2 मुखी रुद्राक्ष क्या काम करता है? - 2 mukhee rudraaksh kya kaam karata hai?

दो मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव और मां पार्वती का रूप कहा जाता है। इसके अलावा इसका स्वामी चंद्रमा ग्रह है। इस रुद्राक्षण को धारण करने वाले व्‍यक्‍ति की सभी समस्‍याएं खुद ईश्‍वर दूर करते हैं। वैवाहिक सुख की प्राप्‍ति के लिए भी इस रुद्राक्ष को धारण किया जाता है। दो मुखी रुद्राक्ष सीधे सीधे भगवान शिव और माँ पारवती का स्वरुप है | इसे अर्धनारीश्वर का स्वरुप भी कहा गया है | इस रुद्राक्ष को धारण करने से शिव और शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है | वैसे तो इस रुद्राक्ष की उत्पति नेपाल, इंडोनेशिया व् भारत में कई स्थानों पर होती है लेकिन नेपाल का दो मुखी रुद्राक्ष सबसे श्रेष्ठ माना गया है |

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दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ –

  • इसके धारक का क्षेत्र में सम्मान बढ़ता है, रूप, सौंदर्य अवं वाक्शक्ति की वृद्धि करता है |
  • ज्योतिष के अनुसार कर्क राशी के जातकों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करना शुभ माना गया है |
  • पति पत्नी के आपसी मतभेदों को कम करके ग्रहस्थ सुख की बढ़ोतरी करता है |
  • शारीरिक बिमारियों में यह मोटापे और ह्रदय रोग को दूर करने में लाभकारी है |
  • इसको धारण करने से दांपत्य जीवन सुखी रहता है |
  • यह पहनने वाले के अन्तर्मन को ठीक करता है और सदैव पित्त को शांत रखता है |
  • इसके धारण से भूत प्रेत की बाधा भी दूर होती है और सभी प्रकार की इच्छाएँ धीरे धीरे पूर्ण होने की ओर बढ़ने लगती हैं |
  • दो मुखी रुद्राक्ष का धारक महाशिवपुराण के अनुसार ब्रह्म हत्या एवं गाए हत्या के पाप से भी मुक्त हो सकता है |
  • दो मुखी रुद्राक्ष भगवान चन्द्र देव के अधिकार क्षेत्र में आता है |
  • इसके धारण करने से मन में चन्द्रमा की चांदनी जैसी शीतलता प्रदान होती है मनुष्य ने जीवन में कई प्रकार के अगर पाप भी किए हों और अंतिम अवस्था में अगर दो मुखी रुद्राक्ष धारण किया हो तो जीवन में पापी होने के बावजूद मरणोपरांत स्वर्ग की प्राप्ति होती है इसलिए हर जन को अर्धनारीश्वर स्वरुप भगवान शिव और शक्ति के आशीर्वाद के रूप में नेपाली दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए |
  • यदि आप क़र्ज़ से पीड़ित है और कर्ज बढ़ता ही जा रहा है तो ऐसे में दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करना आपके लिए जीवन में नई खुशियाँ ला सकता है | दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से क़र्ज़ से मुक्ति पाने के द्वार खुलने लगते है |
  • यह ऊपरी बाधाओं को भी दूर करने में सक्षम माना गया है | भूत-प्रेत जैसी नकारात्मक शक्तियाँ दो मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से दूर होती है |
  • जिन लोगों को अनिद्रा की शिकायत है उन्हे दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए |
  • राहु के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए भी इस रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए |
  • यह पहनने वाले को समाज में मान-सम्मान दिलाता है |
  • यह रुद्राक्षधारी के सौंदर्य में वृद्धि और उसकी वाकशक्ति को बढ़ाता है |
  • यह दो मुखी रुद्राक्ष स्मृति हानि, हृदय की समस्याओं, श्वसन, यकृत और श्वास समस्या जैसी बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है |
  • 2 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। पारिवारिक सुख के लिए भी इस रुद्राक्ष को पहन सकते हैं |
  • भूत-प्रेत से रक्षा एवं ब्रह्म हत्‍या और गऊ हत्‍या के पाप से मुक्‍ति पाने के लिए इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं |
  • इससे पेट, गैस्ट्रिक या किडनी की समस्या वाले लोगों को भी फायदा होता है।
  • प्राचीन हिंदू वैदिक ग्रंथों के अनुसार, एक 2 मुखी रुद्राक्ष नपुंसकता, एकाग्रता की कमी, गुर्दे की विफलता, तनाव, चिंता, अवसाद, नकारात्मक सोच, आंखों की समस्याओं को दूर करता है।
  • मानसिक अराजकता, उन्माद, आंतों के विकार आदि जैसे विभिन्न रोगों के उपचार के लिए उल्लेखनीय रूप से काम करता है।
  • यह किडनी और आंत से संबंधित बीमारियों को ठीक करता है।
  • यह पहनने वाले की प्रजनन क्षमता और यौन स्वास्थ्य में सुधार करता है।

2 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि –

  • इसे पेडेंट या ब्रेसलेट के रूप में पहना जा सकता है।
  • 2 मुखी रुद्राक्ष को सोने एवं चाँदी के साथ पहनें अथवा इसे लाल धागे के साथ पहनें।
  • आप इसे उस स्थान पर भी रख सकते हैं जहां आप पूजा करते हैं।
  • रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व रुद्राक्ष को गंगा जल और कच्चा दूध से शुद्ध करें।
  • इसे रविवार को सुबह स्नानादि और पूजा-अर्चना के बाद धारण करना चाहिए।
  • इसके बाद रुद्राक्ष मंत्र ‘ॐ ह्रीं नम:’ का 108 बार जाप करें और धारण करे। 

नोट – हमारे द्वारा उपलब्ध सभी प्रकार के रुद्राक्ष एवं तंत्र, ज्योतिषी सामग्री को हमारे अनुभवी विद्वान पंडित जी द्वारा अभिमंत्रित एवम् सिद्ध कर के आपके पास भेजा जाता है, जिससे आपको अति शीघ्र इसका पूर्ण लाभ मिल सके।

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Put your feet up and let us do the hard work for you. Sign up to receive our latest deals directly in your inbox. दो मुखी रुद्राक्ष को भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का स्वरूप माना गया है। प्राचीन पौराणिक कथानुसार, भगवान ब्रह्मा ने दोनों देवताओं को इतना करीब आने का आशीर्वाद दिया कि वे शिव-पार्वती एक दूसरे में ही विलीन हो गए और उन्हें अर्धनारीश्वर कहा जाने लगा। आमतौर पर रुद्राक्ष को भगवान शिव का अवतार कहा जाता है इसे एशिया व अन्य देशों में भी लोग धारण करते हैं। यह रुद्राक्ष प्रेम संबंधों और वैवाहिक जीवन के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है। यह रुद्राक्ष अर्धनारीश्वर का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा इसका स्वामी चंद्रमा ग्रह है। आपकी जन्मकुंडली के अनुसार, चंद्रमा कमजोर है, तो यह आपके जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। यह आपको बेचैन कर सकता है या एकाग्रता में कमी कर सकता है और जीवन में दुर्भाग्य भी ला सकता है। ऐसे समय में आपको किसी ज्योतिषि से परामर्श करना चाहिए, दो आपकी जन्मकुंडली को पढ़े और आपको क्रूर ग्रह के बारे में बताए और उन्हें शांत करने के सुझाव दे।माना जाता है कि 2 मुखी रुद्राक्ष जीवन में सद्धाव लाता है, प्रेमियों और रिश्तेदारों के बीच एक अच्छई समझ को बढ़ावा देता है। इसे चंद्र और सूर्य का प्रतीक माना जाता है। 2 मुखी रुद्राक्ष पहनना व्यक्ति को उद्देश्यपूर्ण बनाता है और जीवन में अपने लक्ष्यों का एहसास कराता है। यह मन और आत्मा के एकीककरण का दिव्य रूप है, यह आंतरिक आनंद, खुशी और धन प्रदान करता है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); आमतौर पर रुद्राक्ष का ज्योतिष से कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन भगवान शिव के आशीर्वाद से इसका ज्योतिषीय महत्व बन जाता है। इसे धारण करने से पाप से मुक्ति और विभिन्न रोंगों से छुटकारा पाने के लिए धारण किया जाता है। दो मुखी रुद्राक्ष को एक विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श करने के बाद इसे पहनना चाहिए।दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ


इसको धारण करने से दांपत्य जीवन सुखी रहता है।
यह पहनने वाले के अन्तर्मन को ठीक करता है और सदैव पित्त को शांत रखता है
जिन लोगों को अनिद्रा की शिकायत है उन्हे दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए
राहु के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए भी इस रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए
यह पहनने वाले को समाज में मान-सम्मान दिलाता है
यह रुद्राक्षधारी के सौंदर्य में वृद्धि और उसकी वाकशक्ति को बढ़ाता है
यह दो मुखी रुद्राक्ष स्मृति हानि, हृदय की समस्याओं, श्वसन, यकृत और श्वास समस्या जैसी बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है
गर्भवती महिलाओं को इस रुद्राक्ष की आराधना करनी चाहिए। इससे काफी लाभ मिलता है।
यदि यह प्रतिकूल स्थिति में है तो यह चंद्रमा के प्रभाव को दूर करता है
यह धारक की भावनात्मक स्थिरता में सुधार करता है
यह धारक के जीवन के सभी पहलुओं में सकारात्मकता प्रदान करता है
यह उन जोड़ों के लिए उपयुक्त है जो बच्चे पैदा करने की योजना बना रहे हैं
यह पहनने वाले को आंतरिक आनंद और रचनात्मकता प्रदान करता है
यह यौन समस्याओं को ठीक करने या जीवन से बेवफाई को दूर करने में मदद करता है
यह आपकी मांसपेशियों को मजबूत करता है
यह जीवन से तनाव और पीड़ा को दूर करता है
यह निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करता है

मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि

इसे पेडेंट या ब्रेसलेट के रूप में पहना जा सकता है। आप इसे उस स्थान पर भी रख सकते हैं जहां आप पूजा करते हैं। सुनिश्चित करें कि रुद्राक्ष पहनने से पहले इसे अभिमंत्रित करना बहुत जरूरी है, अन्यथा आप इसके लाभों को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इसे रविवार को सुबह स्नानादि और पूजा-अर्चना के बाद धारण करना चाहिए। इस पहनने से पहले गंगाजल या कच्चे दूध में डालकर रखना चाहिए। इसके बाद रुद्राक्ष मंत्र ‘ॐ ह्रीं नम:’ का 108 बार जाप करना चाहिए। दो मुखी रुद्राक्ष की माला ज्यादा शुभ मानी जाती है इसे रेशम या ऊन के धागे में पिरोकर माला के साथ चांदी या सोने में जड़ा हुआ पहनें। 
नोट: इसे पहनने के बाद रोजाना कम से कम 9 बार 'उत्पत्ती मंत्र' का जाप करना चाहिए और रात को सोने से पहले इसे उतार देना चाहिए।

दो मुखी रुद्राक्ष पहनने से पहले नियमों के बारे में अधिक जानने के लिए और क्या यह आपके लिए उपयुक्त है या नहीं। आप एस्ट्रोयोगी पर विशेषज्ञ ज्योतिषियों से परामर्श करें। 

2 मुखी रुद्राक्ष का क्या लाभ है?

दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति उद्देश्यपूर्ण बनता है और जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है। चूंकि यह मन और आत्मा के एकीकरण का दिव्य रूप है, यह आंतरिक आनंद, सुख और धन प्रदान करना सुनिश्चित करता है। भले ही रुद्राक्ष का सीधा संबंध ज्योतिष से नहीं है, लेकिन भगवान शिव की कृपा से इसके ज्योतिषीय लाभ हैं।

2 मुखी रुद्राक्ष कब धारण करना चाहिए?

2 मुखी रुद्राक्ष की माला या 2 मुखी रुद्राक्ष, जो भी आप धारण करना चाहते हैं, उसें शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार के दिन 2 Mukhi Rudraksha Dharan कर सकते हैं । 2 Mukhi Rudraksha Dharan करने से पहले उसको गौमूत्र, दही, शहद, कच्चे दूध और गंगाजल से स्नान करके शुद्ध करना चाहिए !

क्या हम 2 मुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं?

दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से आत्‍मविश्‍वास में बढ़ोतरी और मन की शांति की प्राप्‍ति के लिए धारण किया जाता है।। साथ ही सर्दी-जुकाम, तनाव और स्‍नायु तंत्र के विकार और अच्‍छी नींद के लिए भी दो मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। दो मुखी रुद्राक्ष मां शक्ति के साथ संयुक्त भगवान शिव का प्रत्यक्ष रूप है।

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