दो मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव और मां पार्वती का रूप कहा जाता है। इसके अलावा इसका स्वामी चंद्रमा ग्रह है। इस रुद्राक्षण को धारण करने वाले व्यक्ति की सभी समस्याएं खुद ईश्वर दूर करते हैं। वैवाहिक सुख की प्राप्ति के लिए भी इस रुद्राक्ष को धारण किया जाता है। दो मुखी रुद्राक्ष सीधे सीधे भगवान शिव और माँ पारवती का स्वरुप है | इसे अर्धनारीश्वर का स्वरुप भी कहा गया है | इस रुद्राक्ष को धारण करने से शिव और शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है | वैसे तो इस रुद्राक्ष की उत्पति नेपाल, इंडोनेशिया व् भारत में कई स्थानों पर होती है लेकिन नेपाल का दो मुखी रुद्राक्ष सबसे श्रेष्ठ माना गया है | Show
दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ –
2 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि –
Please leave this field empty Relax!Put your feet up and let us do the hard work for you. Sign up to receive our latest deals directly in your inbox. दो मुखी रुद्राक्ष को भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का स्वरूप माना गया है। प्राचीन पौराणिक कथानुसार, भगवान ब्रह्मा ने दोनों देवताओं को इतना करीब आने का आशीर्वाद दिया कि वे शिव-पार्वती एक दूसरे में ही विलीन हो गए और उन्हें अर्धनारीश्वर कहा जाने लगा। आमतौर पर रुद्राक्ष को भगवान शिव का अवतार कहा जाता है इसे एशिया व अन्य देशों में भी लोग धारण करते हैं। यह रुद्राक्ष प्रेम संबंधों और वैवाहिक जीवन के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है। यह रुद्राक्ष अर्धनारीश्वर का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा इसका स्वामी चंद्रमा ग्रह है। आपकी जन्मकुंडली के अनुसार, चंद्रमा कमजोर है, तो यह आपके जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। यह आपको बेचैन कर सकता है या एकाग्रता में कमी कर सकता है और जीवन में दुर्भाग्य भी ला सकता है। ऐसे समय में आपको किसी ज्योतिषि से परामर्श करना चाहिए, दो आपकी जन्मकुंडली को पढ़े और आपको क्रूर ग्रह के बारे में बताए और उन्हें शांत करने के सुझाव दे।माना जाता है कि 2 मुखी रुद्राक्ष जीवन में सद्धाव लाता है, प्रेमियों और रिश्तेदारों के बीच एक अच्छई समझ को बढ़ावा देता है। इसे चंद्र और सूर्य का प्रतीक माना जाता है। 2 मुखी रुद्राक्ष पहनना व्यक्ति को उद्देश्यपूर्ण बनाता है और जीवन में अपने लक्ष्यों का एहसास कराता है। यह मन और आत्मा के एकीककरण का दिव्य रूप है, यह आंतरिक आनंद, खुशी और धन प्रदान करता है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); आमतौर पर रुद्राक्ष का ज्योतिष से कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन भगवान शिव के आशीर्वाद से इसका ज्योतिषीय महत्व बन जाता है। इसे धारण करने से पाप से मुक्ति और विभिन्न रोंगों से छुटकारा पाने के लिए धारण किया जाता है। दो मुखी रुद्राक्ष को एक विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श करने के बाद इसे पहनना चाहिए।दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभइसको धारण करने से दांपत्य जीवन सुखी रहता है। मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधिइसे पेडेंट या ब्रेसलेट के रूप में पहना जा सकता है। आप इसे उस स्थान पर भी रख सकते हैं जहां आप पूजा करते हैं। सुनिश्चित करें कि रुद्राक्ष पहनने से पहले इसे अभिमंत्रित करना बहुत जरूरी है, अन्यथा आप इसके लाभों को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इसे रविवार को सुबह स्नानादि और पूजा-अर्चना के बाद धारण करना चाहिए। इस पहनने से पहले गंगाजल या कच्चे दूध में डालकर रखना चाहिए। इसके बाद रुद्राक्ष मंत्र ‘ॐ ह्रीं नम:’ का 108 बार जाप करना चाहिए। दो मुखी रुद्राक्ष की माला ज्यादा शुभ मानी जाती है इसे रेशम या ऊन के धागे में पिरोकर माला के साथ चांदी या सोने में जड़ा हुआ पहनें। दो मुखी रुद्राक्ष पहनने से पहले नियमों के बारे में अधिक जानने के लिए और क्या यह आपके लिए उपयुक्त है या नहीं। आप एस्ट्रोयोगी पर विशेषज्ञ ज्योतिषियों से परामर्श करें। 2 मुखी रुद्राक्ष का क्या लाभ है?दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति उद्देश्यपूर्ण बनता है और जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है। चूंकि यह मन और आत्मा के एकीकरण का दिव्य रूप है, यह आंतरिक आनंद, सुख और धन प्रदान करना सुनिश्चित करता है। भले ही रुद्राक्ष का सीधा संबंध ज्योतिष से नहीं है, लेकिन भगवान शिव की कृपा से इसके ज्योतिषीय लाभ हैं।
2 मुखी रुद्राक्ष कब धारण करना चाहिए?2 मुखी रुद्राक्ष की माला या 2 मुखी रुद्राक्ष, जो भी आप धारण करना चाहते हैं, उसें शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार के दिन 2 Mukhi Rudraksha Dharan कर सकते हैं । 2 Mukhi Rudraksha Dharan करने से पहले उसको गौमूत्र, दही, शहद, कच्चे दूध और गंगाजल से स्नान करके शुद्ध करना चाहिए !
क्या हम 2 मुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं?दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से आत्मविश्वास में बढ़ोतरी और मन की शांति की प्राप्ति के लिए धारण किया जाता है।। साथ ही सर्दी-जुकाम, तनाव और स्नायु तंत्र के विकार और अच्छी नींद के लिए भी दो मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। दो मुखी रुद्राक्ष मां शक्ति के साथ संयुक्त भगवान शिव का प्रत्यक्ष रूप है।
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