ल्हासा की चाय की क्या विशेषता है ? लेखक ने तिब्बती चाय की क्या विशेषता बताएं? ल्हासा की ओर पाठ में तिब्बत में डालने की क्या विशेषता है? ल्हासा में चाय में डाला जाता है क्या? 1 Answers वहाँ चाय मक्खन और सेंधा नमक डाल कर बनाई जाती है। आप वहाँ किसी से भी कहकर चाय बनवा सकते हैं। उसके लिए चाय, मक्खन और सेंधा नमक देना पड़ता है। वे लोग चाय चोङी में कूटकर उसे दूधवाली चाय के रंग की बनाकर मिट्टी के टोटीदार बरतन
में रखकर आपको दे देंगे। यदि आप चूल्हे से दूर बैठे हैं और आप को डर है कि वे सारा मक्खन आप की चाय में नहीं डालेंगी तो आप स्वयं जाकर चोङी में चाय मथकर ला सकते हैं। चाय का रंग तैयार हो जाने पर, उसमें नमक-मक्खन डालने की जरूरत होती है। Online Test of पाठ – 2 ल्हासा (Lhasa) Test 2 | Hindi kshitiz Class 9th क्षितिज 1. तिब्बत में किसके बारे में कोई कानून नहीं है? 2. तिब्बत की धूप कैसी होती है? 3. दुर्ग के एक भाग में किसने अपना बसेरा बना लिया है? 4. सुमति कौन था? 5. तिब्बत में चाय तैयार हो जाने पर क्या डालने की जरूरत होती है? 6. डाकुओं के लिए तिब्बत में सबसे अच्छी जगह कौन-सी है? 7. नेपाल-तिब्बत मार्ग पर किस फ़ौज का कब्जा है? 8. लेखक
अपनी यात्रा के दौरान कहाँ ठहरे थे? 9. तिब्बत में शाम के समय लोग क्या पीकर मस्त रहते हैं? 10. तिब्बत के एक मंदिर में कन्जुर की हस्तलिखित कितनी पोथियाँ रखी हुई थीं? Click on ‘Start Quiz’ to Take Test. विषयसूची ल्हासा की चाय की क्या विशेषता है?इसे सुनेंरोकेंवे लोग चाय चोङी में कूटकर उसे दूधवाली चाय के रंग की बनाकर मिट्टी के टोटीदार बरतन में रखकर आपको दे देंगे। यदि आप चूल्हे से दूर बैठे हैं और आप को डर है कि वे सारा मक्खन आप की चाय में नहीं डालेंगी तो आप स्वयं जाकर चोङी में चाय मथकर ला सकते हैं। तिब्बतियों की चाय की क्या विशेषता है?इसे सुनेंरोकेंचूंकि बटर में बहुत ज्यादा गर्मी, फैट और एनर्जी होती है। इसलिए हिमालय के सर्द प्रदेशों में रहने वाले तिब्बतियों के लिए यह चाय ठंडे व शुष्क मौसम से लड़ने में मददगार होती है। इससे होंठों के फटने की समस्या से भी बचाव होता है, जो कि इस क्षेत्र में काफी आम होती है। तिब्बत के लोगों की सबसे बड़ी विशेषता क्या है?इसे सुनेंरोकेंउत्तर ► तिब्बत के लोगों के सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि उनमें जाति-पाति, छुआछूत जैसी भावनाएं नहीं थीं और ना ही वहांँ महिलाओं में पर्दा प्रथा जैसी कोई कुरीति थी। महिलाओं को तिब्बत में पूरी आजादी थी। तिब्बत के लोग अतिथियों का सत्कार करने में भी माहिर थे। लेखक के अनुसार तिब्बत की महिलाओं की क्या विशेषता है? इसे सुनेंरोकें✎… तिब्बत की महिलाओं की विशेषताएं अधिक स्वतंत्र और खुले विचारों की थीं। वे जात-पात और छुआछूत जैसी कुरीतियों में विश्वास नही करती थीं, और ना ही उनके यहाँ परदा जैसी कोई प्रथा का प्रचलन था। तिब्बत की महिलाएं अतिथि सत्कार करने में माहिर थे और आज अनबियों के साथ भी वह सहजता से पेश आती थीं। तिब्बत में चाय तैयार हो जाने पर क्या डालने की जरूरत होती है *? इसे सुनेंरोकें5. तिब्बत में चाय तैयार हो जाने पर क्या डालने की जरूरत होती है? (क) नमक-मक्खन तिब्बती लोग टोंटीदार बर्तन को क्या कहते है?इसे सुनेंरोकेंतिब्बती लोग टोंटीदार बर्तन को क्या कहते हैं। खोटी कहते हैं। तिब्बत में चाय का रंग तैयार होने पर क्या डालने की जरूरत होती है?इसे सुनेंरोकेंऐसा ही परित्यक्त एक चीनी किला था। हम वहाँ चाय पीने के लिए ठहरे। तिब्बत में यात्रियों के लिए बहुत सी तकलीफें भी हैं और कुछ आराम की बातें भी। चाय का रंग तैयार हो जाने पर फिर नमक-मक्खन डालने की जरूरत होती है। तिब्बती समाज की सबसे बड़ी विशेषता क्या है class 9?इसे सुनेंरोकेंतिब्बत के सामाजिक जीवन में समानता की विशेषता देखने को मिलती है, क्योंकि उस समाज में जाति-पाँति, छुआछूत और पर्दा-प्रथा नहीं थी। तिब्बत के लोग बिना भय के रहते थे। 2 यह व्यापारिक ही नहीं, सैनिक रास्ता भी था, इसलिए जगह- जगह फौजी चौकियाँ और किले बने हए हैं, जिनमें कभी चीनी पलटन रहा करती थी। तिब्बत में खेती का प्रबंध देखने वाले भिक्षुओं की क्या स्थिति है? इसे सुनेंरोकेंतिब्बत में खेती की ज़मीन छोटे-बड़े जागीरदारों में बँटी है। इन जमीनों का एक बड़ा हिस्सा जागीरों (मठों) के हाथ में है। खेती का इंतजाम देखने के लिए जिन भिक्षुओं को भेजा जाता है जो जागीर के आदमियों के लिए राजा जैसा होता है। इन भिक्षुओं और जागीरदारों पर ही खेती कराने की जिम्मेदारी होती है। लेखक ने तिब्बत के बौद्ध भिक्षुओं की क्या विशेषता बतायी ल्हासा की ओर पाठ के आधार पर वर्णन कीजिए? इसे सुनेंरोकेंतिब्बत के डाँड़े तथा निर्जन स्थलों पर डाकू यात्रियों का खून पहले इसलिए कर देते थे क्योंकि वहाँ की सरकार पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग पर ज्यादा खर्च नहीं करती थी | इस कारण वहाँ के डाकुओं को पुलिस का कोई भय नहीं था | वहाँ कोई गवाह नहीं मिलने पर उन्हें सज़ा का भी डर नहीं रहता था | वहाँ हथियारों का कानून न होने से अपनी जान … डाकुओं के लिए तिब्बत में सबसे अच्छी जगह कौन सी है *?इसे सुनेंरोकेंउत्तरः तिब्बत में डाँड़े डाकुओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह है क्योंकि वहाँ ऊँचाई के कारण मीलों तक आबादी नहीं है और नदियों के मोड़ और पहाड़ों के कोनों के कारण दूर तक आदमी दिखाई नहीं देता। तिब्बत में चाय तैयार हो जाने पर उसमें क्या डालने की जरूरत होती है?चाय का रंग तैयार हो जाने पर, उसमें नमक-मक्खन डालने की जरूरत होती है।
डाकुओं के लिए तिब्बत में सबसे अच्छी जगह कौन सी है?थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका।
डाकुओं के लिए तिब्बत में सबसे अच्छी जगह कौन सी है 1 Point ल्हासा डांड़े तिंगरी लंकोर?डाकुओं के लिए तिब्बत में सबसे अच्छी जगह कौन-सी है? (क) लंकोर (ख) डांड़े (ग) तिंगरी
ल्हासा के चाय की क्या विशषता ह े ै?ल्हासा की ओर पाठ के आधार पर लिखिए।
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