सड़क सुरक्षा सप्ताह 2022 की थीम क्या है? - sadak suraksha saptaah 2022 kee theem kya hai?

सड़क सुरक्षा सप्ताह 2022 की थीम क्या है? - sadak suraksha saptaah 2022 kee theem kya hai?
नई दिल्लीPublished: Jan 11, 2022 04:58:47 pm

National Road Safty Week 2022 देश में हर वर्ष होने वाले मौत के आंकड़े में बड़ा हिस्सा सड़क दुर्घटनाओं का रहता है। यही नहीं देश की जीडीपी का करीब तीन से पांच फीसदी हिस्सा भी सड़क हादसों में लगा है। वहीं दुनियाभर में कई देश ऐसे हैं जिन्होंने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता के साथ लिया और सख्त नियमों के जरिए इसे काफी हद तक कंट्रोल भी किया।

सड़क सुरक्षा सप्ताह 2022 की थीम क्या है? - sadak suraksha saptaah 2022 kee theem kya hai?

नई दिल्ली। देशभर में हर वर्ष बड़ी संख्या में सड़क हादसे होते हैं। इन सड़क हादसों में कई लोग अपनी जान गंवाते हैं। भारत में सड़क दुर्घटनाएं मौतों और चोटों के प्रमुख कारणों में से एक रही हैं। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत की जीडीपी का करीब तीन से पांच फीसदी हिस्सा सड़क हादसों में लगा है। इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह ( National Road Safty Week 2022 ) मनाने का फैसला किया है।

Road Safety Week 2022 सड़क सुरक्षा सप्ताह मना रहे परिवहन अधिकारी वाहन चालकों को जागरूक कर रहे हैं। सोमवार को रेडिएंट स्टार इंग्लिश स्कूल में हुए कार्यक्रम में अफसरों ने तथ्यों के साथ अपनी बात रखी और यातायात नियमों का पालन करने सलाह दी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सड़क सुरक्षा सप्ताह मना रहे परिवहन अधिकारी वाहन चालकों को जागरूक कर रहे हैं। सोमवार को रेडिएंट स्टार इंग्लिश स्कूल में हुए कार्यक्रम में अफसरों ने तथ्यों के साथ अपनी बात रखी और यातायात नियमों का पालन करने सलाह दी। संभागीय परिवहन अधिकारी केडी सिंह ने बताया विश्व के केवल दो प्रतिशत वाहन भारत में हैं। जबकि, दुर्घटनाओं में भारत का योगदान 11 प्रतिशत है। सड़क दुर्घटनाओं में प्रत्येक वर्ष अर्थव्यवस्था की तीन से पांच प्रतिशत हानि होती है, जो कि 1.5 लाख करोड़ से अधिक है। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाकर न केवल स्वयं को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि देश के विकास में भी बहुमूल्य योगदान दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा से संबंधित विभागों द्वारा संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

शराब पीकर वाहन चलाने से हो रहे हादसे

संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) फरीदउद्दीन व सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) अमिताभ चतुर्वेदी ने दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट की आवश्यकता, चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग करने पर विस्तार से जानकारी दी। तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने और शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाले नुकसान की जानकारी वीडियो के जरिए दी। बताया कि 80 प्रतिशत दुर्घटनाएं चालक की गलती से होती हैं। इंडियन एलायंस आफ एनजीओ आन रोड सेफ्टी के अरूण श्रीवास्तव ने बताया कि दुपहिया वाहन चालकोें को ब्यूरो आफ इंडियन स्टेंडर्ड द्वारा निर्धारित मानक के हेलमेट का ही प्रयोग करना चाहिए। निम्न गुणवत्ता के हेलमेट लगाएं, क्योंकि दुर्घटना के समय ये जान बचाने में सहायक सिद्ध नहीं होते हैं। प्रत्येक वर्ष देश में लगभग 42,000 लोगों की मृत्यु केवल मानक के अनुरूप हेलमेट न पहनने अथवा हेलमेट का प्रयोग न करने के कारण होती है।

बच्‍चों के लिए हेलमेट जरूरी

पुलिस अधीक्षक (यातायात) मुकेश चंद्र उत्तम ने कहा कि सड़क सुरक्षा एवं यातायात के नियम हम सभी की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं। दुपहिया वाहन पर चार साल से अधिक आयु के बच्चों के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य है। देश में प्रतिवर्ष लगभग 17,000 लोगोें की मृत्यु केवल सीटबेल्ट का प्रयोग न करने के कारण ही होती है। चार पहिया वाहन में पिछली सीट पर बैठने वाले व्यक्तियों के लिए भी सीटबेल्ट लगाना जरूरी है।

वाहनों की जांच जरूरी

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) रंजीत सिंह ने बताया कि अपने वाहनों की समय-समय पर जांच करते रहना चाहिए। टायर का दबाव, ब्रेक पैड, इंजन आयल और कूलेंट, टायर की दशा देखनी चाहिए। व्यवसायिक वाहनों में रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप भी लगाना चाहिए, जिससे रात के समय पीछे से आने वाले वाहन को आपके वाहन की स्पष्ट दृश्यता बनी रहे और दुर्घटना की संभावना न हो।

Edited By: Sandeep Kumar Saxena

National Safety Day 2021: भारत में हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुर्घटनाओं से रोकने के लिए किए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ?

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दौरान औद्योगिक दुर्घटनाओं से बचाव के तरीकों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस खासतौर पर हजारों सिपाहियों को समर्पित किया जाता है, जो अपनी जान खतरे में डालकर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात रहते हैं.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को 4 मार्च 1972 में पहली बार मनाया गया था और इसी दिन नेशनल सेफ्टी काउंसिल की स्थापना की गई थी. इस वजह से इस दिन को नेशनल सेफ्टी डे के रूप में मनाया जाने लगा.

नेशनल सेफ्टी काउंसिल में एक गैर सरकारी और गैर लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करता है. साल 1966 में मुंबई सोसायटी अधिनियम के तहत इस संगठन की स्थापना की गई थी जिसमें आठ हजार सदस्यों को शामिल किया गया था.

National Safety Day 2022 की थीम

हर साल, भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम प्रकाशित करती है. भारत में नेशनल सेफ्टी डे एक खास थीम के साथ मनाया जाता है, इस साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2022 की थीम है “सुरक्षा संस्कृति के विकास हेतु युवाओं को प्रोत्साहित करें” (NURTURE YOUNG MINDS DEVELOP SAFETY CULTURE). लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम के बारे में पता होना चाहिए.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की गतिविधियां और कार्यक्रम

यह सप्ताह विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न ओद्योगिक संगठनो द्वारा मिलकर मनाया जाता है. ये संस्थाए विभिन्न कार्यक्रमों और विभिन्न प्रमोशनल मटेरियल्स के द्वारा लोगों में राष्ट्रीय सुरक्षा कि भावना को जागरूक करती है. इन कार्यक्रमों को विभिन्न इलेक्ट्रोनिक मीडिया पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और अन्य ओद्योगिक पत्रिकाओं के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया जाता है.

इस पूरे राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के दौरान राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर विभिन्न गतिविधियों जैसे वाद-विवाद प्रतियोगिता, सेमिनार, सुरक्षा संदेशो के पोस्टर, स्लोगन, निबंध प्रतियोगिता, सुरक्षा पुरुस्कार वितरण, बैनर प्रदर्शनी, विभिन्न नाटक गीत तथा खेल प्रतियोगिता, विभिन्न कार्यशालाए और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के मुद्दो पर जागरूक किया जाता है.

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Published Date Fri, Mar 4, 2022, 6:03 AM IST