सड़क या मैदान पर दुर्घटना होने पर प्रथम उपचार क्या देंगे? - sadak ya maidaan par durghatana hone par pratham upachaar kya denge?

सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए प्राथमिक उपचार: हर नागरिक को क्या जानना चाहिए

Show

प्राथमिक उपचार के बारे में पता होना चाहिए: यह हो सकता है कि एक दिन आप दुर्घटना स्थल पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति हों, या आप सड़क दुर्घटना में शामिल हो सकते हैं लेकिन अहानिकर हो सकते हैं। क्या आपको पता होगा कि क्या करना है?

हालांकि इस उच्च मृत्यु दर के लिए उचित सड़कों की कमी, ध्यान भटकाने और लापरवाही से वाहन चलाने के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, इन मौतों का एक बड़ा हिस्सा इस तथ्य के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है कि अधिकांश पीड़ितों को उचित चिकित्सा देखभाल नहीं मिलती है और प्राथमिक चिकित्सा समय के भीतर।

हम इनमें से प्रत्येक जीवन रक्षक कदम की जांच करेंगे जो सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की मदद कर सकते हैं।

प्राथमिक उपचार से पहले दुर्घटनास्थल पर पहुंचना

जब आप एक कार दुर्घटना का सामना करते हैं, तो आपको सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि प्राथमिक चिकित्सा का प्रयास करने से पहले दृश्य में प्रवेश करना सुरक्षित है या नहीं।

यह पीड़ितों की मदद करने से पहले आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है।

चोटों के लिए जाँच करें

यदि आप दुर्घटना में घायल हुए हैं, तो पहले स्वयं की जाँच करें कि कहीं कोई चोट या रक्तस्राव तो नहीं है।

यदि अन्य घायल होते हैं, तो उनकी चोटों की सीमा का आकलन करें।

सिर में खून बह रहा देखो, गरदन, हाथ, पैर, पेट और शरीर के अन्य भाग।

एम्बुलेंस सेवाओं को कॉल करें: एम्बुलेंस के आने से सारा फर्क पड़ता है

आपातकालीन कॉल करें एम्बुलेंस या आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं (ईएमएस) को तुरंत दुर्घटना की सूचना देने के लिए।

पीड़ितों को पुनर्जीवित करने और निकटतम चिकित्सा सुविधा में ले जाने के बारे में सलाह के लिए ईएमएस ऑपरेटर से पूछें।

मुंह या गले में रुकावटों की जाँच करें।

यदि पीड़ित ने सांस लेना बंद कर दिया है, तो जांच लें कि उसका मुंह बाधित तो नहीं है।

रुकावट को दूर करने और वायुमार्ग को साफ करने के लिए अपनी तर्जनी और मध्यमा का प्रयोग करें।

जीवन रक्षक तकनीकों का प्रदर्शन करें

यदि नाड़ी नहीं है और पीड़ित अनुत्तरदायी है और सांस नहीं ले रहा है, तो तुरंत सीपीआर करें।

पीड़ित के शरीर को ठीक करने की स्थिति में रखें, गर्दन को सीधा रखें, फिर सीपीआर के साथ आगे बढ़ें।

प्राथमिक उपचार: खून बहने वाले घावों का इलाज

एक साफ कपड़ा या मुलायम पैड खुले घाव पर लगातार दबाव डालने से खून बहना बंद हो सकता है।

सड़क या मैदान पर दुर्घटना होने पर प्रथम उपचार क्या देंगे? - sadak ya maidaan par durghatana hone par pratham upachaar kya denge?

हाथों की हथेलियों से दबाएं और फ्रैक्चर का इलाज करें।

रीढ़ की हड्डी की चोटों का इलाज करें (हमेशा रीढ़ की हड्डी की चोटों पर संदेह करें)

एक कार दुर्घटना में, गर्दन और रीढ़ की हड्डी में चोट लगने की आशंका है।

यदि पीड़ित बेहोश है या गर्दन सामान्य स्थिति में नहीं है, तो बेहतर होगा कि पीड़ित को तब तक न हिलाएं जब तक कि उसे तत्काल खतरा न हो।

पीड़ित को संदिग्ध गर्दन से संभालना या हिलाना और रीढ़ की हड्डी में चोट लगने से अधिक नुकसान हो सकता है।

प्राथमिक उपचार में महत्वपूर्ण: पीड़ित को गर्म रखें

हादसे के बाद सदमे से पीड़ित लोगों को भीषण ठंड का अनुभव हो रहा है.

इसलिए, उन्हें गर्म रखना उनके अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है।

जैकेट, स्वेटर या जो कुछ भी घटनास्थल पर उपलब्ध है, उसका प्रयोग करें।

देश में घातक सड़क दुर्घटनाओं की घटनाओं को रोकने के लिए, हमें यह जानना होगा कि सड़क दुर्घटनाओं से कैसे निपटा जाए।

प्राथमिक चिकित्सा की मूल बातें जानने के लिए प्राथमिक चिकित्सा पाठ्यक्रम में भाग लें।

कुछ ही घंटों में सीखे जा सकने वाले सरल कौशलों के साथ जीवन बचाने का तरीका जानें।

सड़क या मैदान पर दुर्घटना होने पर प्रथम उपचार क्या देंगे? - sadak ya maidaan par durghatana hone par pratham upachaar kya denge?
हिट एंड रन कांसेप्ट। कार के पिछले शीशे में सड़क पर घायल व्यक्ति को देखें।

इसके अलावा पढ़ें:

इमरजेंसी लाइव और भी अधिक…लाइव: आईओएस और एंड्रॉइड के लिए अपने समाचार पत्र का नया मुफ्त ऐप डाउनलोड करें

प्राथमिक उपचार: दुर्घटना की स्थिति में घायल व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर कैसे रखें?

सीपीआर - क्या हम सही स्थिति में संपीड़ित कर रहे हैं? शायद नहीं!

सीपीआर और बीएलएस में क्या अंतर है?

एक बच्चे पर प्राथमिक उपचार करें: वयस्क के साथ क्या अंतर है?

स्रोत:

प्राथमिक चिकित्सा ब्रिस्बेन

१) अप्रशिक्षित चालक(untrained driver)- भारत में आये दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण यह भी हैं की यहाँ वास्तव में ही बिना किसी परीक्षा पास किये ही ज्यादातर शहरों,कस्बों और गावों में लोगों को लाइसेंस दे दिया जाता, सच तो यहाँ तक हैं की कभी-कभी जो आर.टी.ओ.(R.T.O.) के दलाल हैं वोह लोगों को कह देते हैं की आपको वहाँ जाना भी नहीं पड़ेगा और हम सब कुछ करवा देंगे आपको लाइसेंस आपके घर पर दे जाएंगे ज्यादातर यह भारत में महिलाओं के साथ हो रहा हैं वैसे पुरुष भी इस मामले में बहुत ज्यादा पीछे नहीं हैं, लेकिन भारत सरकार के ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने लाइसेंस देने की प्रक्रिया को काफी मजबूती दी हुई हैं, विभाग के अनुसार जब तक आप स्वयं जा कर अपना पेपर नहीं देंगे और आपको ट्रायल भी देना पड़ेगा तब तक आपको ड्राविंग लाइसेंस नहीं दिया जाएगा, लेकिन यह सब केवल मंत्रालय के कागजों और कार्यालयों के अंदर ही होता हैं, वास्तव में आर.टी.ओ.(R.T.O.)के ऑफिस में जहाँ पर यह पूरी प्रक्रिया होती हैं वहां पर यह सब काम केवल आर.टी.ओ.(R.T.O.) के सिपाही ही करते हैं वही आपकी परीक्षा देते हैं, वही बाकी की प्रक्रिया करते हैं आप अगर गए हैं तो बुत बनके बैठे रहिये बस, तो यहाँ भी जिम्मेदारी सरकार की ही निकल के आती हैं..

२) शराब -: दुर्घटनाओं का दूसरा सबसे बड़ा कारण शराब पीकर गाडी चलाना, हमारे देश में ज्यादातर ड्राइवर(गाडी चालक) शराब के नशे में गाडी चलाते हैं उसका मुख्य कारण उनकी चौबीस घंटे की ड्यूटी होती हैं, उनका मानना होता हैं की अगर हम नशा कर लेते हैं तो हमें नींद नहीं आएगी जो की बिलकुल गलत होता हैं, नशा करने के बाद उनका शरीर तो जगा हुआ रहता हैं लेकिन नशा करने के बाद ब्यक्ति का दिमाग अपने आप शो जाता हैं और तभी हादशे(हत्या) हो जाती हैं, इसमें भी सरकार ने बहुत अच्छा नियम बना दिया हैं, शराब पीकर या फिर नशे में गाडी चलाने वाले ब्यक्ति को सजा का प्रावधान किया गया हैं लेकिन यह सजा ज्यादातर लोगों को मिलती नहीं हैं क्यू की पकड़ें जाने पर यह पुलिस को कुछ न कुछ ले देकर निकल जाते हैं, तो यहाँ पर लापरवाही सरकार की निकल कर ही आई।

३) क्षमता से अधिक सामान का होना -: भारत में हो रही सड़क दुर्घटनाओं का एक यह भी मुख्य कारण हैं की वाहन के अंदर उसकी क्षमता से दो गुना तीन गुना चार-चार गुना अधिक सामान लाद दिया जाता हैं जिसके कारण उन मालवाहक वाहनों के टायर फट जाते हैं और दुर्घटनाये हो जाती हैं जिससे सामान और ब्यक्ति यानी की जन और धन दोनों का ही नुकशान होता हैं, अब सवाल यह उठता हैं की जब हर किसी को पता हैं तो लोग ऐसा क्यू करते हैं, क्यू मोटर मालिक या फिर ड्राइवर अपनी जान और माल दोनों का नुकशान उठाने के लिए तैयार हो जाते हैं, इसके मुख्य कारण निम्न हैं १) पुलिस- हमारे देश की पुलिस यहाँ पर उत्तरदायी इसलिए हैं क्यू की यह ज्यादातर मामलों रक्षक (हीरो) नहीं बल्कि भक्षक(गुंडों) की तरह काम करती हैं,आप अपनी गाडी को लेकर जिस सड़क जिस शहर से गुजरेंगे हर मोड़, हर टोल नाके या फिर कही भी जहाँ भी पुलिस आपको मिल जायेगी आपको कुछ न कुछ देना ही पड़ेगा नहीं तो बिना मतलब के भी पुलिस आपको कुछ न कुछ देर के लिए परेशान करेगी, इस से बचने के लिए लोग पुलिस को पैसा देते हैं और ओवर लोडिंग में गाडी चलाते हैं उस पैसे की बराबरी करने के लिए, यहाँ भी जिम्मेदार प्रशासन ही हैं ड्राइवर की तनख्वाह का कम होना – पहले ही दिन से जब से मैंने इस ड्राइवरों और मोटर की दुनिया को समझने की कोशिस की हैं तब से मैंने केवल एक बात देखी हैं की मोटर मालिकों को एक बात लगती हैं की ड्राइवर के पास एक्स्ट्रा इनकम होती हैं इसलिए इन्हे तनख्वाह कम दी जाए, मालिक यह सोचकर तनख्वाह कम देते हैं और ड्राइवर इसकी भरपाई के लिए फिर एक्स्ट्रा माल गाड़ी में लोड करवाते हैं जिसे बेचकर वोह अपना पैसा बराबर करते हैं, जिसकी वजह से भी दुर्घटनाओं का जन्म होता हैं। ४) लचीली कानून ब्यवस्था -: हमारे देश का संविधान भले ही लिखित तौर पर दुनिया का सबसे बड़ा और आदर्श संविधान हैं लेकिन वास्तव में यह बहुत ही लचीला या फिर यूँ कहें तो जर्जर कानून हैं, हमारे यहाँ हर किसी को पता हैं की अगर हमारे पास लाइसेंस हैं और गाडी का बीमा हैं तो किसी को भी ठोक दो भले ही वोह भारत का राष्ट्रपति ही क्यू न हो कोई फर्क नहीं पड़ेगा 7 दिन के अंदर आपको जमानत मिल जाएगी और फिर लड़ते रहो मुकदमा आजीवन और जो बाकी का नुकशान हैं वोह बीमा कंपनी भरेगी ही, तो कही भी ड्राइवर या फिर मोटर मालिक को कोई फर्क ही नहीं पड़ता दुर्घटनाओं से वोह आराम से रहते हैं और अपने प्रतिदिन की ही तरह जीवन चलता हैं उनका फर्क केवल किसी को पड़ता हैं तो उसमें उस पार्टी को जिसे क्षति पहुचती हैं, इसके अलावा इस पूरे मामले में हमारी दूसरी पार्टी भी जिम्मेदार कही न कही होती हैं क्यू की दुर्घटना होने के बाद यह दंड के तौर पर काफी मामलों में पैसा लेकर मामले को रफा-दफा कर देते हैं और बाद में कहते हैं की जिसको जाना था वोह तो चला गया अब और क्या कर सकते हैं कम से कम पैसा मिल रहा हैं यही ठीक हैं और अंततः जिसने गलती की हैं वोह बरी, आज़ाद हो जाता हैं और जिन्दा मौत बन कर सड़क पर फिर से घूमने लगता हैं।

५) खराब सड़कें – हमारे देश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं का एक यह भी अहम कारण हैं की हमारे यहाँ की सड़कें हद से ज्यादा ख़राब हैं, सड़क ख़राब होने से मेरा मतलब केवल सड़क पर गड्ढे होने से नहीं हैं सड़क का डिजाइन भी सड़क ख़राब होने में अहम भूमिका निभाता हैं और सड़क ख़राब होने का मुख्य कारण हैं ठेकेदारी प्रथा, हमारे देश में ज्यादातर सड़कें या फिर यूँ कहे तो हर सड़क सरकार नहीं बल्कि रसूक दार लोग या फिर इस विभाग से जुडी हुई प्राइवेट कंपनिया बनाती हैं, वोह अपना डिजाइन तैयार करके भारत सरकार से अप्रूवल ले लेते हैं या फिर उन्हें डिजाइन मिल जाता हैं और सड़क बनाने का ठेका मिल जाता हैं और फिर उसके बाद वोह अपना काम सुरु कर देते हैं, उनको कोई फर्क नहीं पड़ता की वोह सड़क दस दिन चलेगी या फिर पंद्रह दिन कोई मतलब नहीं होता उनका उनका काम केवल तब तक का होता हैं जब तक की उनको पैसा नहीं मिल जाता, सबसे घटिया सामान प्रयोग किया जाता हैं और सड़क का पैसा पास करवाने के लिए विभाग के मंत्री से लेकर चपरासी तक को ठेकेदार लोग पैसा खिलाते हैं, उसके बाद हम उस सड़क पर चलते हैं तो सड़क तो खराब होगी ही, क्यू की हमारे देश में सड़क लोगों के आवागमन और ब्यापार के लिए नहीं बल्कि पैसा कमाने के लिए बनाई जाती हैं।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • कार्यस्थल दुर्घटना

सन्दर्भ[संपादित करें]

सड़क पर दुर्घटना होने पर प्राथमिक उपचार क्या करना चाहिए *?

तुरंत एम्बुलेंस के लिए कॉल करें या घायल को अस्पताल पहुंचाएं। जैसे की आप रोगी की स्थिति के बारे में अधिक जानते हैं तो आप डॉक्टरों को उनके बारे में बताने के लिए बेहतर सक्षम होंगे। यदि कोई पल्स नहीं है, तो सीपीआर शुरू करें। सीपीआर शुरू करने के लिए गर्दन को सीधा रखते हुए व्यक्ति को उनकी पीठ के बल लेटाएं ।

दुर्घटना होने पर प्राथमिक उपचार क्यों आवश्यक है कारण बताइए?

किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता है उसे प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) कहते हैं। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना होता है कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो।

जब कोई व्यक्ति घायल हो जाए तो आपको क्या करना चाहिए?

अगर कोई व्यक्ति किसी दुर्घटना में घायल हो गया है तो पहले चेक करें कि आप या वह व्यक्ति किसी खतरे वाली पोजीशन में तो नहीं हैं। अगर हैं तो स्थिति को सुरक्षित बनाएं। जब ऐसा कर लें तो देखें कि घायल की स्थिति क्या है और जरूर तो तो एंबुलेंस मंगवाएं। इसके बाद आप बेसिक फर्स्ट ऐड कर सकते हैं।

सड़क दुर्घटना के व्यक्ति को पाने पर आपकी क्या जिम्मेदारी है?

आपके सामने सड़क दुर्घटना होने पर वहां से भागने की बजाय दुर्घटनाग्रस्‍त व्‍यक्ति की मदद करें, उससे संबंधित सभी प्रकार के दस्‍तावेज तैयार करें, प्राथमिक चिकित्‍सा देकर पुलिस को इसके बारे में सूचित करें।