) मजा किरकिरा होना – आनंद में विघ्न पड़ना
वाक्य – बार-बार बिजली आती-जाती रही इसलिए फ़िल्म का सारा मजा किरकिरा हो गया।

18) मन मसोस कर रह जाना – मन के भावों को मन में ही दबा देना
वाक्य – जब मजदूरों की बातें सरकार ने नहीं मानी तो बेचारे मन मसोस कर रह गए।

19) मन में चोर होना – मन में धोखा-फरेब होना
वाक्य – जिसके मन में चोर होता है वही हमेशा अविश्वसनीय बातें करता है।

20) माथा-पच्ची करना – सिर खपाना
वाक्य – हम लोग सुबह से माथा-पच्ची कर रहे हैं, पर कुछ सवालों को हल नहीं कर पाए हैं।

21) मिलीभगत होना – गुप्त सहमति होना
वाक्य – पुलिसवालों की मिलीभगत थी, इसलिए चोर जेल से गायब हो गए।

22) मोर्चा लेना – युद्ध करना
वाक्य – जब तक हमारी सेना दुश्मन की सेना के साथ मोर्चा नहीं लेगी तब तक ये लोग इसी तरह की आतंकवादी गतिविधियाँ करते रहेंगे।

23) मोल-भाव करना – कीमत घटा-बढ़ा कर सौदा करना
वाक्य – पिता जी ने समझाया था कि जब भी कुछ खरीदो मोल-भाव अवश्य कर लो।

24) मुठभेड़ होना – सामना होना
वाक्य – हुमायूँ और शेरशाह में चौसा के निकट मुठभेड़ हो गयी।

25) मुफ़्त की रोटियाँ तोड़ना – बिना काम किये दूसरों का अन्न खाना
वाक्य – कुछ लोगों को मुफ़्त की रोटियाँ तोड़ने की आदत होती है।

 

(य, र से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) यमपुर पहुँचाना – मार डालना
वाक्य – पुलिस ने चोर को मारमार कर यमपुर पहुँचा दिया।

2) युक्ति लड़ाना – उपाय करना
वाक्य – अशोक हमेशा पैसा कमाने की युक्ति लड़ाता रहता।

3) यारी गाँठना – मित्रता करना
वाक्य – पुलिस वालों से यारी गाँठना कभी-कभी महँगा पड़ जाता है।

4) रंग में भंग पड़ना – बिघ्न या बाधा पड़ना
वाक्य – मीरा की शादी में कुछ असामाजिक तत्वों के आने से रंग में भंग पड़ गया।

5) रँगा सियार – धोखेबाज आदमी
वाक्य – मैं सोहन पर विश्वास करता था पर वह तो रँगा सियार निकला, मेरा सारा पैसा लेकर भाग गया।

6) रंगे हाथों पकड़ना – अपराध करते हुए पकड़ना
वाक्य – पुलिस ने चोर को रंगे हाथों पकड़ लिया।

7) रास्ते का काँटा – उन्नति या प्रगति में बाधक
वाक्य – मोहन की कड़वी जुबान उसके रास्ते का काँटा हैं।

8) राह में रोड़ा पड़ना – काम में बाधा आना
वाक्य – राह में तमाम रोड़े पड़ने पर साहसी लोग कभी नहीं रुकते।

9) रास्ते पर लाना – सुधारना
वाक्य – महात्माजी ने अनेक पथ भ्रष्ट लोगों को रास्ते पर ला दिया है।

10) रोशनी डालना – स्पष्ट करना
वाक्य – अध्यापक कक्षा में सभी विषयों पर अच्छे से रोशनी डालते हैं।

11) रहम खाना – दया करना
वाक्य – राम ने दुकानदार से कहा बेचारी विधवा पर रहम खाओ और उसका कर्जा माफ कर दो।

12) रामबाण औषधि – अचूक दवा
वाक्य – प्राणायाम ही समस्त रोगों की रामबाण औषध है।

13) रस लेना – आनंद लेना
वाक्य – आजकल कोई भी कवि-गोष्ठियों में रस नहीं लेता।

14) रस्सी ढीली छोड़ना – ढील देना
वाक्य – जब से उसने रस्सी ढीली छोड़ दी, तब से उसका लड़का बिगड़ गया।

15) रसातल को पहुँचना – बर्बाद करना
वाक्य – यदि मुझसे भिड़ोगे, तो रसातल को पहुँचा दूँगा।

16) रोंगटे खड़े होना – भय, शोक, हर्ष आदि के कारण रोमांचित होना
वाक्य – रात को डर के मारे मेरी पत्नी के रोंगटे खड़े हो गए।

17) रक्तपात मचाना – मार-काट करना
वाक्य – महाभारत-युद्ध में बड़ा ही रक्तपात मचा।

(ल, व से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) लोहे के चने चबाना – कठिनाई झेलना
वाक्य – भारतीय सेना के सामने पाकिस्तानी सेना को लोहे के चने चबाने पड़े।

2) लकीर का फकीर होना – पुरानी प्रथा पर ही चलना
वाक्य – पिताजी अब तक लकीर के फकीर ही है। टेबुल पर नही, चौके में ही खायेंगे।

3) लोहा मानना – किसी के प्रभुत्व को स्वीकार करना
वाक्य – क्रिकेट के क्षेत्र में आज सारे देशों की टीमें भारतीय टीम का लोहा मानती हैं।

4) लेने के देने पड़ना – लाभ के बदले हानि
वाक्य – नया काम करते हुए सोच-समझकर आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि नए काम में लेने के देने भी पड़ जाते हैं।

5) लुटिया डूबना – काम चौपट हो जाना
वाक्य – रामू ने नया कारोबार किया था, उसकी लुटिया डूब गई।

6) लगाम कड़ी करना – सख्ती से नियंत्रण करना/सख्ती करना
वाक्य – प्रधानाचार्य ने लगाम कड़ी की तो सभी समय पर आने लगे।

7) लाख टके की बात – अत्यंत उपयोगी और सारगर्भित बात
वाक्य – आचार्य जी हमेशा लाख टके की बात कहते हैं।

8) लोहा लेना – सामना करना
वाक्य – 1857 के संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लोहा लिया।

9) लहू का घूँट पीकर रह जाना – विवशतावश क्रोध को पीकर रह जाना
वाक्य – गलती न करने पर भी जब उस दरोगा ने जेल में बंद करने की धमकी दी तो मैं लहू का घूँट पीकर रह गया।

10) लीप-पोत कर बराबर करना – सर्वस्व बर्बाद कर देना
वाक्य – जब से वह कंपनी का मैनेजर हुआ, उसने कंपनी का सारा हिसाब लीप-पोत कर बराबर कर दिया।

11) वज्र टूटना – भारी विपत्ति आना
वाक्य – रामू के पिताजी के मरने के पश्चात् उस पर वज्र टूट पड़ा।

12) विष घोलना – किसी के मन में शक या ईर्ष्या पैदा करना
वाक्य – राजू ने बनी-बनाई बात में विष घोल दिया।

13) विष उगलना – कड़वी बात कहना
वाक्य – कालू हमेशा राजू के खिलाफ विष उगलता रहता है।

14) वेद वाक्य – सौ प्रतिशत सत्य
वाक्य – हमारे शिक्षक की कही हर बात वेद वाक्य है।

15) वीरगति को प्राप्त होना – मर जाना
वाक्य – राणा प्रताप ने मुगल सेना का डट कर सामना किया और अंत में वीरगति को प्राप्त हुए।

16) वक़्त पर काम आना – विपत्ति में मदद करना
वाक्य – सच्चे दोस्त ही वक्त पर काम आते हैं।

17) वार खाली जाना – चाल सफल न होना
वाक्य – पाकिस्तान ने जब भी कश्मीर पर कब्ज़ा करना चाहा उसका वार खाली गया।

(श, ष से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) शैतान की खाला – बहुत ही दुष्ट स्त्री
वाक्य – शांति तो शैतान की खाला है।

2) शंख के शंख रहना – मूर्ख के मूर्ख बने रहना
वाक्य – सबके इतना समझाने के बाद भी शंभू तो शंख का शंख ही रहा।

3) शक़्कर से मुँह भरना – खुशखबरी सुनाने वाले को मिठाई खिलाना
वाक्य – रमेश ने दसवीं पास होने पर अपने मित्रों का शक़्कर से मुँह भर दिया।

4) शह देना – उत्साह बढ़ाना
वाक्य – राम राधा को शह न देता तो उनकी मजाल थी कि वह गोपी को यूँ आँखें दिखाती।

5) शेर होना – निर्भय और घृष्ट होना
वाक्य – पुरानी कहावत है – अपनी गली में तो कुत्ते भी शेर होता है।

6) शैतान का बच्चा – बहुत नीच और दुष्ट आदमी
वाक्य – वह वकील तो शैतान का बच्चा है, गरीबों की मजबूरियों का फायदा उठाता है।

7) शिकस्त देना – पराजित करना
वाक्य – शतरंज के खेल में मुझे कोई शिकस्त नहीं दे सकता।

8) शीशे में अपना मुँह देखना – अपनी योग्यता पर विचार करना
वाक्य – पहले शीशे में अपना मुँह देखना चाहिए तब किसी और के बारे में राय बनानी चाहिए।

9) शहीद होना – कुर्बान होना
वाक्य – आजादी के लिए कितने दीवाने शहीद हो गये।

10) श्रीगणेश करना – शुभारम्भ करना
वाक्य – कोई शुभ दिन देखकर किसी शुभ कर्म का श्रीगणेश करना चाहिए।

(स से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) साँप-छछूंदर की हालत – दुविधा
वाक्य – पिता अलग नाराज है, माँ अलग। किसे क्या कहकर मनाऊँ? इन दिनों मेरी तो साँप-छछूंदर की हालत है।

2) समझ (अक्ल) पर पत्थर पड़ना – बुद्धि भ्रष्ट होना
वाक्य – रावण की समझ पर पत्थर पड़ा था कि भला कहने वालों को उसने लात मारी।

3) सवा सोलह आने सही – पूरे तौर पर ठीक
वाक्य – राम की सेना में हनुमान इसलिए श्रेष्ठ माने जाते थे कि हर काम में वे ही सवा सोलह आने सही उतरते थे।

4) सर धुनना – शोक करना
वाक्य – रमा परीक्षा में असफल होने पर सर धुनने लगी।

5) सफेद झूठ – सरासर झुठ
वाक्य – यह सफेद झूठ है कि मैंने विद्या को गाली दी।

6) सरकारी मेहमान – कैदी
वाक्य – मुन्ना झूठे आरोप में ही सरकारी मेहमान बन गया।

7) सराय का कुत्ता – स्वार्थी आदमी
वाक्य – सब जानते हैं कि अभिषेक तो सराय का कुत्ता है तभी उसका कोई मित्र नहीं है।

8) साँप लोटना – ईर्ष्या आदि के कारण अत्यन्त दुःखी होना
वाक्य – राजू की सरकारी नौकरी लग गई तो पड़ोसी के साँप लोट गया।

9) सिर आँखों पर बिठाना – बहुत आदर-सत्कार करना
वाक्य – घर पर आए गुरुजी को छात्र ने सिर आँखों पर बिठा लिया।

10) सिर पर कफ़न बाँधना – मरने के लिए तैयार रहना
वाक्य – सैनिक सीमा पर सिर पर कफ़न बाँधे रहते हैं।

11) सिर पर पाँव रख कर भागना – बहुत तेजी से भाग जाना
वाक्य – पुलिस को देख कर डाकू सिर पर पाँव रख कर भाग गए।

12) सिर पर आ जाना – बहुत नजदीक होना
वाक्य – परीक्षा मेरे सिर पर आ गयी है, अब मुझे खूब पढ़ना चाहिए।

13) सींकिया पहलवान – दुबला-पतला व्यक्ति, जो स्वयं को बलवान समझता है।
वाक्य – शामू सींकिया पहलवान है फिर भी वह अपने आपको दारासिंह समझता है।

14) सेर को सवा सेर मिलना – किसी जबरदस्त व्यक्ति को उससे भी बलवान या अच्छा व्यक्ति मिलना
वाक्य – राजू अपने आप को बहुत बलवान समझता था, अब मोहन के आ जाने से सेर को सवा सेर मिल गया, अब राजू को मजा आएगा।

15) सोने की चिड़िया – धनी देश
वाक्य – हिन्दुस्तान इंग्लैण्ड के लिए सोने की चिड़ियाँ था।

16) संतोष की साँस लेना – राहत अनुभव करना
वाक्य – बच्चे को गोद में लेकर नदी पार कर ली तब जाकर संतोष की साँस ली।

17) सठिया जाना – बुद्धि नष्ट हो जाना
वाक्य – पंकज अब सठिया गया है, इसलिए बहकी बातें करने लगा है। उसकी बातों का बुरा मत मानो।

18) समाँ बाँधना – रंग जमाना
वाक्य – आज लता जी ने कार्यक्रम में समाँ बाँध दिया।

19) सरपट दौड़ाना – तेज दौड़ाना
वाक्य – राणा प्रताप का घोड़ा चेतक युद्ध में सरपट दौड़ता था।

20) साँप को दूध पिलाना – दुष्ट को आश्रय देना
वाक्य – नेताजी ने अपनी सुरक्षा के लिए एक गुंडे को रख लिया पर एक दिन उसी गुंडे ने गुस्से में नेताजी का ही खून कर दिया, इसलिए कहा जाता है कि साँप को दूध पिलाना अक्लमंदी नहीं है।

21) साँप सूँघ जाना – हक्का बक्का रह जाना
वाक्य – दुष्ट लोग बहुत गुंडागर्दी कर रहे थे, जब थानेदार साहब को देखा तो साँप सूँघ गया।

22) सात खून माफ करना – बहुत बड़े अपराध माफ करना
वाक्य – श्याम तो पंडितजी का इतना प्यारा है कि उसे तो सात खून माफ हैं। वह कुछ भी कर दोगा तो भी कोई भी कुछ नहीं कहेगा।

23) सात परदों में रखना – छिपाकर रखना
वाक्य – सुशील ने सेठजी को धमकी दी थी कि यदि वे अपनी बेटी को सात परदों में भी छिपाकर रखेंगे तो भी वह उसे ले जाएगा और उसी से शादी करेगा।

24) सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाना – बहुत डर जाना
वाक्य – जब उस लड़के ने पिस्तौल निकाल ली तो वहाँ खड़े सब लोगों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई।

25) सिर पर तलवार लटकना – खतरा होना
वाक्य – इस कंपनी में नौकरी करने पर हमेशा सिर पर तलवार ही लटकी रहती है कि कब कोई गलती हुई और नौकरी से निकाल दिए गए।

26) सुईं का भाला बनाना – छोटी-सी बात को बढ़ाना
वाक्य – आपसी झगड़े में हुई बात को वहीं समाप्त कर लेना चाहिए, सुईं का भाला बनाने से कोई फायदा नहीं होता।

27) सोने पे सुहागा – बेहतर होना
वाक्य – सेठ दीनानाथ पहले से ही करोड़पति थे और अब उनकी लॉटरी भी निकल आई। इसे कहते हैं सोने पे सुहागा।

(ह से शुरू होने वाले मुहावरे)

1) हाथ पैर मारना – काफी प्रयास
वाक्य – राम ने बहुत हाथ पैर मारे फिर भी वह परीक्षा में सफल नहीं हुआ।

2) हाथ देना – सहायता करना
वाक्य – नेता जी के हाथ दिये बिना राम का काम नहीं हो सकता था।

3) हथियार डाल देना – हार मान लेना
वाक्य – कारगिल की लड़ाई में पाकिस्तान ने हथियार डाल दिए थे।

4) हड्डी-पसली एक करना – खूब मारना-पीटना
वाक्य – बदमाशों ने काशी की हड्डी-पसली एक कर दी।

5) हथेली पर सरसों जमाना – कोई कठिन काम तुरन्त करना
वाक्य – जब सीमा ने राजू को दो घंटे में पूरी किताब याद करने को कहा तो राजू ने हथेली पर सरसों जमाने के लिए मना कर दिया।

6) हवा उड़ना – खबर या अफवाह फैलाना
वाक्य – एक बार हमारे गाँव में हवा उड़ी थी कि एक पहुँचे हुए महात्मा आए हैं, जो कि सच नहीं थी।

7) हवा में किले बनाना – काल्पनिक योजनाएँ बनाना
वाक्य – शंभू तो हमेशा हवा में किले बनाता रहता है।

8) हवा से बातें करना – हवा की तरह तेज दौड़ाना
वाक्य – राणा प्रताप का घोड़ा चेतक हवा से बातें करता था।

9) हाथ का खिलौना – किसी के आदेश के अनुसार काम करने वाला व्यक्ति
वाक्य – बेचारा राजू इन दुष्टों के हाथ का खिलौना बन गया है।

10) हालत खस्ता होना – कष्टमय परिस्थिति होना
वाक्य – बेरोजगारी में धरमचंद की हालत खस्ता है।

11) होंठ काटना – क्रोधित होना
वाक्य – रामू का जवाब सुनकर उसके पिताजी ने होंठ काट लिए।

12) हरी झंडी दिखाना – आगे बढ़ने का संकेत करना
वाक्य – नेता जी के घर में बिना हरी झंडी दिखाए कोई काम शुरू नहीं कर सकते।

13) हाथ को हाथ न सूझना – घना अंधकार होना
वाक्य – घर में पार्टी चल रही थी कि अचानक बिजली चली गई। चारों ओर अँधेरा छा गया, हाथ को हाथ भी नहीं सूझ रहा था।

14) हुक्का पानी बंद करना – जाति से बाहर कर देना
वाक्य – रमाकांत की बेटी ने अंतर्जातीय विवाह किया तो सारे गाँव के लोगों ने उसका हुक्का-पानी बंद कर दिया।

15) हेकड़ी निकालना – अभिमान चूर करना
वाक्य – यदि कोई रमेश से टक्कर लेता है तो वह सबकी हेकड़ी निकाल लेता है।

16) होश सँभालना – वयस्क होना, समझदार होना
वाक्य – बेचारे ने जब से होश सँभाला है तभी से गृहस्थी की चिंता में फँस गया है।

17) हौसला पस्त होना – हतोत्साहित होना
वाक्य – जब बहुत मेहनत करने के बाद भी मनोनुकूल परिणाम नहीं मिलता तो हौसला पस्त होना स्वाभाविक ही है।

18) हौसला बढ़ाना – हिम्मत बढ़ाना
वाक्य – अध्यापकों को चाहिए कि वे बच्चों का हौसला बढ़ाते रहें तभी बच्चे कुछ अच्छा कर पाएँगे।

 
Top
 

Hindi Grammar Videos on SuccessCDs: 

  • कारक परिभाषा, कारक के कितने भेद हैं? उदहारण,  Hindi Grammar हिंदी व्याकरण
  • सर्वनाम परिभाषा,  उदाहरण Sarvanam ke bhed,  Sarvanam Examples, Exercises
  • वचन, वचन बदलो,  एक वचन बहु वचन. Vachan in Hindi, Vachan Badlo, Sentences, Hindi Grammar Basics
  • लिंग परिभाषा,भेद व् उदहारण – हिंदी व्याकरण, Ling/Gender in Hindi Grammar SuccessCDs
  • Sangya Kise Kehtay hain| संज्ञा की परिभाषा, भेद व् उदहारण | Hindi Grammar,Class 6, 7, 8
  • वर्ण विचार हिंदी व्याकरण | वर्ण के भेद , स्वर के भेद , व्यंजन के भेद , उदाहरण Hindi Grammar Basics
  • शब्द विचार, शब्दों के प्रकार | Shabd Vichar Hindi Grammar Basics for Class 6,7,8| Hindi Vyakaran

 

Recommended Read

Joining / combining sentences in Hindi

Indeclinable words in Hindi

Gender in Hindi

Gender in Hindi, Ling Examples

Formal Letter in Hindi

Dialogue Writing in Hindi Samvad Lekhan,

Deshaj, Videshaj and Sankar Shabd Examples

Joining of words in Hindi, Sandhi Examples

Informal Letter in Hindi अनौपचारिकपत्र, Format

Homophones in Hindi युग्म-शब्द Definition

Punctuation marks in Hindi

Proverbs in Hindi

 

सोता पड़ गया का क्या मतलब है?

सोता पड़ना के हिंदी अर्थ عام طور سے سب کا سو جانا ، رات ہو جانا .

हिंदी मुहावरे और वाक्यांश?

List of Idioms with meaning and example sentences – अर्थ और उदाहरण वाक्यों के साथ मुहावरों की सूची.
अक्ल पर पत्थर पड़ना – बुद्धि भष्ट होना ... .
अंक भरना – स्नेह से लिपटा लेना ... .
अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना – स्वयं अपनी प्रशंसा करना ... .
अक्ल का चरने जाना – समझ का अभाव होना ... .
अपने पैरों पर खड़ा होना – स्वालंबी होना.

मुहावरे को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

मुहावरा MEANING IN ENGLISH - EXACT MATCHES Usage : A group of words with special meaning is called a phrase. Usage : There is a proverb in English, Tit for tat.

हिंदी में मुहावरे कैसे लिखते हैं?

मुहावरा छोटा होता है जबकि लोकोक्ति बड़ी और भावपूर्ण होती है। वाक्य प्रयोग: यह बच्चा मेरी आँखों का तारा है। वाक्य प्रयोग – उसकी क्या बात कर रहे हो, वह तो मेरे खून का प्यासा हो गया है। वाक्य प्रयोग: आतंकवादियों को देखकर मेरा तो खून ठण्डा पड़ गया।